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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 31:9-16

हे यहोवा, मुझ पर अनेक संकट हैं। सो मुझ पर कृपा कर।
    मैं इतना व्याकुल हूँ कि मेरी आँखें दु:ख रही हैं।
    मेरे गला और पेट पीड़ित हो रहे हैं।
10 मेरा जीवन का अंत दु:ख में हो रहा है।
    मेरे वर्ष आहों में बीतते जाते हैं।
मेरी वेदनाएँ मेरी शक्ति को निचोड़ रही हैं।
    मेरा बल मेरा साथ छोड़ता जा रहा है।
11 मेरे शत्रु मुझसे घृणा रखते हैं।
    मेरे पड़ोसी मेरे बैरी बने हैं।
मेरे सभी सम्बन्धी मुझे राह में देख कर
    मुझसे डर जाते हैं
    और मुझसे वे सब कतराते हैं।
12 मुझको लोग पूरी तरह से भूल चुके हैं।
    मैं तो किसी खोये औजार सा हो गया हूँ।
13 मैं उन भयंकर बातों को सुनता हूँ जो लोग मेरे विषय में करते हैं।
    वे सभी लोग मेरे विरुद्ध हो गए हैं। वे मुझे मार डालने की योजनाएँ रचते हैं।

14 हे यहोवा, मेरा भरोसा तुझ पर है।
    तू मेरा परमेश्वर है।
15 मेरा जीवन तेरे हाथों में है। मेरे शत्रुओं से मुझको बचा ले।
    उन लोगों से मेरी रक्षा कर, जो मेरे पीछे पड़े हैं।
16 कृपा करके अपने दास को अपना ले।
    मुझ पर दया कर और मेरी रक्षा कर!

विलापगीत 3:55-66

55 हे यहोवा, मैंने तेरा नाम पुकारा।
    उस गर्त के तल से मैंने तेरा नाम पुकारा।
56 तूने मेरी आवाज़ को सुना।
    तूने कान नहीं मूंद लिये।
    तूने बचाने से और मेरी रक्षा करने से नकारा नहीं।
57 जब मैंने तेरी दुहाई दी, उसी दिन तू मेरे पास आ गया था।
    तूने मुझ से कहा था, “भयभीत मत हो।”
58 हे यहोवा, मेरे अभियोग में तूने मेरा पक्ष लिया।
    मेरे लिये तू मेरा प्राण वापस ले आया।
59 हे यहोवा, तूने मेरी विपत्तियाँ देखी हैं,
    अब मेरे लिये तू मेरा न्याय कर।
60 तूने स्वयं देखा है कि शत्रुओं ने मेरे साथ कितना अन्याय किया।
    तूने स्वयं देखा है उन सारे षड़यंत्रों को
    जो उन्होंने मुझ से बदला लेने को मेरे विरोध में रचे थे।
61 हे यहोवा, तूने सुना है कि वे मेरा अपमान कैसे करते हैं।
    तूने सुना है उन षड़यंत्रों को जो उन्होंने मेरे विरोध में रचाये।
62 मेरे शत्रुओं के वचन और विचार
    सदा ही मेरे विरुद्ध रहे।
63     देखो यहोवा, चाहे वे बैठे हों, चाहे वे खड़े हों,
    कैसे वे मेरी हंसी उड़ाते हैं!
64 हे यहोवा, उनके साथ वैसा ही कर जैसा उनके साथ करना चाहिये!
    उनके कर्मो का फल तू उनको दे दे!
65 उनका मन हठीला कर दे!
    फिर अपना अभिशाप उन पर डाल दे!
66 क्रोध में भर कर तू उनका पीछा कर!
    उन्हें बर्बाद कर दे! हे यहोवा, आकाश के नीचे से तू उन्हें समाप्त कर दे!

मरकुस 10:32-34

यीशु द्वारा अपनी मृत्यु की भविष्यवाणी

(मत्ती 20:17-19; लूका 18:31-34)

32 फिर यरूशलेम जाते हुए जब वे मार्ग में थे तो यीशु उनसे आगे चल रहा था। वे डरे हुए थे और जो उनके पीछे चल रहे थे, वे भी डरे हुए थे। फिर यीशु बारहों शिष्यों को अलग ले गया और उन्हें बताने लगा कि उसके साथ क्या होने वाला है। 33 “सुनो, हम यरूशलेम जा रहे हैं। मनुष्य के पुत्र को धोखे से पकड़वा कर प्रमुख याजकों और धर्मशास्त्रियों को सौंप दिया जायेगा। और वे उसे मृत्यु दण्ड दे कर ग़ैर यहूदियों को सौंप देंगे। 34 जो उसकी हँसी उड़ाएँगे और उस पर थूकेंगे। वे उसे कोड़े लगायेंगे और फिर मार डालेंगे। और फिर तीसरे दिन वह जी उठेगा।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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