Revised Common Lectionary (Complementary)
तेथ्
65 हे यहोवा, तूने अपने दास पर भलाईयाँ की है।
तूने ठीक वैसा ही किया जैसा तूने करने का वचन दिया था।
66 हे यहोवा, मुझे ज्ञान दे कि मैं विवेकपूर्ण निर्णय लूँ,
तेरे आदेशों पर मुझको भरोसा है।
67 संकट में पड़ने से पहले, मैंने बहुत से बुरे काम किये थे।
किन्तु अब, सावधानी के साथ मैं तेरे आदेशों पर चलता हूँ।
68 हे परमेश्वर, तू खरा है, और तू खरे काम करता है,
तू अपनी विधान की शिक्षा मुझको दे।
69 कुछ लोग जो सोचते हैं कि वे मुझ से उत्तम हैं, मेरे विषय में बुरी बातें बनाते हैं।
किन्तु यहोवा मैं अपने पूर्ण मन के साथ तेरे आदेशों को निरन्तर पालता हूँ।
70 वे लोग महा मूर्ख हैं।
किन्तु मैं तेरी शिक्षाओं को पढ़ने में रस लेता हूँ।
71 मेरे लिये संकट अच्छ बन गया था।
मैंने तेरी शिक्षाओं को सीख लिया।
72 हे यहोवा, तेरी शिक्षाएँ मेरे लिए भली है।
तेरी शिक्षाएँ हजार चाँदी के टुकड़ों और सोने के टुकड़ों से उत्तम हैं।
27 “हो सकता है कि साधारण जनता में से किसी व्यक्ति से संयोगवश कोई ऐसी बात हो जाए जिसे यहोवा ने न करने का आदेश दिया है। 28 यदि उस व्यक्ति को अपने पाप का पता चले तो वह एक बकरी लाए जिसमें कोई दोष न हो। यह उस व्यक्ति की भेंट होगी। वह इस बकरी को उस पाप के लिए लाए जो उसने किया है। 29 उसे अपना हाथ पशु के सिर पर रखना चाहिए और होमबलि के स्थान पर उसे मारना चाहिए। 30 तब याजक को उस बकरी का कुछ खून अपनी उँगली पर लेना चाहिए और होमबतलि की वेदी के सिरे पर डालना चाहिए। याजक को वेदी की नींव पर बकरी का सारा खून उँडेलना चाहिए। 31 तब याजक को बकरी की सारी चर्बी उसी प्रकार निकालनी चाहिए जिस प्रकार मलेबलि से चर्बी निकाली जाती है। याजक को इसे यहोवा के लिये सुगन्धि धूप की वेदी पर जलाना चाहिए। इस प्रकार याजक उस व्यक्ति के पापों का भुगतान कर देगा और यहोवा उस व्यक्ति को क्षमा कर देगा।
14 यहोवा ने मूसा से कहा, 15 “कोई व्यक्ति यहोवा की पवित्र वस्तुओं[a] के प्रति अकस्मात् कोई गलती कर सकता है। तो उस व्यक्ति को एक दोष रहित मेढ़ा लाना चाहिए। यह मेढ़ा यहोवा के लिए उसकी दोषबलि होगी। तुम्हें उस मेढ़े का मुल्य निर्धारित करने के लिए अधिकृत मानक का प्रयोग करना चाहिए। 16 उस व्यक्ति को पवित्र चीजों के विपरीत किये गये पाप के लिए भुगतान अवश्य करना चाहिए। जिन चीज़ों का उसने वायदा किया है, वे अवश्य देनी चाहिए। उसे मूल्य में पाँचवाँ भाग जोड़ना चाहिए। उसे यह धन याजक को देना चाहिए। इस प्रकार याजक दोषबलि के मेढ़े द्वारा उस व्यक्ति के पाप को धोएगा और यहोवा उसके पाप को क्षमा करेगा।
परमेश्वर के लिए जीओ
11 हे प्रिय मित्रों, मैं तुम से, जो इस संसार में अजनबियों के रूप में हो, निवेदन करता हूँ कि उन शारीरिक इच्छाओं से दूर रहो जो तुम्हारी आत्मा से जूझती रहती हैं। 12 विधर्मियों के बीच अपना व्यवहार इतना उत्तम बनाये रखो कि चाहे वे अपराधियों के रूप में तुम्हारी आलोचना करें किन्तु तुम्हारे उत्तम कर्मों के परिणाम स्वरूप परमेश्वर के आने के दिन वे परमेश्वर को महिमा प्रदान करें।
अधिकारी की आज्ञा मानो
13 प्रभु के लिये हर मानव अधिकारी के अधीन रहो। 14 राजा के अधीन रहो। वह सर्वोच्च अधिकारी है। शासकों के अधीन रहो। उन्हें उसने कुकर्मियों को दण्ड देने और उत्तम कर्म करने वालों की प्रशंसा के लिए भेजा है। 15 क्योंकि परमेश्वर की यही इच्छा है कि तुम अपने उत्तम कार्यों से मूर्ख लोगों की अज्ञान से भरी बातों को चुप करा दो। 16 स्वतन्त्र व्यक्ति के समान जीओ किन्तु उस स्वतन्त्रता को बुराई के लिए आड़ मत बनने दो। परमेश्वर के सेवकों के समान जीओ। 17 सबका सम्मान करो। अपने धर्म भाइयों से प्रेम करो। परमेश्वर का आदर के साथ भय मानो। शासक का सम्मान करो।
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