Revised Common Lectionary (Complementary)
1 हे परमेस्वर, एक मनुष्य है जो तेरी अनुसरण नहीं करता वह मनुष्य दुष्ट है और झूठ बोलता है।
हे परमेश्वर, मेरा मुकदमा लड़ और यह निर्णय कर कि कोन सत्य है।
मुझे उस मनुष्य से बच ले।
2 हे परमेस्वर, तू ही मेरा शरणस्थल है!
मुझको तूने क्यों बिसरा दिय
तूने मुझको यह क्यों नहीं दिखाया
कि मै अपने श्त्रुओं से कैसे बच निकलूँ?
3 हे परमेश्वर, तू अपनी ज्योति और अपने सत्य को मुझ पर प्रकाशित होने दे।
मुझको तेरी ज्योति और सत्य राह दिखायेंगे।
वे मुझे तेरे पवित्र पर्वत और अपने घर को ले चलेंगे।
4 मैं तो परमेस्वर की वेदी के पास जाऊँगा।
परमेश्वर मैं तेरे पास आऊँगा। वह मुझे आनन्दित करता है।
हे परमेश्वर, हे मेरे परमेश्वर,
मैं वीणा पर तेरी स्तुति करँगा।
5 मैं इतना दु:खी क्यों हुँ?
मैं क्यों इतना व्यकुल हूँ?
मुझे परमेश्वर के सहारे की बाट जोहनी चाहिए।
मुझे अब भी उसकी स्तुती का अवसर मिलेगा।
वह मुझे बचाएगा।
13 तब यहोवा का वचन मुझे मिला। 2 “मनुष्य के पुत्र, तुम्हें इस्राएल के नबियों से मेरे लिये बातें करनी चाहिये। वे नबी वास्तव में मेरे लिये बातें नहीं कर रहे हैं। वे नबी वही कुछ कह रहे हैं जो वे कहना चाहतें हैं।” इसलिये तुम्हें उनसे बातें करनी चाहियें। उनसे ये बातें कहो, यहोवा के यहाँ से मिले इस वचन को सुनो! 3 मेरा स्वामी यहोवा यह वचन देता है। मूर्ख नबियों! तुम लोगों पर विपत्तियाँ आएंगी। तुम लोग अपनी आत्मा का अनुसरण कर रहे हो। तुम लोगों से वह नहीं कह रहे हो जो तुम सचमुच दर्शन में देखते हो।
4 “‘इस्राएलियों, तुम्हारे नबी शून्य खण्डहरों में दौड़ लगाने वाली लोमड़ियों जैसे होंगे। 5 तुमने नगर की टूटी दीवारों के निकट सैनिक को नहीं रखा है। तुमने इस्राएल के परिवार की रक्षा के लिये दीवारें नहीं बनाई हैं। इसलिये यहोवा के लिये, जब तुम्हें दण्ड देने का समय आएगा तो तुम युद्ध में हार जाओगे!
6 “‘झूठे नबियों ने कहा, कि उन्होंने दर्शन देखा है। उन्होंने अपना जादू किया और कहा कि घटनाएँ होंगी, किन्तु उन्होंने झूठ बोला। उन्होंने कहा कि यहोवा ने उन्हें भेजा किन्तु उन्होंने झूठ बोला। वे अपने झूठ के सत्य होने की प्रतीक्षा अब तक कर रहे हैं।
7 “‘झूठे नबियों, जो दर्शन तुमने देखे, वे सत्य नहीं थे। तुमने अपने जादू किये और कहा कि कुछ घटित होगा, किन्तु तुम लोगों ने झूठ बोला। तुम कहते हो कि यह यहोवा का कथन है, किन्तु मैंने तुम लोगों से बातें नहीं की!’”
8 अत: मेरा स्वामी यहोवा अब सचमुच कुछ कहेगा, वह कहता है, “तुमने झूठ बोला। तुमने वे दर्शन देखे जो सच्चे नहीं थे। इसलिये मैं (परमेश्वर) अब तुम्हारे विरुद्ध हूँ!” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। 9 यहोवा ने कहा, “मैं उन नबियों को दण्ड दूँगा जिन्होंने असत्य दर्शन देखे और जिन्होंने झूठ बोला। मैं उन्हें अपने लोगों से अलग करूँगा। उनके नाम इस्राएल के परिवार की सूची में नहीं रहेंगे। वे फिर इस्राएल प्रदेश में कभी नहीं आएंगे। तब तुम जानोगे कि मैं यहोवा और स्वामी हूँ!
10 “उन झूठे नबियों ने बार—बार मेरे लोगों से झूठ बोला। नबियों ने कहा कि शान्ति रहेगी और वहाँ कोई शान्ति नहीं है। लोगों को दीवारें दृढ़ करनी है और युद्ध की तैयारी करनी हैं। किन्तु वे टूटी दीवारों पर लेप की एक पतली तह चढ़ा रहे हैं। 11 उन लोगों से कहो कि मैं ओले और मूसलाधार वर्षा (शत्रु—सेना) भेजूँगा। प्रचण्ड आँधी चलेगी और चक्रवात आएगा। तब दीवार गिर जाएगी। 12 दीवार नीचे गिर जाएगी। लोग नबियों से पूछेंगे, ‘उस लेप का क्या हुआ, जिसे तुमने दीवार पर चढ़ाया था?’” 13 मेरा स्वामी यहोवा कहता है, “मैं क्रोधित हूँ और मैं तुम लोगों के विरुद्ध एक तूफान भेजूँगा। मैं क्रोधित हूँ और मैं घनघोर वर्षा भेजूँगा। मैं क्रोधित हूँ और मैं आकाश से ओले बरसाऊँगा और तुम्हें पूरी तरह से नष्ट करूँगा! 14 तुम लेप दीवार पर चढ़ाते हो। किन्तु मैं पूरी दीवार को नष्ट कर दूँगा। मैं इसे धराशायी कर दूँगा। दीवार तुम पर गिरेगी और तुम जानोगे कि मैं यहोवा हूँ। 15 मैं, दीवार और उस पर लेप चढ़ाने वालों के विरुद्ध अपना क्रोध दिखाना समाप्त कर दूँगा। तब मैं कहूँगा, ‘अब कोई दीवार नहीं है और अब कोई मज़दूर इस पर लेप चढ़ाने वाला नहीं हैं।’
16 “ये सब कुछ इस्राएल के झूठे नबियों के लिये होगा। वे नबी यरूशलेम के लोगों से बातचीत करते हैं। वे नबी कहते हैं कि शान्ति होगी, किन्तु कोई शान्ति नहीं हैं।” मेरे स्वामी यहोवा ने उन बातों को कहा।
झूठे शिक्षक
2 जैसा भी रहा हो उन संत जनों के बीच जैसे झूठे नबी दिखाई पड़ने लगे थे बिलकुल वैसे ही झूठे नबी तुम्हारे बीच भी प्रकट होंगे। वे घातक धारणाओं का सूत्र-पात करेंगे और उस स्वामी तक को नकार देंगे जिसने उन्हें स्वतन्त्रता दिलायी। ऐसा करके वे अपने शीघ्र विनाश को निमन्त्रण देंगे। 2 बहुत से लोग उनकी भोग-विलास की प्रवृत्तियों का अनुसरण करेंगे। उनके कारण सच्चाई का मार्ग बदनाम होगा। 3 लोभ के कारण अपनी बनावटी बातों से वे तुमसे धन कमाएँगे। उनका दण्ड परमेश्वर के द्वारा बहुत पहले से निर्धारित किया जा चुका है। उनका विनाश तैयार है और उनकी प्रतीक्षा कर रहा है।
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