Revised Common Lectionary (Complementary)
1 हे धरती की हर वस्तु, आनन्द के साथ परमेश्वर की जय बोलो।
2 उसके माहिमामय नाम की स्तुति करों!
उसका आदर उसके स्तुति गीतों से करों!
3 उसके अति अद्भुत कामों से परमेश्वर को बखानों!
हे परमेश्वर, तेरी शक्ति बहुत बड़ी है। तेरे शत्रु झुक जाते और वे तुझसे डरते हैं।
4 जगत के सभी लोग तेरी उपासना करें
और तेरे नाम का हर कोई गुण गायें।
5 तुम उनको देखो जो आश्चर्यपूर्ण काम परमेश्वर ने किये!
वे वस्तुएँ हमको अचरज से भर देती है।
6 परमेश्वर ने धरती सूखी होने को सागर को विवश किया
और उसके आनन्दित जन पैदल महानद को पार कर गये।
7 परमेश्वर अपनी महाशक्ति से इस संसार का शासन करता है।
परमेश्वर हर कहीं लोगों पर दृष्टि रखता है।
कोई भी व्यक्ति उसके विरूद्ध नहीं हो सकता।
8 लोगों, हमारे परमेश्वर का गुणगान
तुम ऊँचे स्वर में करो।
9 परमेश्वर ने हमको यह जीवन दिया है।
वह हमारी रक्षा करता है।
47 निश्चय ही वह समय आयेगा,
जब मैं बाबुल के असत्य देवताओं को दण्ड दूँगा
और पूरा बाबुल देश लज्जा का पात्र बनेगा।
उस नगर की सड़कों पर असंख्य मरे व्यक्ति पड़े रहेंगे।
48 तब पृथ्वी और आकाश और उसके भीतर की सभी चीज़ें
बाबुल पर प्रसन्न होकर गाने लगेंगे,
वे जय जयकार करेंगे, क्योंकि सेना उत्तर से आएगी
और बाबुल के विरुद्ध लड़ेगी।”
यह सब यहोवा ने कहा है।
49 “बाबुल ने इस्राएल के लोगों को मारा।
बाबुल ने पृथ्वी पर सर्वत्र लोगों को मारा।
अत: बाबुल का पतन अवश्य होगा।
50 लोगों, तुम तलवार के घाट उतरने से बच निकले,
तुम्हें शीघ्रता करनी चाहिये और बाबुल को छोड़ना चाहिये। प्रतीक्षा न करो।
तुम दूर देश में हो।
किन्तु जहाँ कहीं रहो यहोवा को याद करो
और यरूशलेम को याद करो।
51 “यहूदा के हम लोग लज्जित हैं।
हम लज्जित हैं क्योंकि हमारा अपमान हुआ।
क्यों? क्योंकि विदेशी यहोवा के मन्दिर के
पवित्र स्थानों में प्रवेश कर चुके हैं।”
52 यहोवा कहता है, “समय आ रहा है
जब मैं बाबुल की देवमूर्तियों को दण्ड दूँगा।
उस समय उस देश में
सर्वत्र घायल लोग पीड़ा से रोएंगे।
53 बाबुल उठता चला जाएगा जब तक वह आकाश न छू ले।
बाबुल अपने दुर्गों को दृढ़ बनायेगा।
किन्तु मैं उस नगर के विरुद्ध लड़ने के लिये लोगों को भेजूँगा
और वे लोग उसे नष्ट कर देंगे।”
यहोवा ने यह सब कहा।
54 “हम बाबुल में लोगों का रोना सुन सकते हैं।
हम कसदी लोगों के देश में चीज़ों को नष्ट करने वाले लोगों का शोर सुन सकते हैं।
55 यहोवा बहुत शीघ्र बाबुल को नष्ट करेगा।
वह नगर के उद्घोष को चुप कर देगा।
शत्रु सागर की गरजती तरंगों की तरह टूट पड़ेंगे।
चारों ओर के लोग उस गरज को सुनेंगे।
56 सेना आएगी और बाबुल को नष्ट करेगी।
बाबुल के सैनिक पकड़े जाएंगे।
उनके धनुष टूटेंगे। क्यों क्योंकि यहोवा उन लोगों को दण्ड देता है जो बुरा करते हैं।
यहोवा उन्हें पूरा दण्ड देता जिसके वे पात्र हैं।
57 मैं बाबुल के बड़े पदाधिकारियों
और बुद्धिमान लोगों को मत्त कर दूँगा।
मैं उसके प्रशासकों, अधिकारियों
और सैनिकों को भी मत्त करूँगा।
तब वे सदैव के लिये सो जायेंगे,
वे कभी नहीं जागेंगे।”
राजा ने यह कहा,
उसका नाम सर्वशक्तिमान यहोवा है।
58 सर्वशक्तिमान यहोवा कहता है,
“बाबुल की मोटी और दृढ़ दीवार गिरा दी जाएगी।
इसके ऊँचे द्वार जला दिये जायेंगे।
बाबुल के लोग कठिन परिश्रम करेंगे
पर उसका कोई लाभ न होगा।
वे नगर को बचाने के प्रयत्न में बहुत थक जायेंगे,
किन्तु वे लपटों के केवल ईंधन होंगे।”
हमारा दान
8 देखो, हे भाइयो, अब हम यह चाहते है कि तुम परमेश्वर के उस अनुग्रह के बारे में जानो जो मकिदुनिया क्षेत्र की कलीसियाओं पर किया गया है। 2 मेरा अभिप्राय यह है कि यद्यपि उनकी कठिन परीक्षा ली गयी तो भी वे प्रसन्न रहे और अपनी गहन दरिद्रता के रहते हुए भी उनकी सम्पूर्ण उदारता उमड़ पड़ी। 3 मैं प्रमाणित करता हूँ कि उन्होंने जितना दे सकते थे दिया। इतना ही नहीं बल्कि अपने सामर्थ्य से भी अधिक मन भर के दिया। 4 वे बड़े आग्रह के साथ संत जनों की सहायता करने में हमें सहयोग देने को विनय करते रहे। 5 उनसे जैसी हमें आशा थी, वैसे नहीं बल्कि पहले अपने आप को प्रभु को समर्पित किया और फिर परमेश्वर की इच्छा के अनुकूल वे हमें अर्पित हो गये।
6 इसलिए हमने तितुस से प्रार्थना की कि जैसे वह अपने कार्य का प्रारम्भ कर ही चुका है, वैसे ही इस अनुग्रह के कार्य को वह तुम्हारे लिये करे। 7 और जैसे कि तुम हर बात में यानी विश्वास में, वाणी में, ज्ञान में, अनेक प्रकार से उपकार करने में और हमने तुम्हें जिस प्रेम की शिक्षा दी है उस प्रेम में, भरपूर हो, वैसे ही अनुग्रह के इस कार्य में भी भरपूर हो जाओ।
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