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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 63:1-8

दाऊद का उस समय का एक पद जब वह यहूदा की मरूभूमि में था।

हे परमेश्वर, तू मेरा परमेश्वर है।
    वैसे कितना मैं तुझको चाहता हूँ।
जैसे उस प्यासी क्षीण धरती जिस पर जल न हो
    वैसे मेरी देह और मन तेरे लिए प्यासा है।
हाँ, तेरे मन्दिर में मैंने तेरे दर्शन किये।
    तेरी शक्ति और तेरी महिमा देख ली है।
तेरी भक्ति जीवन से बढ़कर उत्तम है।
    मेरे होंठ तेरी बढाई करते हैं।
हाँ, मैं निज जीवन में तेरे गुण गाऊँगा।
    मैं हाथ उपर उठाकर तेरे नाम पर तेरी प्रार्थना करूँगा।
मैं तृप्त होऊँगा मानों मैंने उत्तम पदार्थ खा लिए हों।
    मेरे होंठ तेरे गुण सदैव गायेंगे।
मैं आधी रात में बिस्तर पर लेटा हुआ
    तुझको याद करूँगा।
सचमुच तूने मेरी सहायता की है!
    मैं प्रसन्न हूँ कि तूने मुझको बचाया है!
मेरा मन तुझमें समता है।
    तू मेरा हाथ थामे हुए रहता है।

यशायाह 5:1-7

इस्राएल परमेश्वर का विशेष उपवन

अब मैं अपने मित्र (परमेश्वर) के लिए गीत गाऊँगा। अपने अंगूर के बगीचे (इस्राएल के लोग) के विषय में यह मेरे मित्र का गीत है।

मेरे मित्र का बहुत उपजाऊ पहाड़ी पर
    एक अंगूर का बगीचा है।
मेरे मित्र ने धरती खोदी और कंकड़ पत्थर हटा कर उसे साफ किया
    और वहाँ पर अंगूर की उत्तम बेलें रोप दीं।
फिर खेत के बीच में
    उसने अंगूर के रस निकालने को कुंड बनाये।
मित्र को आशा थी कि वहाँ उत्तम अंगूर होंगे
    किन्तु वहाँ जो अंगूर लगे थे वे बुरे थे।

सो परमेश्वर ने कहा: “हे यरूशलेम के लोगों, और ओ यहूदा के वासियों,
    मेरे और मेरे अंगूर के बाग के बारे में निर्णय करो।
मैं और क्या अपने अंगूर के बाग के लिये कर सकता था
    मैंने वह सब किया जो कुछ भी मैं कर सकता था।
मुझे उत्तम अंगूरों के लगने की आशा थी
    किन्तु वहाँ अंगूर बुरे ही लगे।
    यह ऐसा क्यों हुआ

“अब मैं तुझको बताऊँगा कि अपने अंगूर के बगीचे के लिये मैं क्या कुछ करुँगा:
वह कंटीली झाड़ी जो खेत की रक्षा करती है मैं उखाड़ दूँगा,
    और उन झाड़ियों को आग में जला दूँगा।
पत्थर का परकोटा तोड़ कर गिरा दूँगा।
    बगीचे को रौंद दिया जायेगा।
अंगूर के बगीचे को मैं खाली खेत में बदल दूँगा।
    कोई भी पौधे की रखवाली नहीं करेगा।
    उस खेत में कोई भी व्यक्ति काम नहीं करेगा।
वहाँ केवल काँटे और खरपतवार उगा करेंगे।
    मैं बादलों को आदेश दूँगा कि वे वहाँ न बरसें।”

सर्वशक्तिशाली यहोवा का अँगूर का बगीचा इस्राएल का राष्ट्र है और अंगूर की बेलें जिन्हें यहोवा प्रेम करता है, यहूदा के लोग हैं।

यहोवा ने न्याय की आशा की थी,
    किन्तु वहाँ हत्या बस रही।
यहोवा ने निष्पक्षता की आशा की,
    किन्तु वहाँ बस सहायता माँगने वालों का रोना रहा जिनके साथ बुरा किया गया था।

लूका 6:43-45

दो प्रकार के फल

(मत्ती 7:17-20; 12:34-35)

43 “कोई भी ऐसा उत्तम पेड़ नहीं है जिस पर बुरा फल लगता हो। न ही कोई ऐसा बुरा पेड़ है, जिस पर उत्तम फल लगता हो। 44 हर पेड़ अपने फल से ही जाना जाता है। लोग कँटीली झाड़ी से अंजीर नहीं बटोरते। न ही किसी झड़बेरी से लोग अंगूर उतारते हैं। 45 एक अच्छा मनुष्य उसके मन में अच्छाइयों का जो खजाना है, उसी से अच्छी बातें उपजाता है। और एक बुरा मनुष्य, जो उसके मन में बुराई है, उसी से बुराई पैदा करता है। क्योंकि एक मनुष्य मुँह से वही बोलता है, जो उसके हृदय से उफन कर बाहर आता है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International