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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
प्रेरितों के काम 4:5-12

अगले दिन उनके नेता, बुजुर्ग और यहूदी धर्मशास्त्री यरूशलेम में इकट्ठे हुए। महायाजक हन्ना, कैफ़ा, यूहन्ना, सिकन्दर और महायाजक के परिवार के सभी लोग भी वहाँ उपस्थित थे। वे इन प्रेरितों को उनके सामने खड़ा करके पूछने लगे, “तुमने किस शक्ति या अधिकार से यह कार्य किया?”

फिर पवित्र आत्मा से भावित होकर पतरस ने उनसे कहा, “हे लोगों के नेताओ और बुजुर्ग नेताओं! यदि आज हमसे एक लँगड़े व्यक्ति के साथ की गयी भलाई के बारे में यह पूछताछ की जा रही है कि वह अच्छा कैसे हो गया 10 तो तुम सब को और इस्राएल के लोगों को यह पता हो जाना चाहिये कि यह काम नासरी यीशु मसीह के नाम से हुआ है जिसे तुमने क्रूस पर चढ़ा दिया और जिसे परमेश्वर ने मरे हुओं में से पुनर्जीवित कर दिया है। उसी के द्वारा पूरी तरह से ठीक हुआ यह व्यक्ति तुम्हारे सामने खड़ा है। 11 यह यीशु वही,

‘वह पत्थर जिसे तुम राजमिस्त्रियों ने नाकारा ठहराया था,
    वही अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पत्थर बन गया है।’(A)

12 किसी भी दूसरे में उद्धार निहित नहीं है। क्योंकि इस आकाश के नीचे लोगों को कोई दूसरा ऐसा नाम नहीं दिया गया है जिसके द्वारा हमारा उद्धार हो पाये।”

भजन संहिता 23

दाऊद का एक पद।

यहोवा मेरा गडेरिया है।
    जो कुछ भी मुझको अपेक्षित होगा, सदा मेरे पास रहेगा।
हरी भरी चरागाहों में मुझे सुख से वह रखता है।
    वह मुझको शांत झीलों पर ले जाता है।
वह अपने नाम के निमित्त मेरी आत्मा को नयी शक्ति देता है।
    वह मुझको अगुवाई करता है कि वह सचमुच उत्तम है।
मैं मृत्यु की अंधेरी घाटी से गुजरते भी नहीं डरुँगा,
    क्योंकि यहोवा तू मेरे साथ है।
    तेरी छड़ी, तेरा दण्ड मुझको सुख देते हैं।
हे यहोवा, तूने मेरे शत्रुओं के समक्ष मेरी खाने की मेज सजाई है।
    तूने मेरे शीश पर तेल उँडेला है।
    मेरा कटोरा भरा है और छलक रहा है।
नेकी और करुणा मेरे शेष जीवन तक मेरे साथ रहेंगी।
    मैं यहोवा के मन्दिर में बहुत बहुत समय तक बैठा रहूँगा।

1 यूहन्ना 3:16-24

16 मसीह ने हमारे लिए अपना जीवन त्याग दिया। इसी से हम जानते हैं कि प्रेम क्या है? हमें भी अपने भाईयों के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने चाहिए। 17 सो जिसके पास भौतिक वैभव है, और जो अपने भाई को अभावग्रस्त देखकर भी उस पर दया नहीं करता, उसमें परमेश्वर का प्रेम है-यह कैसे कहा जा सकता है? 18 हे प्यारे बच्चों, हमारा प्रेम केवल शब्दों और बातों तक ही सीमित नहीं रहना चाहिए बल्कि वह कर्ममय और सच्चा होना चाहिए।

19 इसी से हम जान लेंगे कि हम सत्य के हैं और परमेश्वर के आगे अपने हृदयों को आश्वस्त कर सकेंगे। 20 बुरे कामों के लिए हमारा मन जब भी हमारा निषेध करता है तो यह इसलिए होता है कि परमेश्वर हमारे मनों से बड़ा है और वह सब कुछ को जानता है।

21 हे प्यारे बच्चो, यदि कोई बुरा काम करते समय हमारा मन हमें दोषी ठहराता तो परमेश्वर के सामने हमें विश्वास बना रहता है। 22 और जो कुछ हम उससे माँगते हैं, उसे पाते हैं। क्योंकि हम उसके आदेशों पर चल रहे हैं और उन्हीं बातों को कर रहे हैं, जो उसे भाती हैं। 23 उसका आदेश है: हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम में विश्वास रखें तथा जैसा कि उसने हमें आदेश दिया है हम एक दूसरे से प्रेम करें। 24 जो उसके आदेशों का पालन करता है वह उसी में बना रहता है। और उसमें परमेश्वर का निवास रहता है। इस प्रकार, उस आत्मा के द्वारा जिसे परमेश्वर ने हमें दिया है, हम यह जानते हैं कि हमारे भीतर परमेश्वर निवास करता है।

यूहन्ना 10:11-18

11 “अच्छा चरवाहा मैं हूँ! अच्छा चरवाहा भेड़ों के लिये अपनी जान दे देता है। 12 किन्तु किराये का मज़दूर क्योंकि वह चरवाहा नहीं होता, भेड़ें उसकी अपनी नहीं होतीं, जब भेड़िये को आते देखता है, भेडों को छोड़कर भाग जाता है। और भेड़िया उन पर हमला करके उन्हें तितर-बितर कर देता है। 13 किराये का मज़दूर, इसलिये भाग जाता है क्योंकि वह दैनिक मज़दूरी का आदमी है और इसीलिए भेड़ों की परवाह नहीं करता।

14-15 “अच्छा चरवाहा मैं हूँ। अपनी भेड़ों को मैं जानता हूँ और मेरी भेड़ें मुझे वैसे ही जानती हैं जैसे परम पिता मुझे जानता है और मैं परम पिता को जानता हूँ। अपनी भेड़ों के लिए मैं अपना जीवन देता हूँ। 16 मेरी और भेड़ें भी हैं जो इस बाड़े की नहीं हैं। मुझे उन्हें भी लाना होगा। वे भी मेरी आवाज सुनेगीं और इसी बाड़े में आकर एक हो जायेंगी। फिर सबका एक ही चरवाहा होगा। 17 परम पिता मुझसे इसीलिये प्रेम करता है कि मैं अपना जीवन देता हूँ। मैं अपना जीवन देता हूँ ताकि मैं उसे फिर वापस ले सकूँ। इसे मुझसे कोई लेता नहीं है। 18 बल्कि मैं अपने आप अपनी इच्छा से इसे देता हूँ। मुझे इसे देने का अधिकार है। यह आदेश मुझे मेरे परम पिता से मिला है।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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