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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 111

यहोवा के गुण गाओ!

यहोवा का अपने सम्पूर्ण मन से ऐसी उस सभा में धन्यवाद करता हूँ
    जहाँ सज्जन मिला करते हैं।
यहोवा ऐसे कर्म करता है, जो आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
    लोग हर उत्तम वस्तु चाहते हैं, वही जो परमेश्वर से आती है।
परमेश्वर ऐसे कर्म करता है जो सचमुच महिमावान और आश्चर्यपूर्ण होते हैं।
    उसका खरापन सदा—सदा बना रहता है।
परमेश्वर अद्भुत कर्म करता है ताकि हम याद रखें
    कि यहोवा करूणापूर्ण और दया से भरा है।
परमेश्वर निज भक्तों को भोजन देता है।
    परमेश्वर अपनी वाचा को याद रखता है।
परमेश्वर के महान कार्य उसके प्रजा को यह दिखाया
    कि वह उनकी भूमि उन्हें दे रहा है।
परमेश्वर जो कुछ करता है वह उत्तम और पक्षपात रहित है।
    उसके सभी आदेश पूरे विश्वास योग्य हैं।
परमेश्वर के आदेश सदा ही बने रहेंगे।
    परमेश्वर के उन आदेशों को देने के प्रयोजन सच्चे थे और वे पवित्र थे।
परमेश्वर निज भक्तों को बचाता है।
    परमेश्वर ने अपनी वाचा को सदा अटल रहने को रचा है, परमेश्वर का नाम आश्चर्यपूर्ण है और वह पवित्र है।
10 विवेक भय और यहोवा के आदर से उपजता है।
    वे लोग बुद्धिमान होतेहैं जो यहोवा का आदर करते हैं।
यहोवा की स्तुति सदा गायी जायेगी।

निर्गमन 24:1-11

परमेश्वर का इस्राएल से वाचा

24 परमेश्वर ने मूसा से कहा, “तुम हारून, नादाब, अबीहू और इस्राएल के सत्तर बुजुर्ग (नेता) पर्वत पर आओ और कुछ दूर से मेरी उपासना करो। तब मूसा अकेले यहोवा के समीप आएगा। अन्य लोग यहोवा के समीप न आएँ, और शेष व्यक्ति पर्वत तक भी न आएँ।”

इस प्रकार मूसा ने यहोवा के सभी नियमों और आदेशों को लोगों को बताया। तब सभी लोगों ने कहा, “यहोवा ने जिन सभी आदेशों को दिया उनका हम पालन करेंगे।”

इसलिए मूसा ने यहोवा के सभी आदेशों को चर्म पत्र पर लिखा। अगली सुबह मूसा उठा और पर्वत की तलहटी के समीप उसने एक वेदी बनाई और उसने बारह शिलाएँ इस्राएल के बारह कबीलों के लिए स्थापित कीं। तब मूसा ने इस्राएल के युवकों को बलि चढ़ाने के लिए बुलाया। इन व्यक्तियों ने यहोवा को होमबलि और मेलबलि के रूप में बैल की बलि चढ़ाई।

मूसा ने इन जानवरों के खून को इकट्ठा किया। मूसा ने आधा खून प्याले में रखा और उसने दूसरा आधा खून वेदी पर छिड़का।[a]

मूसा ने चर्म पत्र पर लिखे विशेष साक्षीपत्र को पढ़ा। मूसा ने साक्षीपत्र को इसलिए पढ़ा कि सभी लोग उसे सुन सकें और लोगों ने कहा, “हम लोगों ने उन नियमों को जिन्हें यहोवा ने हमें दिया, सुन लिया है और हम सब लोग उनके पालन करने का वचन देते हैं।”

तब मूसा ने खून को लिया और उसे लोगों पर छिड़का। उसने कहा, “यह खून बताता है कि यहोवा ने तुम्हारे साथ विशेष साक्षीपत्र स्थापित किया। ये नियम जो यहोवा ने दिए है वे साक्षीपत्र को स्पष्ट करते हैं।”

तब मूसा, हारून, नादाब, अबीहू और इस्राएल के सत्तर बुजुर्ग (नेता) ऊपर पर्वत पर चढ़े। 10 पर्वत पर इन लोगों ने इस्राएल के परमेश्वर को देखा। परमेश्वर किसी ऐसे आधार पर खड़ा था। जो नीलमणि सा दिखता था ऐसा निर्मल जैसा आकाश। 11 इस्राएल के सभी नेताओं ने परमेश्वर को देखा, किन्तु परमेश्वर ने उन्हें नष्ट नहीं किया।[b] तब उन्होंने एक साथ खाया और पिया।

रोमियों 15:22-33

पौलुस की रोम जाने की योजना

22 मेरे ये कर्तव्य मुझे तुम्हारे पास आने से बार बार रोकते रहे हैं।

23 किन्तु क्योंकि अब इन प्रदेशों में कोई स्थान नहीं बचा है और बहुत बरसों से मैं तुमसे मिलना चाहता रहा हूँ, 24 सो मैं जब इसपानिया जाऊँगा तो आशा करता हूँ तुमसे मिलूँगा! मुझे उम्मीद है कि इसपानिया जाते हुए तुमसे भेंट होगी। तुम्हारे साथ कुछ दिन ठहरने का आनन्द लेने के बाद मुझे आशा है कि वहाँ की यात्रा के लिए मुझे तुम्हारी मदद मिलेगी।

25 किन्तु अब मैं परमेश्वर के पवित्र जनों की सेवा में यरूशलेम जा रहा हूँ। 26 क्योंकि मकिदुनिया और अखैया के कलीसिया के लोगों ने यरूशलेम में परमेश्वर के पवित्र जनों में जो दरिद्र हैं, उनके लिए कुछ देने का निश्चय किया है। 27 हाँ, उनके प्रति उनका कर्तव्य भी बनता है क्योंकि यदि ग़ैर यहूदियों ने यहूदियों के आध्यात्मिक कार्यों में हिस्सा बटाया है तो ग़ैर यहूदियों को भी उनके लिये भौतिक सुख जुटाने चाहिये। 28 सो अपना यह काम पूरा करके और इकट्ठा किये गये इस धन को सुरक्षा के साथ उनके हाथों सौंप कर मैं तुम्हारे नगर से होता हुआ इसपानिया के लिये रवाना होऊँगा 29 और मैं जानता हूँ कि जब मैं तुम्हारे पास आऊँगा तो तुम्हारे लिए मसीह के पूरे आर्शीवादों समेत आऊँगा।

30 हे भाईयों, तुमसे मैं प्रभु यीशु मसीह की ओर से आत्मा से जो प्रेम पाते हैं, उसकी साक्षी दे कर प्रार्थना करता हूँ कि तुम मेरी ओर से परमेश्वर के प्रति सच्ची प्रार्थनाओं में मेरा साथ दो 31 कि मैं यहूदियों में अविश्वासियों से बचा रहूँ और यरूशलेम के प्रति मेरी सेवा को परमेश्वर के पवित्र जन स्वीकार करें। 32 ताकि परमेश्वर की इच्छा के अनुसार मैं प्रसन्नता के साथ तुम्हारे पास आकर तुम्हारे साथ आनन्द मना सकूँ। 33 सम्पूर्ण शांति का धाम परमेश्वर तुम्हारे साथ रहे। आमीन।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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