Revised Common Lectionary (Complementary)
दाऊद का एक गीत।
1 हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तुझ पर निर्भर हूँ।
2 मेरा यहोवा से निवेदन है, “यहोवा,
तू मेरा स्वामी है।
मेरे पास जो कुछ उत्तम है वह सब तुझसे ही है।”
3 यहोवा अपने लोगों की धरती
पर अद्भुत काम करता है।
यहोवा यह दिखाता है कि वह सचमुच उनसे प्रेम करता है।
4 किन्तु जो अन्य देवताओं के पीछे उन की पूजा के लिये भागते हैं, वे दु:ख उठायेंगे।
उन मूर्तियों को जो रक्त अर्पित किया गया, उनकी उन बलियों में मैं भाग नहीं लूँगा।
मैं उन मूर्तियों का नाम तक न लूँगा।
5 नहीं, बस मेरा भाग यहोवा में है।
बस यहोवा से ही मेरा अंश और मेरा पात्र आता है।
हे यहोवा, मुझे सहारा दे और मेरा भाग दे।
6 मेरा भाग अति अद्भुत है।
मेरा क्षय अति सुन्दर है।
7 मैं यहोवा के गुण गात हूँ क्योंकि उसने मुझे ज्ञान दिया।
मेरे अन्तर्मन से रात में शिक्षाएं निकल कर आती हैं।
8 मैं यहोवा को सदैव अपने सम्मुख रखता हूँ,
और मैं उसका दक्षिण पक्ष कभी नहीं छोडूँगा।
9 इसी से मेरा मन और मेरी आत्मा अति आनन्दित होगी
और मेरी देह तक सुरक्षित रहेगी।
10 क्योंकि, यहोवा, तू मेरा प्राण कभी भी मृत्यु के लोक में न तजेगा।
तू कभी भी अपने भक्त लोगों का क्षय होता नहीं देखेगा।
11 तू मुझे जीवन की नेक राह दिखायेगा।
हे यहोवा, तेरा साथ भर मुझे पूर्ण प्रसन्नता देगा।
तेरे दाहिने ओर होना सदा सर्वदा को आन्नद देगा।
22 तब हारून ने अपने हाथ लोगों की ओर उठाए और उन्हें आशीर्वाद दिया। हारून पापबलि, होमबलि और मेलबलि को चढ़ाने के बाद वेदी से नीचे उतर आया।
23 मूसा और हारून मिलापवाले तम्बू में गए और फिर बाहर आकर उन्होंने लोगों को आशीर्वाद दिया। यबोवा की उपस्थिति से सभी लोगों के सामने तेज प्रकट हुआ। 24 यहोवा से अग्नि प्रकट हुई और उसने वेदी पर होमबलि और चर्बी को जलाया। सभी लोगों ने जब यह देखा तो वे चिल्लाए और उन्होंने धरती पर गिरकर प्रणाम किया।
परमेश्वर की ज्वाला द्वारा विनाश
10 फिर तभी हारून के पुत्रों नादाब और अबीहू ने पाप किया। दोनों पुत्रों ने लोबान जलाने के लिए तश्तरी ली। उन्होंने एक अलग ही आग का प्रयोग किया और लोबान को जलाया। उन्होंने उस आग का उपयोग नहीं किया जिसके उपयोग का आदेश मूसा ने उन्हें दिया था। 2 इसलिए योहव से ज्वाला प्रकट हुई और उसने नादाब और अबीहू को नष्ट कर दीया। वे यहोवा के सामने मरे।
3 तब मूसा ने हारून से कहा, “यहोवा कहता है, ‘जो याजक मेरे पास आए, उन्हें मेरा सम्मान करना चाहिए! मैं उन के लिए और सब ही के लिये पवित्र माना जाऊँ।’” इसलिए हारून अपने मरे हुए पुत्रों के लिए खामोश रहा।
4 हारून के चाचा उज्जीएल के दो पुत्र थे। वे मीशाएल और एलसाफान थे। मूसा ने उन पुत्रों से कहा, “पवित्र स्थान के सामने के भगा में जाओ। अपने चचेरे भाईयों के शवों को उठाओ और उन्हें डेरे के बाहर ले जाओ।”
5 इसलिए मीशाएल और इलसाफान ने मूसा का आदेश माना। वे नादाब और अबीहू के शवों को बाहर लाए। नादाब और अबीहू तब तक अपने विशेष अन्तःवस्त्र पहने थे।
6 तब मूसा ने हारून और उसके अन्य पुत्रों एलीआजार और ईतामार से बात की। मूसा ने उनसे कहा, “कोई शोक प्रकट न करो! अपने वस्त्र न फाड़ो या अपने बालों को न बिखरो! शोक प्रकट न करो, तुम मरोगे नहीं और योहवा तुम सभी लोगों से अप्रसन्न नहीं होगा। इस्राएल का पूरा राष्ट्र तुम लोगों का सम्बन्धी है। वे यहोवा द्वारा नादाब और अबीहू के जलाने के विषय में रो पीट सकते हैं। 7 किन्तु तुम लोगों को मिलापवाले तम्बू भी नहीं छोड़ना चाहिए। यदि तुम लोग उस द्वार से बाहर जाओगे तो मर जाओगे। क्यों क्योंकि यहोवा के अभिषेक का तेल तुम ने लगा रखा है।” सो हारून एलीआजार और ईतामार ने मूसा की आज्ञा मानी।
8 तब योहा ने हारून से कहा, 9 “तुम्हें और तम्हारे पुत्रों को दाखमधु या मध उस समय नहीं पीनी चाहिए जब तुम लोग मिलापवाले तम्बू में आओ। यदि तुम ऐसा करोगे तो मर जाओगे! यह नियम तुम्हारी पीढ़ियों में सदा चलता रहेगा। 10 तुम्हें, जो चीज़ें पवित्र हैं तथा जो पवित्र नहीं हैं, जो शुद्ध हैं और जो शुद्ध नहीं हैं उनमें अन्तर करना चाहिए। 11 यहोवा ने मूसा को अपने नियम दिए और मूसा ने उन नियमों को लोगों को दिया। हारून तुम्हें उन सभी नियमों की शिक्षा लोगों को देना चाहिए।”
5 यह देखने के लिए अपने आप को परखो कि क्या तुम विश्वासपूर्वक जी रहे हो। अपनी जाँच पड़ताल करो अथवा क्या तुम नहीं जानते कि वह यीशु मसीह तुम्हारे भीतर ही है। यदि ऐसा नहीं है, तो तुम इस परीक्षा में पूरे नहीं उतरे। 6 मैं आशा करता हूँ कि तुम यह जान जाओगे कि हम इस परीक्षा में किसी भी तरह विफल नहीं हुए। 7 हम परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि तुम कोई बुराई न करो। इसलिए वही करो जो उचित है। चाहे हम इस परीक्षा में विफल हुए ही क्यों न दिखाई दें। 8 वास्तव में हम सत्य के विरुद्ध कुछ कर ही नहीं सकते। हम तो जो करते हैं, सत्य के लिये ही करते हैं।
9 हमारी निर्बलता और तुम्हारी सबलता हमें प्रसन्न करती है और हम इसी के लिये प्रार्थना करते रहते हैं कि तुम दृढ़ से दृढ़तर बनों। 10 इसलिए तुमसे दूर रहते हुए भी मैं इन बातों को तुम्हें लिख रहा हूँ ताकि जब मैं तुम्हारे बीच होऊँ तो मुझे प्रभु के द्वारा दिये गये अधिकार से तुम्हें हानि पहुँचाने के लिए नहीं बल्कि तुम्हारे आध्यात्मिक विकास के लिए तुम्हारे साथ कठोरता न बरतनी पड़े।
© 1995, 2010 Bible League International