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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 16

दाऊद का एक गीत।

हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तुझ पर निर्भर हूँ।
मेरा यहोवा से निवेदन है, “यहोवा,
    तू मेरा स्वामी है।
    मेरे पास जो कुछ उत्तम है वह सब तुझसे ही है।”
यहोवा अपने लोगों की धरती
    पर अद्भुत काम करता है।
    यहोवा यह दिखाता है कि वह सचमुच उनसे प्रेम करता है।

किन्तु जो अन्य देवताओं के पीछे उन की पूजा के लिये भागते हैं, वे दु:ख उठायेंगे।
    उन मूर्तियों को जो रक्त अर्पित किया गया, उनकी उन बलियों में मैं भाग नहीं लूँगा।
    मैं उन मूर्तियों का नाम तक न लूँगा।
नहीं, बस मेरा भाग यहोवा में है।
    बस यहोवा से ही मेरा अंश और मेरा पात्र आता है।
    हे यहोवा, मुझे सहारा दे और मेरा भाग दे।
मेरा भाग अति अद्भुत है।
    मेरा क्षय अति सुन्दर है।
मैं यहोवा के गुण गात हूँ क्योंकि उसने मुझे ज्ञान दिया।
    मेरे अन्तर्मन से रात में शिक्षाएं निकल कर आती हैं।

मैं यहोवा को सदैव अपने सम्मुख रखता हूँ,
    और मैं उसका दक्षिण पक्ष कभी नहीं छोडूँगा।
इसी से मेरा मन और मेरी आत्मा अति आनन्दित होगी
    और मेरी देह तक सुरक्षित रहेगी।
10 क्योंकि, यहोवा, तू मेरा प्राण कभी भी मृत्यु के लोक में न तजेगा।
    तू कभी भी अपने भक्त लोगों का क्षय होता नहीं देखेगा।
11 तू मुझे जीवन की नेक राह दिखायेगा।
    हे यहोवा, तेरा साथ भर मुझे पूर्ण प्रसन्नता देगा।
    तेरे दाहिने ओर होना सदा सर्वदा को आन्नद देगा।

व्यवस्था विवरण 32:15-27

15 “किन्तु यशूरून मोटा हो, सांड सा लात मारता,
    (वह बड़ा हुआ और भारी भी वह था।)
अभिजात, सुपोषित छोड़ा उसने अपने कर्ता यहोवा को
    अस्वीकार किया अपने रक्षक शिला परमेश्वर को,
16 ईर्ष्यालु बनाया यहोवा को, अन्य देव पूजा कर! उसके जन ने;
    क्रुद्ध किया परमेश्वर को निज मूर्तियों से जो घृणित थीं परमेश्वर को,
17 बलि दी दानवों को जो सच्चे देव नही उन देवों को बलि दी उसने जिसका उनको ज्ञान नहीं।
    नये—नये थे देवता वे जिन्हें न पूजा
    कभी तुम्हारे पूर्वजों ने,
18 तुमने छोड़ा अपने शैल यहोवा को भुलाया
    तुमने अपने परमेश्वर को, दी जिसने जिन्दगी।

19 “यहोवा ने देखा यह, इन्कार किया जन को अपना कहने से,
    क्रोधित किया उसे उसके पुत्रों और पुत्रियों ने!
20 तब यहोवा ने कहा,
‘मैं इनसे मुँह मोडूँगा!
    मैं देख सकूँगा—अन्त होगा क्या उनका।
क्यों? क्योंकि भ्रष्ट सभी उनकी पीढ़ियाँ हैं।
वे हैं ऐसी सन्तान जिन्हें विश्वास नहीं है!
21 मूर्तियों की पूजा करके उन्होंने मुझमें ईर्ष्या उत्पन्न की वे मूर्तियाँ ईश्वर नहीं हैं।
    तुच्छ मूर्तियों को पूज कर उन्होंने मुझे क्रुद्ध किया है! अब मैं इस्राएल को बनाऊँगा ईर्ष्यालु।
मैं उन लोगों का उपयोग करूँगा, जो गठित नहीं हुये हैं राष्ट्र में।
    मैं करूगाँ प्रयोग मूर्ख राष्ट्र का और लोगों से उन पर क्रोध बरसाऊँगा।
22 क्रोध हमारा सुलगा चुका आग कहीं,
    मेरा क्रोध जल रहा निम्नतम शेओल तक,
    मेरा क्रोध नष्ट करता फसल सहित भूमि को,
    मेरा क्रोध लगाता आग पर्वतों की जड़ों में!

23 “‘मैं इस्राएलियों पर विपत्ति लाऊँगा,
    मैं अपने बाण इन पर चलाऊँगा।
24 वे भूखे, क्षीण और दुर्बल होंगे,
    जल जायेंगे जलती गर्मी में वे और होगा भंयकर विनाश भेजूँगा
मैं वन—पशुओं को भक्षण करने
    उनका धूलि रेंगते विषधर भी उनके संग होंगे,
25 तलवारें सड़कों पर उनको सन्तति मिटा देगी,
    घर के भीतर रहेगा आतंक का राज्य,
सैनिक मारेंगे युवकों और कुमारियों को
    ये शिशुओं और श्वेतकेशी वृद्धों को मारेंगे।

26 “‘मैं कहूँगा, इस्राएलयों को दूर उड़ाऊँगा।
    विस्मृत करवा दूँगा इस्राएलियों को लोगोंसे!
27 मुझे भय था कि, शत्रु कहेंगे
    उनके क्या इस्राएल के शत्रु कह सकते हैं:
समझ फेर से हमने जीता है,
    “अपनी शक्ति से,
    यहोवा ने किया नहीं इसको।”’

व्यवस्था विवरण 32:39-43

39 देखो, अब केवल मैं ही परमेश्वर हूँ।
    नहीं अन्य कोई भी परमेश्वर
मैं ही निश्चय करता लोगों को
    जीवित रखूँ या मारूँ।
मैं लोगों को दे सकता हूँ चोट
    और ठीक भी रख सकत हूँ।
और न बचा सकता कोई किसी को मेरी शक्ति के बाहर।
40 आकाश को हाथ उठा मैं वचन देता हूँ।
    यदि यह सत्य है कि मैं शाश्वत हूँ।
तो यह भी सत्य कि
    सब कुछ होगा यही!
41 मैं तेज करूँगा अपनी बिजली की तलवार।
    उपयोग करूँगा इसका
    मैं शत्रुओं को दण्डित करने को।
    मैं दूँगा वह दण्ड उन्हें जिसके वे पात्र हैं।
42 मेरे शत्रु मारे जाऐंगे, बन्दी होंगे।
रंग जाएंगे बाण हमारे उनके रक्त से।
तलवार मेरी पार करेगी उनके सैनिक सिर को।’

43 “होगा हर्षित सब संसार परमेश्वर के लोगों से क्यों?
    क्योंकि वह उनकी करता है सहायता सेवकों के हत्यारों को वह दण्ड दिया करता है।
देगा वह दण्ड शत्रु को जिसके वे पात्र हैं।
    और वह पवित्र करेगा अपने धरती जन को।”

लूका 9:21-27

21 किन्तु इस विषय में किसी को भी न बताने की चेतावनी देते हुए यीशु ने उनसे कहा,

यीशु द्वारा अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी

(मत्ती 16:21-28; मरकुस 8:30-9:1)

22 “यह निश्चित है कि मनुष्य का पुत्र बहुत सी यातनाएँ झेलेगा और वह बुजुर्ग यहूदी नेताओं, याजकों और धर्मशास्त्रियों द्वारा नकारा जाकर मरवा दिया जायेगा। और फिर तीसरे दिन जीवित कर दिया जायेगा।”

23 फिर उसने उन सब से कहा, “यदि कोई मेरे पीछे चलना चाहता है तो उसे अपने आप को नकारना होगा और उसे हर दिन अपना क्रूस उठाना होगा। तब वह मेरे पीछे चले। 24 क्योंकि जो कोई अपना जीवन बचाना चाहता है, वह उसे खो बैठेगा पर जो कोई मेरे लिये अपने जीवन का त्याग करता है, वही उसे बचा पायेगा। 25 क्योंकि इसमें किसी व्यक्ति का क्या लाभ है कि वह सारे संसार को तो प्राप्त कर ले किन्तु अपने आप को नष्ट कर दे या भटक जाये। 26 जो कोई भी मेरे शब्दों के लिये लज्जित है, उसके लिये परमेश्वर का पुत्र भी जब अपने वैभव, अपने परमपिता और पवित्र स्वर्गदूतों के वैभव में प्रकट होगा तो उसके लिये लज्जित होगा। 27 किन्तु मैं सच्चाई के साथ तुमसे कहता हूँ यहाँ कुछ ऐसे खड़े हैं, जो तब तक मृत्यु का स्वाद नहीं चखेंगे, जब तक परमेश्वर के राज्य को देख न लें।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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