Revised Common Lectionary (Complementary)
दाऊद को समर्पित।
1 हे यहोवा, मैं स्वयं को तुझे समर्पित करता हूँ।
2 मेरे परमेश्वर, मेरा विश्वस तुझ पर है।
मैं तुझसे निराश नहीं होऊँगा।
मेरे शत्रु मेरी हँसी नहीं उड़ा पायेंगे।
3 ऐसा व्यक्ति, जो तुझमें विश्वास रखता है, वह निराश नहीं होगा।
किन्तु विश्वासघाती निराश होंगे और,
वे कभी भी कुछ नहीं प्राप्त करेंगे।
4 हे यहोवा, मेरी सहायता कर कि मैं तेरी राहों को सीखूँ।
तू अपने मार्गों की मुझको शिक्षा दे।
5 अपनी सच्ची राह तू मुझको दिखा और उसका उपदेश मुझे दे।
तू मेरा परमेश्वर मेरा उद्धारकर्ता है।
मुझको हर दिन तेरा भरोसा है।
6 हे यहोवा, मुझ पर अपनी दया रख
और उस ममता को मुझ पर प्रकट कर, जिसे तू हरदम रखता है।
7 अपने युवाकाल में जो पाप और कुकर्म मैंने किए, उनको याद मत रख।
हे यहोवा, अपने निज नाम निमित, मुझको अपनी करुणा से याद कर।
8 यहोवा सचमुच उत्तम है,
वह पापियों को जीवन का नेक राह सिखाता है।
9 वह दीनजनों को अपनी राहों की शिक्षा देता है।
बिना पक्षपात के वह उनको मार्ग दर्शाता है।
5 “यदि कोई व्यक्ति भला है, तो वह जीवित रहेगा। वह भला व्यक्ति लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करता है। 6 वह भला व्यक्ति पहाड़ों पर नहीं जाता और असत्य देवताओं को चढ़ाए गए भोजन में कोई हिस्सा नहीं बंटाता। वह इस्राएल में उन गन्दें देवताओं की मूर्तियों की स्तुति नहीं करता। वह अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ व्यभिचार का पाप नहीं करता। वह अपनी पत्नी के साथ, उसके मासिक धर्म के समय, शारीरिक सम्बंध नहीं करता। 7 वह भला व्यक्ति लोगों से अनुचित लाभ नहीं उठाता। यदि कोई व्यक्ति उससे मुद्रा ऋण लेता है तो वह भला व्यक्ति गिरवी रखकर दूसरे व्यक्ति को मुद्रा देता है और जब वह व्यक्ति उसे भुगतान कर देता है तो भला व्यक्ति उसे गिरवी वस्तु वापिस कर देता है। भला व्यक्ति भूखे लोगों को भोजन देता है और वह उन लोगों को वस्त्र देता है जिन्हें उनकी आवश्यकता है। 8 यदि कोई मुद्रा ऋण लेना चाहता है तो भला व्यक्ति उसे ऋण देता है। वह उस ऋण का ब्याज नहीं लेता। भला व्यक्ति कुटिल होने से इन्कार करता है। वह हर व्यक्ति के प्रति सदा भला रहता है। लोग उस पर विश्वास कर सकते हैं। 9 वह मेरे नियमों का पालन करता है। वह मेरे निर्णयों को समझता है और भला एवं विश्वसनीय होना सीखता है। क्योंकि वह भला व्यक्ति है, अतः वह जीवित रहेगा।
10 “किन्तु उस व्यक्ति का कोई ऐसा पुत्र हो सकता है, जो उन अच्छे कामों में से कुछ भी न करता हो। पुत्र चीज़ें चुरा सकता है तथा लोगों की हत्या कर सकता है। 11 पुत्र इन बुरे कामों में से कोई भी काम कर सकता है। वह पहाड़ों पर जा सकता है और असत्य देवताओं को चढ़ाए गए भोजन में हिस्सा बटा सकता है। वह पापी पुत्र अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ व्यभिचार करने का पाप कर सकता है। 12 वह गरीब और असहाय लोगों के साथ बुरा व्यवहार कर सकता है। वह लोगों से अनुचित लाभ उठा सकता है। वह गिरवी चीज़ को तब भी न लौटाये जब कोई व्यक्ति अपने ऋण का भुगतान कर चुका हो। वह पापी पुत्र उन गन्दी देवमूर्तियों की प्रार्थना कर सकता है एवं अन्य भयंकर पाप भी कर सकता हैं। 13 किसी व्यक्ति को उस पापी पुत्र से ऋण लेने की आवश्यकता हो सकती है। वह पुत्र उसे मुद्रा ऋण दे सकता है, किन्तु वह उस व्यक्ति को उस ऋण पर ब्याज देने के लिये विवश करेगा। अत: वह पापी पुत्र जीवित नहीं रहेगा। उसने भयंकर पाप किये अत: मार दिया जाएगा और अपनी मृत्यु के लिये वह स्वयं ही उत्तरदायी है।
14 “संभवत: उस पापी पुत्र का भी एक पुत्र हो। किन्तु यह पुत्र अपने पिता द्वारा किये गए पाप—कर्मों को देख सकता है और वह अपने पिता की तरह रहने से इन्कार कर सकता है। वह भला व्यक्ति लोगों के साथ भला व्यवहार करता है। 15 वह व्यक्ति पहाड़ों पर नहीं जाता, न ही असत्य देवताओं को चढ़ाए गए भोजन में हिस्सा बटाता है। वह इस्राएल में उन गन्दी देवमूर्तियों की प्रार्थना नहीं करता। वह अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ व्यभिचार का पाप नहीं करता। 16 वह भला पुत्र लोगों से अनुचित लाभ नहीं उठाता। यदि कोई व्यक्ति उससे ऋ ण लेता है तब भला पुत्र चीज गिरवी रखता है और उस व्यक्ति को मुद्रा दे देता है और जब वह व्यक्ति वापस भुगतान करता है तो भला व्यक्ति गिरवी चीज़ वापस कर देता है। भला व्यक्ति भूखों को भोजन देता है और वह उन लोगों को वस्त्र देता है जिन्हें उसकी आवश्यकता है। 17 वह गरीबों की सहायता करता है यदि कोई व्यक्ति ऋण लेना चाहता है तो भला पुत्र उसे मुद्रा उधार दे देता है और वह उस ऋण पर ब्याज नहीं लेता। भला पुत्र मेरे नियमों का पालन करता है और मेरे नियम के अनुसार चलता है! वह भला पुत्र अपने पिता के पापों के कारण मारा नहीं जायेगा! वह भला पुत्र जीवित रहेगा। 18 पिता लोगों को चोट पहुँचा सकता है और चीज़ें चुरा सकता है! वह मेरे लोगों के लिये कभी कुछ अच्छा कार्य नहीं कर सकता। वह पिता अपने पापों के कारण मरेगा। किन्तु पुत्र अपने पिता के पापों के लिये दण्डित नहीं होगा।
32 “हम तुम्हें उस प्रतिज्ञा के विषय में सुसमाचार सुना रहे हैं जो हमारे पूर्वजों के साथ की गयी थी। 33 यीशु को मर जाने के बाद पुनर्जीवित करके, उनकी संतानों के लिये परमेश्वर ने उसी प्रतिज्ञा को हमारे लिए पूराकिया है। जैसा कि भजन संहिता के दूसरे भजन में लिखा भी गया है:
‘तू मेरा पुत्र है,
मैं ने तुझे आज ही जन्म दिया है।’(A)
34 और उसने उसे मरे हुओं में से जिला कर उठाया ताकि क्षय होने के लिये उसे फिर लौटाना न पड़े। उसने इस प्रकार कहा था:
‘मैं तुझे वह पवित्र और अटल आषीष दूँगा जिन्हें देने का वचन मैंने दाऊद को दिया था।’(B)
35 इसी प्रकार एक अन्य भजन संहिता में वह कहता है:
‘तू अपने उस पवित्र जन को क्षय का अनुभव नहीं होने देगा।’(C)
36 फिर दाऊद अपने युग में परमेश्वर के प्रयोजन के अनुसार अपना सेवा-कार्य पूरा करके चिर-निद्रा में सो गया। उसे उसके पूर्वजों के साथ दफना दिया गया और उसका क्षय हुआ। 37 किन्तु जिसे परमेश्वर ने मरे हुओं के बीच से जिला कर उठाया उसका क्षय नहीं हुआ। 38-39 सो हे भाईयों, तुम्हें जान लेना चाहिये कि यीशु के द्वारा ही पापों की क्षमा का उपदेश तुम्हें दिया गया है। और इसी के द्वारा हर कोई जो विश्वासी है, उन पापों से छुटकारा पा सकता है, जिनसे तुम्हें मूसा की व्यवस्था छुटकारा नही दिला सकती थी। 40 सो सावधान रहो, कहीं नबियों ने जो कुछ कहा है, तुम पर न घट जाये:
41 ‘निन्दा करने वालो, देखो,
भौचक्के हो कर मर जाओ;
क्योंकि तुम्हारे युग में
एक कार्य ऐसा करता हूँ,
जिसकी चर्चा तक पर तुमको कभी प्रतीति नहीं होने की।’”(D)
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