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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 17

दाऊद का प्रार्थना गीत।

हे यहोवा, मेरी प्रार्थना न्याय के निमित्त सुन।
    मैं तुझे ऊँचे स्वर से पुकार रहा हूँ।
मैं अपनी बात ईमानदारी से कह रहा हूँ।
    सो कृपा करके मेरी प्रार्थना सुन।
यहोवा तू ही मेरा उचित न्याय करेगा।
    तू ही सत्य को देख सकता है।
मेरा मन परखने को तूने उसके बीच
    गहरा झाँक लिया है।
तू मेरे संग रात भर रहा, तूने मुझे जाँचा, और तुझे मुझ में कोई खोट न मिला।
    मैंने कोई बुरी योजना नहीं रची थी।
तेरे आदेशों को पालने में मैंने कठिन यत्न किया
    जितना कि कोई मनुष्य कर सकता है।
मैं तेरी राहों पर चलता रहा हूँ।
    मेरे पाँव तेरे जीवन की रीति से नहीं डिगे।
हे परमेश्वर, मैंने हर किसी अवसर पर तुझको पुकारा है और तूने मुझे उत्तर दिया है।
    सो अब भी तू मेरी सुन।
हे परमेश्वर, तू अपने भक्तों की सहायता करता है।
    उनकी जो तेरे दाहिने रहते हैं।
तू अपने एक भक्त की यह प्रार्थना सुन।
मेरी रक्षा तू निज आँख की पुतली समान कर।
    मुझको अपने पंखों की छाया तले तू छुपा ले।
हे यहोवा, मेरी रक्षा उन दुष्ट जनों से कर जो मुझे नष्ट करने का यत्न कर रहे हैं।
वे मुझे घेरे हैं और मुझे हानि पहुँचाने को प्रयत्नशील हैं।
10 दुष्ट जन अभिमान के कारण परमेश्वर की बात पर कान नहीं लगाते हैं।
    ये अपनी ही ढींग हाँकते रहते हैं।
11 वे लोग मेरे पीछे पड़े हुए हैं, और मैं अब उनके बीच में घिर गया हूँ।
    वे मुझ पर वार करने को तैयार खड़े हैं।
12 वे दुष्ट जन ऐसे हैं जैसे कोई सिंह घात में अन्य पशु को मारने को बैठा हो।
    वे सिंह की तरह झपटने को छिपे रहते हैं।

13 हे यहोवा, उठ! शत्रु के पास जा,
    और उन्हें अस्त्र शस्त्र डालने को विवश कर।
    निज तलवार उठा और इन दुष्ट जनों से मेरी रक्षा कर।
14     हे यहोवा, जो व्यक्ति सजीव हैं उनकी धरती से दुष्टों को अपनी शक्ति से दूर कर।
हे यहोवा, बहुतेरे तेरे पास शरण माँगने आते हैं। तू उनको बहुतायत से भोजन दे।
    उनकी संतानों को परिपूर्ण कर दे। उनके पास निज बच्चों को देने के लिये बहुतायत से धन हो।

15 मेरी विनय न्याय के लिये है। सो मैं यहोवा के मुख का दर्शन करुँगा।
    हे यहोवा, तेरा दर्शन करते ही, मैं पूरी तरह सन्तुष्ट हो जाऊँगा।

2 शमूएल 11:2-26

शाम को वह अपने बिस्तर से उठा। वह राजमहल की छत पर चारों ओर घूमा। जब दाऊद छत पर था, उसने एक स्त्री को नहाते देखा। स्त्री बहुत सुन्दर थी। इसलिये दाऊद ने अपने सेवकों को बुलाया और उनसे पूछा कि वह स्त्री कौन थी? एक सेवक ने उत्तर दिया, “वह स्त्री एलीआम की पुत्री बतशेबा है। वह हित्ती ऊरिय्याह की पत्नी है।”

दाऊद ने बतशेबा को अपने पास बुलाने के लिये दूत भेजे। जब वह दाऊद के पास आई तो उसने उसके साथ शारीरिक सम्बन्ध किया। उसने स्नान किया और वह अपने घर चली गई। किन्तु बतशेबा गर्भवती हो गई। उसने दाऊद को सूचना भेजी। उसने उससे कहा, “मैं गर्भवती हूँ।”

दाऊद अपने पाप को छिपाना चाहता है

दाऊद ने योआब को सन्देश भेजा, “हित्ती ऊरिय्याह को मेरे पास भेजो।”

इसलिये योआब ने ऊरिय्याह को दाऊद के पास भेजा। ऊरिय्याह दाऊद के पास आया। दाऊद ने ऊरिय्याह से बात की। दाऊद ने ऊरिय्याह से पूछा कि योआब कैसा है, सैनिक कैसे हैं और युद्ध कैसे चल रहा है। तब दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा, “घर जाओ और आराम करो।”

ऊरिय्याह ने राजा का महल छोड़ा। राजा ने ऊरिय्याह को एक भेंट भी भेजी। किन्तु ऊरिय्याह अपने घर नहीं गया। ऊरिय्याह राजा के महल के बाहर द्वारा पर सोया। वह उसी प्रकार सोया जैसे राजा के अन्य सेवक सोये। 10 सेवकों ने दाऊद से कहा, “उरिय्याह अपने घर नहीं गया।”

तब दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा, “तुम लम्बी यात्रा से आए। तुम घर क्यों नहीं गए?”

11 ऊरिय्याह ने दाऊद से कहा, “पवित्र सन्दूक तथा इस्राएल और यहूदा के सैनिक डेरों में ठहरे हैं। मेरे स्वामी योआब और मेरे स्वामी (दाऊद) के सेवक बाहर मैदानों में खेमा डाले पड़े हैं। इसलिये यह अच्छा नहीं कि मैं घर जाऊँ, खाऊँ, पीऊँ, और अपनी पत्नी के साथ सोऊँ।”

12 दाऊद ने ऊरिय्याह से कहा, “आज यहीं ठहरो। कल मैं तुम्हें युद्ध में वापस भेजूँगा।”

ऊरिय्याह उस दिन यरूशलेम में ठहरा। वह अगली सुबह तक रुका। 13 तब दाऊद ने उसे आने और खाने के लिये बुलाया। ऊरिय्याह ने दाऊद के साथ पीया और खाया। दाऊद ने ऊरिय्याह को नशे में कर दिया। किन्तु ऊरिय्याह, फिर भी घर नहीं गया। उस शाम को ऊरिय्याह राजा के सेवकों के साथ राजा के द्वार के बाहर सोया।

दाऊद ऊरिय्याह की मृत्यु की योजना बनाता है

14 अगले प्रातःकाल, दाऊद ने योआब के लिये एक पत्र लिखा। दाऊद ने ऊरिय्याह को वह पत्र ले जाने को दिया। 15 पत्र में दाऊद ने लिखा: “ऊरिय्याह को अग्रिम पंक्ति में रखो जहाँ युद्ध भयंकर हो। तब उसे अकेले छोड़ दो और उसे युद्ध में मारे जाने दो।”

16 योआब ने नगर के घेरे बन्दी के समय यह देखा कि सबसे अधिक वीर अम्मोनी योद्धा कहाँ है। उसने ऊरिय्याह को उस स्थान पर जाने के लिये चुना। 17 नगर (रब्बा) के आदमी योआब के विरुद्ध लड़ने को आये। दाऊद के कुछ सैनिक मारे गये। हित्ती ऊरिय्याह उन लोगों में से एक था।

18 तब योआब ने दाऊद को युद्ध में जो हुआ, उसकी सूचना भेजी। 19 योआब ने दूत से कहा कि वह राजा दाऊद से कहे कि युद्ध में क्या हुआ। 20 “सम्भव है कि राजा क्रुद्ध हो। संभव है कि राजा पूछे, ‘योआब की सेना नगर के पास लड़ने क्यों गई? क्या तुम्हें मालूम नहीं कि लोग नगर के प्राचीर से भी बाण चला सकते हैं? 21 क्या तुम नहीं जानते कि यरूब्बेशेत के पुत्र अबीमेलेक को किसने मारा? वहाँ एक स्त्री नगर—दीवार पर थी जिसने अबीमेलेक के ऊपर चक्की का ऊपरी पाट फेंका। उस स्त्री ने उसे तेबेस में मार डाला। तुम दीवार के निकट क्यों गये?’ यदि राजा दाऊद यह पूछता है तो तुम्हें उत्तर देना चाहिये, ‘आपका सेवक हित्ती ऊरिय्याह भी मर गया।’”

22 दूत गया और उसने दाऊद को वह सब बताया जो उसे योआब ने कहने को कहा था। 23 दूत ने दाऊद से कहा, “अम्मोन के लोग जीत रहे थे बाहर आये तथा उन्होंने खुले मैदान में हम पर आक्रमण किया। किन्तु हम लोग उनसे नगर—द्वार पर लड़े। 24 नगर दीवार के सैनिकों ने आपके सेवकों पर बाण चलाये। आपके कुछ सेवक मारे गए। आपका सेवक हित्ती ऊरिय्याह भी मारा गया।”

25 दाऊद ने दूत से कहा, “तुम्हें योआब से यह कहना है: ‘इस परिणाम से परेशान न हो। हर युद्ध में कुछ लोग मारे जाते हैं यह किसी को नहीं मालूम कि कौन मारा जायेगा। रब्बा नगर पर भीषण आक्रमण करो। तब तुम उस नगर को नष्ट करोगे।’ योआब को इन शब्दों से प्रोत्साहित करो।”

दाऊद बतशेबा से विवाह करता है

26 बतशेबा ने सुना कि उसका पति ऊरिय्याह मर गया। तब वह अपने पति के लिये रोई।

प्रकाशित वाक्य 3:1-6

सरदीस की कलीसिया के नाम मसीह का सन्देश

“सरदीस की कलीसिया के स्वर्गदूत को इस प्रकार लिख:

“ऐसा वह कहता है जिसके पास परमेश्वर की सात आत्माएँ तथा सात तारे हैं,

“मैं तुम्हारे कर्मों को जानता हूँ, लोगों का कहना है कि तुम जीवित हो किन्तु वास्तव में तुम मरे हुए हो। सावधान रह! तथा जो कुछ शेष है, इससे पहले कि वह पूरी तरह नष्ट हो जाए, उसे सुदृढ़ बना क्योंकि अपने परमेश्वर की निगाह में मैंने तेरे कर्मों को उत्तम नहीं पाया है। सो जिस उपदेश को तूने सुना है और प्राप्त किया है, उसे याद कर। उसी पर चल और मनफिराव कर। यदि तू जागा नहीं तो अचानक चोर के समान मैं चला आऊँगा। मैं तुझे कब अचरज में डाल दूँ, तुझे पता भी नहीं चल पाएगा।

“कुछ भी हो सरदीस में तेरे पास कुछ ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने को अशुद्ध नहीं किया है। वे श्वेत वस्त्र धारण किए हुए मेरे साथ-साथ घूमेंगे क्योंकि वे सुयोग्य हैं। जो विजयी होगा वह इसी प्रकार श्वेत वस्त्र धारण करेगा। मैं जीवन की पुस्तक से उसका नाम नहीं मिटाऊँगा, बल्कि मैं तो उसके नाम को अपने परम पिता और उसके स्वर्गदूतों के सम्मुख मान्यता प्रदान करूँगा। जिसके पास कान है, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कह रही है।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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