Revised Common Lectionary (Complementary)
धन्यवाद का एक गीत।
1 हे धरती, तुम यहोवा के लिये गाओ।
2 आनन्दित रहो जब तुम यहोवा की सेवा करो।
प्रसन्न गीतों के साथ यहोवा के सामने आओ।
3 तुम जान लो कि वह यहोवा ही परमेश्वर है।
उसने हमें रचा है और हम उसके भक्त हैं।
हम उसकी भेड़ हैं।
4 धन्यवाद के गीत संग लिये यहोवा के नगर में आओ,
गुणगान के गीत संग लिये यहोवा के मन्दिर में आओ।
उसका आदर करो और नाम धन्य करो।
5 यहोवा उत्तम है।
उसका प्रेम सदा सर्वदा है।
हम उस पर सदा सर्वदा के लिये भरोसा कर सकते हैं!
पवित्र काम के उपयोग के लिये भूमि का बँटवारा
45 “तुम इस्राएल के परिवार के लिये भूमि का विभाजन गोट डालकर करोगे। उस समय तुम भूमि का एक भाग अलग करोगे। वह यहोवा के लिये पवित्र हिस्सा होगा। भूमि पच्चीस हजार हाथ लम्बी और बीस हजार हाथ चौड़ी होगी। यह पूरी भूमि पवित्र होगी। 2 एक वर्गाकार पाँच सौ निनानवे हाथ क्षेत्र मन्दिर के लिये होगा। मन्दिर के चारों ओर एक खुला क्षेत्र पचास हाथ चौड़ा होगा। 3 अति पवित्र स्थान में तुम पच्चीस हजार हाथ लम्बा और दस हाजार चौड़ा नापोगे। मन्दिर इस क्षेत्र में होगा। मन्दिर का क्षेत्र सर्वाधिक पवित्र स्थान होगा।
4 “यह भूमि का पवित्र भाग मन्दिर के सेवक याजकों के लिये होगा जहाँ वे परमेश्वर के समीप सेवा करने आते हैं। यह याजकों के घरों और मन्दिर के लिये होगा। 5 दूसरा क्षेत्र पच्चीस हजार हाथ लम्बा और दस हजार हाथ चौड़ा उन लेविवंशियों के लिये होगा जो मन्दिर में सेवा करते हैं। यह भूमि भी लेविवंशियों की, उनके रहने के नगरों के लिये होगी।
6 “तुम नगर को पाँच हजार हाथ चौड़ा और पच्चीस हजार हाथ लम्बा क्षेत्र दोगे। यह पवित्र क्षेत्र के सहारे होगा। यह इस्राएल के पूरे परिवार के लिये होगा। 7 शासक पवित्र स्थान और नगर की अपनी भूमि के दोनों ओर की भूमि अपने पास रखेगा। यह पवित्र क्षेत्र और नगर के क्षेत्र के बीच में होगा। यह उसी चौड़ाई का होगा जो चौड़ाई परिवार समूह की भूमि की है। यह लगातार पश्चिमी सीमा से पूर्वी सीमा तक जाएगा। 8 यह भूमि इस्राएल में शासक की सम्पत्ति होगी। इस प्रकार शासक को मेरे लोगों के जीवन को भविष्य में कष्टकर बनाने की आवश्यकता नहीं होगी। किन्तु वे भूमि को इस्राएलियों के लिये उनके परिवार समूहों को देंगे।”
9 मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा, “इस्राएल के शासकों बहुत हो चुका! क्रूर होना और लोगों से चीजें चुराना, छोड़ो! न्यायी बनो और अच्छे काम करो। हमारे लोगों को अपने घरों से बाहर जाने के लिये बलपूर्वक विवश न करो!” मेरे स्वामी यहोवा ने यह कहा।
पतरस लिद्दा और याफा में
32 फिर उस समूचे क्षेत्र में घूमता फिरता पतरस लिद्दा के संतों से मिलने पहुँचा। 33 वहाँ उसे अनियास नाम का एक व्यक्ति मिला जो आठ साल से बिस्तर में पड़ा था। उसे लकवा मार गया था। 34 पतरस ने उससे कहा, “अनियास, यीशु मसीह तुझे स्वस्थ करता है। खड़ा हो और अपना बिस्तर ठीक कर।” सो वह तुरंत खड़ा हो गया। 35 फिर लिद्दा और शारोन में रहने वाले सभी लोगों ने उसे देखा और वे प्रभु की ओर मुड़ गये।
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