Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 119:161-168

शाईन्

161 शक्तिशाली नेता मुझ पर व्यर्थ ही वार करते हैं,
    किन्तु मैं डरता हूँ और तेरे विधान का बस मैं आदर करता हूँ।
162 हे यहोवा, तेरे वचन मुझ को वैसे आनन्दित करते हैं,
    जैसा वह व्यक्ति आनन्दित होता है, जिसे अभी—अभी कोई महाकोश मिल गया हो।
163 मुझे झूठ से बैर है! मैं उससे घृणा करता हूँ!
    हे यहोवा, मैं तेरी शिक्षाओं से प्रेम करता हूँ।
164 मैं दिन में सात बार तेरे उत्तम विधान के कारण
    तेरी स्तुति करता हूँ।
165 वे व्यक्ति सच्ची शांती पायेंगे, जिन्हें तेरी शिक्षाएँ भाती हैं।
    उसको कुछ भी गिरा नहीं पायेगा।
166 हे यहोवा, मैं तेरी प्रतीक्षा में हूँ कि तू मेरा उद्धार करे।
    मैंने तेरे आदेशों का पालन किया है।
167 मैं तेरी वाचा पर चलता रहा हूँ।
    हे यहोवा, मुझको तेरे विधान से गहन प्रेम है।
168 मैंने तेरी वाचा का और तेरे आदेशों का पालन किया है।
    हे यहोवा, तू सब कुछ जानता है जो मैंने किया है।

1 राजा 21:17-29

17 इस समय यहोवा ने एलिय्याह से बातें कीं। (एलिय्याह तिशबी का नबी था।) 18 यहोवा ने कहा, “राजा अहाब के पास शोमरोन को जाओ। अहाब नाबोत के अंगूरों के बाग में होगा। वह वहाँ पर उस बाग को अपना बनाने के लिये होगा। 19 अहाब से कहो, मैं यहोवा उससे कहता हूँ, ‘अहाब! तुमने नाबोत नामक व्यक्ति को मार डाला है। अब तुम उसकी भूमि ले रहे हो। अत: मैं तुमसे कहता हूँ, तुम भी उसी स्थान पर मरोगे जिस स्थान पर नाबोत मरा। जिन कुत्तों ने नाबोत के खून को चाटा, वे ही तुम्हारा खून उस स्थान पर चाटेंगे।’”

20 अत: एलिय्याह अहाब के पास गया। अहाब ने एलिय्याह को देखा और कहा, “तुमने मुझे फिर पा लिया है। तुम सदा मेरे विरुद्ध हो।”

एलिय्याह ने उत्तर दिया, “हाँ, मैंने तुम्हें पुन: पा लिया है। तुमने सदा अपने जीवन का उपयोग यहोवा के विरुद्ध पाप करने में किया। 21 अत: यहोवा तुमसे कहता है, ‘मैं तुम्हें नष्ट कर दूँगा। 22 मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार के हर एक पुरुष सदस्य को मार डालूँगा। तुम्हारे परिवार की वही दशा होगी जो दशा नाबोत के पुत्र यारोबाम के परिवार की हुई और तुम्हारा परिवार बाशा के परिवार की तरह होगा। ये दोनों पूरी तरह नषट कर दिये गये थे। मैं तुम्हारे साथ यही करूँगा क्योंकि तुमने मुझे क्रोधित किया है। तुमने इस्राएल के लोगों से पाप कराया है,’ 23 और यहोवा यह भी कहता है, ‘तुम्हारी पत्नी ईजेबेल का शव यिज्रेल नगर में कुत्ते खायेंगे। 24 तुम्हारे परिवार के किसी भी सदस्य को जो नगर में मरेगा, कुत्ते खायेंग। जो व्यक्ति मैदानों में मरेगा वह पक्षियों द्वारा खाया जाएगा।’”

25 कोई भी ऐसा व्यक्ति नहीं जिसने उतने बुरे काम या पाप किये हों जितने अहाब ने किये। उसकी पत्नी ईज़ेबेल ने उससे ये काम कराये। 26 अहाब ने बहुत बुरा पाप किया और उसने उन काष्ठ के कुंदों (देव मूर्तियों) को पूजा। यह वही काम था जिसे एमोरी लोग करते थे और यहोवा ने उनसे प्रदेश छीन लिया था और इस्राएल के लोगों को दे दिया था।

27 एलिय्याह के कथन के पूरा होने पर अहाब बहुत दुःखी हुआ। उसने अपने वस्त्रों को यह दिखाने के लिये फाड़ डाला कि उसे दुःख है। तब उसने शोक के विशेष वस्त्र पहन लिये। अहाब ने खाने से इन्कार कर दिया। वह उन्हीं विशेष वस्त्रों को पहने हुए सोया। अहाब बहुत दुःखी और उदास था।

28 यहोवा ने एलिय्याह नबी से कहा, 29 “मैं देखता हूँ कि अहाब मेरे सामने विनम्र हो गया है। अत: उसके जीवन काल में मैं उस पर विपत्ति नहीं आने दूँगा। मैं तब तक प्रतीक्षा करूँगा जब तक उसका पुत्र राजा नहीं बन जाता। तब मैं अहाब के परिवार पर विपत्ति आने दूँगा।”

1 यूहन्ना 4:1-6

झूठे उपदेशकों से सचेत रहो

हे प्रिय मित्रों, हर आत्मा का विश्वास मत करो बल्कि सदा उन्हें परख कर देखो कि वे, क्या परमात्मा के हैं? यह मैं तुमसे इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि बहुत से झूठे नबी संसार में फैले हुए हैं। परमेश्वर की आत्मा को तुम इस तरह पहचान सकते हो: हर वह आत्मा जो यह मानती है कि, “यीशु मसीह मनुष्य के रूप में पृथ्वी पर आया है।” वह परमेश्वर की ओर से है। और हर वह आत्मा जो यीशु को नहीं मानती, परमेश्वर की ओर से नहीं है। ऐसा व्यक्ति तो मसीह का शत्रु है, जिसके विषय में तुमने सुना है कि वह आ रहा है, बल्कि अब तो वह इस संसार में ही है।

हे प्यारे बच्चों, तुम परमेश्वर के हो। इसलिए तुमने मसीह के शत्रुओं पर विजय पा ली है। क्योंकि वह परमेश्वर जो तुममें है, संसार में रहने वाले शैतान से महान है। वे मसीह विरोधी लोग सांसारिक है। इसलिए वे जो कुछ बोलते हैं, वह सांसारिक है और संसार ही उनकी सुनता है। किन्तु हम परमेश्वर के हैं इसलिए जो परमेश्वर को जानता है, हमारी सुनता है। किन्तु जो परमेश्वर का नहीं है, हमारी नहीं सुनता। इस प्रकार से हम सत्य की आत्मा को और लोगों को भटकाने वाली आत्मा को पहचान सकते हैं।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International