Revised Common Lectionary (Complementary)
दाऊद का एक पद।
1 यहोवा मेरा गडेरिया है।
जो कुछ भी मुझको अपेक्षित होगा, सदा मेरे पास रहेगा।
2 हरी भरी चरागाहों में मुझे सुख से वह रखता है।
वह मुझको शांत झीलों पर ले जाता है।
3 वह अपने नाम के निमित्त मेरी आत्मा को नयी शक्ति देता है।
वह मुझको अगुवाई करता है कि वह सचमुच उत्तम है।
4 मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा,
क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है।
तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।
5 हे यहोवा, तूने मेरे शत्रुओं के समक्ष मेरी खाने की मेज सजाई है।
तूने मेरे शीश पर तेल उँडेला है।
मेरा कटोरा भरा है और छलक रहा है।
6 नेकी और करुणा मेरे शेष जीवन तक मेरे साथ रहेंगी।
मैं यहोवा के मन्दिर में बहुत बहुत समय तक बैठा रहूँगा।
इस्राएल मिस्र पहुँचता है
28 याकूब ने पहले यहूदा को यूसुफ के पास भेजा। यहूदा गोशेन प्रदेश में यूसुफ के पास गया। जब याकूब और उसके लोग उस प्रदेश में गए। 29 यूसुफ को पता लगा कि उसका पिता निकट आ रहा है। इसलिए यूसुफ ने अपना रथ तैयार कराया और अपने पिता इस्राएल से गीशोन में मिलने चला। जब यूसुफ ने अपने पिता को देखा तब वह उसके गले से लिपट गया और देर तक रोता रहा।
30 तब इस्राएल ने यूसुफ से कहा, “अब मैं शान्ति से मर सकता हूँ। मैंने तुम्हारा मुँह देख लिया और मैं जानता हूँ कि तुम अभी जीवित हो।”
31 यूसुफ ने अपने भाईयों और अपने पिता के परिवार से कहा, “मैं जाऊँगा और फ़िरौन से कहूँगा कि मेरे पिता यहाँ आ गए हैं। मैं फिरौन से कहूँगा, ‘मेरे भाईयों और मेरे पिता के परिवार ने कनान देश छोड़ दिया है और यहाँ मेरे पास आ गए हैं। 32 यह चरवाहों का परिवार है। उन्होंने सदैव पशु और रेवड़े रखी हैं। वे अपने सभी जानवर और उनका जो कुछ अपना है उसे अपने साथ लाएं हैं।’ 33 जब फ़िरौन आप लोगों को बुलाएँगे और आप लोगों से पूछेंगे कि, ‘आप लोग क्या काम करते हैं?’ 34 आप लोग उनसे कहना, ‘हम लोग चरवाहे हैं। हम लोगों ने पूरा जीवन अपने जानवरों की देखभाल में बिताया है। हम लोगों से पहले हमारे पूर्वज भी ऐसे ही रहे।’ तब फ़िरौन तुम लोगों को गीशोन प्रदेश में रहने की आज्ञा दे देगा। मिस्री लोग चरवाहों को पसन्द नहीं करते, इसलिए अच्छा यही होगा कि आप लोग गीशोन में ही ठहरें।”
इस्राएल गोशेन में बसता है
47 यूसुफ फ़िरौन के पास गया और उसने कहा, “मेरे पिता, मेरे भाई और उनके सब परिवार यहाँ आ गए हैं। वे अपने सभी जानवर तथा कनान में उनका अपना जो कुछ था, उसके साथ हैं। इस समय वे गोशेन प्रदेश में हैं।” 2 यूसुफ ने अपने भाईयों में से पाँच को फ़िरौन के सामने अपने साथ रहने के लिए चुना।
3 फ़िरौन ने भाईयों से पूछा, “तुम लोग क्या काम करते हो?”
भाईयों ने फ़िरौन से कहा, “मान्यवर, हम लोग चरवाहे हैं। हम लोगों से पहले हमारे पूर्वज भी चरवाहे थे।” 4 उन्होंने फ़िरौन से कहा, “कनान में भूखमरी का यह समय बहुत बुरा है। हम लोगों के जानवरों के लिए घास वाला कोई भी खेत बचा नहीं रह गया है। इसलिए हम लोग इस देश में रहने आए हैं। आप से हम लोग प्रार्थना करते हैं कि आप कृपा करके हम लोगों को गोशेन प्रदेश में रहने दें।”
5 तब फ़िरौन ने यूसुफ से कहा, “तुम्हारे पिता और तुम्हारे भाई तुम्हारे पास आए हैं। 6 तुम मिस्र में कोई भी स्थान उनके रहने के लिए चुन सकते हो। अपने पिता और अपने भाईयों को सबसे अच्छी भूमि दो। उन्हें गोशेन प्रदेश में रहने दो और यदि ये कुशल चरवाहे हैं, तो वे मेरे जानवरों की भी देखभाल कर सकते हैं।”
पतरस और यूहन्ना: यहूदी सभा के सामने
4 अभी पतरस और यूहन्ना लोगों से बात कर रहे थे कि याजक, मन्दिर के सिपाहियों का मुखिया और कुछ सदूकी उनके पास आये। 2 वे उनसे इस बात पर चिढ़े हुए थे कि पतरस और यूहन्ना लोगों को उपदेश देते हुए यीशु के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा पुनरुत्थान का प्रचार कर रहे थे। 3 सो उन्होंने उन्हें बंदी बना लिया और क्योंकि उस समय साँझ हो चुकी थी, इसलिये अगले दिन तक हिरासत में रख छोड़ा। 4 किन्तु जिन्होंने वह संदेश सुना उनमें से बहुतों ने उस पर विश्वास किया और इस प्रकार उनकी संख्या लगभग पाँच हजार पुरूषों तक जा पहुँची।
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