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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 39

संगीत निर्देशक को यदूतून के लिये दाऊद का एक पद।

मैंने कहा, “जब तक ये दुष्ट मेरे सामने रहेंगे,
    तब तक मैं अपने कथन के प्रति सचेत रहूँगा।
मैं अपनी वाणी को पाप से दूर रखूँगा।
    और मैं अपने मुँह को बंद कर लूँगा।”

सो इसलिए मैंने कुछ नहीं कहा।
    मैंने भला भी नहीं कहा!
    किन्तु मैं बहुत परेशान हुआ।
मैं बहुत क्रोधित था।
    इस विषय में मैं जितना सोचता चला गया, उतना ही मेरा क्रोध बढ़ता चला गया।
    सो मैंने अपना मुख तनिक नहीं खोला।

हे यहोवा, मुझको बता कि मेरे साथ क्या कुछ घटित होने वाला है?
    मुझे बता, मैं कब तक जीवित रहूँगा?
    मुझको जानने दे सचमुच मेरा जीवन कितना छोटा है।
हे यहोवा, तूने मुझको बस एक क्षणिक जीवन दिया।
    तेरे लिये मेरा जीवन कुछ भी नहीं है।
हर किसी का जीवन एक बादल सा है। कोई भी सदा नहीं जीता!

वह जीवन जिसको हम लोग जीते हैं, वह झूठी छाया भर होता है।
    जीवन की सारी भाग दौड़ निरर्थक होती है। हम तो बस व्यर्थ ही चिन्ताएँ पालते हैं।
    धन दौलत, वस्तुएँ हम जोड़ते रहते हैं, किन्तु नहीं जानते उन्हें कौन भोगेगा।

सो, मेरे यहोवा, मैं क्या आशा रखूँ?
    तू ही बस मेरी आशा है!
हे यहोवा, जो कुकर्म मैंने किये हैं, उनसे तू ही मुझको बचाएगा।
    तू मेरे संग किसी को भी किसी अविवेकी जन के संग जैसा व्यवहार नहीं करने देगा।
मैं अपना मुँह नहीं खोलूँगा।
    मैं कुछ भी नहीं कहूँगा।
    यहोवा तूने वैसे किया जैसे करना चाहिए था।
10 किन्तुपरमेश्वर, मुझको दण्ड देना छोड़ दे।
    यदि तूने मुझको दण्ड देना नहीं छोड़ा, तो तू मेरा नाश करेगा!
11 हे यहोवा, तू लोगों को उनके कुकर्मो का दण्ड देता है। और इस प्रकार जीवन की खरी राह लोगों को सिखाता है।
    हमारी काया जीर्ण शीर्ण हो जाती है। ऐसे उस कपड़े सी जिसे कीड़ा लगा हो।
    हमारा जीवन एक छोटे बादल जैसे देखते देखते विलीन हो जाती है।

12 हे यहोवा, मेरी विनती सुन!
    मेरे शब्दों को सुन जो मैं तुझसे पुकार कर कहता हूँ।
    मेरे आँसुओं को देख।
मैं बस राहगीर हूँ, तुझको साथ लिये इस जीवन के मार्ग से गुजरता हूँ।
    इस जीवन मार्ग पर मैं अपने पूर्वजों की तरह कुछ समय मात्र टिकता हूँ।
13 हे यहोवा, मुझको अकेला छोड़ दे,
    मरने से पहले मुझे आनन्दित होने दे, थोड़े से समय बाद मैं जा चुका होऊँगा।

गिनती 13:17-27

17 मूसा जब उन्हें कनान की छानबीन के लिए भेज रहा था, तब उसने कहा, “नेवेक घाटी से होकर पहाड़ी प्रदेश में जाओ। 18 यह देखो कि देश कैसा दिखाई देता है और उन लोगों की जानकारी प्राप्त करो जो वहाँ रहते हैं। वे शक्तिशाली हैं या कमजोर हैं? वे थोड़े हैं या अधिक संख्या में हैं? 19 उस प्रदेश के बारे में जानकारी करो जिसमें वे रहते हैं। क्या यह अच्छा प्रदेश है या बुरा? किस प्रकार के नगरों में वे रहते हैं? क्या उन नगरों के परकोटे हैं? क्या नगर शक्तिशाली ढगं से सुरक्षित है? 20 और प्रदेश के बारे में अन्य बातों की जानकारी प्राप्त करो। क्या भूमि उपज के लिए उपजाऊ है या ऊसर है? क्या जमीन पर पेड़ उगे हैं? और उस भूमि से कुछ फल लाने का प्रयत्न करो।” (यह उस समय की बात है जब अंगूर की पहली फसल पकी हो।)

21 तब उन्होंने प्रदेश की छानबीन की। वे जिन मरुभूमि से रहोब और लेबो हमात तक गए। 22 वे नेगेव से होकर तब तक यात्रा करते रहे जब तक वे हेब्रोन नगर को पहुँचे। (हेब्रोन मिस्र में सोअन नगर के बसने के सात वर्ष पहले बना था।) अहीमन, शेशै और तल्मै वहाँ रहते थे। ये लोग अनाक के वंशज थे। 23 तब वे लोग एश्कोल की घाटी में आये उन व्यक्तियो ने अंगूर की बेल की एक शाखा काटी। उस शाखा में अंगूर का एक गुच्छा था। लोगों में से दो व्यक्ति अपने बीच एक डंडे पर उसे रख कर लाए। वे कुछ अनार ओर अंजीर भी लाए। 24 उस स्थान का नाम एश्कोल की घाटी था। क्योंकि यह वही स्थान है जहाँ इस्राएल के आदमियों में ने अंगुर के गुच्छे काटे थे।

25 उन व्यक्तियों ने उस प्रदेश की छानबीन चालीस दिन तक की। तब वे डेरे को लौटे। 26 वे व्यक्ति मूसा, हारून और अन्य इस्राएल के लोगों के पास कादेश में लौटे। यह पारान मरुभूमि में था। तब उन्होंने मूसा, हारून और सभी लोगों को, जो कुछ देखा सब कुछ सुनाया और उन्होंने उन्हें उस प्रदेश के फलों को दिखाया। 27 उन लोगों ने मूसा से यह कहा, “हम लोग उस प्रदेश में गए जहाँ आपने हमें भजा। वह प्रदेश अत्यधिक अच्छा है यहाँ दूध और मधु की नदियाँ बह रही हैं! ये वे कुछ फल हैं जिन्हें हम लोगों ने वहाँ पाया

लूका 13:18-21

स्वर्ग का राज्य कैसा है?

(मत्ती 13:31-33; मरकुस 4:30-32)

18 सो उसने कहा, “परमेश्वर का राज्य कैसा है और मैं उसकी तुलना किससे करूँ? 19 वह सरसों के बीज जैसा है, जिसे किसी ने लेकर अपने बाग़ में बो दिया। वह बड़ा हुआ और एक पेड़ बन गया। फिर आकाश की चिड़ियाओं ने उसकी शाखाओं पर घोंसले बना लिये।”

20 उसने फिर कहा, “परमेश्वर के राज्य की तुलना मैं किससे करूँ? 21 यह उस ख़मीर के समान है जिसे एक स्त्री ने लेकर तीन भाग आटे में मिलाया और वह समूचा आटा ख़मीर युक्त हो गया।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International