Revised Common Lectionary (Complementary)
7 हे यहोवा, मेरी पुकार सुन, मुझको उत्तर दे।
मुझ पर दयालु रह।
8 हे योहवा, मैं चाहता हूँ अपने हृदय से तुझसे बात करुँ।
हे यहोवा, मैं तुझसे बात करने तेरे सामने आया हूँ।
9 हे यहोवा, अपना मुख अपने सेवक से मत मोड़।
मेरी सहायता कर! मुझे तू मत ठुकरा! मेरा त्याग मत कर!
मेरे परमेश्वर, तू मेरा उद्धारकर्ता है।
10 मेरी माता और मेरे पिता ने मुझको त्याग दिया,
पर यहोवा ने मुझे स्वीकारा और अपना बना लिया।
11 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण, मुझे अपना मार्ग सिखा।
मुझे अच्छे कामों की शिक्षा दे।
12 मुझ पर मेरे शत्रुओं ने आक्रमण किया है।
उन्होंने मेरे लिए झूठ बोले हैं। वे मुझे हानि पहुँचाने के लिए झूठ बोले।
13 मुझे भरोसा है कि मरने से पहले मैं सचमुच यहोवा की धार्मिकता देखूँगा।
14 यहोवा से सहायता की बाट जोहते रहो!
साहसी और सुदृढ़ बने रहो
और यहोवा की सहायता की प्रतीक्षा करते रहो।
12 मिद्यानी, अमालेकी तथा पूर्व के अन्य सभी लोग उस घाटी में डेरा डाले थे। वहाँ वे इतनी बड़ी संख्या में थे कि टिड्डी—दल से प्रतीत होते थे। ऐसा प्रतीत हुआ कि उन लोगों के पास इतने ऊँट थे, जितने समुद्र के किनारे बालू के कण।
13 जब गिदोन शत्रुओं के डेरे में पहुँचा, उसने एक व्यक्ति को बातें करते सुना। वह व्यक्ति अपने देखे हुए स्वप्न को उसे बता रहा था। वह व्यक्ति कह रहा था। “मैंने यह स्वपन देखा कि मिद्यान के लोगों के डेरे में एक गोल रोटी चक्कर खाती हुई आई। उस रोटी ने डेरे पर इतनी कड़ी चोट की कि डेरा पलट गया और चौड़ा होकर गिर गया।”
14 उस व्यक्ति का मित्र उस स्वप्न का अर्थ जानता था। उस व्यक्ति के मित्र ने कहा, “तुम्हारे स्वप्न का केवल एक ही अर्थ है। तुम्हारा स्वप्न योआश के पुत्र गिदोन की शक्ति के बारे में है। वह इस्राएल का है। इसका अभिप्राय यह है कि परमेश्वर मिद्यानी लोगों की सारी सेना को गिदोन द्वारा परास्त करायेगा।”
15 जब गिदोन ने स्वप्न के बारे में सुना और उसका अर्थ समझा तो वह परमेश्वर के प्रति झुका। तब गिदोन इस्राएली लोगों के डेरे में लौट गया। गिदोन ने लोगों को बाहर बुलाया, “तैयार हो जाओ। यहोवा हम लोगों को मिद्यानी लोगों को हराने में सहायता करेगा।” 16 तब गिदोन ने तीन सौ व्यक्तियों को तीन दलों में बाँटा। गिदोन ने हर एक व्यक्ति को एक तुरही और एक खाली घड़ा दिया। हर एक घड़े में एक जलती मशाल थी। 17 तब गिदोन ने लोगों से कहा, “मुझे देखते रहो और जो मैं करुँ, वही करो। मेरे पीछे—पीछे शत्रु के डेरों की छोर तक चलो। जब मैं डेरे की छोर पर पहुँच जाऊँ, ठीक वही करो जो मैं करूँ। 18 तुम सभी डेरों को घेर लो। मैं और मेरे साथ के सभी लोग अपनी तुरही बजाएंगे। जब हम लोग तुरही बजाएंगे तो तुम लोग भी अपनी तुरही बजाना। तब इन शब्दों के साथ घोष करो: ‘यहोवा के लिये, गिदोन के लिये।’”
19 इस प्रकार गिदोन और उसके साथ के सौ व्यक्ति शत्रु के डेरों की छोर पर आए। वे शत्रु के डेरे में उनके पहरेदारों की बदली के ठीक बाद आए। यह आधी रात को हुआ। गिदोन और उसके व्यक्तियों ने तुरहियों को बजाया तथा अपने घड़ों को फोड़ा। 20 तब गिदोन के तीनों दलों ने अपनी तुरहियाँ बजाईं और अपने घड़ों को फोड़ा। उसके लोग अपने बाँये हाथ में मशाल लिये और दाँये हाथ मे तुरहियाँ लिए हुए थे। जब वे लोग तुरहियाँ बजाते तो उद्घोष करते, “यहोवा के लिए तलवार, गिदोन के लिए तलवार।”
21 गिदोन का हर एक व्यक्ति डेरे के चारों ओर अपनी जगह पर खड़ा रहा। किन्तु डेरों के भीतर मिद्यानी लोग चिल्लाने और भागने लगे। 22 जब गिदोन के तीन सौ व्यक्तियों ने अपनी तुरहियों को बजाया तो यहोवा ने मिद्यानी लोगों को परस्पर एक दूसरे को तलवारों से मरवाया। शत्रु की सेना उस बेतशित्ता नगर को भागी जो सरेरा नगर की ओर है। वे लोग उस आबेलमहोला नगर की सीमा तक भागे जो तब्बात नगर के निकट है।
परमेश्वर की इच्छा के अनुरूप बनो
12 इसलिए मेरे प्रियों, तुम मेरे निर्देशों का जैसा उस समय पालन किया करते थे जब मैं तुम्हारे साथ था, अब जबकि मैं तुम्हारे साथ नहीं हूँ तब तुम और अधिक लगन से उनका पालन करो। परमेश्वर के प्रति सम्पूर्ण आदर भाव के साथ अपने उद्धार को पूरा करने के लिये तुम लोग काम करते जाओ। 13 क्योंकि वह परमेश्वर ही है जो उन कामों की इच्छा और उन्हें पूरा करने का कर्म, जो परमेश्वर को भाते हैं, तुम में पैदा करता है।
14 बिना कोई शिकायत या लड़ाई झगड़ा किये सब काम करते रहो, 15 ताकि तुम भोले भाले और पवित्र बन जाओ। तथा इस कुटिल और पथभ्रष्ट पीढ़ी के लोगों के बीच परमेश्वर के निष्कलंक बालक बन जाओ। उन के बीच अंधेरी दुनिया में तुम उस समय तारे बन कर चमको 16 जब तुम उन्हें जीवनदायी सुसंदेश सुनाते हो। तुम ऐसा ही करते रहो ताकि मसीह के फिर से लौटने के दिन मैं यह देख कर कि मेरे जीवन की भाग दौड़ बेकार नहीं गयी, तुम पर गर्व कर सकूँ।
17 तुम्हारा विश्वास एक बलि के रूप में है और यदि मेरा लहू तुम्हारी बलि पर दाखमधु के समान उँडेल दिया भी जाये तो मुझे प्रसन्नता है। तुम्हारी प्रसन्नता में मेरा भी सहभाग है। 18 उसी प्रकार तुम भी प्रसन्न रहो और मेरे साथ आनन्द मनाओ।
© 1995, 2010 Bible League International