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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
प्रेरितों के काम 11:1-18

पतरस का यरूशलेम लौटना

11 समूचे यहूदिया में बंधुओं और प्रेरितों ने सुना कि प्रभु का वचन ग़ैर यहूदियों ने भी ग्रहण कर लिया है! सो जब पतरस यरूशलेम पहुँचा तो उन्होंने जो ख़तना के पक्ष में थे, उसकी आलोचना की। वे बोले, “तू ख़तना रहित लोगों के घर में गया है और तूने उनके साथ खाना खाया है।”

इस पर पतरस वास्तव में जो घटा था, उसे सुनाने समझाने लगा, “मैंने याफा नगर में प्रार्थना करते हुए समाधि में एक दृश्य देखा। मैंने देखा कि एक बड़ी चादर जैसी कोई वस्तु नीचे उतर रही है, उसे चारों कोनों से पकड़ कर आकाश से धरती पर उतारा जा रहा है। फिर वह उतर कर मेरे पास आ गयी। मैंने उसको ध्यान से देखा। मैंने देखा कि उसमें धरती के चौपाये जीव-जंतु, जँगली पशु रेंगने वाले जीव और आकाश के पक्षी थे। फिर मैंने एक आवाज़ सुनी, जो मुझसे कह रही थी, ‘पतरस उठ, मार और खा।’

“किन्तु मैंने कहा, ‘प्रभु निश्चित रूप से नहीं, क्योंकि मैंने कभी भी किसी तुच्छ या समय के अनुसार किसी अपवित्र आहार को नहीं लिया है।’

“आकाश से दूसरी बार उस स्वर ने फिर कहा, ‘जिसे परमेश्वर ने पवित्र बनाया है, उसे तू अपवित्र मत समझ!’

10 “तीन बार ऐसा ही हुआ। फिर वह सब आकाश में वापस उठा लिया गया। 11 उसी समय जहाँ मैं ठहरा हुआ था, उस घर में तीन व्यक्ति आ पहुचें। उन्हें मेरे पास कैसरिया से भेजा गया था। 12 आत्मा ने मुझसे उनके साथ बेझिझक चले जाने को कहा। ये छह: बन्धु भी मेरे साथ गये। और हमने उस व्यक्ति के घर में प्रवेश किया। 13 उसने हमें बताया कि एक स्वर्गदूत को अपने घर में खड़े उसने कैसे देखा था। जो कह रहा था याफा भेज कर पतरस कहलाने वाले शमौन को बुलवा ले। 14 वह तुझे वचन सुनायेगा जिससे तेरा और तेरे परिवार का उद्धार होगा।

15 “जब मैंने प्रवचन आरम्भ किया तो पवित्र आत्मा उन पर उतर आया। ठीक वैसे ही जैसे प्रारम्भ में हम पर उतरा था। 16 फिर मुझे प्रभु का कहा यह वचन याद हो आया, ‘यूहन्ना जल से बपतिस्मा देता था किन्तु तुम्हें पवित्र आत्मा से बपतिस्मा दिया जायेगा।’ 17 इस प्रकार यदि परमेश्वर ने उन्हें भी वही वरदान दिया जिसे उसने जब हमने प्रभु यीशु मसीह में विश्वास किया था, तब हमें दिया था, तो विरोध करने वाला मैं कौन होता था?”

18 विश्वासियों ने जब यह सुना तो उन्होंने प्रश्न करना बन्द कर दिया। वे परमेश्वर की महिमा करते हुए कहने लगे, “अच्छा, तो परमेश्वर ने विधर्मियों तक को मन फिराव का वह अवसर दिया है, जो जीवन की ओर ले जाता है!”

भजन संहिता 148

यहोवा के गुण गाओ!
स्वर्ग के स्वर्गदूतों,
    यहोवा की प्रशंसा स्वर्ग से करो!
हे सभी स्वर्गदूतों, यहोवा का यश गाओ!
    ग्रहों और नक्षत्रों, उसका गुण गान करो!
सूर्य और चाँद, तुम यहोवा के गुण गाओ!
    अम्बर के तारों और ज्योतियों, उसकी प्रशंसा करो!
यहोवा के गुण सर्वोच्च अम्बर में गाओ।
    हे जल आकाश के ऊपर, उसका यशगान कर!
यहोवा के नाम का बखान करो।
    क्यों? क्योंकि परमेश्वर ने आदेश दिया, और हम सब उसके रचे थे।
परमेश्वर ने इन सबको बनाया कि सदा—सदा बने रहें।
    परमेश्वर ने विधान के विधि को बनाया, जिसका अंत नहीं होगा।
ओ हर वस्तु धरती की यहोवा का गुण गान करो!
    ओ विशालकाय जल जन्तुओं, सागर के यहोवा के गुण गाओ।
परमेश्वर ने अग्नि और ओले को बनाया,
    बर्फ और धुआँ तथा सभी तूफानी पवन उसने रचे।
परमेश्वर ने पर्वतों और पहाड़ों को बनाया,
    फलदार पेड़ और देवदार के वृक्ष उसी ने रचे हैं।
10 परमेश्वर ने सारे बनैले पशु और सब मवेशी रचे हैं।
    रेंगने वाले जीव और पक्षियों को उसने बनाया।
11 परमेश्वर ने राजा और राष्ट्रों की रचना धरती पर की।
    परमेश्वर ने प्रमुखों और न्यायधीशों को बनाया।
12 परमेश्वर ने युवक और युवतियों को बनाया।
    परमेश्वर ने बूढ़ों और बच्चों को रचा है।
13 यहोवा के नाम का गुण गाओ!
    सदा उसके नाम का आदर करो!
हर वस्तु ओर धरती और व्योम,
    उसका गुणगान करो!
14 परमेश्वर अपने भक्तों को दृढ़ करेगा।
    लोग परमेश्वर के भक्तों की प्रशंसा करेंगे।
लोग इस्राएल के गुण गायेंगे, वे लोग है जिनके लिये परमेश्वर युद्ध करता है,
यहोवा की प्रशंसा करो।

प्रकाशित वाक्य 21:1-6

नया यरूशलेम

21 फिर मैंने एक नया स्वर्ग और नयी धरती देखी। क्योंकि पहला स्वर्ग और पहली धरती लुप्त हो चुके थे। और वह सागर भी अब नहीं रहा था। मैंने यरूशलेम की वह पवित्र नगरी भी आकाश से बाहर निकल कर परमेश्वर की ओर से नीचे उतरते देखी। उस नगरी को ऐसे सजाया गया था जैसे मानों किसी दुल्हन को उसके पति के लिए सजाया गया हो।

तभी मैंने आकाश में एक ऊँची ध्वनि सुनी। वह कह रही थी, “देखो अब परमेश्वर का मन्दिर मनुष्यों के बीच है और वह उन्हीं के बीच घर बनाकर रहा करेगा। वे उसकी प्रजा होंगे और स्वयं परमेश्वर उनका परमेश्वर होगा। उनकी आँख से वह हर आँसू पोंछ डालेगा। और वहाँ अब न कभी मृत्यु होगी, न शोक के कारण कोई रोना-धोना और नहीं कोई पीड़ा। क्योंकि ये सब पुरानी बातें अब समाप्त हो चुकी हैं।”

इस पर जो सिंहासन पर बैठा था, वह बोला, “देखो, मैं सब कुछ नया किए दे रहा हूँ।” उसने फिर कहा, “इसे लिख ले क्योंकि ये वचन विश्वास करने योग्य हैं और सत्य हैं।”

वह मुझसे फिर बोला, “सब कुछ पूरा हो चुका है। मैं ही अल्फा हूँ और मैं ही ओमेगा हूँ। मैं ही आदि हूँ और मैं ही अन्त हूँ। जो भी प्यासा है मैं उसे जीवन-जल के स्रोत से सेंत-मेंत में मुक्त भाव से जल पिलाऊँगा।

यूहन्ना 13:31-35

अपनी मृत्यु के विषय में यीशु का वचन

31 उसके चले जाने के बाद यीशु ने कहा, “मनुष्य का पुत्र अब महिमावान हुआ है। और उसके द्वारा परमेश्वर की महिमा हुई है। 32 यदि उसके द्वारा परमेश्वर की महिमा हुई है तो परमेश्वर अपने द्वारा उसे महिमावान करेगा। और वह उसे महिमा शीघ्र ही देगा।”

33 “हे मेरे प्यारे बच्चों, मैं अब थोड़ी ही देर और तुम्हारे साथ हूँ। तुम मुझे ढूँढोगे और जैसा कि मैंने यहूदी नेताओं से कहा था, तुम वहाँ नहीं आ सकते, जहाँ मैं जा रहा हूँ, वैसा ही अब मैं तुमसे कहता हूँ।

34 “मैं तुम्हें एक नयी आज्ञा देता हूँ कि तुम एक दूसरे से प्रेम करो। जैसा मैंने तुमसे प्यार किया है वैसे ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम करो। 35 यदि तुम एक दूसरे से प्रेम रखोगे तभी हर कोई यह जान पायेगा कि तुम मेरे अनुयायी हो।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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