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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 150

यहोवा की प्रशंसा करो!
परमेश्वर के मन्दिर में उसका गुणगान करो!
    उसकी जो शक्ति स्वर्ग में है, उसके यशगीत गाओ!
उन बड़े कामों के लिये परमेश्वर की प्रशंसा करो, जिनको वह करता है!
    उसकी गरिमा समूची के लिये उसका गुणगान करो!
तुरही फूँकते और नरसिंगे बजाते हुए उसकी स्तुति करो!
    उसका गुणगान वीणा और सारंगी बजाते हुए करो!
परमेश्वर की स्तुति तम्बूरों और नृत्य से करो!
    उसका यश उन पर जो तार से बजाते हैं और बांसुरी बजाते हुए गाओ!
तुम परमेश्वर का यश झंकारते झाँझे बजाते हुए गाओ!
    उसकी प्रशंसा करो!

हे जीवों! यहोवा की स्तुति करो!

यहोवा की प्रशंसा करो!

यिर्मयाह 30:1-11

आशा के प्रतिज्ञाएं

30 यह सन्देश यहोवा का है जो यिर्मयाह को मिले। इस्राएल के लोगों के परमेश्वर यहोवा ने यह कहा, “यिर्मयाह, मैंने जो सन्देश दिये है, उन्हें एक पुस्तक में लिख डालो। इस पुस्तक को अपने लिये लिखो।” यह सन्देश यहोवा का है। “यह करो, क्योंकि वे दिन आएंगे जब मैं अपने लोगों इस्राएल और यहूदा को देश निकाले से वापस लाऊँगा।” यह सन्देश यहोवा का है। “मैं उन लोगों को उस देश में वापस लाऊँगा जिसे मैंने उनके पूर्वजों को दिया था। तब मेरे लोग उस देश को फिर अपना बनायेंगे।”

यहोवा ने यह सन्देश इस्राएल और यहूदा के लोगों के बारे में दिया। यहोवा ने जो कहा, वह यह है:

“हम भय से रोते लोगों का रोना सुनते हैं!
    लोग भयभीत हैं! कहीं शान्ति नहीं!

“यह प्रश्न पूछो इस पर विचार करो:
    क्या कोई पुरुष बच्चे को जन्म दे सकता है निश्चय ही नही!
तब मैं हर एक शक्तिशाली व्यक्ति को पेट पकड़े क्यों देखता हूँ
    मानों वे प्रसव करने वाली स्त्री की पीड़ा सह रहे हो
क्यों हर एक व्यक्ति का मुख शव सा सफेद हो रहा है
    क्यों? क्योंकि लोग अत्यन्त भयभीत हैं।

“यह याकूब के लिये अत्यन्त महत्वपूर्ण समय है।
    यह बड़ी विपत्ति का समय है।
इस प्रकार का समय फिर कभी नहीं आएगा।
    किन्तु याकूब बच जायेगा।”

यह सन्देश सर्वशक्तिमान यहोवा का है: “उस समय, मैं इस्राएल और यहूदा के लोगों की गर्दन से जुवे को तोड़ डालूँगा और तुम्हें जकड़ने वाली रस्सियों को मैं तोड़ दूँगा। विदेशों के लोग मेरे लोगों को फिर कभी दास होने के लिये विवश नहीं करेंगे। इस्राएल और यहूदा के लोग अन्य देशों की भी सेवा नहीं करेंगे। नहीं, वे तो अपने परमेश्वर यहोवा की सेवा करेंगे और वे अपने राजा दाऊद की सेवा करेंगे। मैं उस राजा को उनके पास भेजूँगा।

10 “अत: मेरे सेवक याकूब डरो नहीं।”
    यह सन्देश यहोवा का है।
“इस्राएल, डरो नहीं।
    मैं उस अति दूर के स्थान से तुम्हें बचाऊँगा।
तुम उस बहुत दूर के देश में बन्दी हो,
    किन्तु मैं तुम्हारे वंशजों को
    उस देश से बचाऊँगा।
याकूब फिर शान्ति पाएगा।
    याकूब को लोग तंग नहीं करेंगे।
    मेरे लोगों को भयभीत करने वाला कोई शत्रु नहीं होगा।
11 इस्राएल और यहूदा के लोगों, मैं तुम्हारे साथ हूँ।”
    यह सन्देश यहोवा का है, “और मैं तुम्हें बचाऊँगा।
मैंने तुम्हें उन राष्ट्रों में भेजा।
    किन्तु मैं उन सभी राष्ट्रों को पूरी तरह नष्ट कर दूँगा।
यह सत्य है कि मैं उन राष्ट्रों को नष्ट करुँगा।
    किन्तु मैं तुम्हें नष्ट नहीं करुँगा।
तुम्हें उन बुरे कामों का जरूर दण्ड मिलेगा जिन्हें तुमने किये।
    किन्तु मैं तुम्हें अच्छी प्रकार से अनुशासित करूँगा।”

1 यूहन्ना 3:10-16

10 परमेश्वर की संतान कौन है? और शैतान के बच्चे कौन से हैं? तुम उन्हें इस प्रकार जान सकते हो: प्रत्येक वह व्यक्ति जो धर्म पर नहीं चलता और अपने भाई को प्रेम नहीं करता, परमेश्वर का नहीं है।

परस्पर प्रेम से रहो

11 यह उपदेश तुमने आरम्भ से ही सुना है कि हमें परस्पर प्रेम रखना चाहिए। 12 हमें कैन[a] के जैसा नहीं बनना चाहिए जो उस दुष्टात्मा से सम्बन्धित था और जिसने अपने भाई की हत्या कर दी थी। उसने अपने भाई को भला क्यों मार डाला? उसने इसलिए ऐसा किया कि उसके कर्म बुरे थे जबकि उसके भाई के कर्म धार्मिकता के।

13 हे भाईयों, यदि संसार तुमसे घृणा करता है, तो अचरज मत करो। 14 हमें पता है कि हम मृत्यु के पार जीवन में आ पहुँचे हैं क्योंकि हम अपने बन्धुओं से प्रेम करते हैं। जो प्रेम नहीं करता, वह मृत्यु में स्थित है। 15 प्रत्येक व्यक्ति जो अपने भाई से घृणा करता है, हत्यारा है और तुम तो जानते ही हो कि कोई हत्यारा अपनी सम्पत्ति के रूप में अनन्त जीवन को नहीं रखता।

16 मसीह ने हमारे लिए अपना जीवन त्याग दिया। इसी से हम जानते हैं कि प्रेम क्या है? हमें भी अपने भाईयों के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने चाहिए।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International