Revised Common Lectionary (Complementary)
संगीत निर्देशक के लिए कोरह परिवार का एक भक्ति गीत।
1 हे सभी लोगों, तालियाँ बजाओ।
और आनन्द में भर कर परमेश्वर का जय जयकार करो।
2 महिमा महिम यहोव भय और विस्मय से भरा है।
सरी धरती का वही सम्राट है।
3 उसने अदेश दिया और हमने राष्ट्रों को पराजित किया
और उन्हें जीत लिया।
4 हमारी धरती उसने हमारे लिये चुनी है।
उसने याकूब के लिये अद्भुत धरती चुनी। याकूब वह व्यक्ति है जिसे उसने प्रेम किया।
5 यहोवा परमेश्वर तुरही की ध्वनि
और युद्ध की नरसिंगे के स्वर के साथ ऊपर उठता है।
6 परमेश्वर के गुणगान करते हुए गुण गाओ।
हमारे राजा के प्रशंसा गीत गाओ। और उसके यशगीत गाओ।
7 परमेश्वर सारी धरती का राजा है।
उसके प्रशंसा गीत गाओ।
8 परमेश्वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजता है।
परमेश्वर सभी राष्ट्रों पर शासन करता है।
9 राष्ट्रों के नेता,
इब्राहीम के परमेश्वर के लोगों के साथ मिलते हैं।
सभी राष्ट्रों के नेता, परमेश्वर के हैं।
परमेश्वर उन सब के ऊपर है।
लूका द्वारा लिखी गयी दूसरी पुस्तक का परिचय
1 हे थियुफिलुस,
मैंने अपनी पहली पुस्तक में उन सब कार्यों के बारे में लिखा जिन्हें प्रारंम्भ से ही यीशु ने किया और 2 उस दिन तक उपदेश दिया जब तक पवित्र आत्मा के द्वारा अपने चुने हुए प्रेरितों को निर्देश दिए जाने के बाद उसे ऊपर स्वर्ग में उठा न लिया गया। 3 अपनी मृत्यु के बाद उसने अपने आपको बहुत से ठोस प्रमाणों के साथ उनके सामने प्रकट किया कि वह जीवित है। वह चालीस दिनों तक उनके सामने प्रकट होता रहा तथा परमेश्वर के राज्य के विषय में उन्हें बताता रहा। 4 फिर एक बार जब वह उनके साथ भोजन कर रहा था तो उसने उन्हें आज्ञा दी, “यरूशलेम को मत छोड़ना बल्कि जिसके बारे में तुमने मुझसे सुना है, परम पिता की उस प्रतिज्ञा के पूरा होने की प्रतीक्षा करना। 5 क्योंकि यूहन्ना ने तो जल से बपतिस्मा दिया था, किन्तु तुम्हें अब थोड़े ही दिनों बाद पवित्र आत्मा से बपतिस्मा दिया जायेगा।”
यीशु का स्वर्ग में ले जाया जाना
6 सो जब वे आपस में मिले तो उन्होंने उससे पूछा, “हे प्रभु, क्या तू इसी समय इस्राएल के राज्य की फिर से स्थापना कर देगा?”
7 उसने उनसे कहा, “उन अवसरों या तिथियों को जानना तुम्हारा काम नहीं है, जिन्हें परम पिता ने स्वयं अपने अधिकार से निश्चित किया है। 8 बल्कि जब पवित्र आत्मा तुम पर आयेगा, तुम्हें शक्ति प्राप्त हो जायेगी, और यरूशलेम में, समूचे यहूदिया और सामरिया में और धरती के छोरों तक तुम मेरे साक्षी बनोगे।”
9 इतना कहने के बाद उनके देखते देखते उसे स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया और फिर एक बादल ने उसे उनकी आँखों से ओझल कर दिया। 10 जब वह जा रहा था तो वे आकाश में उसके लिये आँखें बिछाये थे। तभी तत्काल श्वेत वस्त्र धारण किये हुए दो पुरुष उनके बराबर आ खड़े हुए 11 और कहा, “हे गलीली लोगों, तुम वहाँ खड़े-खड़े आकाश में टकटकी क्यों लगाये हो? यह यीशु जिसे तुम्हारे बीच से स्वर्ग में ऊपर उठा लिया गया, जैसे तुमने उसे स्वर्ग में जाते देखा, वैसे ही वह फिर वापस लौटेगा।”
संगीत निर्देशक के लिए कोरह परिवार का एक भक्ति गीत।
1 हे सभी लोगों, तालियाँ बजाओ।
और आनन्द में भर कर परमेश्वर का जय जयकार करो।
2 महिमा महिम यहोव भय और विस्मय से भरा है।
सरी धरती का वही सम्राट है।
3 उसने अदेश दिया और हमने राष्ट्रों को पराजित किया
और उन्हें जीत लिया।
4 हमारी धरती उसने हमारे लिये चुनी है।
उसने याकूब के लिये अद्भुत धरती चुनी। याकूब वह व्यक्ति है जिसे उसने प्रेम किया।
5 यहोवा परमेश्वर तुरही की ध्वनि
और युद्ध की नरसिंगे के स्वर के साथ ऊपर उठता है।
6 परमेश्वर के गुणगान करते हुए गुण गाओ।
हमारे राजा के प्रशंसा गीत गाओ। और उसके यशगीत गाओ।
7 परमेश्वर सारी धरती का राजा है।
उसके प्रशंसा गीत गाओ।
8 परमेश्वर अपने पवित्र सिंहासन पर विराजता है।
परमेश्वर सभी राष्ट्रों पर शासन करता है।
9 राष्ट्रों के नेता,
इब्राहीम के परमेश्वर के लोगों के साथ मिलते हैं।
सभी राष्ट्रों के नेता, परमेश्वर के हैं।
परमेश्वर उन सब के ऊपर है।
1 यहोवा राजा है।
वह सामर्थ्य और महिमा का वस्त्र पहने है।
वह तैयार है, सो संसार स्थिर है।
वह नहीं टलेगा।
2 हे परमेश्वर, तेरा साम्राज्य अनादि काल से टिका हुआ है।
तू सदा जीवित है।
3 हे यहोवा, नदियों का गर्जन बहुत तीव्र है।
पछाड़ खाती लहरों का शब्द घनघोर है।
4 समुद्र की पछाड़ खाती लहरे गरजती हैं, और वे शक्तिशाली हैं।
किन्तु ऊपर वाला यहोवा अधिक शक्तिशाली है।
5 हे यहोवा, तेरा विधान सदा बना रहेगा।
तेरा पवित्र मन्दिर चिरस्थायी होगा।
इफिसियों के लिये पौलुस की प्रार्थना
15 इसलिए जब से मैंने प्रभु यीशु में तुम्हारे विश्वास और सभी संतों के प्रति तुम्हारे प्रेम के विषय में सुना है, 16 मैं तुम्हारे लिए परमेश्वर का धन्यवाद निरन्तर कर रहा हूँ। अपनी प्रार्थनाओं में मैं तुम्हारा उल्लेख किया करता हूँ। 17 मैं प्रार्थना किया करता हूँ कि हमारे प्रभु यीशु मसीह का परमेश्वर तुम्हें विवेक और दिव्यदर्शन की ऐसी आत्मा की शक्ति प्रदान करे जिससे तुम उस महिमावान परम पिता को जान सको।
18 मेरी विनती है कि तुम्हारे हृदय की आँखें खुल जायें और तुम प्रकाश का दर्शन कर सको ताकि तुम्हें पता चल जाये कि वह आशा क्या है जिसके लिये तुम्हें उसने बुलाया है। और जिस उत्तराधिकार को वह अपने सभी लोगों को देगा, वह कितना अद्भुत और सम्पन्न है। 19 तथा हम विश्वासियों के लिए उसकी शक्ति अतुलनीय रूप से कितनी महान है। यह शक्ति अपनी महान शक्ति के उस प्रयोग के समान है, 20 जिसे उसने मसीह में तब काम में लिया था जब मरे हुओं में से उसे फिर से जिला कर स्वर्ग के क्षेत्र में अपनी दाहिनी ओर बिठाकर 21 सभी शासकों, अधिकारियों, सामर्थ्यों और प्रभुताओं तथा हर किसी ऐसी शक्तिशाली पदवी के ऊपर स्थापित किया था, जिसे न केवल इस युग में बल्कि आने वाले युग में भी किसी को दिया जा सकता है। 22 परमेश्वर ने सब कुछ को मसीह के चरणों के नीचे कर दिया और उसी ने मसीह को कलीसिया का सर्वोच्च शिरोमणि बनाया। 23 कलीसिया मसीह की देह है और सब विधियों से सब कुछ को उसकी पूर्णता ही परिपूर्ण करती है।
44 फिर उसने उनसे कहा, “ये बातें वे हैं जो मैंने तुमसे तब कही थीं, जब मैं तुम्हारे साथ था। हर वह बात जो मेरे विषय में मूसा की व्यवस्था में नबियों तथा भजनों की पुस्तक में लिखा है, पूरी होनी ही हैं।”
45 फिर पवित्र शास्त्रों को समझने केलिये उसने उनकी बुद्धि के द्वार खोल दिये। 46 और उसने उनसे कहा, “यह वही है, जो लिखा है कि मसीह यातना भोगेगा और तीसरे दिन मरे हुओं में से जी उठेगा। 47-48 और पापों की क्षमा के लिए मनफिराव का यह संदेश यरूशलेम से आरंभ होकर सब देशों में प्रचारित किया जाएगा। तुम इन बातों के साक्षी हो। 49 और अब मेरे परम पिता ने मुझसे जो प्रतिज्ञा की है, उसे मैं तुम्हारे लिये भेजूँगा। किन्तु तुम्हें इस नगर में उस समय तक ठहरे रहना होगा, जब तक तुम स्वर्ग की शक्ति से युक्त न हो जाओ।”
यीशु की स्वर्ग को वापसी
(मरकुस 16:19-20; प्रेरितों के काम 1:9-11)
50 यीशु फिर उन्हें बैतनिय्याह तक बाहर ले गया। और उसने हाथ उठा कर उन्हें आशीर्वाद दिया। 51 उन्हें आशीर्वाद देते देते ही उसने उन्हें छोड़ दिया और फिर उसे स्वर्ग में उठा लिया गया। 52 तब उन्होंने उसकी आराधना की और असीम आनन्द के साथ वे यरूशलेम लौट आये। 53 और मन्दिर में परमेश्वर की स्तुति करते हुए वे अपना समय बिताने लगे।
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