Revised Common Lectionary (Complementary)
1 यहोवा राजा है।
वह सामर्थ्य और महिमा का वस्त्र पहने है।
वह तैयार है, सो संसार स्थिर है।
वह नहीं टलेगा।
2 हे परमेश्वर, तेरा साम्राज्य अनादि काल से टिका हुआ है।
तू सदा जीवित है।
3 हे यहोवा, नदियों का गर्जन बहुत तीव्र है।
पछाड़ खाती लहरों का शब्द घनघोर है।
4 समुद्र की पछाड़ खाती लहरे गरजती हैं, और वे शक्तिशाली हैं।
किन्तु ऊपर वाला यहोवा अधिक शक्तिशाली है।
5 हे यहोवा, तेरा विधान सदा बना रहेगा।
तेरा पवित्र मन्दिर चिरस्थायी होगा।
18 “जिन आदेशों को मैं दे रहा हूँ, याद रखो, उन्हें हृदय और आत्मा में धारण करो। इन आदेशों को लिखो और याद दिलाने वाले चिन्ह के रूप में इन्हें अपने हाथों पर बांधों तथा ललाट पर धारण करो। 19 इन नियमों की शिक्षा अपने बच्चों को दो। इनके बारे में अपने घर में बैठे, सड़क पर टहलते, लेटते और जागते हुए बताया करो। 20 इन आदेशों को अपने घर के द्वार स्तम्भों और फाटकों पर लिखो। 21 तब तुम और तुम्हारे बच्चे उस देश में लम्बे समय तक रहेंगे जिसे यहोवा ने तुम्हारे पूर्वजों को देने का वचन दिया है। तुम तब तक रहोगे जब तक धरती के ऊपर आकाश रहेगा।
यीशु की स्वर्ग को वापसी
(लूका 24:50-53; प्रेरितों के काम 1:9-11)
19 इस प्रकार जब प्रभु यीशु उनसे बात कर चुका तो उसे स्वर्ग पर उठा लिया गया। वह परमेश्वर के दाहिने बैठ गया। 20 उसके शिष्यों ने बाहर जा कर सब कहीं उपदेश दिया, उनके साथ प्रभु काम कर रहा था। प्रभु ने वचन को आश्चर्यकर्म की शक्ति से युक्त करके सत्य सिद्ध किया।
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