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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 31:1-5

संगीत निर्देशक को दाऊद का एक पद।

हे यहोवा, मैं तेरे भरोसे हूँ,
    मुझे निराश मत कर।
    मुझ पर कृपालु हो और मेरी रक्षा कर।
हे यहोवा, मेरी सुन,
    और तू शीघ्र आकर मुझको बचा ले।
मेरी चट्टान बन जा, मेरा सुरक्षा बन।
    मेरा गढ़ बन जा, मेरी रक्षा कर!
हे परमेश्वर, तू मेरी चट्टान है,
    सो अपने निज नाम हेतु मुझको राह दिखा और मेरी अगुवाई कर।
मेरे लिए मेरे शत्रुओं ने जाल फैलाया है।
    उनके फँदे से तू मुझको बचा ले, क्योंकि तू मेरा सुरक्षास्थल है।
हे परमेश्वर यहोवा, मैं तो तुझ पर भरोसा कर सकता हूँ।
    मैं मेरा जीवन तेरे हाथ में सौपता हूँ।
    मेरी रक्षा कर!

भजन संहिता 31:15-16

15 मेरा जीवन तेरे हाथों में है। मेरे शत्रुओं से मुझको बचा ले।
    उन लोगों से मेरी रक्षा कर, जो मेरे पीछे पड़े हैं।
16 कृपा करके अपने दास को अपना ले।
    मुझ पर दया कर और मेरी रक्षा कर!

निर्गमन 3:1-12

जलती हुई झाड़ी

मूसा के ससुर का नाम यित्रो था। यित्रो मिद्यान का याजक था। मूसा यित्रो की भेड़ों का चरवाहा था। एक दिन मूसा भेड़ों को मरुभूमि के पश्चिम की ओर ले गया। मूसा होरेब नाम के उस एक पहाड़ को गया, जो परमेश्वर का पहाड़ था। मूसा ने उस पहाड़ पर यहोवा के दूत को एक जलती हुई झाड़ी में देखा। यह इस प्रकार घटित हुआ।

मूसा ने एक झाड़ी को जलते हुए देखा जो भस्म नहीं हो रही थी। इसलिए मूसा ने कहा कि मैं झाड़ी के निकट जाऊँगा और देखूँगा कि बिना राख हुए कोई झाड़ी कैसे जलती रह सकती है।

यहोवा ने देखा कि मूसा झाड़ी को देखने आ रहा है। इसलिए परमेश्वर ने झाड़ी से मूसा को पुकारा। उसने कहा, “मूसा, मूसा।”

और मूसा ने कहा, “हाँ, यहोवा।”

तब यहोवा ने कहा, “निकट मत आओ। अपनी जूतियाँ उतार लो। तुम पवित्र भूमि पर खड़े हो। मैं तुम्हारे पूर्वजों का परमेश्वर हूँ। मैं इब्राहीम का परमेश्वर इसहाक का परमेश्वर तथा याकूब का परमेश्वर हूँ।”

मूसा ने अपना मूँह ढक लिया क्योंकि वह परमेश्वर को देखने से डरता था।

तब यहोवा ने कहा, “मैंने उन कष्टों को देखा है जिन्हें मिस्र में हमारे लोगों ने सहा है और मैंने उनका रोना भी सुना है जब मिस्री लोग उन्हें चोट पहुँचाते हैं। मैं उनकी पीड़ा के बारे में जानता हूँ। मैं अब जाऊँगा और मिस्रियों से अपने लोगों को बचाऊँगा। मैं उन्हें उस देश से निकालूँगा और उन्हें मैं एक अच्छे देश में ले जाऊँगा जहाँ वे कष्टों से मुक्त हो सकेंगे। जो अनेक अच्छी चीजों से भरा पड़ा है।[a] उस प्रदेश में विभिन्न लोग रहते हैं। कनानी, हित्ती, एमोरी, परिज्जी हिब्बी और यबूसी। मैंने इस्राएल के लोगों की पुकार सुनी है। मैंने देखा है कि मिस्रियों ने किस तरह उनके लिए जीवन को कठिन कर दिया है। 10 इसलिए अब मैं तुमको फ़िरौन के पास भेज रहा हूँ। जाओ! मेरे लोगों अर्थात् इस्राएल के लोगों को मिस्र से बाहर लाओ।”

11 किन्तु मूसा ने परमेश्वर से कहा, “मैं कोई महत्वपूर्ण आदमी नहीं हूँ। मैं ही वह व्यक्ति हूँ जो फ़िरौन के पास जाए और इस्राएल के लोगों को मिस्र के बाहर निकाल कर ले चले?”

12 परमेश्वर ने कहा, “क्योंकि मैं तुम्हारे साथ रहूँगा। मैं तुमको भेज रहा हूँ, यह प्रमाण होगा: लोगों को मिस्र के बाहर निकाल लाने के बाद तुम आओगे और इस पर्वत पर मेरी उपासना करोगे।”

प्रेरितों के काम 7:1-16

स्तिफनुस का भाषण

फिर महायाजक ने कहा, “क्या यह बात ऐसे ही है?” उसने उत्तर दिया, “बंधुओं और पितृतुल्य बुजुर्गो! मेरी बात सुनो। हारान में रहने से पहले अभी जब हमारा पिता इब्राहीम मिसुपुतामिया में ही था, तो महिमामय परमेश्वर ने उसे दर्शन दिये और कहा, ‘अपने देश और अपने लोगों को छोड़कर तू उस धरती पर चला जा, जिसे तुझे मैं दिखाऊँगा।’

“सो वह कसदियों की धरती को छोड़ कर हारान में जा बसा जहाँ से उसके पिता की मृत्यु के बाद परमेश्वर ने उसे इस देश में आने की प्रेरणा दी जहाँ तुम अब रह रहे हो। परमेश्वर ने यहाँ उसे उत्तराधिकार में कुछ नहीं दिया, डग भर धरती तक नहीं। यद्यपि उसके कोई संतान नहीं थी किन्तु परमेश्वर ने उससे प्रतिज्ञा की कि यह देश वह उसे और उसके वंशजों को उनकी सम्पत्ति के रूप में देगा।

“परमेश्वर ने उससे यह भी कहा, ‘तेरे वंशज कहीं विदेश में परदेसी होकर रहेंगे और चार सौ साल तक उन्हें दास बनाकर, उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव किया जाएगा।’ परमेश्वर ने कहा, ‘दास बनाने वाली उस जाति को मैं दण्ड दूँगा और इसके बाद वे उस देश से बाहर आ जायेंगे और इस स्थान पर वे मेरी सेवा करेंगे।’

“परमेश्वर ने इब्राहीम को ख़तने की मुद्रा से मुद्रित करके करार-प्रदान किया। और इस प्रकार वह इसहाक का पिता बना। उसके जन्म के बाद आठवें दिन उसने उसका ख़तना किया। फिर इसहाक से याकूबऔर याकूब से बारह कुलों के आदि पुरुष पैदा हुए।

“वे आदि पुरूष यूसुफ़ से ईर्ष्या रखते थे। सो उन्होंने उसे मिसर में दास बनने के लिए बेच दिया। किन्तु परमेश्वर उसके साथ था। 10 और उसने उसे सभी विपत्तियों से बचाया। परमेश्वर ने यूसुफ़ को विवेक दिया और उसे इस योग्य बनाया जिससे वह मिसर के राजा फिरौन का अनुग्रह पात्र बन सका। फिरौन ने उसे मिसर का राज्यपाल और अपने घर-बार का अधिकारी नियुक्त किया। 11 फिर समूचे मिसर और कनान देश में अकाल पड़ा और बड़ा संकट छा गया। हमारे पूर्वज खाने को कुछ नहीं पा सके।

12 “जब याकूब ने सुना कि मिसर में अन्न है, तो उसने हमारे पूर्वजों को वहाँ भेजा-यह पहला अवसर था। 13 उनकी दूसरी यात्रा के अवसर पर यूसुफ़ ने अपने भाइयों को अपना परिचय दे दिया और तभी फिरौन को भी यूसुफ़ के परिवार की जानकारी मिली। 14 सो यूसुफ़ ने अपने पिता याकूब और परिवार के सभी लोगों को, जो कुल मिलाकर पिचहत्तर थे, बुलवा भेजा। 15 तब याकूब मिसर आ गया और उसने वहाँ वैसे ही प्राण त्यागे जैसे हमारे पूर्वजों ने वहाँ प्राण त्यागे थे। 16 उनके शव वहाँ से वापस सेकेम ले जाये गये जहाँ उन्हें मकबरे में दफना दिया गया। यह वही मकबरा था जिसे इब्राहीम ने हमोर के बेटों से कुछ धन देकर खरीदा था।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

© 1995, 2010 Bible League International