Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 29

दाऊद का एक गीत।

परमेश्वर के पुत्रों, यहोवा की स्तुति करो!
    उसकी महिमा और शक्ति के प्रशंसा गीत गाओ।
यहोवा की प्रशंसा करो और उसके नाम को आदर प्रकट करो।
    विशेष वस्त्र पहनकर उसकी आराधना करो।
समुद्र के ऊपर यहोवा की वाणी निज गरजती है।
    परमेश्वर की वाणी महासागर के ऊपर मेघ के गरजन की तरह गरजता है।
यहोवा की वाणी उसकी शक्ति को दिखाती है।
    उसकी ध्वनि उसके महिमा को प्रकट करती है।
यहोवा की वाणी देवदार वृक्षों को तोड़ कर चकनाचूर कर देता है।
    यहोवा लबानोन के विशाल देवदार वृक्षों को तोड़ देता है।
यहोवा लबानोन के पहाड़ों को कँपा देता है। वे नाचते बछड़े की तरह दिखने लगता है।
    हेर्मोन का पहाड़ काँप उठता है और उछलती जवान बकरी की तरह दिखता है।
यहोवा की वाणी बिजली की कौधो से टकराती है।
यहोवा की वाणी मरुस्थलों को कँपा देती है।
    यहोवा के स्वर से कादेश का मरुस्थल काँप उठता है।
यहोवा की वाणी से हरिण भयभीत होते हैं।
    यहोवा दुर्गम वनों को नष्ट कर देता है।
किन्तु उसके मन्दिर में लोग उसकी प्रशंसा के गीत गाते हैं।

10 जलप्रलय के समय यहोवा राजा था।
    वह सदा के लिये राजा रहेगा।
11 यहोवा अपने भक्तों की रक्षा सदा करे,
    और अपने जनों को शांति का आशीष दे।

निर्गमन 40:16-38

16 मूसा ने यहोवा की आज्ञा मानी। उसने वह सब किया जिसका यहोवा ने आदेश दिया था।

17 इस प्रकार ठीक समय पर पवित्र तम्बू खड़ा किया गया। यह मिस्र छोड़ने के बाद के दूसरे वर्ष में पहले महीने का पहला दिन था। 18 मूसा ने पवित्र तम्बू को यहोवा के कथानानुसार खड़ा किया। पहले उसने आधारों को रखा। तब उसने आधारों पर तख़्तों को रखा। फिर उसने बल्लियाँ लगाईं और खम्भों को खड़ा किया। 19 उसके बाद मूसा ने पवित्र तम्बू के ऊपर आच्छादन रखा। इसके बाद उसने तम्बू के आच्छादन पर दूसरा आच्छादन रखा। उसने यह यहोवा के आदेश के अनुसार किया।

20 मूसा ने साक्षीपत्र के उन पत्थरों को जिन पर यहोवा के आदेश लिखे थे, सन्दूक में रखा। मूसा ने बल्लियों को सन्दूक के छल्लों में लगाया। तब उसने ढक्कन को सन्दूक के ऊपर रखा। 21 तब मूसा सन्दूक को पवित्र तम्बू के भीतर लाया। और उसने पर्दे को ठीक स्थान पर लटकाया। उसने पवित्र तम्बू में साक्षीपत्र के सन्दूक को ढक दिया। मूसा ने ये चीज़ें यहोवा के आदेश के अनुसार कीं। 22 तब मूसा ने विशेष रोटी की मेज को मिलापवाले तम्बू में रखा। उसने इसे पवित्र तम्बू के उत्तर की ओर रखा। उसने इसे पर्दे के सामने रखा। 23 तब उसने यहोवा के सामने मेज पर रोटी रखी। उसने यह यहोवा ने जैसा आदेश दिया था, वैसा ही किया। 24 तब मूसा ने दीपाधार को मिलापवाले तम्बू में रखा। उसने दीपाधार को पवित्र तम्बू के दक्षिण ओर मेज के पार रखा। 25 तब यहोवा के सामने मूसा ने दीपाधार पर दीपक रखे। उसने यह यहोवा के आदेश के अनुसार किया।

26 तब मूसा ने सोने की वेदी को मिलापवाले तम्बू में रखा। उसने सोने की वेदी को पर्दे के सामने रखा। 27 तब उसने सोने की वेदी पर सुगन्धित धूप जलाई। उसने यह यहोवा के आदेशानुसार किया। 28 तब मूसा ने पवित्र तम्बू के प्रवेश द्वार पर कनात लगाई।

29 मूसा ने होमबलि वाली वेदी को, मिलापवाले तम्बू के प्रवेशद्वार पर रखा। तब मूसा ने एक होमबलि उस वेदी पर चढ़ाई। उसने अन्नबलि भी यहोवा को चढ़ाई। उसने ये चीज़ें यहोवा के आदेशानुसार कीं।

30 तब मूसा ने मिलापवाले तम्बू और वेदी के बीच चिलमची को रखा। और उसमे धोने के लिये पानी भरा। 31 मूसा, हारून और हारून के पुत्रों ने अपने हाथ और पैर धोने के लिए इस चिलमची का उपयोग किया। 32 वे हर बार जब मिलापवाले तम्बू में जाते तो अपने हाथ और पैर धोते थे। जब वे वेदी के निकट जाते थे तब भी वे हाथ और पैर धोते थे। वे इसे वैसे ही करते थे जैसा यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था।

33 तब मूसा ने पवित्र तम्बू के आँगन के चारों ओर कनातें खड़ी कीं। मूसा ने वेदी को आँगन में रखा। तब उसने आँगन के प्रवेश द्वार पर कनात लगाई। इस प्रकार मूसा ने वे सभी काम पूरे कर लिए जिन्हें करने का आदेश यहोवा ने दिया था।

यहोवा की महिमा

34 जब सभी चीज़ें पूरी हो गईं, बादल ने मिलापवाले तम्बू को ढक लिया। और यहोवा के तेज़ से पवित्र तम्बू भर गया। 35 बादल मिलापवाले तम्बू पर उतर आया। और यहोवा के तेज ने पवित्र तम्बू को भर दिया। इसलिए मूसा मिलापवाले तम्बू में नहीं घुस सका।

36 इस बादल ने लोगों को संकेत दिया कि उन्हें कब चलना है। जब बादल तम्बू से उठता तो इस्राएल के लोग चलना आरम्भ कर देते थे। 37 किन्तु जब बादल तम्बू पर ठहर जाता तो लोग चलने की कोशिश नहीं करते थे। वे उसी स्थान पर ठहरे रहते थे, जब तक बादल तम्बू से नहीं उठता था। 38 इसलिए दिन में यहोवा का बादल तम्बू पर रहता था, और रात को बादल में आग होती थी। इसलिए इस्राएल के सबी लोग यात्रा करते समय बादल को देख सकते थे।

प्रेरितों के काम 16:35-40

35 जब पौ फटी तो दण्डाधिकारियों ने यह कहने अपने सिपाहियों को वहाँ भेजा कि उन लोगों को छोड़ दिया जाये।

36 फिर जेल के अधिकारी ने ये बातें पौलुस को बतायीं कि दण्डाधिकारी ने तुम्हें छोड़ देने के लिये कहलवा भेजा है। इसलिये अब तुम बाहर आओ और शांति के साथ चले जाओ।

37 किन्तु पौलुस ने उन सिपाहियों से कहा, “यद्यपि हम रोमी नागरिक हैं पर उन्होंने हमें अपराधी पाये बिना ही सब के सामने मारा-पीटा और जेल में डाल दिया। और अब चुपके-चुपके वे हमें बाहर भेज देना चाहते हैं, निश्चय ही ऐसा नहीं होगा। होना तो यह चाहिये के वे स्वयं आ कर हमें बाहर निकालें!”

38 सिपाहियों ने दण्डाधिकारियों को ये शब्द जा सुनाये। दण्डाधिकारियों को जब यह पता चला कि पौलुस और सिलास रोमी हैं तो वे बहुत डर गये। 39 सो वे वहाँ आये और उनसे क्षमा याचना करके उन्हें बाहर ले गये और उनसे उस नगर को छोड़ जाने को कहा। 40 पौलुस और सिलास जेल से बाहर निकल कर लीदिया के घर पहुँचे। धर्म-बंधुओं से मिलते हुए उन्होंने उनका उत्साह बढ़ाया और फिर वहाँ से चल दिये।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International