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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
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आमोस 5:18-24

18 तुममे से कुछ यहोवा के न्याय के
    विशेष दिन को देखना चाहते हैं।
तुम उस दिन को क्यों देखना चाहते हो
    यहोवा का विशेष दिन तुम्हारे लिये अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं।
19 तुम किसी सिंह के सामने से बचकर भाग निकलने वाले ऐसे व्यक्ति के समान होगे
    जिस पर भागते समय रीछ आक्रमण कर देता है
और फिर जब वह उस रीछ से भी बच निकलकर किसी घर में जा घुसता है
    तो वहाँ दीवार पर हाथ रखते ही,
    उसे साँप डस लेता है!
20 अत: यहोवा का विशेष दिन अन्धकार लाएगा, प्रकाश नहीं,
    यह शोक का समय होगा उल्लास का नहीं।

यहोवा इस्राएलियों की आराधना अस्वीकार कर रहा है

21 “मैं तुम्हारे पवित्र दिनों से घृणा करता हूँ!
    मैं उन्हें स्वीकार नहीं करूँगा!
    मैं तुम्हारी धार्मिक सभाओं का आनन्द नहीं लेता!
22 यदि तुम होमबलि और अन्नबलि भी दोगे तो
    मैं स्वीकार नहीं करूँगा।
तुम जिन मोटे जानवरों को शान्ति—भेंट के रूप में दोगे
    उन्हें मैं देखूँगा भी नहीं।
23 तुम यहाँ से अपने शोरगुल वाले गीतों को दूर करो।
    मैं तुम्हारी वीणा के संगीत को नहीं सुनूँगा।
24 तुम्हें अपने सारे देश में न्याय को नदी की तरह बहने देना चाहिये।
    अच्छाई को सदा सरिता की धारा की तरह बहने दो जो कभी सूखती नहीं।

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भजन संहिता 70

लोगों को याद दिलाने के लिये संगीत निर्देशक को दाऊद का एक पद।

हे परमेश्वर, मेरी रक्षा कर!
    हे परमेश्वर, जल्दी कर और मुझको सहारा दे!
लोग मुझे मार डालने का जतन कर रहे हैं।
    उन्हें निराश
    और अपमानित कर दे!
ऐसा चाहते हैं कि लोग मेरा बुरा कर डाले।
    उनका पतन ऐसा हो जाये कि वे लज्जित हो।
लोगों ने मुझको हँसी ठट्टों में उड़ाया।
    मैं उनकी पराजय की आस करता हूँ और इस बात की कि उन्हें लज्जा अनुभव हो।
मुझको यह आस है कि ऐसे वे सभी लोग जो तेरी आराधना करते हैं,
    वह अति प्रसन्न हों।
वे सभी लोग तेरी सहायता की आस रहते हैं
    वे तेरी सदा स्तुती करते रहें।

हे परमेश्वर, मैं दीन और असहाय हूँ।
    जल्दी कर! आ, और मुझको सहारा दे!
हे परमेश्वर, तू ही बस ऐसा है जो मुझको बचा सकता है,
    अधिक देर मत कर!

1 थिस्सलुनीकियों 4:13-18

प्रभु का लौटना

13 हे भाईयों, हम चाहते हैं कोई जो चिर-निद्रा में सो गए हैं, तुम उनके विषय में भी जानो ताकि तुम्हें उन औरों के समान, जिनके पास आशा नहीं है, शोक न करना पड़े। 14 क्योंकि यदि हम यह विश्वास करते हैं कि यीशु की मृत्यु हो गयी और वह फिर से जी उठा, तो उसी प्रकार जिन्होंने उसमें विश्वास करते हुए प्राण त्याग दिए हैं, उनके साथ भी परमेश्वर वैसा ही करेगा। और यीशु के साथ वापस ले जायेगा।

15 जब प्रभु का फिर से आगमन होगा तो हम जो जीवित हैं और अभी यहीं हैं उनसे आगे नहीं निकल पाएँगे जो मर चुके हैं। 16 क्योंकि स्वर्गदूतों का मुखिया जब अपने ऊँचे स्वर से आदेश देगा तथा जब परमेश्वर का बिगुल बजेगा तो प्रभु स्वयं स्वर्ग से उतरेगा। उस समय जिन्होंने मसीह में प्राण त्यागे हैं, वे पहले उठेंगे। 17 उसके बाद हमें जो जीवित हैं, और अभी भी यहीं हैं उनके साथ ही हवा में प्रभु से मिलने के लिए बादलों के बीच ऊपर उठा लिए जायेंगे और इस प्रकार हम सदा के लिए प्रभु के साथ हो जायेंगे। 18 अतः इन शब्दों के साथ एक दूसरे को उत्साहित करते रहो।

मत्ती 25:1-13

दूल्हे की प्रतीक्षा करती दस कन्याओं की दृष्टान्त कथा

25 “उस दिन स्वर्ग का राज्य उन दस कन्याओं के समान होगा जो मशालें लेकर दूल्हे से मिलने निकलीं। उनमें से पाँच लापरवाह थीं और पाँच चौकस। पाँचों लापरवाह कन्याओं ने अपनी मशालें तो ले लीं पर उनके साथ तेल नहीं लिया। उधर चौकस कन्याओं ने अपनी मशालों के साथ कुप्पियों में तेल भी ले लिया। क्योंकि दूल्हे को आने में देर हो रही थी, सभी कन्याएँ ऊँघने लगीं और पड़ कर सो गयीं।

“पर आधी रात धूम मची, ‘आ हा! दूल्हा आ रहा है। उससे मिलने बाहर चलो।’

“उसी क्षण वे सभी कन्याएँ उठ खड़ी हुईं और अपनी मशालें तैयार कीं। लापरवाह कन्याओं ने चौकस कन्याओं से कहा, ‘हमें अपना थोड़ा तेल दे दो, हमारी मशालें बुझी जा रही हैं।’

“उत्तर में उन चौकस कन्याओं ने कहा, ‘नहीं! हम नहीं दे सकतीं। क्योंकि फिर न ही यह हमारे लिए काफी होगा और न ही तुम्हारे लिये। सो तुम तेल बेचने वाले के पास जाकर अपने लिये मोल ले लो।’

10 “जब वे मोल लेने जा ही रही थी कि दूल्हा आ पहुँचा। सो वे कन्य़ाएँ जो तैयार थीं, उसके साथ विवाह के उत्सव में भीतर चली गईं और फिर किसी ने द्वार बंद कर दिया।

11 “आखिरकार वे बाकी की कन्याएँ भी गईं और उन्होंने कहा, ‘स्वामी, हे स्वामी, द्वार खोलो, हमें भीतर आने दो।’

12 “किन्तु उसने उत्तर देते हुए कहा, ‘मैं तुमसे सच कह रहा हूँ, मैं तुम्हें नहीं जानता।’

13 “सो सावधान रहो। क्योंकि तुम न उस दिन को जानते हो, न उस घड़ी को, जब मनुष्य का पुत्र लौटेगा।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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