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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
2 शमूएल 7:1-11

दाऊद एक उपासना गृह बनाना चाहता है

जब राजा दाऊद अपने नये घर गया। यहोवा ने उसके चारों ओर के शत्रुओं से उसे शान्ति दी। राजा दाऊद ने नातान नबी से कहा, “देखो, मैं देवदारू की लकड़ी से बने महल में रह रहा हूँ। किन्तु परमेश्वर का पवित्र सन्दूक अब भी तम्बू में रखा हुआ है।”

नातान ने राजा दाऊद से कहा, “जाओ, और जो कुछ तुम करना चाहते हो, करो। यहोवा तुम्हारे साथ होगा।”

किन्तु उसी रात नातान को यहोवा का सन्देश मिला। यहोवा ने कहा,

“जाओ, और मेरे सेवक दाऊद से कहो, ‘यहोवा यह कहता है: तुम वह व्यक्ति नहीं हो जो मेरे रहने के लिये एक गृह बनाये। मैं उस समय गृह में नहीं रहता था जब मैं इस्राएलियों को मिस्र से बाहर लाया। नहीं, मैं उस समय से चारों ओर तम्बू में यात्रा करता रहा। मैंने इस्राएल के किसी भी परिवार समूह से देवदारू की लकड़ी का सुन्दर घर अपने लिए बनाने के लिए नहीं कहा।’

“तुम्हें मेरे सेवक दाऊद से यह कहना चाहिये: सर्वशक्तिमान यहोवा यह कहता है, ‘मैं तुम्हें चरागाह से लाया। मैंने तुम्हें तब अपनाया जब तुम भेंड़े चरा रहे थे। मैंने तुमको अपने लोग इस्राएलियों का मार्ग दर्शक चुना। मैं तुम्हारे साथ तुम जहाँ कहीं गए रह। मैंने तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे लिए पराजित किया। मैं तुम्हें पृथ्वी महान व्यक्तियों में से एक बनाऊँगा। 10-11 और मैं अपने लोग इस्राएलियों के लिये एक स्थान चुनूँगा। मैं इस्राएलियों को इस प्रकार जमाऊँगा कि वे अपनी भूमि पर रह सकें। तब वे फिर कभी हटाये नहीं जा सकेंगे। अतीत में मैंने अपने इस्राएल के लोगों को मार्गदर्शन के लिये न्यायाधीशों को भेजा था और पापी व्यक्तियों ने उन्हें परेशान किया। अब वैसा नहीं होगा। मैं तुम्हें तुम्हारे सभी शत्रुओं से शान्ति दूँगा। मैं तुमसे यह भी कहता हूँ कि मैं तुम्हारे परिवार को राजाओं का परिवार बनाऊँगा।[a]

2 शमूएल 7:16

16 तुम्हारे राजाओं का परिवार सदा चलता रहेगा तुम उस पर निर्भर रह सकते हो तुम्हारा राज्य तुम्हारे लिये सदा चलता रहेगा। तुम्हारा सिहांसन (राज्य) सदैव बना रहेगा।’”

लूका 1:46-55

मरियम द्वारा परमेश्वर की स्तुति

46 तब मरियम ने कहा,

47 “मेरी आत्मा प्रभु की स्तुति करती है;
    मेरी आत्मा मेरे रखवाले परमेश्वर में आनन्दित है।
48 उसने अपनी दीन दासी की सुधि ली,
हाँ आज के बाद
    सभी मुझे धन्य कहेंगे।
49 क्योंकि उस शक्तिशाली ने मेरे लिये महान कार्य किये।
    उसका नाम पवित्र है।
50 जो उससे डरते हैं वह उन पर पीढ़ी दर पीढ़ी दया करता है।
51 उसने अपने हाथों की शक्ति दिखाई।
    उसने अहंकारी लोगों को उनके अभिमानपूर्ण विचारों के साथ तितर-बितर कर दिया।
52 उसने सम्राटों को उनके सिंहासनों से नीचे उतार दिया।
    और उसने विनम्र लोगों को ऊँचा उठाया।
53 उसने भूखे लोगों को अच्छी वस्तुओं से भरपूर कर दिया,
    और धनी लोगों को खाली हाथों लौटा दिया।
54 वह अपने दास इस्राएल की सहायता करने आया
    हमारे पुरखों को दिये वचन के अनुसार
55 उसे इब्राहीम और उसके वंशजों पर सदा सदा दया दिखाने की याद रही।”

भजन संहिता 89:1-4

एज्रा वंश के एतान का एक भक्ति गीत।

मैं यहोवा, की करूणा के गीत सदा गाऊँगा।
    मैं उसके भक्ति के गीत सदा अनन्त काल तक गाता रहूँगा।
हे यहोवा, मुझे सचमुच विश्वास है, तेरा प्रेम अमर है।
    तेरी भक्ति फैले हुए अम्बर से भी विस्तृत है।

परमेश्वर ने कहा था, “मैंने अपने चुने हुए राजा के साथ एक वाचा कीया है।
    अपने सेवक दाऊद को मैंने वचन दिया है।
‘दाऊद तेरे वंश को मैं सतत् अमर बनाऊँगा।
    मैं तेरे राज्य को सदा सर्वदा के लिये अटल बनाऊँगा।’”

भजन संहिता 89:19-26

19 इस्राएल तूने निज सच्चे भक्तों को दर्शन दिये और कहा,
“फिर मैंने लोगों के बीच से एक युवक को चुना,
    और मैंने उस युवक को महत्वपूर्ण बना दिया, और मैंने उस युवक को बलशाली बना दिया।
20 मैंने निज सेवक दाऊद को पा लिया,
    और मैंने उसका अभिषेक अपने निज विशेष तेल से किया।
21 मैंने निज दाहिने हाथ से दाऊद को सहारा दिया,
    और मैंने उसे अपने शक्ति से बलवान बनाया।
22 शत्रु चुने हुए राजा को नहीं हरा सका।
    दुष्ट जन उसको पराजित नहीं कर सके।
23 मैंने उसके शत्रुओं को समाप्त कर दिया।
    जो लोग चुने हुए राजा से बैर रखते थे, मैंने उन्हें हरा दिया।
24 मैं अपने चुने हुए राजा को सदा प्रेम करूँगा और उसे समर्थन दूँगा।
    मैं उसे सदा ही शक्तिशाली बनाऊँगा।
25 मैं अपने चुने हुए राजा को सागर का अधिकारी नियुक्त करूँगा।
    नदियों पर उसका ही नियन्त्रण होगा।
26 वह मुझसे कहेगा, ‘तू मेरा पिता है।
    तू मेरा परमेश्वर, मेरी चट्टान मेरा उद्धारकर्ता है।’

रोमियों 16:25-27

25 उसकी महिमा हो जो तुम्हारे विश्वास के अनुसार यानी यीशु मसीह के सन्देश के जिस सुसमाचार का मैं उपदेश देता हूँ उसके अनुसार तुम्हें सुदृढ़ बनाने में समर्थ है। परमेश्वर का यह रहस्यपूर्ण सत्य युगयुगान्तर से छिपा हुआ था। 26 किन्तु जिसे अनन्त परमेश्वर के आदेश से भविष्यवक्ताओं के लेखों द्वारा अब हमें और ग़ैर यहूदियों को प्रकट करके बता दिया गया है जिससे विश्वास से पैदा होने वाली आज्ञाकारिता पैदा हो। 27 यीशु मसीह द्वारा उस एक मात्र ज्ञानमय परमेश्वर की अनन्त काल तक महिमा हो। आमीन!

लूका 1:26-38

कुँवारी मरियम

26-27 इलीशिबा को जब छठा महीना चल रहा था, गलील के एक नगर नासरत में परमेश्वर द्वारा स्वर्गदूत जिब्राईल को एक कुँवारी के पास भेजा गया जिसकी यूसुफ़ नाम के एक व्यक्ति से सगाई हो चुकी थी। वह दाऊद का वंशज था। और उस कुँवारी का नाम मरियम था। 28 जिब्राईल उसके पास आया और बोला, “तुझ पर अनुग्रह हुआ है, तेरी जय हो। प्रभु तेरे साथ है।”

29 यह वचन सुन कर वह बहुत घबरा गयी, वह सोच में पड़ गयी कि इस अभिवादन का अर्थ क्या हो सकता है?

30 तब स्वर्गदूत ने उससे कहा, “मरियम, डर मत, तुझ से परमेश्वर प्रसन्न है। 31 सुन! तू गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी और तू उसका नाम यीशु रखेगी। 32 वह महान होगा और वह परमप्रधान का पुत्र कहलायेगा। और प्रभु परमेश्वर उसे उसके पिता दाऊद का सिंहासन प्रदान करेगा। 33 वह अनन्त काल तक याकूब के घराने पर राज करेगा तथा उसके राज्य का अंत कभी नहीं होगा।”

34 इस पर मरियम ने स्वर्गदूत से कहा, “यह सत्य कैसे हो सकता है? क्योंकि मैं तो अभी कुँवारी हूँ!”

35 उत्तर में स्वर्गदूत ने उससे कहा, “तेरे पास पवित्र आत्मा आयेगा और परमप्रधान की शक्ति तुझे अपनी छाया में ले लेगी। इस प्रकार वह जन्म लेने वाला पवित्र बालक परमेश्वर का पुत्र कहलायेगा। 36 और यह भी सुन कि तेरे ही कुनबे की इलीशिबा के गर्भ में भी बुढापे में एक पुत्र है और उसके गर्भ का यह छठा महीना है। लोग कहते थे कि वह बाँझ है। 37 किन्तु परमेश्वर के लिए कुछ भी असम्भव नहीं।”

38 मरियम ने कहा, “मैं प्रभु की दासी हूँ। जैसा तूने मेरे लिये कहा है, वैसा ही हो!” और तब वह स्वर्गदूत उसके पास से चला गया।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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