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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 34:1-8

जब दाऊद ने अबीमेलेक के सामने पागलपन का आचरण किया। जिससे अबीमेलेक उसे भगा दे, इस प्रकार दाऊद उसे छोड़कर चला गया। उसी अवसर का दाऊद का एक पद।

मैं यहोवा को सदा धन्य कहूँगा।
    मेरे होठों पर सदा उसकी स्तुति रहती है।
हे नम्र लोगों, सुनो और प्रसन्न होओ।
    मेरी आत्मा यहोवा पर गर्व करती है।
मेरे साथ यहोवा की गरिमा का गुणगान करो।
    आओ, हम उसके नाम का अभिनन्दन करें।
मैं परमेश्वर के पास सहायता माँगने गया।
उसने मेरी सुनी।
    उसने मुझे उन सभी बातों से बचाया जिनसे मैं डरता हूँ।
परमेश्वर की शरण में जाओ।
    तुम स्वीकारे जाओगे।
    तुम लज्जा मत करो।
इस दीन जन ने यहोवा को सहायता के लिए पुकारा,
    और यहोवा ने मेरी सुन ली।
    और उसने सब विपत्तियों से मेरी रक्षा की।
यहोवा का दूत उसके भक्त जनों के चारों ओर डेरा डाले रहता है।
    और यहोवा का दूत उन लोगों की रक्षा करता है।
चखो और समझो कि यहोवा कितना भला है।
    वह व्यक्ति जो यहोवा के भरोसे है सचमुच प्रसन्न रहेगा।

2 शमूएल 17:15-29

हूशै दाऊद के पास चेतावनी भेजता है

15 हूशै ने वे बातें याजक सादोक और एब्यातार से कहीं। हूशै ने उस योजना के बारे में उन्हें बताया जिसे अहीतोपेल ने अबशालोम और इस्राएल के प्रमुखों को सुझाया था। हूशै ने सादोक और एब्यातार को वह योजना भी बताई जिसे उसने सुझाया था। हूशै ने कहा, 16 “शीघ्र! दाऊद को सूचना भेजो। उससे कहो कि आज की रात वह उन स्थानों पर न रहे जहाँ से लोग मरूभूमि को पार करते हैं। अपितु यरदन नदी को तुरन्त पार कर ले। यदि वह नदी को पार कर लेता है तो राजा और उसके लोग नहीं पकड़े जायेंगे।”

17 याजकों के पुत्र योनातन और अहीमास, एनरोगेल पर प्रतीक्षा कर रहे थे। वे नगर में जाते हुए दिखाई नहीं पड़ना चाहते थे, अत: एक गुलाम लड़की उनके पास आई। उसने उन्हें सन्देश दिया। तब योनातन और अहीमास गए और उन्होंने यह सन्देश राजा दाऊद को दिया।

18 किन्तु एक लड़के ने योनातन और अहीमास को देखा। लड़का अबशालोम से कहने के लिये दौड़ा। योनातन और अहीमास तेजी से भाग निकले। वे बहारीम में एक व्यक्ति के घर पहुँचे। उस व्यक्ति के आँगन में एक कुँआ था। योनातन और अहीमास इस कुँए में उतर गये। 19 उस व्यक्ति की पत्नी ने उस पर एक चादर डाल दी। तब उसने पूरे कुँए को अन्न से ढक दिया। कुँआ अन्न की ढेर जैसा दिखता था, इसलिये कोई व्यक्ति यह नहीं जान सकता था के योनातन और अहीमास वहाँ छिपे हैं। 20 अबशालोम के सेवक उस घर की स्त्री के पास आए। उन्होंने पूछा, “योनातन और अहीमास कहाँ हैं?”

उस स्त्री ने अबशालोम के सेवकों से कहा, “वे पहले ही नाले को पार कर गए हैं।”

अबशालोम के सेवक तब योनातन और अहीमास की खोज में चले गए। किन्तु वे उनको न पा सके। अत: अबशालोम के सेवक यरूशलेम लौट गए।

21 जब अबशालोम के सेवक चले गए, योनातन और अहीमास कुँए से बाहर आए। वे गए और उन्होंने दाऊद से कहा, “शीघ्रता करें, नदी को पार कर जाएँ। अहीतोपेल ने ये बातें आपके विरुद्ध कही हैं।”

22 तब दाऊद और उसके सभी लोग यरदन नदी के पार चले गए। सूर्य निकलने के पहले दाऊद के सभी लोग यरदन नदी को पार कर चुके थे।

अहीतोपेल आत्महत्या करता है

23 अहीतोपेल ने देखा कि इस्राएली उसकी सलाह नहीं मानते। अहीतोपेल ने अपने गधे पर काठी रखी। वह अपने नगर को घर चला गया। उसने अपने परिवार के लिये योजना बनाई। तब उसने अपने को फाँसी लगा ली। जब अहीतोपेल मर गया, लोगों ने उसे उसकी पिता की कब्र में दफना दिया।

अबशालोम यरदन नदी को पार करता है

24 दाऊद महनैम पहुँचा। अबशालोम और सभी इस्राएली जो उसके साथ थे, यरदन नदी को पार कर गए। 25-26 अबशालोम ने अमासा को सेना का सेनापति बनाया। अमासा ने योआब का स्थान लिया।[a] अमासा इस्राएली योत्रों का पुत्र था। अमासा की माँ, सरूयाह की बहन और नाहाश की पुत्री, अबीगैल थी।[b] (सरूयाह योआब की माँ थी।) अबशालोम और इस्राएलियों ने अपना डेरा गिलाद प्रदेश में डाला।

शोबी, माकीर, बर्जिल्लै

27 दाऊद महनैम पहुँचा। शोबी, माकीर और बर्जिल्लै उस स्थान पर थे। (नाहाश का पुत्र शोबी अम्मोनी नगर रब्बा का था। अम्मीएल का पुत्र माकीर लो दोबर का था, और बर्जिल्लै, रेगलीम, गिलाद का था।) 28-29 उन्होंने कहा, “मरुभूमि में लोग थके, भूखे और प्यासे हैं।” इसलिये वे दाऊद और उसके आदमियों के खाने के लिये बहुत—सी चीजें लाये। वे बिस्तर, कटोरे और मिट्टी के बर्तन ले आए। वे गेंहूँ, जौ आटा, भूने अन्न फलियाँ, तिल, सूखे बीज, शहद, मक्खन, भेड़ें और गाय के दूध का पनीर भी ले आए।

गलातियों 6:1-10

एक दूसरे की सहायता करो

हे भाईयों, तुममें से यदि कोई व्यक्ति कोई पाप करते पकड़ा जाए तो तुम आध्यात्मिक जनों को चाहिये कि नम्रता के साथ उसे धर्म के मार्ग पर वापस लाने में सहायता करो। और स्वयं अपने लिये भी सावधानी बरतो कि कहीं तुम स्वयं भी किसी परीक्षा में न पड़ जाओ। परस्पर एक दूसरे का भार उठाओ। इस प्रकार तुम मसीह की व्यवस्था का पालन करोगे। यदि कोई व्यक्ति महत्त्वपूर्ण न होते हुए भी अपने को महत्त्वपूर्ण समझता है तो वह अपने को धोखा देता है। अपने कर्म का मूल्यांकन हर किसी को स्वयं करते रहना चाहिये। ऐसा करने पर ही उसे अपने आप पर, किसी दूसरे के साथ तुलना किये बिना, गर्व करने का अवसर मिलेगा। क्योंकि अपना दायित्त्व हर किसी को स्वयं ही उठाना है।

जीवन खेत-बोने जैसा है

जिसे परमेश्वर का वचन सुनाया गया है, उसे चाहिये कि जो उत्तम वस्तुएँ उसके पास हैं, उनमें अपने उपदेशक को साझी बनाए।

अपने आपको मत छलो। परमेश्वर को कोई बुद्धू नहीं बना सकता क्योंकि जो जैसा बोयेगा, वैसा ही काटेगा। जो अपनी काया के लिए बोयेगा, वह अपनी काया से विनाश की फसल काटेगा। किन्तु जो आत्मा के खेत में बीज बोएगा, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की फसल काटेगा। इसलिए आओ हम भलाई करते कभी न थकें, क्योंकि यदि हम भलाई करते ही रहेंगे तो उचित समय आने पर हमें उसका फल मिलेगा। 10 सो जैसे ही कोई अवसर मिले, हमें सभी के साथ भलाई करनी चाहिये, विशेषकर अपने धर्म-भाइयों के साथ।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International