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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 8

गित्तीथ की संगत पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का एक पद।

हे यहोवा, मेरे स्वामी, तेरा नाम सारी धरती पर अति अद्भुत है।
    तेरा नाम स्वर्ग में हर कहीं तुझे प्रशंसा देता है।

बालकों और छोटे शिशुओं के मुख से, तेरे प्रशंसा के गीत उच्चरित होते हैं।
    तू अपने शत्रुओं को चुप करवाने के लिये ऐसा करता है।

हे यहोवा, जब मेरी दृष्टि गगन पर पड़ती है, जिसको तूने अपने हाथों से रचा है
    और जब मैं चाँद तारों को देखता हूँ जो तेरी रचना है, तो मैं अचरज से भर उठता हूँ।
लोग तेरे लिये क्यों इतने महत्वपूर्ण हो गये?
    तू उनको याद भी किस लिये करता है?
मनुष्य का पुत्र तेरे लिये क्यों महत्वपूर्ण है?
    क्यों तू उन पर ध्यान तक देता है?

किन्तु तेरे लिये मनुष्य महत्वपूर्ण है!
    तूने मनुष्य को ईश्वर का प्रतिरुप बनाया है,
    और उनके सिर पर महिमा और सम्मान का मुकुट रखा है।
तूने अपनी सृष्टि का जो कुछ भी
    तूने रचा लोगों को उसका अधिकारी बनाया।
मनुष्य भेड़ों पर, पशु धन पर और जंगल के सभी हिसक जन्तुओं पर शासन करता है।
वह आकाश में पक्षियों पर
    और सागर में तैरते जलचरों पर शासन करता है।
हे यहोवा, हमारे स्वामी, सारी धरती पर तेरा नाम अति अद्भुत है।

नीतिवचन 3:19-26

19 यहोवा ने धरती की नींव बुद्धि से धरी, उसने समझ से आकाश को स्थिर किया। 20 उसके ही ज्ञान से गहरे सोते फूट पड़े और बादल ओस कण बरसाते हैं।

21 हे मेरे पुत्र, तू अपनी दृष्टि से भले बुरे का भेद और बुद्धि के विवेक को ओझल मत होने दे। 22 वे तो तेरे लिये जीवन बन जायेंगे, और तेरे कंठ को सजाने का एक आभूषण। 23 तब तू सुरक्षित बना निज मार्ग विचरेगा और तेरा पैर कभी ठोकर नहीं खायेगा। 24 तुझको सोने पर कभी भय नहीं व्यापेगा और सो जाने पर तेरी नींद मधुर होगी। 25 आकस्मिक नाश से तू कभी मत डर, या उस विनाश से जो दृष्टों पर आ पड़ता है। 26 क्योंकि तेरा विश्वास यहोवा बन जायेगा और वह ही तेरे पैर को फंदे में फँसने से बचायेगा।

इफिसियों 4:1-6

एक देह

इसलिए मैं, जो प्रभु का होने के कारण बंदी बना हुआ हूँ, तुम लोगों से प्रार्थना करता हूँ कि तुम्हें अपना जीवन वैसे ही जीना चाहिए जैसा कि संतों के अनुकूल होता है। सदा नम्रता और कोमलता के साथ, धैर्यपूर्वक आचरण करो। एक दूसरे की प्रेम से सहते रहो। वह शांति, जो तुम्हें आपस में बाँधती है, उससे उत्पन्न आत्मा की एकता को बनाये रखने के लिये हर प्रकार का यत्न करते रहो। देह एक है और पवित्र आत्मा भी एक ही है। ऐसे ही जब तुम्हें भी बुलाया गया तो एक ही आशा में भागीदार होने के लिये ही बुलाया गया। एक ही प्रभु है, एक ही विश्वास है और है एक ही बपतिस्मा। परमेश्वर एक ही है और वह सबका पिता है। वही सब का स्वामी है, हर किसी के द्वारा वही क्रियाशील है, और हर किसी में वही समाया है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International