Revised Common Lectionary (Complementary)
आसाप के भक्ति गीतों में से एक पद।
1 ईश्वरों के परमेश्वर यहोवा ने कहा है,
पूर्व से पश्चिम तक धरती के सब मनुष्यों को उसने बुलाया।
2 सिय्योन से परमेश्वर की सुन्दरता प्रकाशित हो रही है।
3 हमारा परमेश्वर आ रहा है, और वह चुप नही रहेगा।
उसके सामने जलती ज्वाला है,
उसको एक बड़ा तूफान घेरे हुए है।
4 हमारा परमेश्वर आकाश और धरती को पुकार कर
अपने निज लोगों को न्याय करने बुलाता है।
5 “मेरे अनुयायियों, मेरे पास जुटों।
मेरे उपासकों आओ हमने आपस में एक वाचा किया है।”
6 परमेश्वर न्यायाधीश है,
आकाश उसकी धार्मिकता को घोषित करता है।
यारोबाम का पुत्र मर जाता है
14 उस समय यारोबाम का पुत्र अबिय्याह बहुत बीमार पड़ा। 2 यारोबाम ने अपनी पत्नी से कहा, “शीलो जाओ। जाओ और अहिय्याह नबी से मिलो। अहिय्याह वह व्यक्ति है जिसने कहा था कि मैं इस्राएल का राजा बनूँगा। अपने वस्त्र ऐसे पहनों कि कोई न समझे कि तुम मेरी पत्नी हो। 3 नबी को दस रोटियाँ, कुछ पुऐ और शहद का एक घड़ा दो। तब उससे पूछो कि हमारे पुत्र का क्या होगा। अहिय्याह नबी तुम्हें बतायेगा।”
4 इसलिये राजा की पत्नी ने वह किया जो उसने कहा। वह शीलो गई। वह अहिय्याह नबी के घर गई। अहिय्याह बहुत बूढ़ा और अन्धा हो गया था। 5 किन्तु यहोवा ने उससे कहा, “यारोबाम की पत्नी तुमसे अपने पुत्र के बारे में पूछने के लिये आ रही है। वह बीमार है।” यहोवा ने अहिय्याह को बताया कि उसे क्या कहना चाहिये।
यारोबाम की पत्नी अहिय्याह के घर पहुँची। वह प्रयत्न कर रही थी कि लोग न जानें कि वह कौन है। 6 अहिय्याह ने उसके द्वार पर आने की आवाज सुनी। अत: अहिय्याह ने कहा, “यारोबाम की पत्नी, यहाँ आओ। तुम क्यों यह प्रयत्न कर रही हो कि लोग यह समझें कि तुम कोई अन्य हो मेरे पास तुम्हारे लिये कुछ बुरी सूचनायें हैं। 7 वापस लौटो और यारोबाम से कहो कि यहोवा इस्राएल का परमेश्वर, जो कहता है, वह यह है। यहोवा कहता है, ‘यारोबाम इस्राएल के सभी लोगों में से मैंने तुम्हें चुना। मैंने तुम्हें अपने लोगों का शासक बनाया। 8 दाऊद के परिवार ने इस्राएल पर शासन किया किन्तु मैंने उनसे राज्य ले लिये और उसे तुमको दे दिया। किन्तु तुम मेरे सेवक दाऊद के समान नहीं हो। उसने मेरे आदेशों का सदा पालन किया। उसने पूरे हृदय से मेरा अनुसरण किया। उसने वे ही काम किये जिन्हें मैंने स्वीकार किया। 9 किन्तु तुमने बहुत से भीषण पाप किये हैं। तुम्हारे पाप उन सभी के पापों से अधिक हैं जिन्होंने तुम से पहले शासन किया। तुमने मेरा अनुसरण करना बन्द कर दिया है। तुमने मूर्तियाँ और अन्य देवाता बनाये। इसने मूझे बहुत क्रोधित किया। इससे मैं बहुत क्रुद्ध हुआ हूँ। 10 अत: यारोबाम, मैं तुम्हारे परिवार पर विपत्ति लाऊँगा। मैं तुम्हारे परिवार के सभी पुरुषों को मार डालूँगा। मैं तुम्हारे परिवार को पूरी तरह वैसे ही नष्ट कर डालूँगा जैसे आग उपलों को नष्ट करती है। 11 तुम्हारे परिवार का जो कोई नगर में मरेगा उसे कुत्ते खायेंगे और तुम्हारे परिवार का जो कोई व्यक्ति मैदान में मरेगा उसे पक्षी खायेंगे। यहोवा ने यह कहा है।’”
12 तब अहिय्याह नबी यारोबाम की पत्नी से बात करता रहा। उसने कहा, “अब तुम घर जाओ। जैसे ही तुम अपने नगर में प्रवेश करोगी तुम्हारा पुत्र मरेगा। 13 सारा इस्राएल उसके लिये रोएगा और उसे दफनाएगा। मात्र तुम्हारा पुत्र ही यारोबाम के परिवार में ऐसा होगा जिसे दफनाया जाएगा। इसका कारण यह है कि यारोबाम के परिवार में केवल वही ऐसा व्यक्ति है जिसने यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर को प्रसन्न किया है। 14 यहोवा इस्राएल का एक नया राजा बनायेगा। वह नया राजा यारोबाम के परिवार को नष्ट करेगा। यह बहुत शीघ्र होगा। 15 तब यहोवा इस्राएल को चोट पहुँचायेगा। इस्राएल के लोग बहुत डर जायेंगे वे जल की लम्बी घास की तरह काँपेंगे। यहोवा इस्राएलियों को इस अच्छे प्रदेश से उखाड़ देगा। यह वही भूमि है जिसे उसने उनके पूर्वजों को दिया था। वह उनको फरात नदी की दूसरी ओर बिखेर देगा। यह होगा, क्योंकि यहोवा लोगों पर क्रोधित है। लोगों ने उसको तब क्रोधित किया जब उन्होंने अशेरा की पूजा के लिये विशेष स्तम्भ खड़े किये। 16 यारोबाम ने पाप किया और तब यारोबाम ने इस्राएल के लोगों से पाप करवाया। अत: यहोवा इस्राएल के लोगों को पराजित होने देगा।”
17 यारोबाम की पत्नी तिरजा को लौट गई। ज्यों ही वह घर में घुसी, लड़का मर गया। 18 पूरे इस्राएल ने उसको दफनाया और उसके लिये वे रोये। यह ठीक वैसे ही हुआ जैसा यहोवा ने होने को कहा था। यहोवा ने अपने सेवक अहिय्याह नबी का उपयोग ये बातें कहने के लिये किया।
परमेश्वर के अनुग्रह का धन्यवाद
12 मैं हमारे प्रभु यीशु मसीह का धन्यवाद करता हूँ। मुझे उसी ने शक्ति दी है। उसने मुझे विश्वसनीय समझ कर अपनी सेवा में नियुक्त किया है। 13 यद्यपि पहले मैं उसका अपमान करने वाला, सताने वाला तथा एक अविनीत व्यक्ति था किन्तु मुझ पर दया की गयी क्योंकि एक अविश्वासी के रूप में यह नहीं जानते हुए कि मैं क्या कुछ कर रहा हूँ, मैंने सब कुछ किया 14 और प्रभु का अनुग्रह मुझे बहुतायत से मिला और साथ ही वह विश्वास और प्रेम भी जो मसीह यीशु में है।
15 यह कथन सत्य है और हर किसी के स्वीकार करने योग्य है कि यीशु मसीह इस संसार में पापियों का उद्धार करने के लिए आया है। फिर मैं तो सब से बड़ा पापी हूँ। 16 और इसलिए तो मुझ पर दया की गयी। कि मसीह यीशु एक बड़े पापी के रूप में मेरा उपयोग करते हुए आगे चल कर जो लोग उसमें विश्वास ग्रहण करेंगे, उनके लिए अनन्त जीवन प्राप्ति के हेतु एक उदाहरण के रूप में मुझे स्थापित कर अपनी असीम सहनशीलता प्रदर्शित कर सके। 17 अब उस अनन्त सम्राट अविनाशी अदृश्य एक मात्र परमेश्वर का युग युगान्तर तक सम्मान और महिमा होती रहे। आमीन!
18 मेरे पुत्र तीमुथियुस, भविष्यवक्ताओं के वचनों के अनुसार बहुत पहले से ही तेरे सम्बन्ध में जो भविष्यवाणीयाँ कर दी गयी थीं, मैं तुझे ये आदेश दे रहा हूँ, ताकि तू उनके अनुसार 19 विश्वास और उत्तम चेतना से युक्त हो कर नेकी की लड़ाई लड़ सके। कुछ ऐसे हैं जिनकी उत्तम चेतना और विश्वास नष्ट हो गये हैं। 20 हुमिनयुस और सिकंदर ऐसे ही हैं। मैंने उन्हें शैतान को सौंप दिया है ताकि उन्हें परमेश्वर के विरोध में परमेश्वर की निन्दा करने से रोकने का पाठ पढ़ाया जा सके।
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