Revised Common Lectionary (Complementary)
दाऊद को समर्पित।
1 हे यहोवा, मेरा न्याय कर, प्रमाणित कर कि मैंने पवित्र जीवन बिताया है।
मैंने यहोवा पर कभी विश्वस करना नहीं छोड़ा।
2 हे यहोवा, मुझे परख और मेरी जाँच कर,
मेरे हृदय में और बुद्धि को निकटता से देख।
3 मैं तेरे प्रेम को सदा ही देखता हूँ,
मैं तेरे सत्य के सहारे जिया करता हूँ।
4 मैं उन व्यर्थ लोगो में से नहीं हूँ।
5 उन पापी टोलियों से मुझको घृणा है,
मैं उन धूर्तो के टोलों में सम्मिलित नहीं होता हूँ।
6 हे यहोवा, मैं हाथ धोकर तेरी वेदी पर आता हूँ।
7 हे यहोवा, मैं तेरे प्रशंसा गीत गाता हूँ,
और जो आश्चर्य कर्म तूने किये हैं, उनके विषय में मैं गीत गाता हूँ।
8 हे यहोवा, मुझको तेरा मन्दिर प्रिय है।
मैं तेरे पवित्र तम्बू से प्रेम करता हूँ।
यिर्मयाह फिर परमेश्वर से शिकायत करता है
10 हाय माता, तूने मुझे जन्म क्यों दिया
मैं (यिर्मयाह) वह व्यक्ति हूँ
जो पूरे देश को दोषी कहे और आलोचना करे।
मैंने न कुछ उधार दिया है और न ही लिया है।
किन्तु हर एक व्यक्ति मुझे अभिशाप देता है।
11 यहोवा सच ही, मैंने तेरी ठीक सेवा की है।
विपत्ति के समय में मैंने अपने शत्रुओं के बारे में तुझसे प्रार्थना की।
परमेश्वर यिर्मयाह को उत्तर देता है
12 “यिर्मयाह, तुम जानते हो कि कोई व्यक्ति लोहे के
टुकड़े को चकनाचूर नहीं कर सकता।
मेरा तात्पर्य उस लोहे से है जो उत्तर का है
और कोई व्यक्ति काँसे के टुकड़े को भी चकनाचूर नहीं कर सकता।
13 यहूदा के लोगों के पास सम्पत्ति और खजाने हैं।
मैं उस सम्पत्ति को अन्य लोगों को दूँगा।
उन अन्य लोगों को वह सम्पत्ति खरीदनी नहीं पड़ेगी।
मैं उन्हें वह सम्पत्ति दूँगा।
क्यों क्योंकि यहूदा ने बहुत पाप किये हैं।
यहूदा ने देश के हर एक भाग में पाप किया है।
14 यहूदा के लोगों, मैं तुम्हें तुम्हारे शत्रुओं का दास बनाऊँगा।
तुम उस देश में दास होगे जिसे तुमने कभी जाना नहीं।
मैं बहुत क्रोधित हुआ हूँ। मेरा क्रोध तप्त अग्नि सा है
और तुम जला दिये जाओगे।”
यीशु का बहुतों को ठीक करना
(मरकुस 1:29-34; लूका 4:38-41)
14 यीशु जब पतरस के घर पहुँचा उसने पतरस की सास को बुखार से पीड़ित बिस्तर में लेटे देखा। 15 सो यीशु ने उसे अपने हाथ से छुआ और उसका बुखार उतर गया। फिर वह उठी और यीशु की सेवा करने लगी।
16 जब साँझ हुई, तो लोग उसके पास बहुत से ऐसे लोगों को लेकर आये जिनमें दुष्टात्माएँ थीं। अपनी एक ही आज्ञा से उसने दुष्टात्माओं को निकाल दिया। इस तरह उसने सभी रोगियों को चंगा कर दिया। 17 यह इसलिये हुआ ताकि परमेश्वर ने भविष्यवक्ता यशायाह द्वारा जो कुछ कहा था, पूरा हो:
“उसने हमारे रोगों को ले लिया और हमारे संतापों को ओढ़ लिया।”(A)
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