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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 52

संगीत निर्देशक के लिये उस समय का एक भक्ति गीत जब एदोमी दोएग ने शाऊल के पास आकर कहा था, दाऊद अबीमेलेक के घर में है।

अरे ओ, बड़े व्यक्ति।
तू क्यों शेखी बघारता है जिन बुरे कामों को तू करता है? तू परमेश्वर का अपमान करता है।
    तू बुरे काम करने को दिन भर षड़यन्त्र रचता है।
तू मूढ़ता भरी कुचक्र रचता रहता है। तेरी जीभ वैसी ही भयानक है, जैसा तेज उस्तरा होता है।
    क्यों? क्योंकि तेरी जीभ झूठ बोलती रहती है!
तुझको नेकी से अधिक बदी भाती है।
    तुझको झूठ का बोलना, सत्य के बोलने से अधिक भाता है।

तुझको और तेरी झूठी जीभ को, लोगों को हानि पहुँचाना अच्छा लगता है।
तुझे परमेश्वर सदा के लिए नष्ट कर देगा।
    वह तुझ पर झपटेगा और तुझे पकड़कर घर से बाहर करेगा। वह तुझे मारेगा और तेरा कोई भी वंशज नहीं रहेगा।

सज्जन इसे देखेंगे
    और परमेश्वर से डरना और उसका आदर करना सीखेंगे।
वे तुझ पर, जो घटा उस पर हँसेंगे और कहेंगे,
    “देखो उस व्यक्ति के साथ क्या हुआ जो यहोवा पर निर्भर नहीं था।
    उस व्यक्ति ने सोचा कि उसका धन और झूठ इसकी रक्षा करेंगे।”

किन्तु मैं परमेश्वर के मन्दिर में एक हरे जैतून के वूक्ष सा हूँ।
    परमेश्वर की करूणा का मुझको सदा—सदा के लिए भरोसा है।
हे परमेश्वर, मैं उन कामों के लिए जिनको तूने किया, स्तुति करता हूँ।
    मैं तेरे अन्य भक्तों के साथ, तेरे भले नाम पर भरोसा करूँगा!

यहेजकेल 31:1-12

अश्शूर एक देवदार वृक्ष की तरह है

31 देश निकाले के ग्यारहवें वर्ष में तीसरे महीने (जून) के प्रथम दिन यहोवा का सन्देश मुझे मिला। उसने कहा, “मनुष्य के पुत्र, मिस्र के राजा फिरौन और उसके लोगों से यह कहो:

“‘तुम्हारी महानता में
    कौन तुम्हारे समान है
अश्शूर, लबानोन में, सुन्दर शाखाओं सहित एक देवदार का वृक्ष था।
    वन की छाया—युक्त और अति ऊँचा एक देवदार का वृक्ष था।
    इसके शिखर जलद भेदी थे!
जल वृक्ष को उगाता था।
    गहरी नदियाँ वृक्ष को ऊँचा करती थीं।
नदियाँ उन स्थान के चारों ओर बहती थीं, जहाँ वृक्ष लगे थे।
    केवल इसकी धारायें ही खेत के अन्य वृक्षों तक बहती थीं।
इसलिये खेत के सभी वृक्षों से ऊँचा वृक्ष वही था
    और इसने कई शाखायें फैला रखी थीं।
वहाँ काफी जल था।
    अत: वृक्ष—शाखायें बाहर फैली थीं।
वृक्ष की शाखाओं में संसार के सभी पक्षियों ने घोंसले बनाए थे।
    वृक्ष की शाखाओं के नीचे,
खेत के सभी जानवर बच्चों को जन्म देते थे।
    सभी बड़े राष्ट्र
    उस वृक्ष की छाया में रहते थे।
अत: वृक्ष अपनी महानता
    और अपनी लम्बी शाखाओं में सुन्दर था।
क्यों? क्योंकि इसकी जड़ें यथेष्ट
    जल तक पहुँची थीं!
परमेश्वर के उद्यान के देवदारु वृक्ष भी,
    उतने बड़े नहीं थे जितना यह वृक्ष।
सनौवर के वृक्ष इतनी अधिक शाखायें नहीं रखते,
    चिनार—वृक्ष भी ऐसी शाखायें नहीं रखते,
परमेश्वर के उद्यान का कोई भी वृक्ष,
    इतना सुन्दर नहीं था जितना यह वृक्ष।
मैंने अनेक शाखाओं सहित
    इस वृक्ष को सुन्दर बनाया
और परमेश्वर के उद्यान अदन, के सभी वृक्ष
    इससे ईर्ष्या करते थे!’”

10 अत: मेरा स्वामी यहोवा यह कहता है: “वृक्ष ऊँचा हो गया है। इसने अपने शिखरों को बादलों में पहुँचा दिया है। वृक्ष गर्वीला है क्योंकि यह ऊँचा है! 11 इसलिये मैंने एक शक्तिशाली राजा को इस वृक्ष को लेने दिया। उस शासक ने वृक्ष को उसके बुरे कामों के लिये दण्ड दिया। मैंने उस वृक्ष को अपने उद्यान से बाहर किया है। 12 अजनबी अत्याधिक भयंकर राष्ट्रों ने इसे काट डाला और छोड़ दिया। वृक्ष की शाखायें पर्वतों पर और सारी घाटी में गिरीं। उस प्रदेश में बहने वाली नदियों में वे टूटे अंग बह गए। वृक्ष के नीचे कोई छाया नहीं रह गई, अत: सभी लोगों ने उसे छोड़ दिया।

गलातियों 6:11-18

पत्र का समापन

11 देखो, मैंने तुम्हें स्वयं अपने हाथ से कितने बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा है। 12 ऐसे लोग जो शारीरिक रूप से अच्छा दिखावा करना चाहते हैं, तुम पर ख़तना कराने का दबाव डालते हैं। किन्तु वे ऐसा बस इसलिए करते हैं कि उन्हें मसीह के क्रूस के कारण यातनाएँ न सहनीं पड़ें। 13 क्योंकि वे स्वयं भी जिनका ख़तना हो चुका है, व्यवस्था के विधान का पालन नहीं करते किन्तु फिर भी वे चाहते हैं कि तुम ख़तना कराओ ताकि वे तुम्हारे द्वारा इस शारीरिक प्रथा को अपनाए जाने पर डींगे मार सकें।

14 किन्तु जिसके द्वारा मैं संसार के लिये और संसार मेरे लिये मर गया, प्रभु यीशु मसीह के उस क्रूस को छोड़ कर मुझे और किसी पर गर्व न हो। 15 क्योंकि न तो ख़तने का कोई महत्त्व है और न बिना ख़तने का। यदि महत्त्व है तो वह नयी सृष्टि का है। 16 इसलिए जो लोग इस धर्म-नियम पर चलेंगे उन पर, और परमेश्वर के इस्राएल पर शांति तथा दया होती रहे।

17 पत्र को समाप्त करते हुए मैं तुमसे विनती करता हूँ कि अब मुझे कोई और दुख मत दो। क्योंकि मैं तो पहले ही अपने देह में यीशु के घावों को लिए घूम रहा हूँ।

18 हे भाईयों, हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह तुम्हारी आत्माओं के साथ बना रहे। आमीन!

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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