Revised Common Lectionary (Complementary)
तार वाले वाद्यों पर संगीत निर्देशक के लिये दाऊद का समय का एक भक्ति गीत जब जीपियों में जाकर शाऊल से कहा था, हम सोचते हैं दाऊद हमारे लोगों के बीच छिपा है।
1 हे परमेश्वर, तू अपनी निज शक्ति को प्रयोग कर के काम में ले
और मुझे मुक्त करने को बचा ले।
2 हे परमेश्वर, मेरी प्रार्थना सुन।
मैं जो कहता हूँ सुन।
3 अजनबी लोग मेरे विरूद्ध उठ खड़े हुए और बलशाली लोग मुझे मारने का जतन कर रहे हैं।
हे परमेश्वर, ऐसे ये लोग तेरे विषय में सोचते भी नहीं।
4 देखो, मेरा परमेश्वर मेरी सहायता करेगा।
मेरा स्वामी मुझको सहारा देगा।
5 मेरा परमेश्वर उन लोगों को दण्ड देगा, जो मेरे विरूद्ध उठ खड़े हुए हैं।
परमेश्वर मेरे प्रति सच्चा सिद्ध होगा, और वह उन लोगों को नष्ट कर देगा।
6 हे परमेश्वर मैं स्वेच्छा से तुझे बलियाँ अर्पित करुँगा।
हे परमेश्वर, मैं तेरे नेक भजन की प्रशंसा करुँगा।
7 किन्तु, मैं तुझसे विनय करता हूँ, कि मुझको तू मेरे दू:खों से बचा ले।
तू मुझको मेरे शत्रुओं को हारा हुआ दिखा दे।
5 तब अश्शूर के राजा ने इस्राएल के विभिन्न प्रदेशों पर आक्रमण किया। वह शोमरोन पहुँचा। वह शोमरोन के विरुद्ध तीन वर्ष तक लड़ा। 6 अश्शूर के राजा ने, इस्राएल पर होशे के राज्यकाल के नवें वर्ष में, शोमरोन पर अधिकार जमाया। अश्शूर का राजा इस्राएलियों को बन्दी के रूप में अश्शूर को ले गया। उसने उन्हें हलह, हबोर नदी के तट पर गोजान और मदियों के नगरों में बसाया।
7 ये घटनायें घटीं क्योंकि इस्राएलियों ने अपने परमेश्वर यहोवा के विरुद्ध पाप किये थे। यहोवा इस्राएलियों को मिस्र से बाहर लाया। यहोवा ने उन्हें राजा फ़िरौन के चंगुल से बाहर निकाला। किन्तु इस्राएलियों ने अन्य देवताओं को पूजना आरम्भ किया था। 8 इस्राएली वही सब करने लगे थे जो दूसरे राष्ट्र करते थे। यहोवा ने उन लोगों को अपना देश छोड़ने को विवश किया था जब इस्राएली आए थे। इस्राएलियों ने भी राजाओं से शासित होना पसन्द किया, परमेश्वर से शासित होना नहीं। 9 इस्राएलियों ने गुप्त रूप से अपने यहोवा परमेश्वर के विरुद्ध काम किया। जिसे उन्हें नहीं करना चाहिये था।
इस्राएलियों ने अपने सबसे छोटे नगर से लेकर सबसे बड़े नगर तक, अपने सभी नगरों में उच्च स्थान बनाये। 10 इस्राएलियों ने प्रत्येक ऊँची पहाड़ी पर हरे पेड़ के नीचे स्मृति पत्थर तथा अशेरा स्तम्भ लगाये। 11 इस्राएलियों ने पूजा के उन सभी स्थानों पर सुगन्धि जलाई। उन्होंने ये सभी कार्य उन राष्ट्रों की तरह किया जिन्हें यहोवा ने उनके सामने देश छोड़ने को विवश किया था। इस्राएलियों ने वे काम किये जिन्होंने यहोवा को क्रोधित किया। 12 उन्होंने देवमूर्तियों की सेवा की, और यहोवा ने इस्राएलियों से कहा था, “तुम्हें यह नहीं करना चाहिये।” 13 यहोवा ने हर एक नबी और हर एक दृष्टा का उपयोग इस्राएल और यहूदा को चेतावनी देने के लिये किया। यहोवा ने कहा, “तुम बुरे कामों से दूर हटो! मेरे आदेशों और नियमों का पालन करो। उन सभी नियमों का पालन करो जिन्हें मैंने तुम्हारे पूर्वजों को दिये हैं। मैंने अपने सेवक नबियों का उपयोग यह नियम तुम्हें देने के लिये किया।”
14 लेकिन लोगों ने एक न सुनी। वे अपने पूर्वजों की तरह बड़े हठी रहे। उनके पूर्वज यहोवा, अपने परमेश्वर में विश्वास नहीं रखते थे। 15 लोगों ने, अपने पूर्वजों द्वारा यहोवा के साथ की गई वाचा और यहोवा के नियमों को मानने से इन्कार किया। उन्होंने यहोवा की चेतावनियों को सुनने से इन्कार किया। उन्होंने निकम्मे देवमूर्तियों का अनुसरण किया और स्वयं निकम्में बन गये। उन्होंने अपने चारों ओर के राष्ट्रों का अनुसरण किया। ये राष्ट्र वह करते थे जिसे न करने की चेतावनी इस्राएल के लोगों को यहोवा ने दी थी।
16 लोगों ने यहोवा, अपने परमेश्वर के आदेशों का पालन करना बन्द कर दिया। उन्होंने बछड़ों की दो सोने की मूर्तियाँ बनाईं। उन्होंने अशेरा स्तम्भ बनाये। उन्होंने आकाश के सभी नक्षत्रों की पूजा की और बाल की सेवा की। 17 उन्होंने अपने पुत्र—पुत्रीयों की बलि आग में दी। उन्होंने जादू और प्रेत विद्या का उपयोग भविष्य को जानने के लिये किया। उन्होंने वह करने के लिये अपने को बेचा, जिसे यहोवा ने बताया था कि वह उसे क्रोधित करने वाली बुराई है। 18 इसलिये यहोवा इस्राएल पर बहुत क्रोधित हुआ और उन्हें अपनी निगाह से दूर ले गया। यहूदा के परिवार समूह के अतिरिक्त कोई इस्राएली बचा न रहा!
29 “अरे कपटी यहूदी धर्मशास्त्रियों! और फरीसियों! तुम नबियों के लिये स्मारक बनाते हो और धर्मात्माओं की कब्रों को सजाते हो। 30 और कहते हो कि ‘यदि तुम अपने पूर्वजों के समय में होते तो नबियों को मारने में उनका हाथ नहीं बटाते।’ 31 मतलब यह कि तुम मानते हो कि तुम उनकी संतान हो जो नबियों के हत्यारे थे। 32 सो जो तुम्हारे पुरखों ने शुरु किया, उसे पूरा करो।
33 “अरे साँपों और नागों की संतानों! तुम कैसे सोचते हो कि तुम नरक भोगने से बच जाओगे। 34 इसलिये मैं तुम्हें बताता हूँ कि मैं तुम्हारे पास नबियों, बुद्धिमानों और गुरुओं को भेज रहा हूँ। तुम उनमें से बहुतों को मार डालोगे और बहुतों को क्रूस पर चढ़ाओगे। कुछ एक को तुम अपनी आराधनालयों में कोड़े लगवाओगे और एक नगर से दूसरे नगर उनका पीछा करते फिरोगे।
35 “परिणामस्वरूप निर्दोष हाबील से लेकर बिरिक्याह के बेटे जकरयाह तक जिसे तुमने मन्दिर के गर्भ गृह और वेदी के बीच मार डाला था, हर निरपराध व्यक्ति की हत्या का दण्ड तुम पर होगा। 36 मैं तुम्हें सत्य कहता हूँ इस सब कुछ के लिये इस पीढ़ी के लोगों को दंड भोगना होगा।”
यरूशलेम के लोगों पर यीशु को खेद
(लूका 13:34-35)
37 “ओ यरूशलेम, यरूशलेम! तू वह है जो नबियों की हत्या करता है और परमेश्वर के भेजे दूतों को पत्थर मारता है। मैंने कितनी बार चाहा है कि जैसे कोई मुर्गी अपने चूज़ों को अपने पंखों के नीचे इकट्ठा कर लेती है वैसे ही मैं तेरे बच्चों को एकत्र कर लूँ। किन्तु तुम लोगों ने नहीं चाहा। 38 अब तेरा मन्दिर पूरी तरह उजड़ जायेगा। 39 सचमुच मैं तुम्हें बताता हूँ तुम मुझे तब तक फिर नहीं देखोगे जब तक तुम यह नहीं कहोगे: ‘धन्य है वह जो प्रभु के नाम पर आ रहा है!’(A)”
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