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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
यशायाह 42:1-9

यहोवा का विशेष सेवक

42 “मेरे दास को देखो!
    मैं ही उसे सभ्भाला हूँ।
मैंने उसको चुना है, मैं उससे अति प्रसन्न हूँ।
    मैं अपनी आत्मा उस पर रखता हूँ।
वह ही सब देशों में न्याय खरेपन से लायेगा।
वह गलियों में जोर से नहीं बोलेगा।
    वह नहीं चिल्लायेगा और न चीखेगा।
वह कोमल होगा।
    कुचली हुई घास का तिनका तक वह नहीं तोड़ेगा।
वह टिमटिमाती हुई लौ तक को नहीं बुझायेगा।
    वह सच्चाई से न्याय स्थापित करेगा।
वह कमजोर अथवा कुचला हुआ तब तक नहीं होगा
    जब तक वह न्याय को दुनियाँ में न ले आये।
    दूर देशों के लोग उसकी शिक्षाओं पर विश्वास करेंगे।”

यहोवा जगत का सृजन हार और शासक है

सच्चे परमेश्वर यहोवा ने ये बातें कही हैं: (यहोवा ने आकाशों को बनाया है। यहोवा ने आकाश को धरती पर ताना है। धरती पर जो कुछ है वह भी उसी ने बनाया है। धरती पर सभी लोगों में वही प्राण फूँकता है। धरती पर जो भी लोग चल फिर रहे हैं, उन सब को वही जीवन प्रदान करता है।)

“मैं यहोवा ने तुझ को खरे काम करने को बुलाया है।
    मैं तेरा हाथ थामूँगा और तेरी रक्षा करुँगा।
तू एक चिन्ह यह प्रगट करने को होगा कि लोगों के साथ मेरी एक वाचा है।
    तू सब लोगों पर चमकने को एक प्रकाश होगा।
तू अन्धों की आँखों को प्रकाश देगा और वे देखने लगेंगे।
    ऐसे बहुत से लोग जो बन्दीगृह में पड़े हैं, तू उन लोगों को मुक्त करेगा।
तू बहुत से लोगों को जो अन्धेरे में रहते हैं उन्हें उस कारागार से तू बाहर छुड़ा लायेगा।”

“मैं यहोवा हूँ! मेरा नाम यहोवा है।
    मैं अपनी महिमा दूसरे को नहीं दूँगा।
मैं उन मूर्तियों (झूठे देवों) को वह प्रशंसा,
    जो मेरी है, नहीं लेने दूँगा।
प्रारम्भ में मैंने कुछ बातें जिनको घटना था,
    बतायी थी और वे घट गयीं।
अब तुझको वे बातें घटने से पहले ही बताऊँगा
    जो आगे चल कर घटेंगी।”

भजन संहिता 29

दाऊद का एक गीत।

परमेश्वर के पुत्रों, यहोवा की स्तुति करो!
    उसकी महिमा और शक्ति के प्रशंसा गीत गाओ।
यहोवा की प्रशंसा करो और उसके नाम को आदर प्रकट करो।
    विशेष वस्त्र पहनकर उसकी आराधना करो।
समुद्र के ऊपर यहोवा की वाणी निज गरजती है।
    परमेश्वर की वाणी महासागर के ऊपर मेघ के गरजन की तरह गरजता है।
यहोवा की वाणी उसकी शक्ति को दिखाती है।
    उसकी ध्वनि उसके महिमा को प्रकट करती है।
यहोवा की वाणी देवदार वृक्षों को तोड़ कर चकनाचूर कर देता है।
    यहोवा लबानोन के विशाल देवदार वृक्षों को तोड़ देता है।
यहोवा लबानोन के पहाड़ों को कँपा देता है। वे नाचते बछड़े की तरह दिखने लगता है।
    हेर्मोन का पहाड़ काँप उठता है और उछलती जवान बकरी की तरह दिखता है।
यहोवा की वाणी बिजली की कौधो से टकराती है।
यहोवा की वाणी मरुस्थलों को कँपा देती है।
    यहोवा के स्वर से कादेश का मरुस्थल काँप उठता है।
यहोवा की वाणी से हरिण भयभीत होते हैं।
    यहोवा दुर्गम वनों को नष्ट कर देता है।
किन्तु उसके मन्दिर में लोग उसकी प्रशंसा के गीत गाते हैं।

10 जलप्रलय के समय यहोवा राजा था।
    वह सदा के लिये राजा रहेगा।
11 यहोवा अपने भक्तों की रक्षा सदा करे,
    और अपने जनों को शांति का आशीष दे।

प्रेरितों के काम 10:34-43

कुरनेलियुस के घर पतरस का प्रवचन

34 फिर पतरस ने अपना मुँह खोला। उसने कहा, “अब सचमुच मैं समझ गया हूँ कि परमेश्वर कोई भेद भाव नहीं करता। 35 बल्कि हर जाति का कोई भी ऐसा व्यक्ति जो उससे डरता है और नेक काम करता है, वह उसे स्वीकार करता है। 36 यही है वह संदेश जिसे उसने यीशु मसीह के द्वारा शांति के सुसमाचार का उपदेश देते हुए इस्राएल के लोगों को दिया था। वह सभी का प्रभु है।

37 “तुम उस महान घटना को जानते हो, जो समूचे यहूदिया में घटी थी। गलील में प्रारम्भ होकर यूहन्ना द्वारा बपतिस्मा दिए जाने के बाद से जिसका प्रचार किया गया था। 38 तुम नासरी यीशु के विषय में जानते हो कि परमेश्वर ने पवित्र आत्मा और शक्ति से उसका अभिषेक कैसे किया था और उत्तम कार्य करते हुए तथा उन सब को जो शैतान के बस में थे, चंगा करते हुए चारों ओर वह कैसे घूमता रहा था। क्योंकि परमेश्वर उसके साथ था।

39 “और हम उन सब बातों के साक्षी हैं जिन्हें उसने यहूदियों के प्रदेश और यरूशलेम में किया था। उन्होंने उसे ही एक पेड़ पर लटका कर मार डाला। 40 किन्तु परमेश्वर ने तीसरे दिन उसे फिर से जीवित कर दिया और उसे प्रकट होने को प्रेरित किया। 41 सब लोगों के सामने नहीं वरन् बस उन साक्षियों के सामने जो परमेश्वर के द्वारा पहले से चुन लिये गये थे। अर्थात् हमारे सामने जिन्होंने उसके मरे हुओं में से जी उठने के बाद उसके साथ खाया और पिया।

42 “उसी ने हमें आदेश दिया है कि हम लोगों को उपदेश दें और प्रमाणित करें कि यह वही है, जो परमेश्वर के द्वारा जीवितों और मरे हुओं का न्यायकर्ता बनने को नियुक्त किया गया है। 43 सभी भविष्यवक्ताओं ने उसके विषय में साक्षी दी है कि उसमें विश्वास करने वाला हर व्यक्ति उसके नाम के द्वारा पापों की क्षमा पाता है।”

मत्ती 3:13-17

यीशु का यूहन्ना से बपतिस्मा लेना

(मरकुस 1:9-11; लूका 3:21-22)

13 उस समय यीशु गलील से चल कर यर्दन के किनारे यूहन्ना के पास उससे बपतिस्मा लेने आया। 14 किन्तु यूहन्ना ने यीशु को रोकने का यत्न करते हुए कहा, “मुझे तो स्वयं तुझ से बपतिस्मा लेने की आवश्यकता है। फिर तू मेरे पास क्यों आया है?”

15 उत्तर में यीशु ने उससे कहा, “अभी तो इसे इसी प्रकार होने दो। हमें, जो परमेश्वर चाहता है उसे पूरा करने के लिए यही करना उचित है।” फिर उसने वैसा ही होने दिया।

16 और तब यीशु ने बपतिस्मा ले लिया। जैसे ही वह जल से बाहर निकला, आकाश खुल गया। उसने परमेश्वर की आत्मा को एक कबूतर की तरह नीचे उतरते और अपने ऊपर आते देखा। 17 तभी यह आकाशवाणी हुई: “यह मेरा प्रिय पुत्र है। जिससे मैं अति प्रसन्न हूँ।”

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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