Revised Common Lectionary (Complementary)
1 उन नये कामों के लिये जिन्हें यहोवा ने किया है नया गीत गाओ।
अरे ओ समूचे जगत यहोवा के लिये गीत गा।
2 यहोवा के लिये गाओ! उसके नाम को धन्य कहो!
उसके सुसमाचार को सुनाओ! उन अद्भुत बातों का बखान करो जिन्हें परमेश्वर ने किया है।
3 अन्य लोगों को बताओ कि परमेश्वर सचमुच ही अद्भुत है।
सब कहीं के लोगों में उन अद्भुत बातों का जिन्हें परमेश्वर करता है बखान करो।
4 यहोवा महान है और प्रशंसा योग्य है।
वह किसी भी अधिक “देवताओं” से डरने योग्य है।
5 अन्य जातियों के सभी “देवता” केवल मूर्तियाँ हैं,
किन्तु यहोवा ने आकाशों को बनाया।
6 उसके सम्मुख सुन्दर महिमा दीप्त है।
परमेश्वर के पवित्र मन्दिर सामर्थ्य और सौन्दर्य हैं।
7 अरे! ओ वंशों, और हे जातियों यहोवा के लिये महिमा
और प्रशंसा के गीत गाओ।
8 यहोवा के नाम के गुणगान करो।
अपनी भेटे उठाओ और मन्दिर में जाओ।
9 यहोवा का उसके भव्य, मन्दिर में उपासना करो।
अरे ओ पृथ्वी के मनुष्यों, यहोवा की उपासना करो।
14 इस्राएल के सभी लोग वहाँ खड़े थे। इसलिये सुलैमान उनकी ओर मुड़ा और परमेश्वर ने उन्हें आशीर्वाद देने को कहा। 15 तब राजा सुलैमान ने यहोवा से एक लम्बी प्रार्थना की। जो उसने प्रार्थना की वह यह है:
“इस्राएल का यहोवा परमेश्वर महान है। यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से जो कुछ कहा—उन्हें उसने स्वयं पूरा किया है। यहोवा ने मेरे पिता से कहा, 16 ‘मैं अपने लोगों इस्राएलियों को मिस्र से बाहर लाया। लेकिन मैंने अभी तक इस्राएल परिवार समूह से किसी नगर को नहीं चुना है, कि मुझे सम्मान देने के लिये मन्दिर—निर्माण करे। और मैंने अपने लोग, इस्राएलियों का मार्ग दर्शक कौन व्यक्ति हो, उसे नहीं चुना है। किन्तु अब मैंने यरूशलेम को चुना है जहाँ मैं सम्मानित होता रहूँगा। किन्तु अब, दाऊद को मैंने चुना है। मेरे इस्राएली लोगों पर शासन करने के लिये।’
17 “मेरे पिता दाऊद बहुत अधिक चाहते थे कि वे यहोवा, इस्राएल के परमेश्वर के सम्मान के लिये मन्दिर बनाएं। 18 किन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, ‘मैं जानता हूँ कि तुम मेरे सम्मान के लिये मन्दिर बनाने की प्रबल इच्छा रखते हो और यह अच्छा है कि तुम मेरा मन्दिर बनाना चाहते हो। 19 किन्तु तुम वह व्यक्ति नहीं हो जिसे मैंने मन्दिर बनाने के लिये चुना है। तुम्हारा पुत्र मेरा मन्दिर बनाएगा।’
20 “इस प्रकार यहोवा ने जो प्रतिज्ञा की थी उसे पूरी कर दी है। अब मैं अपने पिता दाऊद के स्थान पर राजा हूँ। अब मैं यहोवा की प्रतिज्ञा के अनुसार इस्राएल के लोगों पर शासन कर रहा हूँ और मैंने इस्राएल के परमेश्वर के लिये मन्दिर बनाया है। 21 मैंने मन्दिर में एक स्थान पवित्र सन्दूक के लिये बनाया है। उस पवित्र सन्दूक में वह साक्षीपत्र है जो वाचा यहोवा ने हमारे पूर्वजों के साथ किया था। यहोवा ने वह वाचा तब की जब वह हमारे पूर्वजों को मिस्र से बाहर ले आया था।”
बनावटी प्रेरित और पौलुस
11 काश, तुम मेरी थोड़ी सी मूर्खता सह लेते। हाँ, तुम उसे सह ही लो। 2 क्योंकि मैं तुम्हारे लिये ऐसी सजगता के साथ, जो परमेश्वर से मिलती है, सजग हूँ। मैंने तुम्हारी मसीह से सगाई करा दी है ताकि तुम्हें एक पवित्र कन्या के समान उसे अर्पित कर सकूँ। 3 किन्तु मैं डरता हूँ कि कहीं जैसे उस सर्प ने हव्वा को अपने कपट से भ्रष्ट कर दिया था, वैसे ही कहीं तुम्हारा मन भी उस एकनिष्ठ भक्ति और पवित्रता से, जो हमें मसीह के प्रति रखनी चाहिए, भटका न दिया जाये। 4 क्योंकि जब कोई तुम्हारे पास आकर जिस यीशु का उपदेश हमने तुम्हें दिया है, उसे छोड़ किसी दूसरे यीशु का तुम्हें उपदेश देता है, अथवा जो आत्मा तुमने ग्रहण की है, उससे अलग किसी और आत्मा को तुम ग्रहण करते हो अथवा छुटकारे के जिस संदेश को तुमने ग्रहण किया है, उससे भिन्न किसी दूसरे संदेश को भी ग्रहण करते हो।
5 तो तुम बहुत प्रसन्न होते हो। पर मैं अपने आप को तुम्हारे उन “बड़े प्रेरितों” से बिल्कुल भी छोटा नहीं मानता। 6 हो सकता है मेरी बोलने की शक्ति सीमित है किन्तु मेरा ज्ञान तो असीम है। इस बात को हमने सभी बातों में तुम्हें स्पष्ट रूप से दर्शाया है।
© 1995, 2010 Bible League International