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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 36

संगीत निर्देशक के लिए यहोवा के दास दाऊद का एक पद।

बुरा व्यक्ति बहुत बुरा करता है जब वह स्वयं से कहता है,
    “मैं परमेश्वर का आदर नहीं करता और न ही डरता हूँ।”
वह मनुष्य स्वयं से झूठ बोलता है।
    वह मनुष्य स्वयं अपने खोट को नहीं देखता।
    इसलिए वह क्षमा नहीं माँगता।
उसके वचन बस व्यर्थ और झूठे होते हैं।
    वह विवेकी नहीं होता और न ही अच्छे काम सीखता है।
रात को वह अपने बिस्तर में कुचक्र रचता है।
    वह जाग कर कोई भी अच्छा काम नहीं करता।
    वह कुकर्म को छोड़ना नहीं चाहता।

हे यहोवा, तेरा सच्चा प्रेम आकाश से भी ऊँचा है।
    हे यहोवा, तेरी सच्चाई मेघों से भी ऊँची है।
हे यहोवा, तेरी धार्मिकता सर्वोच्च पर्वत से भी ऊँची है।
    तेरी शोभा गहरे सागर से गहरी है।
हे यहोवा, तू मनुष्यों और पशुओ का रक्षक है।
तेरी करुणा से अधिक मूल्यवान कुछ भी नहीं हैं।
    मनुष्य और दूत तेरे शरणागत हैं।
हे यहोवा, तेरे मन्दिर की उत्तम बातों से वे नयी शक्ति पाते हैं।
    तू उन्हें अपने अद्भुत नदी के जल को पीने देता है।
हे यहोवा, तुझसे जीवन का झरना फूटता है!
    तेरी ज्योति ही हमें प्रकाश दिखाती है।
10 हे यहोवा, जो तुझे सच्चाई से जानते हैं, उनसे प्रेम करता रह।
    उन लोगों पर तू अपनी निज नेकी बरसा जो तेरे प्रति सच्चे हैं।
11 हे यहोवा, तू मुझे अभिमानियों के जाल में मत फँसने दे।
    दुष्ट जन मुझको कभी न पकड़ पायें।

12 उनके कब्रों के पत्थरो पर यह लिख दे:
    “दुष्ट लोग यहाँ पर गिरे हैं।
    वे कुचले गए।
    वे फिर कभी खड़े नहीं हो पायेंगे।”

उत्पत्ति 47:13-26

यूसुफ फ़िरौन के लिए भूमि खरीदता है

13 भूखमरी का समय और भी अधिक बुरा हो गया। देश में कहीं भी भोजन न रहा। इस बुरे समय के कारण मिस्र और कनान बहुत गरीब हो गए। 14 देश में लोग अधिक से अधिक अन्न खरीदने लगे। यूसुफ ने धन बचाया और उसे फ़िरौन के महल में लाया। 15 कुछ समय बाद मिस्र और कनान में लोगों के पास पैसा नहीं रहा। उन्होंने अपना सारा धन अन्न खरीदने में खर्च कर दिया। इसलिए लोग यूसुफ के पास गए और बोले, “कृपा कर हमें भोजन दें। हम लोगों का धन समाप्त हो गया। यदि हम लोग नहीं खाएँगे तो आपके देखते—देखते हम मर जायेंगे।”

16 लेकिन यूसुफ ने उत्तर दिया, “अपने पशु मुझे दो और मैं तुम लोगों को भोजन दूँगा।” 17 इसलिए लोग अपने पशु, घोड़े और अन्य सभी जानवरों को भोजन खरीदने के लिए उपयोग में लाने लगे और उस वर्ष यूसुफ ने उनके जानवरों को लिया तथा भोजन दिया।

18 किन्तु दूसरे वर्ष लोगों के पास जानवर नहीं रह गए और भोजन खरीदने के लिए कुछ भी न रहा। इसलिए लोग यूसुफ के पास गए और बोले, “आप जानते हैं कि हम लोगों के पास धन नहीं बचा है और हमारे सभी जानवर आपके हो गये हैं। इसलिए हम लोगों के पास कुछ नहीं बचा है। वह बचा है केवल, जो आप देखते हैं, हमारा शरीर और हमारी भूमि। 19 आपके देखते हुए ही हम निश्चय ही मर जाएँगे। किन्तु यदि आप हमें भोजन देते हैं तो हम फ़िरौन को अपनी भूमि देंगे और उसके दास हो जाएँगे। हमें बीज दो जिन्हें हम बो सकें। तब हम लोग जीवित रहेंगे और मरेंगे नहीं और भूमि हम लोगों के लिए फिर अन्न उगाएगी।”

20 इसलिए यूसुफ ने मिस्र की सारी भूमि फ़िरौन के लिए खरीद ली। मिस्र के सभी लोगों ने अपने खेतों को यूसुफ के हाथ बेच दिया। उन्होंने यह इसलिए किया क्योंकि वे बहुत भूखे थे। 21 और सभी लोग फ़िरौन के दास हो गए। मिस्र में सर्वत्र लोग फ़िरौन के दास थे। 22 एक मात्र वही भूमि यूसुफ ने नहीं खरीदी जो याजकों के अधिकार में थी। याजकों को भूमि बेचने की आवश्कता नहीं थी। क्योंकि फ़िरौन उनके काम के लिए उन्हें वेतन देता था। इसलिए उन्होंने इस धन को खाने के लिए भोजन खरीदने में खर्च किया।

23 यूसुफ ने लोगों से कहा, “अब मैंने तुम लोगों को और तुम्हारी भूमि को फ़िरौन के लिए खरीद लिया है। इसलिए मैं तुमको बीज दूँगा और तुम लोग अपने खेतों में पौधे लगा सकते हो। 24 फसल काटने के समय तुम लोग फसल का पाँचवाँ हिस्सा फ़िरौन को अवश्य देना। तुम लोग अपने लिए पाँच में से चार हिस्से रख सकते हो। तुम लोग उस बीज को जिसे भोजन और बोने के लिए रखोगे उसे दूसरे वर्ष उपयोग में ला सकोगे। अब तुम अपने परिवारों और बच्चों को खिला सकते हो।”

25 लोगों ने कहा, “आपने हम लोगों का जीवन बचा लिया है। हम लोग आपके और फ़िरौन के दास होने में प्रसन्न हैं।”

26 इसलिए यूसुफ ने उस समय देश में एक नियम बनाया और वह नियम अब तक चला आ रहा है। नियम के अनुसार भूमि से हर एक उपज का पाँचवाँ हिस्सा फ़िरौन का है। फ़िरौन सारी भूमि का स्वामी है। केवल वही भूमि उसकी नहीं है जो याजकों की है।

मरकुस 8:14-21

यहूदी नेताओं के विरुद्ध यीशु की चेतावनी

(मत्ती 16:5-12)

14 यीशु के शिष्य कुछ खाने को लाना भूल गये थे। एक रोटी के सिवाय उनके पास और कुछ नहीं था। 15 यीशु ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा, “सावधान! फरीसियों और हेरोदेस के ख़मीर से बचे रहो।”

16 “हमारे पास रोटी नहीं है,” इस पर, वे आपस में सोच विचार करने लगे।

17 वे क्या कह रहे हैं, यह जानकर यीशु उनसे बोला, “रोटी पास नहीं होने के विषय में तुम क्यों सोच विचार कर रहे हो? क्या तुम अभी भी नहीं समझते बूझते? क्या तुम्हारी बुद्धि इतनी जड़ हो गयी है? 18 तुम्हारी आँखें हैं, क्या तुम देख नहीं सकते? तुम्हारे कान हैं, क्या तुम सुन नहीं सकते? क्या तुम्हें याद नहीं? 19 जब मैंने पाँच हजार लोगों के लिये पाँच रोटियों के टुकड़े किये थे और तुमने उन्हें कितनी टोकरियों में बटोरा था?”

“बारह”, उन्होंने कहा।

20 “और जब मैंने चार हज़ार के लिये सात रोटियों के टुकड़े किये थे तो तुमने कितनी टोकरियाँ भर कर उठाई थीं?”

“सात”, उन्होंने कहा।

21 फिर यीशु ने उनसे कहा, “क्या तुम अब भी नहीं समझे?”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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