Revised Common Lectionary (Complementary)
संगीत निर्देशक के लिये कोरह वंशियों का एक स्तुति गीत।
1 हे यहोवा, तू अपने देश पर कृपालु हो।
विदेश में याकूब के लोग कैदी बने हैं। उन बंदियों को छुड़ाकर उनके देश में वापस ला।
2 हे यहोवा, अपने भक्तों के पापों को क्षमा कर।
तू उनके पाप मिटा दे।
8 जो परमेश्वर ने कहा, मैंने उस पर कान दिया।
यहोवा ने कहा कि उसके भक्तों के लिये वहाँ शांति होगी।
यदि वे अपने जीवन की मूर्खता की राह पर नहीं लौटेंगे तो वे शांति को पायेंगे।
9 परमेश्वर शीघ्र अपने अनुयायियों को बचाएगा।
अपने स्वदेश में हम शीघ्र ही आदर के साथ वास करेंगे।
10 परमेश्वर का सच्चा प्रेम उनके अनुयायियों को मिलेगा।
नेकी और शांति चुम्बन के साथ उनका स्वागत करेगी।
11 धरती पर बसे लोग परमेश्वर पर विश्वास करेंगे,
और स्वर्ग का परमेश्वर उनके लिये भला होगा।
12 यहोवा हमें बहुत सी उत्तम वस्तुएँ देगा।
धरती अनेक उत्तम फल उपजायेगी।
13 परमेश्वर के आगे आगे नेकी चलेगी,
और वह उसके लिये राह बनायेगी।
यहोवा की ओर लौट आने का प्रतिफल
6 आओ, हम यहोवा के पास लौट आयें।
उसने आघात दिये थे वही हमें चंगा करेगा।
उसने हमें आघात दिये थे वही उन पर मरहम भी लगायेगा।
2 दो दिन के बाद वही हमें फिर जीवन की ओर लौटायेगा।
तीसरे दिन वह ही हमें उठा कर खड़ा करेगा,
हम उसके सामने फिर जी पायेंगे।
3 आओ, यहोवा के विषय में जानकारी करें।
आओ, यहोवा को जानने का कठिन जतन करें।
हमको इसका पता है कि वह आ रहा है
वैसे ही जैसे हम को ज्ञान है कि प्रभात आ रहा है।
यहोवा हमारे पास वैसे ही आयेगा जैसे कि
बसंत कि वह वर्षा आती है जो धरती को सींचती है।
लोग सच्चे नहीं हैं
4 हे एप्रैम, तुम ही बताओ कि मैं (यहोवा) तुम्हारे साथ क्या करूँ?
हे यहूदा, तुम्हारे साथ मुझे क्या करना चाहिये?
तुम्हारी आस्था भोर की धुंध सी है।
तुम्हारी आस्था उस ओस की बूँद सी है जो सुबह होते ही कही चली जाती है।
5 मैंने नबियों का प्रयोग किया
और लोगों के लिये नियम बना दिये।
मेरे आदेश पर लोगों का वध किया गया
किन्तु इन निर्णयों से भली बाते ऊपजेंगी।
6 क्योंकि मुझे सच्चा प्रेम भाता है
न कि मुझे बलियाँ भाती हैं,
मुझे भाता है कि परमेश्वर का ज्ञान रखें,
न कि वे यहाँ होमबलियाँ लाया करें।
थिस्सलुनीकियों का जीवन और विश्वास
2 हम तुम सब के लिए सदा परमेश्वर को धन्यवाद देते रहते हैं और अपनी प्रार्थनाओं में हमें तुम्हारी याद बनी रहती है। 3 प्रार्थना करते हुए हम सदा तुम्हारे उस काम की याद करते हैं जो फल है, विश्वास का, प्रेम से पैदा हुए तुम्हारे कठिन परिश्रम का, और हमारे प्रभु यीशु मसीह में आशा से उत्पन्न तुम्हारी धैर्यपूर्ण सहनशीलता का हमें सदा ध्यान बना रहता है।
4 परमेश्वर के प्रिय हमारे भाईयों, हम जानते हैं कि तुम उसके चुने हुए हो। 5 क्योंकि हमारे सुसमाचार का विवरण तुम्हारे पास मात्र शब्दों में ही नहीं पहुँचा है बल्कि पवित्र आत्मा सामर्थ्य और गहन श्रद्धा के साथ पहुँचा है। तुम जानते हो कि हम जब तुम्हारे साथ थे, तुम्हारे लाभ के लिए कैसा जीवन जीते थे। 6 कठोर यातनाओं के बीच तुमने पवित्र आत्मा से मिलने वाली प्रसन्नता के साथ सुसंदेश को ग्रहण किया और हमारा तथा प्रभु का अनुकरण करने लगे।
7 इसलिए मकिदुनिया और अखाया के सभी विश्वासियों के लिये तुम एक आदर्श बन गये 8 योंकि तुमसे प्रभु के संदेश की जो गूँज उठी, वह न केवल मकिदुनिया और अखाया में सुनी गयी बल्कि परमेश्वर में तुम्हारा विश्वास सब कहीं जाना माना गया। सो हमें कुछ भी कहने की आवश्यकता नहीं है। 9-10 क्योंकि वे स्वयं ही हमारे विषय में बताते हैं कि तुमने हमारा कैसा स्वागत किया था और सजीव तथा सच्चे परमेश्वर की सेवा करने के लिए और स्वर्ग से उसके पुत्र के आगमन की प्रतीक्षा करने के लिए तुम मूर्तियों की ओर से सजीव परमेश्वर की ओर कैसे मुड़े थे। पुत्र अर्थात् यीशु को उसने मरे हुओं में से फिर से जिला उठाया था और वही परमेश्वर के आने वाले कोप से हमारी रक्षा करता है।
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