Revised Common Lectionary (Complementary)
संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद।
1 हे परमेश्वर, मेरी सुन!
मैं अपने शत्रुओं से भयभीत हूँ। मैं अपने जीवन के लिए डरा हुआ हूँ।
2 तू मुझको मेरे शत्रुओं के गहरे षड़यन्त्रों से बचा ले।
मुझको तू उन दुष्ट लोगों से छिपा ले।
3 मेरे विषय में उन्होंने बहुत बुरा झूठ बोला है।
उनकी जीभे तेज तलवार सी और उनके कटुशब्द बाणों से हैं।
4 वे छिप जाते हैं, और अपने बाणों का प्रहार सरल सच्चे जन पर फिर करते हैं।
इसके पहले कि उसको पता चले, वह घायल हो जाता है।
5 उसको हराने को बुरे काम करते हैं।
वे झूठ बोलते और अपने जाल फैलाते हैं। और वे सुनिश्चित हैं कि उन्हें कोई नहीं पकड़ेगा।
6 लोग बहुत कुटिल हो सकते हैं।
वे लोग क्या सोच रहे हैं
इसका समझ पाना कठिन है।
7 किन्तु परमेश्वर निज “बाण” मार सकता है!
और इसके पहले कि उनको पता चले, वे दुष्ट लोग घायल हो जाते हैं।
8 दुष्ट जन दूसरों के साथ बुरा करने की योजना बनाते हैं।
किन्तु परमेश्वर उनके कुचक्रों को चौपट कर सकता है।
वह उन बुरी बातों कों स्वयं उनके ऊपर घटा देता है।
फिर हर कोई जो उन्हें देखता अचरज से भरकर अपना सिर हिलाता है।
9 जो परमेश्वर ने किया है, लोग उन बातों को देखेंगे
और वे उन बातों का वर्णन दूसरो से करेंगे,
फिर तो हर कोई परमेश्वर के विषय में और अधिक जानेगा।
वे उसका आदर करना और डरना सीखेंगे।
10 सज्जनों को चाहिए कि वे यहोवा में प्रसन्न हो।
वे उस पर भरोसा रखे।
अरे! ओ सज्जनों! तुम सभी यहोवा के गुण गाओ।
फिरौन: एक सिंह या दैत्य
32 देश—निकाले के बारहवें वर्ष के बारहवें महीने (मार्च) के प्रथम दिन यहोवा का वचन मेरे पास आया। उसने कहा, 2 “मनुष्य के पुत्र, मिस्र के राजा के विषय में यह करुणगीत गाओ। उससे कहो:
“‘तुमने सोचा था तुम शक्तिशाली युवा सिंह हो, राष्ट्रों में गर्व सहित टहलते हुए।
किन्तु सचमुच समुद्र के दैत्य जैसे हो।
तुम प्रवाह को धकेल कर रास्ता बनाते हो,
और अपने पैरों से जल को मटमैला करते हो।
तुम मिस्र की नदियों को उद्वेलित करते हो।’”
3 मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है:
“मैंने बहुत से लोगों को एक साथ इकट्ठा किया है।
अब मैं तुम्हारे ऊपर अपना जाल फेंकूँगा।
तब वे लोग तुम्हें खींच लेंगे।
4 तब मैं तुम्हें सूखी जमीन पर गिरा दूँगा।
मैं तुम्हें खेत में फेंकूँगा।
मैं सभी पक्षियों को तुम्हें खाने के लिये बुलवाऊँगा।
मैं हर जगह से जंगली जानवरों को तुम्हें खाने और पेट भरने के लिये बुलवाऊँगा।
5 मैं तुम्हारे शरीर को पर्वतों पर बिखेरूँगा।
मैं तुम्हारे शव से घाटियों को भर दूँगा।
6 मैं तुम्हारा रक्त पर्वतों पर डालूँगा
और धरती इसे सोखेगी।
नदियाँ तुमसे भर जाएंगी।
7 मैं तुमको लुप्त कर दूँगा।
मैं नभ को ढक दूँगा और नक्षत्रों को काला कर दूँगा।
मैं सूर्य को बादल से ढक दूँगा और चन्द्र नहीं चमकेगा।
8 मैं सभी चमकती ज्योतियों को नभ में
तुम्हारे ऊपर काला बनाऊँगा।
मैं तुम्हारे सारे देश में अंधेरा कर दूँगा।
9 “बहुत से लोग शोकग्रस्त और व्यग्र होंगे, जब वे सुनेंगे कि तुमको नष्ट करने के लिये मैं एक शत्रु को लाया। राष्ट्र जिन्हें तुम जानते भी नहीं, तिलमिला जायेंगे। 10 मैं बहुत से लोगों को तुम्हारे बारे में आघात पहुँचाऊँगा उनके राजा तुम्हारे बारे में उस समय बुरी तरह से भयभीत होंगे जब मैं उनके सामने अपनी तलवार चलाऊँगा। जिस दिन तुम्हारा पतन होगा उसी दिन, हर एक क्षण, राजा लोग भयभीत होंगे। हर एक राजा अपने जीवन के लिये भयभीत होगा।”
लड़के को दुष्टात्मा से छुटकारा
(मत्ती 17:14-18; मरकुस 9:14-27)
37 अगले दिन ऐसा हुआ कि जब वे पहाड़ी से नीचे उतरे तो उन्हें एक बड़ी भीड़ मिली। 38 तभी भीड़ में से एक व्यक्ति चिल्ला उठा, “गुरु, मैं प्रार्थना करता हूँ कि मेरे बेटे पर अनुग्रह-दृष्टि कर। वह मेरी एकलौती सन्तान है। 39 अचानक एक दुष्ट आत्मा उसे जकड़ लेती है और वह चीख उठता है। उसे दुष्टात्मा ऐसे मरोड़ डालती है कि उसके मुँह से झाग निकलने लगता है। वह उसे कभी नहीं छोड़ती और सताए जा रही है। 40 मैंने तेरे शिष्यों से प्रार्थना की कि वह उसे बाहर निकाल दें किन्तु वे ऐसा नहीं कर सके।”
41 तब यीशु ने उत्तर दिया, “अरे अविश्वासियों और भटकाये गये लोगों, मैं और कितने दिन तुम्हारे साथ रहूँगा और कब तक तुम्हारे साथ रहूँगा? अपने बेटे को यहाँ ले आ।”
42 अभी वह लड़का आ ही रहा था कि दुष्टात्मा ने उसे पटकी दी और मरोड़ दिया। किन्तु यीशु ने दुष्ट आत्मा को फटकारा और लड़के को निरोग करके वापस उसके पिता को सौंप दिया। 43 वे सभी परमेश्वर की इस महानता से चकित हो उठे।
यीशु द्वारा अपनी मृत्यु की चर्चा
(मत्ती 17:22-23; मरकुस 9:30-32)
यीशु जो कुछ कर रहा था उसे देखकर लोग जब आश्चर्य कर रहे थे तभी यीशु ने अपने शिष्यों से कहा,
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