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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
यशायाह 66:10-14

10 हे यरूशलेम, प्रसन्न रहो! हे लोगों, यरूशलेम के प्रेमियों, तुम निश्चय ही प्रसन्न रहो!
    यरूशलेम के संग दु:ख की बातें घटी थी इसलिये तुममें से कुछ लोग भी दु:खी हैं।
किन्तु अब तुमको चाहिये कि तुम बहुत—बहुत प्रसन्न हो जाओ।
11 क्यों क्योंकि अब तुम को दया ऐसे मिलेगी जैसे
    छाती से दूध मिल जाया करता है।
तुम यरूशलेम के वैभव का सच्चा आनन्द पाओगे।
12 यहोवा कहता है, “देखो, मैं तुम्हें शांति दूंगा।
यह शांति तुम तक ऐसे पहुँचेगी जैसे कोई महानदी बहती हुई पहुँच जाती है।
    सब धरती के राष्ट्रों की धन—दौलत बहती हुई तुम तक पहुँच जायेगी।
यह धन—दौलत ऐसे बहते हुये आयेगी जैसे कोई बाढ़ की धारा।
    तुम नन्हें बच्चों से होवोगे, तुम दूध पीओगे, तुम को उठा लिया जायेगा
    और गोद में थाम लिये जायेगा, तुम्हें घुटनों पर उछाला जायेगा।
13 मैं तुमको दुलारूँगा जैसे माँ अपने बच्चे को दुलारती है।
    तुम यरूशलेम के भीतर चैन पाओगे।”

14 तुम वे वस्तुएँ देखोगे जिनमें तुम्हें सचमुच रस आता है।
    तुम स्वतंत्र हो कर घास से बढ़ोगे।
यहोवा की शक्ति को उसके लोग देखेंगे,
    किन्तु यहोवा के शत्रु उसका क्रोध देखेंगे।

भजन संहिता 66:1-9

हे धरती की हर वस्तु, आनन्द के साथ परमेश्वर की जय बोलो।
उसके माहिमामय नाम की स्तुति करों!
    उसका आदर उसके स्तुति गीतों से करों!
उसके अति अद्भुत कामों से परमेश्वर को बखानों!
    हे परमेश्वर, तेरी शक्ति बहुत बड़ी है। तेरे शत्रु झुक जाते और वे तुझसे डरते हैं।
जगत के सभी लोग तेरी उपासना करें
    और तेरे नाम का हर कोई गुण गायें।

तुम उनको देखो जो आश्चर्यपूर्ण काम परमेश्वर ने किये!
    वे वस्तुएँ हमको अचरज से भर देती है।
परमेश्वर ने धरती सूखी होने को सागर को विवश किया
    और उसके आनन्दित जन पैदल महानद को पार कर गये।
परमेश्वर अपनी महाशक्ति से इस संसार का शासन करता है।
    परमेश्वर हर कहीं लोगों पर दृष्टि रखता है।
    कोई भी व्यक्ति उसके विरूद्ध नहीं हो सकता।

लोगों, हमारे परमेश्वर का गुणगान
    तुम ऊँचे स्वर में करो।
परमेश्वर ने हमको यह जीवन दिया है।
    वह हमारी रक्षा करता है।

गलातियों 6:1-6

एक दूसरे की सहायता करो

हे भाईयों, तुममें से यदि कोई व्यक्ति कोई पाप करते पकड़ा जाए तो तुम आध्यात्मिक जनों को चाहिये कि नम्रता के साथ उसे धर्म के मार्ग पर वापस लाने में सहायता करो। और स्वयं अपने लिये भी सावधानी बरतो कि कहीं तुम स्वयं भी किसी परीक्षा में न पड़ जाओ। परस्पर एक दूसरे का भार उठाओ। इस प्रकार तुम मसीह की व्यवस्था का पालन करोगे। यदि कोई व्यक्ति महत्त्वपूर्ण न होते हुए भी अपने को महत्त्वपूर्ण समझता है तो वह अपने को धोखा देता है। अपने कर्म का मूल्यांकन हर किसी को स्वयं करते रहना चाहिये। ऐसा करने पर ही उसे अपने आप पर, किसी दूसरे के साथ तुलना किये बिना, गर्व करने का अवसर मिलेगा। क्योंकि अपना दायित्त्व हर किसी को स्वयं ही उठाना है।

जीवन खेत-बोने जैसा है

जिसे परमेश्वर का वचन सुनाया गया है, उसे चाहिये कि जो उत्तम वस्तुएँ उसके पास हैं, उनमें अपने उपदेशक को साझी बनाए।

गलातियों 6:7-16

अपने आपको मत छलो। परमेश्वर को कोई बुद्धू नहीं बना सकता क्योंकि जो जैसा बोयेगा, वैसा ही काटेगा। जो अपनी काया के लिए बोयेगा, वह अपनी काया से विनाश की फसल काटेगा। किन्तु जो आत्मा के खेत में बीज बोएगा, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की फसल काटेगा। इसलिए आओ हम भलाई करते कभी न थकें, क्योंकि यदि हम भलाई करते ही रहेंगे तो उचित समय आने पर हमें उसका फल मिलेगा। 10 सो जैसे ही कोई अवसर मिले, हमें सभी के साथ भलाई करनी चाहिये, विशेषकर अपने धर्म-भाइयों के साथ।

पत्र का समापन

11 देखो, मैंने तुम्हें स्वयं अपने हाथ से कितने बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है। 12 ऐसे लोग जो शारीरिक रूप से अच्छा दिखावा करना चाहते हैं, तुम पर ख़तना कराने का दबाव डालते हैं। किन्तु वे ऐसा बस इसलिए करते हैं कि उन्हें मसीह के क्रूस के कारण यातनाएँ न सहनीं पड़ें। 13 क्योंकि वे स्वयं भी जिनका ख़तना हो चुका है, व्यवस्था के विधान का पालन नहीं करते किन्तु फिर भी वे चाहते हैं कि तुम ख़तना कराओ ताकि वे तुम्हारे द्वारा इस शारीरिक प्रथा को अपनाए जाने पर डींगे मार सकें।

14 किन्तु जिसके द्वारा मैं संसार के लिये और संसार मेरे लिये मर गया, प्रभु यीशु मसीह के उस क्रूस को छोड़ कर मुझे और किसी पर गर्व न हो। 15 क्योंकि न तो ख़तने का कोई महत्त्व है और न बिना ख़तने का। यदि महत्त्व है तो वह नयी सृष्टि का है। 16 इसलिए जो लोग इस धर्म-नियम पर चलेंगे उन पर, और परमेश्वर के इस्राएल पर शांति तथा दया होती रहे।

लूका 10:1-11

यीशु द्वारा बहत्तर शिष्यों का भेजा जाना

10 इन घटनाओं के बाद प्रभु ने बहत्तर[a] शिष्यों को और नियुक्त किया और फिर जिन-जिन नगरों और स्थानों पर उसे स्वयं जाना था, दो-दो करके उसने उन्हें अपने से आगे भेजा। वह उनसे बोला, “फसल बहुत व्यापक है किन्तु, काम करने वाले मज़दूर कम है। इसलिए फसल के प्रभु से विनती करो कि वह अपनी फसलों में मज़दूर भेजे।

“जाओ और याद रखो, मैं तुम्हें भेड़ियों के बीच भेड़ के मेमनों के समान भेज रहा हूँ। अपने साथ न कोई बटुआ, न थैला और न ही जूते लेना। रास्ते में किसी से नमस्कार तक मत करो। जिस किसी घर में जाओ, सबसे पहले कहो, ‘इस घर को शान्ति मिले।’ यदि वहाँ कोई शान्तिपूर्ण व्यक्ति होगा तो तुम्हारी शान्ति उसे प्राप्त होगी। किन्तु यदि वह व्यक्ति शान्तिपूर्ण नहीं होगा तो तुम्हारी शान्ति तुम्हारे पास लौट आयेगी। जो कुछ वे लोग तुम्हें दें, उसे खाते पीते उसी घर में ठहरो। क्योंकि मज़दूरी पर मज़दूर का हक है। घर-घर मत फिरते रहो।

“और जब कभी तुम किसी नगर में प्रवेश करो और उस नगर के लोग तुम्हारा स्वागत सत्कार करें तो जो कुछ वे तुम्हारे सामने परोसें बस वही खाओ। उस नगर के रोगियों को निरोग करो और उनसे कहो, ‘परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ पहुँचा है।’

10 “और जब कभी तुम किसी ऐसे नगर में जाओ जहाँ के लोग तुम्हारा सम्मान न करें, तो वहाँ की गलियों में जा कर कहो, 11 ‘इस नगर की वह धूल तक जो हमारे पैरों में लगी है, हम तुम्हारे विरोध में यहीं पीछे जा रहे है। फिर भी यह ध्यान रहे कि परमेश्वर का राज्य निकट आ पहुँचा है।’

लूका 10:16-20

16 “शिष्यों! जो कोई तुम्हें सुनता है, मुझे सुनता है, और जो तुम्हारा निषेध करता है, वह मेरा निषेध करता है। और जो मुझे नकारता है, वह उसे नकारता है जिसने मुझे भेजा है।”

शैतान का पतन

17 फिर वे बहत्तर आनन्द के साथ वापस लौटे और बोले, “हे प्रभु, दुष्टात्माएँ तक तेरे नाम में हमारी आज्ञा मानती हैं!”

18 इस पर यीशु ने उनसे कहा, “मैंने शैतान को आकाश से बिजली के समान गिरते देखा है। 19 सुनो! साँपों और बिच्छुओं को पैरों तले रौंदने और शत्रु की समूची शक्ति पर प्रभावी होने का सामर्थ्य मैंने तुम्हें दे दिया है। तुम्हें कोई कुछ हानि नहीं पहुँचा पायेगा। 20 किन्तु बस इसी बात पर प्रसन्न मत होओ कि आत्माएँ तुम्हारे बस में हैं, बल्कि इस पर प्रसन्न होओ कि तुम्हारे नाम स्वर्ग में अंकित हैं।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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