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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
दानिय्येल 12:1-3

12 “दर्शन वाले व्यक्ति ने कहा, ‘हे दानिय्येल, उस समय मीकाएल नाम का वह प्रधान स्वर्गदूत उठ खड़ा होगा। मीकाएल तुम्हारे यहूदी लोगों का संरक्षक है। फिर एक विपत्तिपूर्ण समय आयेगा। वह समय इतना भयानक होगा, जितना भयानक इस धरती पर, जब से कोई जाति अस्तित्व में आयी है, कभी नहीं आया होगा। किन्तु हे दानिय्येल, उस समय तेरे लोगों में से हर वह व्यक्ति जिसका नाम, जीवन की पुस्तक में लिखा मिलेगा, बच जायेगा। धरती के वे असंख्य लोग जो मर चुके हैं और जिन्हें दफ़नाया जा चुका है, उठ खड़े होंगे और उनमें से कुछ अन्नत जीवन जीने के लिए उठ जायेंगे। किन्तु कुछ इसलिये जागेंगे कि उन्हें कभी नहीं समाप्त होने वाली लज्जा और घृणा प्राप्त होगी। आकाश की भव्यता के समान बुद्धिमान पुरूष चमक उठेंगे। ऐसे बुद्धिमान पुरूष जिन्होंने दूसरों को अच्छे जीवन की राह दिखाई थी, अनन्त काल के लिये तारों के समान चमकने लगेंगे।’

भजन संहिता 16

दाऊद का एक गीत।

हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर, क्योंकि मैं तुझ पर निर्भर हूँ।
मेरा यहोवा से निवेदन है, “यहोवा,
    तू मेरा स्वामी है।
    मेरे पास जो कुछ उत्तम है वह सब तुझसे ही है।”
यहोवा अपने लोगों की धरती
    पर अद्भुत काम करता है।
    यहोवा यह दिखाता है कि वह सचमुच उनसे प्रेम करता है।

किन्तु जो अन्य देवताओं के पीछे उन की पूजा के लिये भागते हैं, वे दु:ख उठायेंगे।
    उन मूर्तियों को जो रक्त अर्पित किया गया, उनकी उन बलियों में मैं भाग नहीं लूँगा।
    मैं उन मूर्तियों का नाम तक न लूँगा।
नहीं, बस मेरा भाग यहोवा में है।
    बस यहोवा से ही मेरा अंश और मेरा पात्र आता है।
    हे यहोवा, मुझे सहारा दे और मेरा भाग दे।
मेरा भाग अति अद्भुत है।
    मेरा क्षय अति सुन्दर है।
मैं यहोवा के गुण गात हूँ क्योंकि उसने मुझे ज्ञान दिया।
    मेरे अन्तर्मन से रात में शिक्षाएं निकल कर आती हैं।

मैं यहोवा को सदैव अपने सम्मुख रखता हूँ,
    और मैं उसका दक्षिण पक्ष कभी नहीं छोडूँगा।
इसी से मेरा मन और मेरी आत्मा अति आनन्दित होगी
    और मेरी देह तक सुरक्षित रहेगी।
10 क्योंकि, यहोवा, तू मेरा प्राण कभी भी मृत्यु के लोक में न तजेगा।
    तू कभी भी अपने भक्त लोगों का क्षय होता नहीं देखेगा।
11 तू मुझे जीवन की नेक राह दिखायेगा।
    हे यहोवा, तेरा साथ भर मुझे पूर्ण प्रसन्नता देगा।
    तेरे दाहिने ओर होना सदा सर्वदा को आन्नद देगा।

इब्रानियों 10:11-14

11 हर याजक एक दिन के बाद दूसरे दिन खड़ा होकर अपने धार्मिक कर्त्तव्यों को पूरा करता है। वह पुनः-पुनः एक जैसी ही बलियाँ चढ़ाता है जो पापों को कभी दूर नहीं कर सकतीं। 12 किन्तु याजक के रूप में मसीह तो पापों के लिए, सदा के लिए एक ही बलि चढ़ाकर परमेश्वर के दाहिने हाथ जा बैठा, 13 और उसी समय से उसे अपने विरोधियों को उसके चरण की चौकी बना दिए जाने की प्रतीक्षा है। 14 क्योंकि उसने एक ही बलिदान के द्वारा, जो पवित्र किए जा रहे हैं, उन्हें सदा-सर्वदा के लिए सम्पूर्ण सिद्ध कर दिया।

इब्रानियों 10:15-18

15 इसके लिए पवित्र आत्मा भी हमें साक्षी देता है। पहले वह बताता है:

16 “यह वह वाचा है जिसे मैं उनसे करूँगा। और फिर उसके बाद प्रभु घोषित करता है।
अपनी व्यवस्था उनके हृदयों में बसाऊँगा।
    मैं उनके मनों पर उनको लिख दूँगा।”(A)

17 वह यह भी कहता है:

“उनके पापों और उनके दुष्कर्मों को
    और अब मैं कभी याद नहीं रखूँगा।”(B)

18 और फिर जब पाप क्षमा कर दिए गए तो पापों के लिए किसी बलि की कोई आवश्यकता रह ही नहीं जाती।

इब्रानियों 10:19-25

परमेश्वर के निकट आओ

19 इसलिए भाईयों, क्योंकि यीशु के लहू के द्वारा हमें उस परम पवित्र स्थान में प्रवेश करने का निडर भरोसा है, 20 जिसे उसने परदे के द्वारा, अर्थात् जो उसका शरीर ही है, एक नए और सजीव मार्ग के माध्यम से हमारे लिए खोल दिया है। 21 और क्योंकि हमारे पास एक ऐसा महान याजक है जो परमेश्वर के घराने का अधिकारी है। 22 तो फिर आओ, हम सच्चे हृदय, निश्चयपूर्ण विश्वास अपनी अपराधपूर्ण चेतना से हमें शुद्ध करने के लिए किए गए छिड़काव से युक्त अपने हृदयों को लेकर शुद्ध जल से धोए हुए अपने शरीरों के साथ परमेश्वर के निकट पहुँचते हैं। 23 तो आओ जिस आशा को हमने अंगीकार किया है, हम अडिग भाव से उस पर डटे रहें क्योंकि जिसने हमें वचन दिया है, वह विश्वासपूर्ण है।

मज़बूत रहने के लिए एक दूसरे की सहायता करो

24 तथा आओ, हम ध्यान रखें कि हम प्रेम और अच्छे कर्मों के प्रति एक दूसरे को कैसे बढ़ावा दे सकते हैं। 25 हमारी सभाओं में आना मत छोड़ो। जैसे कि कुछों को तो वहाँ नहीं आने की आदत ही पड़ गयी है। बल्कि हमें तो एक दूसरे को उत्साहित करना चाहिए। और जैसा कि तुम देख ही रहे हो-कि वह दिन[a] निकट आ रहा है। सो तुम्हें तो यह और अधिक करना चाहिए।

मरकुस 13:1-8

यीशु द्वारा विनाश की भविष्यवाणी

(मत्ती 24:1-44; लूका 21:5-33)

13 जब वह मन्दिर से जा रहा था, उसके एक शिष्य ने उससे कहा, “गुरु, देख! ये पत्थर और भवन कितने अनोखे हैं।”

इस पर यीशु ने उनसे कहा, “तू इन विशाल भवनों को देख रहा है? यहाँ एक पत्थर पर दूसरा पत्थर टिका नहीं रहेगा। एक-एक पत्थर ढहा दिया जायेगा।”

जब वह जैतून के पहाड़ पर मन्दिर के सामने बैठा था तो उससे पतरस, याकूब यूहन्न और अन्द्रियास ने अकेले में पूछा, “हमें बता, यह सब कुछ कब घटेगा? जब ये सब कुछ पूरा होने को होगा तो उस समय कैसे संकेत होंगे?”

इस पर यीशु कहने लगा, “सावधान! कोई तुम्हें छलने न पाये। मेरे नाम से बहुत से लोग आयेंगे और दावा करेंगे ‘मैं वही हूँ।’ वे बहुतों को छलेंगे। जब तुम युद्धों या युद्धों की अफवाहों के बारे में सुनो तो घबराना मत। ऐसा तो होगा ही किन्तु अभी अंत नहीं है। एक जाति दूसरी जाति के विरोध में और एक राज्य दूसरे राज्य के विरोध में खड़े होंगे। बहुत से स्थानों पर भूचाल आयेंगे और अकाल पड़ेंगे। वे पीड़ाओं का आरम्भ ही होगा।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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