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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
व्यवस्था विवरण 30:9-14

यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुम्हें उन सब में सफल बनाएगा जो तुम करोगे। वह तुम्हें बहुत से बच्चों के लिये, तुम्हारे मवेशियों को बहुत बछड़े और तुम्हारे खेतों को अच्छी फ़सल होने का वरदान देगा। यहोवा तुम्हारे लिए भला होगा। यहोवा तुम्हारा भला करने में वैसा ही आनन्दित होगा जैसा आनन्दित वह तुम्हारे पूर्वजों का भला करने में होता था। 10 किन्तु तुम्हें वह सब कुछ करना चाहिए जो यहोवा तुम्हारा परमेश्वर तुमसे करने को कहता है। तुम्हें उसके आदेशों को मानना और व्यवस्था की पुस्तक में लिखे गए नियमों का पालन करना चाहिए। तुम्हें यहोवा अपने परमेश्वर की ओर अपने पूरे हृदय और आत्मा से हो जाना चाहिए। तब ये सभी अच्छी बातें तुम्हारे लिये होंगी।

जीवन या मरण

11 “आज जो आदेश मैं तुम्हें दे रहा हूँ, वह तुम्हारे लिये बहुत कठिन नहीं है। यह तुम्हारी पहुँच के बाहर नहीं है। 12 यह आदेश स्वर्ग में नहीं है जिससे तुम्हें कहना पड़े, ‘हम लोगों के लिये स्वर्ग में कौन जाएगा और उसे हम लोगों के पास लाएगा जिससे हम उसे सुन सकें और उसका अनुसरण कर सकें?’ 13 यह आदेश समुद्र के दूसरे पार नहीं है जिससे तुम यह कहो कि ‘हमारे लिये समुद्र कौन पार करेगा और इसे लाएगा जिससे हम इसे सुन सकें और कर सकें?’ 14 नहीं, यहोवा का वचन तुम्हारे पास है। यह तुम्हारे मूँह और तुम्हारे हृदय में है जिससे तुम इसे कर सको।

भजन संहिता 25:1-10

दाऊद को समर्पित।

हे यहोवा, मैं स्वयं को तुझे समर्पित करता हूँ।
मेरे परमेश्वर, मेरा विश्वस तुझ पर है।
    मैं तुझसे निराश नहीं होऊँगा।
    मेरे शत्रु मेरी हँसी नहीं उड़ा पायेंगे।
ऐसा व्यक्ति, जो तुझमें विश्वास रखता है, वह निराश नहीं होगा।
    किन्तु विश्वासघाती निराश होंगे और,
    वे कभी भी कुछ नहीं प्राप्त करेंगे।

हे यहोवा, मेरी सहायता कर कि मैं तेरी राहों को सीखूँ।
    तू अपने मार्गों की मुझको शिक्षा दे।
अपनी सच्ची राह तू मुझको दिखा और उसका उपदेश मुझे दे।
    तू मेरा परमेश्वर मेरा उद्धारकर्ता है।
    मुझको हर दिन तेरा भरोसा है।
हे यहोवा, मुझ पर अपनी दया रख
    और उस ममता को मुझ पर प्रकट कर, जिसे तू हरदम रखता है।
अपने युवाकाल में जो पाप और कुकर्म मैंने किए, उनको याद मत रख।
    हे यहोवा, अपने निज नाम निमित, मुझको अपनी करुणा से याद कर।

यहोवा सचमुच उत्तम है,
    वह पापियों को जीवन का नेक राह सिखाता है।
वह दीनजनों को अपनी राहों की शिक्षा देता है।
    बिना पक्षपात के वह उनको मार्ग दर्शाता है।
10 यहोवा की राहें उन लोगों के लिए क्षमापूर्ण और सत्य है,
    जो उसके वाचा और प्रतिज्ञाओं का अनुसरण करते हैं।

कुलुस्सियों 1:1-14

पौलुस जो परमेश्वर की इच्छानुसार यीशु मसीह का प्रेरित है उसकी, तथा हमारे भाई तिमुथियुस की ओर से।

मसीह में स्थित कुलुस्से में रहने वाले विश्वासी भाइयों और सन्तों के नाम:

हमारे परम पिता परमेश्वर की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शांति मिले।

जब हम तुम्हारे लिये प्रार्थना करते हैं, सदा ही अपने प्रभु यीशु मसीह के परम पिता परमेश्वर का धन्यवाद करते हैं। क्योंकि हमने मसीह यीशु में तुम्हारे विश्वास तथा सभी संत जनों के प्रति तुम्हारे प्रेम के बारे में सुना है। यह उस आशा के कारण हुआ है जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में सुरक्षित है और जिस के विषय में तुम पहले ही सच्चे संदेश अर्थात् सुसमाचार के द्वारा सुन चुके हो। सुसमाचार समूचे संसार में सफलता पा रहा है। यह वैसे ही सफल हो रहा है जैसे तुम्हारे बीच यह उस समय से ही सफल होने लगा था जब तुमने परमेश्वर के अनुग्रह के बारे में सुना था और सचमुच उसे समझा था। हमारे प्रिय साथी दास इपफ्रास से, जो हमारे लिये मसीह का विश्वासी सेवक है, तुमने सुसमाचार की शिक्षा पायी थी। आत्मा के द्वारा उत्तेजित तुम्हारे प्रेम के विषय में उसने भी हमें बताया है।

इसलिए जिस दिन से हमने इसके बारे में सुना है, हमने भी तुम्हारे लिये प्रार्थना करना और यह विनती करना नहीं छोड़ा है:

प्रभु का ज्ञान सब प्रकार की समझ-बूझ जो आत्मा देता, तुम्हे प्राप्त हो। और तुम बुद्धि भी प्राप्त करो, 10 ताकि वैसे जी सको, जैसे प्रभु को साजे। हर प्रकार से तुम प्रभु को सदा प्रसन्न करो। तुम्हारे सब सत्कर्म सतत सफलता पावें, तुम्हारे जीवन से सत्कर्मो के फल लगें तुम प्रभु परमेश्वर के ज्ञान में निरन्तर बढ़ते रहो। 11 वह तुम्हें अपनी महिमापूर्ण शक्ति से सुदृढ़ बनाता जाये ताकि विपत्ति के काल खुशी से महाधैर्य से तुम सब सह लो।

12 उस परम पिता का धन्यवाद करो, जिसने तुम्हें इस योग्य बनाया कि परमेश्वर के उन संत जनों के साथ जो प्रकाश में जीवन जीते हैं, तुम उत्तराधिकार पाने में सहभागी बन सके। 13 परमेश्वर ने अन्धकार की शक्ति से हमारा उद्धार किया और अपने प्रिय पुत्र के राज्य में हमारा प्रवेश कराया। 14 उस पुत्र द्वारा ही हमें छुटकारा मिला है यानी हमें मिली है हमारे पापों की क्षमा।

लूका 10:25-37

अच्छे सामरी की कथा

25 तब एक न्यायशास्त्री खड़ा हुआ और यीशु की परीक्षा लेने के लिये उससे पूछा, “गुरु, अनन्त जीवन पाने के लिये मैं क्या करूँ?”

26 इस पर यीशु ने उससे कहा, “व्यवस्था के विधि में क्या लिखा है, वहाँ तू क्या पढ़ता है?”

27 उसने उत्तर दिया, “‘तू अपने सम्पूर्ण मन, सम्पूर्ण आत्मा, सम्पूर्ण शक्ति और सम्पूर्ण बुद्धि से अपने प्रभु से प्रेम कर।’(A) और ‘अपने पड़ोसी से वैसे ही प्यार कर, जैसे तू अपने आप से करता है।’(B)

28 तब यीशु ने उस से कहा, “तू ने ठीक उत्तर दिया है। तो तू ऐसा ही कर इसी से तू जीवित रहेगा।”

29 किन्तु उसने अपने को न्याय संगत ठहराने की इच्छा करते हुए यीशु से कहा, “और मेरा पड़ोसी कौन है?”

30 यीशु ने उत्तर में कहा, “देखो, एक व्यक्ति यरूशलेम से यरीहो जा रहा था कि वह डाकुओं से घिर गया। उन्होंने सब कुछ छीन कर उसे नंगा कर दिया और मार पीट कर उसे अधमरा छोड़ कर वे चले गये।

31 “अब संयोग से उसी मार्ग से एक याजक जा रहा था। जब उसने इसे देखा तो वह मुँह मोड़कर दूसरी ओर चला गया। 32 उसी रास्ते होता हुआ एक लेवी[a] भी वहीं आया। उसने उसे देखा और वह भी मुँह मोड़कर दूसरी ओर चला गया।

33 “किन्तु एक सामरी भी जाते हुए वहीं आया जहाँ वह पड़ा था। जब उसने उस व्यक्ति को देखा तो उसके लिये उसके मन में करुणा उपजी, 34 सो वह उसके पास आया और उसके घावों पर तेल और दाखरस डाल कर पट्टी बाँध दी। फिर वह उसे अपने पशु पर लाद कर एक सराय में ले गया और उसकी देखभाल करने लगा। 35 अगले दिन उसने दो दीनारी निकाली और उन्हें सराय वाले को देते हुए बोला, ‘इसका ध्यान रखना और इससे अधिक जो कुछ तेरा खर्चा होगा, जब मैं लौटूँगा, तुझे चुका दूँगा।’”

36 यीशु ने उससे कहा, “बता तेरे विचार से डाकुओं के बीच घिरे व्यक्ति का पड़ोसी इन तीनों में से कौन हुआ?”

37 न्यायशास्त्री ने कहा, “वही जिसने उस पर दया की।”

इस पर यीशु ने उससे कहा, “जा और वैसा ही कर जैसा उसने किया!”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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