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Revised Common Lectionary (Complementary)

Daily Bible readings that follow the church liturgical year, with thematically matched Old and New Testament readings.
Duration: 1245 days
Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)
Version
भजन संहिता 103:1-13

दाऊद का एक गीत।

हे मेरी आत्मा, तू यहोवा के गुण गा!
    हे मेरी अंग—प्रत्यंग, उसके पवित्र नाम की प्रशंसा कर।
हे मेरी आत्मा, यहोवा को धन्य कह
    और मत भूल की वह सचमुच कृपालु है!
उन सब पापों के लिये परमेश्वर हमको क्षमा करता है जिनको हम करते हैं।
    हमारी सब व्याधि को वह ठीक करता है।
परमेश्वर हमारे प्राण को कब्र से बचाता है,
    और वह हमे प्रेम और करुणा देता है।
परमेश्वर हमें भरपूर उत्तम वस्तुएँ देता है।
    वह हमें फिर उकाब सा युवा करता है।
यहोवा खरा है।
    परमेश्वर उन लोगों को न्याय देता है, जिन पर दूसरे लोगों ने अत्याचार किये।
परमेश्वर ने मूसा को व्यवस्था का विधान सिखाया।
    परमेश्वर जो शक्तिशाली काम करता है, वह इस्राएलियों के लिये प्रकट किये।
यहोवा करुणापूर्ण और दयालु है।
    परमेश्वर सहनशील और प्रेम से भरा है।
यहोवा सदैव ही आलोचना नहीं करता।
    यहोवा हम पर सदा को कुपित नहीं रहता है।
10 हम ने परमेश्वर के विरुद्ध पाप किये,
    किन्तु परमेश्वर हमें दण्ड नहीं देता जो हमें मिलना चाहिए।
11 अपने भक्तों पर परमेश्वर का प्रेम वैसे महान है
    जैसे धरती पर है ऊँचा उठा आकाश।
12 परमेश्वर ने हमारे पापों को हमसे इतनी ही दूर हटाया
    जितनी पूरब कि दूरी पश्चिम से है।
13 अपने भक्तों पर यहोवा वैसे ही दयालु है,
    जैसे पिता अपने पुत्रों पर दया करता है।

भजन संहिता 103:22

22 हर कहीं हर वस्तु यहोवा ने रची है। परमेश्वर का शासन हर कहीं वस्तु पर है।
    सो हे समूची सृष्टि, यहोवा को तू धन्य कह।
ओ मेरे मन यहोवा की प्रशंसा कर।

यहेजकेल 16:1-14

16 तब यहोवा का वचन मुझे मिला। उसने कहा, “मनुष्य के पुत्र, यरूशलेम के लोगों को उन भयंकर बुरे कामों को समझाओ जिन्हें उन्होंने किया है। तुम्हें कहना चाहिए, ‘मेरा स्वामी यहोवा यरूशलेम के लोगों को यह सन्देश देता है: अपना इतिहास देखो। तुम कनान में उत्पन्न हुए थे। तुम्हारा पिता एमोरी था। तुम्हारी माँ हित्ती थी। यरूशलेम, जिस दिन तुम उत्पन्न हुए थे, तुम्हारे नाभि—नाल को काटने वाला कोई नहीं था। किसी ने तुम पर नमक नहीं डाला और तुम्हें स्वच्छ करने के लिये नहलाया नहीं। किसी ने तुम्हें वस्त्र में नहीं लपेटा। यरूशलेम, तुम सब तरह से अकेले थे। कोई न तुम्हारे प्रति खेद प्रकट करता था, न ही ध्यान देता था। यरूशलेम, जिन दिन तुम उत्पन्न हुए, तुम्हारे माता—पिता ने तुम्हें मैदान में डाल दिया। तुम तब तक रक्त और झिल्ली में लिपटे थे।

“‘तब मैं (परमेश्वर) उधर से गुजरा। मैंने तुम्हें वहाँ खून से लथपथ पड़ा पाया। तुम खून में सनी थीं, किन्तु मैंने कहा, “जीवित रहो!” हाँ, तुम रक्त में सनी थीं, किन्तु मैंने कहा, “जीवित रहो!” मैंने तुम्हारी सहायता खेत में पौधे की तरह बढ़ने में की। तुम बढ़ती ही गई। तुम एक युवती बनी, तुम्हारा ऋतु—धर्म आरम्भ हुआ, तुम्हारे वक्ष—स्थल बढ़े, तुम्हारे केश बढ़ने आरम्भ हुए। किन्तु तुम तब तक वस्त्रहीन और नंगी थीं। मैंने तुम पर दृष्टि डाली। मैंने देखा कि तुम प्रेम के लिये तैयार थीं। इसलिये मैंने तुम्हारे ऊपर अपने वस्त्र डाले और तुम्हारी नग्नता को ढका। मैंने तुमसे विवाह करने का वचन दिया। मैंने तुम्हारे साथ वाचा की और तुम मेरी बनीं।’” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं। “‘मैंने तुम्हें पानी से नहलाया। मैंने तुम्हारे रक्त को धोया और मैंने तुम्हारी त्वचा पर तेल मला। 10 मैंने तुम्हें एक सुन्दर पहनावा और कोमल चमड़े के जूते दिये। मैंने तुम्हें एक महीन मलमल और एक रेशमी वस्त्र दिया। 11 तब मैंने तुम्हें कुछ आभूषण दिये। मैंने तुम्हारी भुजाओं में बाजूबन्द पहनाए और तुम्हारे गले में हार पहनाया। 12 मैंने तुम्हें एक नथ, कुछ कान की बालियाँ और सुन्दर मुकुट पहनने के लिये दिया। 13 तुम अपने सोने चाँदी के आभूषणों, अपने मलमल और रेशमी वस्त्रों और कढ़ाई किये पहनावे में सुन्दर दिखती थीं! तुमने उत्तम भोजन किया। तुम अत्याधिक सुन्दर थी और तुम रानी बनीं! 14 तुम अपनी सुन्दरता के लिये विख्यात हुई। यह सब कुछ इसलिये हुआ क्योंकि मैंने तुम्हें इतना अधिक सुन्दर बनाया!’” मेरे स्वामी यहोवा ने ये बातें कहीं।

रोमियों 3:1-8

सो यहूदी होने का क्या लाभ या ख़तने का क्या मूल्य? हर प्रकार से बहुत कुछ। क्योंकि सबसे पहले परमेश्वर का उपदेश तो उन्हें ही सौंपा गया। यदि उनमें से कुछ विश्वासघाती हो भी गये तो क्या है? क्या उनका विश्वासघातीपन परमेश्वर की विश्वासपूर्णता को बेकार कर देगा? निश्चय ही नहीं, यदि हर कोई झूठा भी है तो भी परमेश्वर सच्चा ठहरेगा। जैसा कि शास्त्र में लिखा है:

“ताकि जब तू कहे तू उचित सिद्ध हो
    और जब तेरा न्याय हो, तू विजय पाये।”(A)

सो यदि हमारी अधार्मिकता परमेश्वर की धार्मिकता सिद्ध करे तो हम क्या कहें? क्या यह कि वह अपना कोप हम पर प्रकट करके अन्याय नहीं करता? (मैं एक मनुष्य के रूप में अपनी बात कह रहा हूँ।) निश्चय ही नहीं, नहीं तो वह जगत का न्याय कैसे करेगा।

किन्तु तुम कह सकते हो: “जब मेरी मिथ्यापूर्णता से परमेश्वर की सत्यपूर्णता और अधिक उजागर होती है तो इससे उसकी महिमा ही होती है, फिर भी मैं दोषी करार क्यों दिया जाता हूँ?” और फिर क्यों न कहे: “आओ! बुरे काम करें ताकि भलाई प्रकट हो।” जैसा कि हमारे बारे में निन्दा करते हुए कुछ लोग हम पर आरोप लगाते हैं कि हम ऐसा कहते हैं। ऐसे लोग दोषी करार दिये जाने योग्य है। वे सभी दोषी हैं।

Hindi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-HI)

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