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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
यशायाह 12:2-6

परमेश्वर मेरी रक्षा करता है।
    मुझे उसका भरोसा है।
मुझे कोई भय नहीं है।
    वह मेरी रक्षा करता है।
यहोवा याह मेरी शक्ति है।
    वह मुझको बचाता है, और मैं उसका स्तुति गीत गाता हूँ।

तू अपना जल मुक्ति के झरने से ग्रहण कर।
    तभी तू प्रसन्न होगा।
फिर तू कहेगा, “यहोवा की स्तुति करो!
उसके नाम की तुम उपासना किया करो!
    उसने जो कार्य किये हैं उसका लोगों से बखान करो।
    तुम उनको बताओ कि वह कितना महान है!”
तुम यहोवा के स्तुति गीत गाओ!
    क्यों क्योंकि उसने महान कार्य किये हैं!
इस शुभ समाचार को जो परमेशवर का है,
सारी दुनियाँ में फैलाओ ताकि सभी लोग ये बातें जान जायें।
हे सिय्योन के लोगों, इन सब बातों का तुम उद्घोष करो!
    वह इस्राएल का पवित्र (शक्तिशाली) ढंग से तुम्हारे साथ है।
    इसलिए तुम प्रसन्न हो जाओ!

आमोस 8:4-12

इस्राएल के व्यापारी केवल धन बनाने में लगे रहना चाहते हैं

मेरी सुनो! लोगों तुम असहायों को कुचलते हो।
    तुम इस देश के गरीबों को नष्ट करना चाहते हो।
व्यापारियों, तुम कहते हो,
    “नवचन्द्र कब बीतेगा, जिससे हम अन्न बेच सकेंगे
सब्त कब बीतेगा,
    जिससे हम अपना गेहूँ बेचने को ला सकेंगे
हम कीमतें बढ़ा सकेंगे,
    बाटों को हलका कर सकेंगे,
और हम तराजुओं को ऐसा व्यवस्थित कर लेंगे
    कि लोगों को ठग सकें।
गरीब अपना ऋण वापस नहीं कर सकते अत:
    हम उन्हें दास के रूप में खरीदेंगे।
हम उऩ गरीबों को
    एक जोड़ी जूतों की कीमत में खरीदेंगे।
अहो! हम उस खराब गेहूँ को भी बेच सकते हैं,
    जो फर्श पर बिखर गया हो।”

यहोवा ने प्रतिज्ञा की। उसने “याकूब गर्व” नामक अपने नाम का उपयोग किया और यह प्रतिज्ञा की:

“मैं उन लोगों के किये कामों के लिये उन्हें क्षमा नहीं कर सकता।
उन कामों के कारण पूरा देश काँप जाएगा।
    इस देश का हर एक निवासी मृतकों के लिये रोयेगा।
पूरा देश मिस्र में नील नदी की तरह उमड़ेगा और नीचे गिरेगा।
    पूरा देश चारों ओर उछाल दिया जायेगा।”

यहोवा ने ये बाते भी कहीं:
    “उस समय, मैं सूरज दोपहर में ही अस्त करूँगा।
    मैं प्रकाश भरे दिन में पृथ्वी को अन्धकारपूर्ण करूँगा।
10 मैं तुम्हारे पवित्र दिनों को मृतकों के लिये शोक—दिवस में बदलूँगा।
    तुम्हारे सभी गीत मृतकों के लिये शोक गीत बनेंगे।
मैं हर एक को शोक वस्त्र पहनाऊँगा।
    मैं हर एक सिर को मुँड़वा दूँगा।
मैं ऐसा गहरा शोक भरा रोना बनाऊँगा
    मानो वह एक मात्र पुत्र के शोक का हो।
यह एक अत्यन्त कटु अन्त होगा।”

परमेश्वर के संसार के लिए भयंकर भुखमरी पूर्ण भविष्य

11 यहोवा कहता है:

“देखो, वे दिन समीप आ रहा है,
    जब मैं देश में भुखमरी लाऊँगा,
लोग रोटी के भूखे
    और पानी के प्यासे नहीं होंगे,
    बल्कि लोग यहोवा के वचन के भूखे होंगे।
12 लोग एक सागर से दूसरे सागर तक भटकेंगे।
    वे उत्तर से दक्षिण तक भटकेंगे।
वे लोग यहोवा के सन्देश के लिये आगे बढ़ेंगे, पीछे हटेंगे,
    किन्तु वे उसे पाएंगे नहीं।

2 कुरिन्थियों 9

साथियों की मदद करो

अब संतों की सेवा के विषय में, तुम्हें इस प्रकार लिखते चले जाना मेरे लिये आवश्यक नहीं है। क्योंकि सहायता के लिये तुम्हारी तत्परता को मैं जानता हूँ और उसके लिये मकिदुनिया निवासियों के सामने यह कहते हुए मुझे गर्व है कि अखाया के लोग तो, पिछले साल से ही तैयार हैं और तुम्हारे उत्साह ने उन में से अधिकतर को कार्य के लिये प्रेरणा दी है। किन्तु मैं भाइयों को तुम्हारे पास इसलिए भेज रहा हूँ कि तुम को लेकर हम जो गर्व करते हैं, वह इस बारे में व्यर्थ सिद्ध न हो। और इसलिए भी कि तुम तैयार रहो, जैसा कि मैं कहता आया हूँ। नहीं तो जब कोई मकिदुनिया वासी मेरे साथ तुम्हारे पास आयेगा और तुम्हें तैयार नहीं पायेगा तो हम उस विश्वास के कारण जिसे हमने तुम्हारे प्रति दर्शाया है, लज्जित होंगे। और तुम तो और भी अधिक लज्जित होगे। इसलिए मैंने भाईयों से यह कहना आवश्यक समझा कि वे हमसे पहले ही तुम्हारे पास जायें और जिन उपहारों को देने का तुम पहले ही वचन दे चुके हो उन्हें पहले ही से उदारतापूर्वक तैयार रखें। इसलिए यह दान स्वेच्छापूर्वक तैयार रखा जाये न कि दबाव के साथ तुमसे छीनी गयी किसी वस्तु के रूप में।

इसे याद रखो: जो थोड़ा बोता है, वह थोड़ा ही काटेगा और जिस कि बुआई अधिक है, वह अधिक ही काटेगा। हर कोई बिना किसी कष्ट के या बिना किसी दबाव के, उतना ही दे जितना उसने मन में सोचा है। क्योंकि परमेश्वर प्रसन्न-दाता से ही प्रेम करता है। और परमेश्वर तुम पर हर प्रकार के उत्तम वरदानों की वर्षा कर सकता है जिससे तुम अपनी आवश्यकता की सभी वस्तुओं में सदा प्रसन्न हो सकते हो और सभी अच्छे कार्यों के लिये फिर तुम्हारे पास आवश्यकता से भी अधिक रहेगा। जैसा कि शास्त्र में लिखा है:

“वह मुक्त भाव से दीन जनों को देता है,
    और उसकी चिरउदारता सदा-सदा को बनी रहती है।”(A)

10 वह परमेश्वर ही बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन सुलभ कराता है। वहाँ तुम्हें बीज देगा और उसकी बढ़वार करेगा, उसी से तुम्हारे धर्म की खेती फूलेगी फलेगी। 11 तुम हर प्रकार से सम्पन्न बनाये जाओगे ताकि तुम हर अवसर पर उदार बन सको। तुम्हारी उदारता परमेश्वर के प्रति लोगों के धन्यवाद को पैदा करेगी।

12 दान की इस पवित्र सेवा से न केवल पवित्र लोगों की आवश्यकताएँ पूरी होती हैं बल्कि परमेश्वर के प्रति अत्यधिक धन्यवाद का भाव भी उपजता है। 13 क्योंकि तुम्हारी इस सेवा से जो प्रमाण प्रकट होता है, उससे संत जन परमेश्वर की स्तुति करेंगे। क्योंकि यीशु मसीह के सुसमाचार में तुम्हारे विश्वास की घोषणा से उत्पन्न हुई तुम्हारी आज्ञाकारिता के कारण और अपनी उदारता के कारण उनके लिये तथा दूसरे सभी लोगों के लिये तुम दान देते हो। 14 और वे भी तुम्हारे लिए प्रार्थना करते हुए तुमसे मिलने की तीव्र इच्छा करेंगे। तुम पर परमेश्वर के असीम अनुग्रह के कारण 15 उस वरदान के लिये जिसका बखान नहीं किया जा सकता, परमेश्वर का धन्यवाद है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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