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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 64

संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद।

हे परमेश्वर, मेरी सुन!
    मैं अपने शत्रुओं से भयभीत हूँ। मैं अपने जीवन के लिए डरा हुआ हूँ।
तू मुझको मेरे शत्रुओं के गहरे षड़यन्त्रों से बचा ले।
    मुझको तू उन दुष्ट लोगों से छिपा ले।
मेरे विषय में उन्होंने बहुत बुरा झूठ बोला है।
    उनकी जीभे तेज तलवार सी और उनके कटुशब्द बाणों से हैं।
वे छिप जाते हैं, और अपने बाणों का प्रहार सरल सच्चे जन पर फिर करते हैं।
    इसके पहले कि उसको पता चले, वह घायल हो जाता है।
उसको हराने को बुरे काम करते हैं।
    वे झूठ बोलते और अपने जाल फैलाते हैं। और वे सुनिश्चित हैं कि उन्हें कोई नहीं पकड़ेगा।
लोग बहुत कुटिल हो सकते हैं।
    वे लोग क्या सोच रहे हैं
इसका समझ पाना कठिन है।
किन्तु परमेश्वर निज “बाण” मार सकता है!
    और इसके पहले कि उनको पता चले, वे दुष्ट लोग घायल हो जाते हैं।
दुष्ट जन दूसरों के साथ बुरा करने की योजना बनाते हैं।
    किन्तु परमेश्वर उनके कुचक्रों को चौपट कर सकता है।
वह उन बुरी बातों कों स्वयं उनके ऊपर घटा देता है।
    फिर हर कोई जो उन्हें देखता अचरज से भरकर अपना सिर हिलाता है।
जो परमेश्वर ने किया है, लोग उन बातों को देखेंगे
    और वे उन बातों का वर्णन दूसरो से करेंगे,
फिर तो हर कोई परमेश्वर के विषय में और अधिक जानेगा।
    वे उसका आदर करना और डरना सीखेंगे।
10 सज्जनों को चाहिए कि वे यहोवा में प्रसन्न हो।
    वे उस पर भरोसा रखे।
अरे! ओ सज्जनों! तुम सभी यहोवा के गुण गाओ।

अय्यूब 19:1-22

अय्यूब का उत्तर

19 तब अय्यूब ने उत्तर देते हुए कहा:

“कब तक तुम मुझे सताते रहोगे
    और शब्दों से मुझको तोड़ते रहोगे?
अब देखों, तुमने दसियों बार मुझे अपमानित किया है।
    मुझ पर वार करते तुम्हें शर्म नहीं आती है।
यदि मैंने पाप किया तो यह मेरी समस्या है।
    यह तुम्हें हानि नहीं पहुँचाता।
तुम बस यह चाहते हो कि तुम मुझसे उत्तम दिखो।
    तुम कहते हो कि मेरे कष्ट मुझ को दोषी प्रमाणित करते हैं।
किन्तु वह तो परमेश्वर है जिसने मेरे साथ बुरा किया है
    और जिसने मेरे चारों तरफ अपना फंदा फैलाया है।
मैं पुकारा करता हूँ, ‘मेरे संग बुरा किया है।’
    लेकिन मुझे कोई उत्तर नहीं मिलता हूँ।
    चाहे मैं न्याय की पुकार पुकारा करुँ मेरी कोई नहीं सुनता है।
मेरा मार्ग परमेश्वर ने रोका है, इसलिये उसको मैं पार नहीं कर सकता।
    उसने अंधकार में मेरा मार्ग छुपा दिया है।
मेरा सम्मान परमेश्वर ने छीना है।
    उसने मेरे सिर से मुकुट छीन लिया है।
10 जब तक मेरा प्राण नहीं निकल जाता, परमेश्वर मुझ को करवट दर करवट पटकियाँ देता है।
    वह मेरी आशा को ऐसे उखाड़ता है
    जैसे कोई जड़ से वृक्ष को उखाड़ दे।
11 मेरे विरुद्ध परमेश्वर का क्रोध भड़क रहा है।
    वह मुझे अपना शत्रु कहता है।
12 परमेश्वर अपनी सेना मुझ पर प्रहार करने को भेजता है।
    वे मेरे चारों और बुर्जियाँ बनाते हैं।
    मेरे तम्बू के चारों ओर वे आक्रमण करने के लिये छावनी बनाते हैं।

13 “मेरे बन्धुओं को परमेश्वर ने बैरी बनाया।
    अपने मित्रों के लिये मैं पराया हो गया।
14 मेरे सम्बन्धियों ने मुझको त्याग दिया।
    मेरे मित्रों ने मुझको भुला दिया।
15 मेरे घर के अतिथि और मेरी दासियाँ
    मुझे ऐसे दिखते हैं मानों अन्जाना या परदेशी हूँ।
16 मैं अपने दास को बुलाता हूँ पर वह मेरी नहीं सुनता है।
    यहाँ तक कि यदि मैं सहायता माँगू तो मेरा दास मुझको उत्तर नहीं देता।
17 मेरी ही पत्नी मेरे श्वास की गंध से घृणा करती है।
    मेरे अपनी ही भाई मुझ से घृणा करते हैं।
18 छोटे बच्चे तक मेरी हँसी उड़ाते है।
    जब मैं उनके पास जाता हूँ तो वे मेरे विरुद्ध बातें करते हैं।
19 मेरे अपने मित्र मुझ से घृणा करते हैं।
    यहाँ तक कि ऐसे लोग जो मेरे प्रिय हैं, मेरे विरोधी बन गये हैं।

20 “मैं इतना दुर्बल हूँ कि मेरी खाल मेरी हड्डियों पर लटक गई।
    अब मुझ में कुछ भी प्राण नहीं बचा है।

21 “हे मेरे मित्रों मुझ पर दया करो, दया करो मुझ पर
    क्योंकि परमेश्वर का हाथ मुझ को छू गया है।
22 क्यों मुझे तुम भी सताते हो जैसे मुझको परमेश्वर ने सताया है?
    क्यों मुझ को तुम दु:ख देते और कभी तृप्त नहीं होते हो?

इफिसियों 2:11-22

मसीह में एक

11 इसलिए याद रखो, वे लोग, जो अपने शरीर में मानव हाथों द्वारा किये गये ख़तने के कारण अपने आपको “ख़तना युक्त” बताते हैं, विधर्मी के रूप में जन्मे तुम लोगों को “ख़तना रहित” कहते थे। 12 उस समय तुम बिना मसीह के थे, तुम इस्राएल की बिरादरी से बाहर थे। परमेश्वर ने अपने भक्तों को जो वचन दिए थे उन पर आधारित वाचा से अनजाने थे। तथा इस संसार में बिना परमेश्वर के निराश जीवन जीते थे। 13 किन्तु अब तुम्हें, जो कभी परमेश्वर से बहुत दूर थे, मसीह के बलिदान के द्वारा मसीह यीशु में तुम्हारी स्थिति के कारण, परमेश्वर के निकट ले आया गया है।

14 यहूदी और ग़ैर यहूदी आपस में एक दूसरे से नफ़रत करते थे और अलग हो गये थे। ठीक ऐसे जैसे उन के बीच कोई दीवार खड़ी हो। किन्तु मसीह ने स्वयं अपनी देह का बलिदान देकर नफ़रत की उस दीवार को गिरा दिया। 15 उसने ऐसा तब किया जब अपने समूचे नियमों और व्यवस्थाओं के विधान को समाप्त कर दिया। उसने ऐसा इसलिए किया कि वह अपने में इन दोनों को ही एक में मिला सकें। और इस प्रकार मिलाप करा दे। क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा उसने उस घृणा का अंत कर दिया। और उन दोनों को परमेश्वर के साथ उस एक देह में मिला दिया। 16 और क्रूस पर अपनी मृत्यु के द्वारा बैर भाव का नाश करके एक ही देह में उन दोनों को संयुक्त करके परमेश्वर से फिर मिला दे। 17 सो आकर उसने तुम्हें, जो परमेश्वर से बहुत दूर थे और जो उसके निकट थे, उन्हें शांति का सुसमाचार सुनाया। 18 क्योंकि उसी के द्वारा एक ही आत्मा से परम पिता के पास तक हम दोनों की पहुँच हुई।

19 परिणामस्वरूप अब तुम न अनजान रहे और न ही पराये। बल्कि अब तो तुम संत जनों के स्वदेशी संगी-साथी हो गये हो। 20 तुम एक ऐसा भवन हो जो प्रेरितों और नबियों की नींव पर खड़ा है। तथा स्वयं मसीह यीशु जिसका अत्यन्त महत्त्वपूर्ण कोने का पत्थर है। 21-22 मसीह में स्थित एक ऐसे स्थान की रचना के रूप में दूसरे लोगों के साथ तुम्हारा भी निर्माण किया जा रहा है, जहाँ आत्मा के द्वारा स्वयं परमेश्वर निवास करता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International