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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
यशायाह 50:4-9

परमेश्वर का सेवक परमेश्वर के भरोसे

मेरे स्वामी यहोवा ने मुझे शिक्षा देने की योग्यता दी है। इसी से अब इन दु:खी लोगों को मैं सशक्त बना रहा हूँ। हर सुबह वह मुझे जगाता है और एक शिष्य के रूप में शिक्षा देता है। मेरा स्वामी यहोवा सीखने में मेरा सहायक है और मैं उसका विरोधी नहीं बना हूँ। मैं उसके पीछे चलना नहीं छोड़ूँगा। उन लोगों को मैं अपनी पिटाई करने दूँगा। मैं उन्हें अपनी दाढ़ी के बाल नोचने दूँगा। वे लोग जब मेरे प्रति अपशब्द कहेंगे और मुझ पर थूकेंगे तो मैं अपना मुँह नहीं मोड़ूँगा। मेरा स्वामी, यहोवा मेरी सहायता करेगा। इसलिये उनके अपशब्द मुझे दु:ख नहीं पहुँचायेंगे। मैं सुदृढ़ रहूँगा। मैं जानता हूँ कि मुझे निराश नहीं होना पड़ेगा।

यहोवा मेरे साथ है। वह दर्शाता है कि मैं निर्दोष हूँ। इसलिये कोई भी व्यक्ति मुझे अपराधी नहीं दिखा पायेगा। यदि कोई व्यक्ति मुझे अपराधी प्रमाणित करने का जतन करना चाहता है तो वह व्यक्ति मेरे पास आये। हम इसके लिये साथ साथ मुकद्दमा लड़ेंगे। किन्तु देख, मेरा स्वामी यहोवा मेरी सहायता करता है, सो कोई भी व्यक्ति मुझे दोषी नहीं दिखा सकता। वे सभी लोग मूल्यहीन पुराने कपड़ों जैसे हो जायेंगे। कीड़े उन्हें चट कर जायेंगे।

भजन संहिता 116:1-9

जब यहोवा मेरी प्रार्थनाएँ सुनता है
    यह मुझे भाता है।
जब मै सहायता पाने उसको पुकारता हूँ वह मेरी सुनता है:
    यह मुझे भाता है।
मैं लगभग मर चुका था।
    मेरे चारों तरफ मौत के रस्से बंध चुके थे। कब्र मुझको निगल रही थी।
    मैं भयभीत था और मैं चिंतित था।
तब मैंने यहोवा के नाम को पुकारा,
    मैंने कहा, “यहोवा, मुझको बचा ले।”
यहोवा खरा है और दयापूर्ण है।
    परमेश्वर करूणापूर्ण है।
यहोवा असहाय लोगों की सुध लेता है।
    मैं असहाय था और यहोवा ने मुझे बचाया।
हे मेरे प्राण, शांत रह।
    यहोवा तेरी सुधि रखता है।
हे परमेश्वर, तूने मेरे प्राण मृत्यु से बचाये।
    मेरे आँसुओं को तूने रोका और गिरने से मुझको तूने थाम लिया।
जीवितों की धरती में मैं यहोवा की सेवा करता रहूँगा।

याकूब 3:1-12

वाणी का संयम

हे मेरे भाईयों, तुममें से बहुत से को उपदेशक बनने की इच्छा नहीं करनी चाहिए। तुम जानते ही हो कि हम उपदेशकों का और अधिक कड़ाई के साथ न्याय किया जाएगा।

मैं तुम्हें ऐसे इसलिए चेता रहा हूँ कि हम सबसे बहुत सी भूल होती ही रहती हैं। यदि कोई बोलने में कोई भी चूक न करे तो वह एक सिद्ध व्यक्ति है तो फिर ऐसा कौन है जो उस पर पूरी तरह काबू पा सकता है? हम घोड़ों के मुँह में इसलिए लगाम लगाते हैं कि वे हमारे बस में रहें और इस प्रकार उनके समूचे देह को हम वश में कर सकते हैं। अथवा जलयानो का उदाहरण भी लिया जा सकता है। देखो, चाहे वे कितने ही बड़े होते हैं और शक्तिशाली हवाओं द्वारा चलाए जाते हैं, किन्तु एक छोटी सी पतवार से उनका नाविक उन्हें जहाँ कहीं ले जाना चाहता है, उन पर काबू पाकर उन्हें ले जाता है। इसी प्रकार जीभ, जो देह का एक छोटा सा अंग है, बड़ी-बड़ी बातें कर डालने की डींगे मारती है।

अब तनिक सोचो एक जरा सी लपट समूचे जंगल को जला सकती है। हाँ, जीभ एक लपट है। यह बुराई का एक पूरा संसार है। यह जीभ हमारे देह के अंगों में एक ऐसा अंग है, जो समूचे देह को भ्रष्ट कर डालता है और हमारे समूचे जीवन चक्र में ही आग लगा देता है। यह जीभ नरक की आग से धधकती रहती है।

देखो, हर प्रकार के हिंसक पशु, पक्षी, रेंगने वाले जीव जंतु, पानी में रहने वाले प्राणी मनुष्य द्वारा वश में किए जा सकते हैं और किए भी गए हैं। किन्तु जीभ को कोई मनुष्य वश में नहीं कर सकता। यह घातक विष से भरी एक ऐसी बुराई है जो कभी चैन से नहीं रहती। हम इसी से अपने प्रभु और परमेश्वर की स्तुति करते हैं और इसी से लोगों को जो परमेश्वर की समरूपता में उत्पन्न किए गए हैं, कोसते भी हैं। 10 एक ही मुँह से आशीर्वाद और अभिशाप दोनों निकलते हैं। मेरे भाईयों, ऐसा तो नहीं होना चाहिए। 11 सोते के एक ही मुहाने से भला क्या मीठा और खारा दोनों तरह का जल निकल सकता है? 12 मेरे भाईयों क्या अंजीर के पेड़ पर जैतून या अंगूर की लता पर कभी अंजीर लगते हैं? निश्चय ही नहीं। और न ही खारे स्रोत से कभी मीठा जल निकल पाता है।

मरकुस 8:27-38

पतरस का कथन: यीशु मसीह है

(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)

27 और फिर यीशु और उसके शिष्य कैसरिया फिलिप्पी के आसपास के गाँवों को चल दिये। रास्ते में यीशु ने अपने शिष्यों से पूछा, “लोग क्या कहते हैं कि मैं कौन हूँ?”

28 उन्होंने उत्तर दिया, “बपतिस्मा देने वाला यूहन्ना पर कुछ लोग एलिय्याह और दूसरे तुझे भविष्यवक्ताओं में से कोई एक कहते हैं।”

29 फिर यीशु ने उनसे पूछा, “और तुम क्या कहते हो कि मैं कौन हूँ।”

पतरस ने उसे उत्तर दिया, “तू मसीह है।”

30 फिर उसने उन्हें चेतावनी दी कि वे उसके बारे में यह किसी से न कहें।

यीशु द्वारा अपनी मृत्यु की भबिष्यवाणी

(मत्ती 16:21-28; लूका 9:22-27)

31 और उसने उन्हें समझाना शुरु किया, “मनुष्य के पुत्र को बहुत सी यातनाएँ उठानी होंगी और बुजुर्ग, प्रमुख याजक तथा धर्मशास्त्रियोंं द्वारा वह नकारा जायेगा और निश्चय ही वह मार दिया जायेगा। और फिर तीसरे दिन वह मरे हुओं में से जी उठेगा।” 32 उसने उनको यह साफ़ साफ़ बता दिया।

फिर पतरस उसे एक तरफ़ ले गया और झिड़कने लगा। 33 किन्तु यीशु ने पीछे मुड़कर अपने शिष्यों पर दृष्टि डाली और पतरस को फटकारते हुए बोला, “शैतान, मुझसे दूर हो जा! तू परमेश्वर की बातों से सरोकार नहीं रखता, बल्कि मनुष्य की बातों से सरोकार रखता है।”

34 फिर अपने शिष्यों के साथ भीड़ को उसने अपने पास बुलाया और उनसे कहा, “यदि कोई मेरे पीछे आना चाहता है तो वह अपना सब कुछ त्याग करे और अपना क्रूस उठा कर मेरे पीछे हो ले। 35 क्योंकि जो कोई अपने जीवन को बचाना चाहता है, उसे इसे खोना होगा। और जो कोई मेरे लिये और सुसमाचार के लिये अपना जीवन देगा, उसका जीवन बचेगा। 36 यदि कोई व्यक्ति अपनी आत्मा खोकर सारे जगत को भी पा लेता है, तो उसका क्या लाभ? 37 क्योंकि कोई भी व्यक्ति किसी वस्तु के बदले में जीवन नहीं पा सकता। 38 यदि कोई इस व्यभिचारी और पापी पीढ़ी में मेरे नाम और वचन के कारण लजाता है तो मनुष्य का पुत्र भी जब पवित्र स्वर्गदूतों के साथ अपने परम पिता की महिमा सहित आयेगा, तो वह भी उसके लिए लजायेगा।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International