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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 119:89-96

लामेद्

89 हे यहोवा, तेरे वचन सदा अचल रहते हैं। स्वर्ग में तेरे वचन सदा अटल रहते हैं।
90 सदा सर्वदा के लिये तू ही सच्चा है।
    हे यहोवा, तूने धरती रची, और यह अब तक टिकी है।
91 तेरे आदेश से ही अब तक सभी वस्तु स्थिर हैं,
    क्योंकि वे सभी वस्तुएँ तेरी दास हैं।
92 यदि तेरी शिक्षाएँ मेरी मित्र जैसी नहीं होती,
    तो मेरे संकट मुझे नष्ट कर डालते।
93 हे यहोवा, तेरे आदेशों को मैं कभी नहीं भूलूँगा।
    क्योंकि वे ही मुझे जीवित रखते हैं।
94 हे यहोवा, मैं तो तेरा हूँ, मेरी रक्षा कर।
    क्यों क्योंकि तेरे आदेशों पर चलने का मैं कठिन जतन करता हूँ।
95 दुष्ट जन मेरे विनाश का यतन किया करते हैं,
    किन्तु तेरी वाचा ने मुझे बुद्धिमान बनाया।
96 सब कुछ की सीमा है,
    तेरी व्यवस्था की सीमा नहीं।

यिर्मयाह 36:1-10

राजा यहोयाकीम यिर्मयाह के पत्रकों को जला देता है

36 यहोवा का सन्देश यिर्मयाह को मिला। यह योशिय्याह के पुत्र यहोयाकीम के यहूदा में राज्यकाल के चौथे वर्ष हुआ। यहोवा का सन्देश यह था: “यिर्मयाह, पत्रक लो और उन सन्देशों को उस पर लिख डालो जिन्हें मैंने तुमसे कहे हैं। मैंने तुमसे इस्राएल और यहूदा के राष्ट्रों एवं सभी राष्ट्रों के बारे में बातें की हैं। जब से योशिय्याह राजा था तब से अब तक मैंने जो सन्देश तुम्हें दिये हैं, उन्हें लिख डालो। संभव है, यहूदा का परिवार यह सुने कि मैं उनके लिये क्या करने की योजना बना रहा हूँ और संभव है वे बुरा काम करना छोड़ दें। यदि वे ऐसा करेंगे तो मैं उन्हें, जो बुरे पाप उन्होंने किये हैं, उसके लिये क्षमा कर दूँगा।”

इसलिये यिर्मयाह ने बारुक नामक एक व्यक्ति को बुलाया। बारुक, नेरिय्याह नामक व्यक्ति का पुत्र था। यिर्मयाह ने उन सन्देशों को कहा जिन्हें यहोवा ने उसे दिया था। जिस समय यिर्मयाह सन्देश दे रहा था उसी समय बारुक उन्हें पत्रक पर लिख रहा था। तब यिर्मयाह ने बारुक से कहा, “मैं यहोवा के मन्दिर में नहीं जा सकता। मुझे वहाँ जाने की आज्ञा नहीं है। इसलिये मैं चाहता हूँ कि तुम यहोवा के मन्दिर में आओ। वहाँ उपवास के दिन जाओ और पत्रक से लोगों को सुनाओ। उन सन्देशों को जिन्हें यहोवा ने तुम्हें दिया और जिनको तुमने पत्रक में लिखा, उन्हें लोगों के सामने पढ़ो। उन सन्देंशों को यहूदा के सभी लोगों के सामने पढ़ो जो अपने रहने के नगरों से यरूशलेम में आएं। शायद वे लोग यहोवा से सहायता की याचना करें। कदाचित् हर एक व्यक्ति बुरा काम करना छोड़ दे। यहोवा ने यह घोषित कर दिया है कि वह उन लोगों पर बहुत क्रोधित है।”

अत: नेरिय्याह के पुत्र बारुक ने वह सब किया जिसे यिर्मयाह नबी ने करने को कहा। बारुक ने उस पत्रक को जोर से पढ़ा जिसमें यहोवा के सन्देश लिखे थे। उसने इसे यहोवा के मन्दिर में पढ़ा।

यहोयाकीम के राज्यकाल के पाँचवें वर्ष के नवें महीने में एक उपवास घोषित हुआ। यह आज्ञा थी कि यरूशलेम में रहने वाले सभी लोग और यहूदा के नगरों से यरूशलेम में आने वाले लोग यहोवा के सामने उपवास रखेंगे। 10 उस समय बारुक ने उस पत्रक को पढ़ा जिसमें यिर्मयाह के कथन थे। उसने पत्रक को यहोवा के मन्दिर में पढ़ा। बारुक ने पत्रक को उन सभी लोगों के सामने पढ़ा जो यहोवा के मन्दिर में थे। बारुक उस समय ऊपरी आँगन में यमरिया के कमरे में था। वह पत्रक को पढ़ रहा था। वह कमरा मन्दिर के नये द्वार के पास स्थित था। यमरिया शापान का पुत्र था। यमरिया मन्दिर में एक शास्त्री था।

1 कुरिन्थियों 14:1-12

आध्यात्मिक वरदानों को कलीसिया की सेवा में लगाओ

14 प्रेम के मार्ग पर प्रयत्नशील रहो। और आध्यत्मिक वरदानों की निष्ठा के साथ अभिलाषा करो। विशेष रूप से परमेश्वर की ओर से बोलने की। क्योंकि जिसे दूसरे की भाषा में बोलने का वरदान मिला है, वह तो वास्तव में लोगों से नहीं बल्कि परमेश्वर से बातें कर रहा है। क्योंकि उसे कोई समझ नहीं पाता, वह तो आत्मा की शक्ति से रहस्यमय वाणी बोल रहा है। किन्तु वह जिसे परमेश्वर की ओर से बोलने का वरदान प्राप्त है, वह लोगों से उन्हें आत्मा में दृढ़ता, प्रोत्साहन और चैन पहुँचाने के लिए बोल रहा है। जिसे विभिन्न भाषाओं में बोलने का वरदान प्राप्त है वह तो बस अपनी आत्मा को ही सुदृढ़ करता है किन्तु जिसे परमेश्वर की ओर से बोलने का सामर्थ्य मिला है वह समूची कलीसिया को आध्यात्मिक रूप से सुदृढ़ बनाता है। अब मैं चाहता हूँ कि तुम सभी दूसरी अनेक भाषाएँ बोलो किन्तु इससे भी अधिक मैं यह चाहता हूँ कि तुम परमेश्वर की ओर से बोल सको क्योंकि कलीसिया की आध्यत्मिक सुदृढ़ता के लिये अपने कहे की व्याख्या करने वाले को छोड़ कर, दूसरी भाषाएँ बोलने वाले से परमेश्वर की ओर से बोलने वाला बड़ा है।

हे भाईयों, यदि दूसरी भाषाओं में बोलते हुए मैं तुम्हारे पास आऊँ तो इससे तुम्हारा क्या भला होगा, जब तक कि तुम्हारे लिये मैं कोई रहस्य उद्घाटन, दिव्यज्ञान, परमेश्वर का सन्देश या कोई उपदेश न दूँ। यह बोलना तो ऐसे ही होगा जैसे किसी बाँसुरी या सारंगी जैसे निर्जीव वाद्य की ध्वनि। यदि किसी वाद्य के स्वरों में परस्पर स्पष्ट अन्तर नहीं होता तो कोई कैसे पता लगा पायेगा कि बाँसुरी या सारंगी पर कौन सी धुन बजायी जा रही है। और यदि बिगुल से अस्पष्ट ध्वनि निकलने लगे तो फिर युद्ध के लिये तैयार कौन होगा?

इसी प्रकार किसी दूसरे की भाषा में जब तक कि तुम साफ-साफ न बोलो, तब तक कोई कैसे समझ पायेगा कि तुमने क्या कहा है। क्योंकि ऐसे में तुम तो बस हवा में बोलने वाले ही रह जाओगे। 10 इसमें कोई सन्देह नहीं हैं कि संसार में भाँति-भाँति की बोलियाँ है और उनमें से कोई भी निरर्थक नहीं है। 11 सो जब तक मैं उस भाषा का जानकार नहीं हूँ, तब तक बोलने वाले के लिये मैं एक अजनबी ही रहूँगा। और वह बोलने वाला मेरे लिये भी अजनबी ही ठहरेगा। 12 तुम पर भी यही बात लागू होती है क्योंकि तुम आध्यत्मिक वरदानों को पाने के लिये उत्सुक हो। इसलिए उनमें भरपूर होने का प्रयत्न करो, जिससे कलीसिया को आध्यात्मिक सुदृढ़ता प्राप्त हो।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International