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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 131

आरोहण गीत।

हे यहोवा, मैं अभिमानी नहीं हूँ।
    मैं महत्वपूर्ण होने का जतन नहीं करता हूँ।
मैं वो काम करने का जतन नहीं करता हूँ जो मेरे लिये बहुत कठिन हैं।
    ऐसी उन बातों की मुझे चिंता नहीं है।
मैं निश्चल हूँ, मेरी आत्मा शांत है।
    मेरी आत्मा शांत और अचल है,
    जैसे कोई शिशु अपनी माता की गोद में तृप्त होता है।

इस्राएल, यहोवा पर भरोसा रखो।
    उसका भरोसा रखो, अब और सदा सदा ही उसका भरोसा रखो!

यशायाह 26:1-6

परमेश्वर का एक स्तुति—गीत

26 उस समय, यहूदा के लोग यह गीत गायेंगे:

यहोवा हमें मुक्ति देता है।
    हमारी एक सुदृढ़ नगरी है।
हमारे नगर का सुदृढ़ परकोटा और सुरक्षा है।
उसके द्वारों को खोलो ताकि भले लोग उसमें प्रवेश करें।
    वे लोग परमेश्वर के जीवन की खरी राह का पालन करते हैं।

हे यहोवा, तू हमें सच्ची शांति प्रदान करता है।
    तू उनको शान्ति दिया करता है,
    जो तेरे भरोसे हैं और तुझ पर विश्वास रखते हैं।

अत: सदैव यहोवा पर विश्वास करो।
    क्यों क्योंकि यहोवा याह ही तुम्हारा सदा सर्वदा के लिये शरणस्थल होगा!
किन्तु अभिमानी नगर को यहोवा ने झुकाया है
    और वहाँ के निवासियों को उसने दण्ड दियाहै।
यहोवा ने उस ऊँचे बसी नगरी को धरती पर गिराया।
    उसने इसे धूल में मिलाने गिराया है।
तब दीन और नम्र लोग नगरी के खण्डहरों को अपने पैर तले रौंदेंगे।

फिलिप्पियों 2:25-30

25 मैं यह आवश्यक समझता हूँ कि इपफ्रुदीतुस को तुम्हारे पास भेजूँ जो मेरा भाई है, साथी कार्यकर्ता है और सहयोगी कर्म वीर है तथा मुझे आवश्यकता पड़ने पर मेरी सहायता के लिये तुम्हारा प्रतिनिधि रहा है, 26 क्योंकि वह तुम सब के लिये व्याकुल रहा करता था और इससे बहुत चिन्तित था कि तुमने यह सुना था कि वह बीमार पड़ गया था। 27 हाँ, वह बीमार तो था, और वह भी इतना कि जैसे मर ही जायेगा। किन्तु परमेश्वर ने उस पर अनुग्रह किया (न केवल उस पर बल्कि मुझ पर भी) ताकि मुझे दुख पर दुख न मिले। 28 इसीलिए मैं उसे और भी तत्परता से भेज रहा हूँ ताकि जब तुम उसे देखो तो एक बार फिर प्रसन्न हो जाओ और मेरा दुःख भी जाता रहे। 29 इसलिए प्रभु में बड़ी प्रसन्नता के साथ उसका स्वागत करो और ऐसे लोगों का आधिकाधिक आदर करते रहो। 30 क्योंकि मसीह के काम के लिये वह लगभग मर गया था ताकि तुम्हारे द्वारा की गयी मेरी सेवा में जो कभी रह गई थी, उसे वह पूरा कर दे, इसके लिये उसने अपने प्राणों की बाजी लगा दी।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International