Revised Common Lectionary (Complementary)
लामेद्
89 हे यहोवा, तेरे वचन सदा अचल रहते हैं। स्वर्ग में तेरे वचन सदा अटल रहते हैं।
90 सदा सर्वदा के लिये तू ही सच्चा है।
हे यहोवा, तूने धरती रची, और यह अब तक टिकी है।
91 तेरे आदेश से ही अब तक सभी वस्तु स्थिर हैं,
क्योंकि वे सभी वस्तुएँ तेरी दास हैं।
92 यदि तेरी शिक्षाएँ मेरी मित्र जैसी नहीं होती,
तो मेरे संकट मुझे नष्ट कर डालते।
93 हे यहोवा, तेरे आदेशों को मैं कभी नहीं भूलूँगा।
क्योंकि वे ही मुझे जीवित रखते हैं।
94 हे यहोवा, मैं तो तेरा हूँ, मेरी रक्षा कर।
क्यों क्योंकि तेरे आदेशों पर चलने का मैं कठिन जतन करता हूँ।
95 दुष्ट जन मेरे विनाश का यतन किया करते हैं,
किन्तु तेरी वाचा ने मुझे बुद्धिमान बनाया।
96 सब कुछ की सीमा है,
तेरी व्यवस्था की सीमा नहीं।
27 यहोवा का सन्देश यिर्मयाह को मिला। यह तब हुआ जब यहोयाकीम ने यहोवा के उन सभी सन्देशों वाले पत्रक को जला दिया था, जिन्हें यिर्मयाह ने बारुक से कहा था और बारुक ने सन्देशों को पत्रक पर लिखा था। यहोवा का जो सन्देश यिर्मयाह को मिला, वह यह था:
28 “यिर्मयाह, दूसरा पत्रक तैयार करो। इस पर उन सभी सन्देशों को लिखो जो प्रथम पत्रक पर थे। यानि वही पत्रक जिसे यहूदा के राजा यहोयाकीम ने जला दिया था। 29 यिर्मयाह, यहूदा के राजा यहोयाकीम से यह भी कहो, यहोवा जो कहता है, वह यह है: ‘यहोयाकीम तुमने उस पत्रक को जला दिया। तुमने कहा, “यिर्मयाह ने क्यों लिखा कि बाबुल का राजा निश्चय ही आएगा और इस देश को नष्ट करेगा वह क्यों कहता है कि बाबुल का राजा इस देश के लोगों और जानवरों दोनों को नष्ट करेगा” 30 अत: यहूदा के राजा यहोयाकीम के बारे में जो यहोवा कहता है, वह यह है: यहोयाकीम के वंशज दाऊद के राज सिंहासन पर नहीं बैठेंगे। जब यहोयाकीम मरेगा उसे राजा जैसे अन्त्येष्टि नहीं दी जाएगी, अपितु उसका शव भूमि पर फेंक दिया जायेगा। उसका शव दिन की गर्मी में और रात के ठंडे पाले में छोड़ दिया जाएगा। 31 यहोवा अर्थात् मैं यहोयाकीम और उसकी सन्तान को दण्ड दूँगा और मैं उसके अधिकारियों को दण्ड दूँगा। मैं यह करुँगा क्योंकि वे दुष्ट हैं। मैंने उन पर तथा यरूशलेम के सभी निवासियों पर और यहूदा के लोगों पर भयंकर विपत्ति ढाने की प्रतिज्ञा की है। मैं अपनी प्रतिज्ञा के अनुसार उन पर सभी बुरी विपत्तियाँ ढाऊँगा क्योंकि उन्होंने मेरी अनसुनी की है।’”
32 तब यिर्मयाह ने दूसरा पत्रक लिया और उसे नेरिय्याह के पुत्र शास्त्री बारुक को दिया। जैसे यिर्मयाह बोलता जाता था वैसे ही बारुक उन्हीं सन्देशों को पत्रक पर लिखता जाता था जो उस पत्रक पर थे जिसे राजा यहोयाकीम ने आग में जला दिया था और उन्हीं सन्देशों की तरह बहुत सी अन्य बातें दूसरे पत्रक में जोड़ी गई।
रोगी स्त्री का ठीक किया जाना
(मत्ती 8:14-17; मरकुस 1:29-34)
38 तब यीशु आराधनालय को छोड़ कर शमौन के घर चला गया। शमौन की सास को बहुत ताप चढ़ा था। उन्होंने यीशु को उसकी सहायता करने के लिये विनती की। 39 यीशु उसके सिरहाने खड़ा हुआ और उसने ताप को डाँटा। ताप ने उसे छोड़ दिया। वह तत्काल खड़ी हो गयी और उनकी सेवा करने लगी।
यीशु द्वारा बहुतों को चंगा किया जाना
40 जब सूरज ढल रहा था तो जिन के यहाँ विभिन्न प्रकार के रोगों से ग्रस्त रोगी थे, वे सभी उन्हें उसके पास लाये। और उसने अपना हाथ उनमें से हर एक के सिर पर रखते हुए उन्हें चंगा कर दिया। 41 उनमें बहुतों में से दुष्टात्माएँ चिल्लाती हुई यह कहती बाहर निकल आयीं, “तू परमेश्वर का पुत्र है।” किन्तु उसने उन्हें बोलने नहीं दिया, क्योंकि वे जानती थीं, “वह मसीह है।”
यीशु की अन्य नगरों को यात्रा
(मरकुस 1:35-39)
42 जब पौ फटी तो वह वहाँ से किसी एकांत स्थान को चला गया। किन्तु भीड़ उसे खोजते खोजते वहीं जा पहुँची जहाँ वह था। उन्होंने प्रयत्न किया कि वह उन्हें छोड़ कर न जाये। 43 किन्तु उसने उनसे कहा, “परमेश्वर के राज्य का सुसमाचार मुझे दूसरे नगरों में भी पहुँचाना है क्योंकि मुझे इसीलिए भेजा गया है।”
44 और इस प्रकार वह यहूदिया की आराधनालयों में निरन्तर उपदेश करने लगा।
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