Revised Common Lectionary (Complementary)
7 हे यहोवा, मेरी पुकार सुन, मुझको उत्तर दे।
मुझ पर दयालु रह।
8 हे योहवा, मैं चाहता हूँ अपने हृदय से तुझसे बात करुँ।
हे यहोवा, मैं तुझसे बात करने तेरे सामने आया हूँ।
9 हे यहोवा, अपना मुख अपने सेवक से मत मोड़।
मेरी सहायता कर! मुझे तू मत ठुकरा! मेरा त्याग मत कर!
मेरे परमेश्वर, तू मेरा उद्धारकर्ता है।
10 मेरी माता और मेरे पिता ने मुझको त्याग दिया,
पर यहोवा ने मुझे स्वीकारा और अपना बना लिया।
11 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण, मुझे अपना मार्ग सिखा।
मुझे अच्छे कामों की शिक्षा दे।
12 मुझ पर मेरे शत्रुओं ने आक्रमण किया है।
उन्होंने मेरे लिए झूठ बोले हैं। वे मुझे हानि पहुँचाने के लिए झूठ बोले।
13 मुझे भरोसा है कि मरने से पहले मैं सचमुच यहोवा की धार्मिकता देखूँगा।
14 यहोवा से सहायता की बाट जोहते रहो!
साहसी और सुदृढ़ बने रहो
और यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते रहो।
याकूब अपने पुत्रों को आशीर्वाद देता है
49 तब याकूब ने अपने सभी पुत्रो को अपने पास बुलाया। उसने कहा, “मेरे सभी पुत्रो, यहाँ मेरे पास आओ। मैं तुम्हें बताऊँगा कि भविष्य में क्या होगा।
2 “याकूब के पुत्रो, एक साथ आओ और सुनो,
अपने पिता इस्राएल की सुनो।”
यहूदा
8 “यहूदा, तुम्हारे भाई तुम्हारी प्रशंसा करेंगे।
तुम अपने शत्रुओं को हराओगे।
तुम्हारे भाई तुम्हारे सामने झुकेंगे।
9 यहूदा उस शेर की तरह है जिसने किसी जानवर को मारा हो।
हे मेरे पुत्र, तुम अपने शिकार पर खड़े शेर के समान हो
जो आराम करने के लिए लेटता है,
और कोई इतना बहादुर नहीं कि उसे छेड़ दे।
10 यहूदा के परिवार के व्यक्ति राजा होंगे।
उसके परिवार का राज—चिन्ह उसके परिवार से
वास्तविक शासक के आने से पहले समाप्त नहीं होगा।
तब अनेकों लोग उसका आदेश मानेंगे और सेवा करेंगे।
11 वह अपने गधे को अँगूर की बेल से बाँधता है।
वह अपने गधे के बच्चों को सबसे अच्छी अँगूर की बेलों में बाँधता है।
वह अपने वस्त्रों को धोने के लिए सबसे अच्छी दाखमधु का उपयोग करता है।
12 उसकी आँखे दाखमधु पीने से लाल रहती है।
उसके दाँत दूध पीने से उजले है।”[a]
जबूलून
13 “जबूलून समुद्र के निकट रहेगा।
इसका समुद्री तट जहाजों के लिए सुरक्षित होगा।
इसका प्रदेश सीदोन तक फैला होगा।”
नप्ताली
21 “नप्ताली स्वतन्त्र दौड़ने वाले हिरण की तरह है
और उसकी बोली उनके सुन्दर बच्चों की तरह है।”
यूसुफ
22 “यूसुफ बहुत सफल है।
यूसुफ फलों से लदी अंगूर की बेल के समान है।
वह सोते के समीप उगी अँगूर की बेल की तरह है,
बाड़े के सहारे उगी अँगूर की बेल की तरह है।
23 बहुत से लोग उसके विरुद्ध हुए
और उससे लड़े।
धर्नुधारी लोग उसे पसन्द नहीं करते।
24 किन्तु उसने अपने शक्तिशाली धनुष और कुशल भुजाओं से युद्ध जीता।
वह याकूब के शक्तिशाली परमेश्वर चरवाहे, इस्राएल की चट्टान से शक्ति पाता है।
25 और अपने पिता के परमेश्वर से शक्ति पाता है।
“परमेश्वर तुम को आशीर्वाद दे। सर्वशक्तिमान परमेश्वर तुम को आशीर्वाद दे।
वह तुम्हें ऊपर आकाश से आशीर्वाद दे और नीचे गहरे समुद्र से आशीर्वाद दे।
वह तुम्हें स्तनों और गर्भ का आशीर्वाद दे।”
26 मेरे माता—पिता को बहुत सी अच्छी चीजें होती रही
और तुम्हारे पिता से मुझको और अधिक आशीर्वाद मिला।
तुम्हारे भाईयों ने तुमको बेचना चाहा।
किन्तु अब तुम्हें एक ऊँचे पर्वत के समान,
मेरे सारे आशीर्वाद का ढेर मिलेगा।
जकरयाह की स्तुति
67 तब उसका पिता जकरयाह पवित्र आत्मा से अभिभूत हो उठा और उसने भविष्यवाणी की:
68 “इस्राएल के प्रभु परमेश्वर की जय हो
क्योंकि वह अपने लोगों की सहायता के लिए आया और उन्हें स्वतन्त्र कराया।
69 उसने हमारे लिये अपने सेवक
दाऊद के परिवार से एक रक्षक प्रदान किया।
70 जैसा कि उसने बहुत पहले अपने पवित्र
भविष्यवक्ताओं के द्वारा वचन दिया था।
71 उसने हमें हमारे शत्रुओं से और उन सब के हाथों से,
जो हमें घृणा करते थे, हमारे छुटकारे का वचन दिया था।
72 हमारे पुरखों पर दया दिखाने का
अपने पवित्र वचन को याद रखने का।
73 उसका वचन था एक वह शपथ जो हमारे पूर्वज इब्राहीम के साथ ली गयी थी
74 कि हमारे शत्रुओं के हाथों से हमारा छुटकारा हो
और बिना किसी डर के प्रभु की सेवा करने की अनुमति मिले।
75 और अपने जीवन भर हर दिन उसके सामने हम पवित्र और धर्मी रह सकें।
76 “हे बालक, अब तू परमप्रधान का नबी कहलायेगा,
क्योंकि तू प्रभु के आगे-आगे चल कर उसके लिए राह तैयार करेगा।
77 और उसके लोगों से कहेगा कि उनके पापों की क्षमा द्वारा उनका उद्धार होगा।
78 “हमारे परमेश्वर के कोमल अनुग्रह से
एक नये दिन का प्रभात हम पर ऊपर से उतरेगा।
79 उन पर चमकने के लिये जो मौत की गहन छाया में जी रहे हैं
ताकि हमारे चरणों को शांति के मार्ग की दिशा मिले।”
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