Old/New Testament
पवित्र तम्बू का समर्पण
7 जिस दिन मूसा ने पवित्र तम्बू का लगाना पूरा किया, उसने इसे यहोवा को समर्पित किया। मूसा ने तम्बू और इसमें उपयोग आने वाली चीजों को अभिषिक्त किया। मूसा ने वेदी और इसके साथ उपयोग में आने वाली चीजों को भी अभिषिक्त किया। ये दिखाती थी कि ये सभी वस्तुएं केवल यहोवा की उपासना के लिये प्रयोग की जानी चाहिए।
2 तब इस्राएल के नेताओं ने भेंटें चढ़ाईं। ये अपने—अपने परिवारों के मुखिया थे जो अपने परिवार समूह के नेता थे। इन्हीं नेताओं ने लोगों को गिना था। 3 ये नेता यहोवा के लिये भेंटें लाए। वे चारों ओर से ढकी छः गाड़ियाँ और बारह गायें लाए। (हर एक नेता द्वारा एक गाय दी गई थी। हर नेता ने दूसरे नेता से चारों ओर से ढकी गाड़ी को देने में साझा किया।) नेताओं ने पवित्र तम्बू पर यहोवा को ये चीज़े दीं।
4 यहोवा ने मूसा से कहा, 5 “नेताओं की इन भेंटों को स्वीकार करो। ये भेंटें मिलावाले तम्बू के काम में उपयोग की जा सकती हैं। इन चीज़ों को लेवीवंश के लोगों को दो। यह उन्हें अपने काम करने में सहायक होंगी।”
6 इसलिए मूसा ने चारों ओर से ढकी गाड़ियों और गायों को लिया। उसने इन चीज़ों को लेवीवंश के लोगों को दिया। 7 उसने दो गाड़ियाँ और चार गायें गेर्शोन वंशियों को दीं। उन्हें अपने काम के लिए उन गाड़ियों और गायों की आवश्यकता थी। 8 तब मूसा ने चार गाड़ियों और आठ गायें मरारी वंश को दीं। उन्हें अपने काम के लिए गाड़ियों और गायों की आवश्यकता थी। याजक हारून का पुत्र ईतामार इन सभी व्यक्तियों के कार्य के लिए उत्तरदायी था। 9 मूसा ने कहात वंशियों को कोई गाय या कोई गाड़ी नहीं दी। इन व्यक्तियों को पवित्र चीज़े अपने कंधों पर ले जानी थीं। यही कार्य उनको करने के लिए सौंपा गया था।
10 उस दिन के अभिषेक के पश्चात नेता अपनी भेंटे वेदी पर समर्पण के लिए लाए। उन्होंने अपनी भेंटे वेदी के सामने यहोवा को अर्पित कीं। 11 यहोवा ने पहले से ही मूसा से कह रखा था, “वेदी को समर्पण के रूप में दी जाने वाली अपनी भेंट का भाग हर एक नेता एक एक दिन लाएगा।”
12-83 [a] बारह नेताओं में से प्रत्येक नेता अपनी—अपनी भेंटें लाया। वे भेंटें ये हैं:
प्रत्येक नेता चाँदी की एक थाली लाया जिसका वजन था एक सौ तीस शेकेल।[b] प्रत्येक नेता चाँदी का एक कटोरा लाया जिसका वजन सत्तर शेकेल था[c] इन दोनों ही उपहारों को पवित्र अधिकृत भार से तोला गया था हर कटोरे और हर थाली में तेल मिला बारीक आटा भरा हुआ था। यह अन्नबलि के रुप में प्रयोग में लाया जाना था प्रत्येक नेता सोने की एक बड़ी करछी भी लेकर आया जिसका भार दस शेकेल था।[d] इस करछी में धूप भरी हुई थी।
प्रत्यके नेता एक बछड़ा, एक मेढ़ा और एक वर्ष का एक मेमना
84 इस प्रकार ये सभी चीज़ें इस्राएल के लोगों के नेताओं की भेंटें थी। ये चीज़ें तब लाई गई जब मू भी लाया। ये पशु होमबलि के लिए थे। प्रत्येक नेता पापबलि के रूप में इस्तेमाल किये जाने के लिए एक बकरा भी लाया। प्रत्येक नेता दो गाय, पाँच मेढ़े, पाँच बकरे और एक एक वर्ष के पाँच मेमने लाया। इन सभी की मेलबलि दी गयी। अम्मीनादाब का पुत्र नहशोम, जो यहूदा के परिवार समूह से था, पहले दिन अपनी भेंटें लाया। दूसरे दिन सूआर का पुत्र नतनेल जो इस्साकार का नेता था, अपनी भेंटें लाया। तीसरे दिन हेलोन का पुत्र एलीआब जो जबूलूनियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। चौथे दिन शदेऊर का पुत्र एलीसूर जो रूबेनियों का नेता था, अपनी भेटें लाया। पाँचवे दिन सूरीशद्दै का पुत्र शलूमीएल जो शमौनियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। छठे दिन दूएल का पुत्र एल्यासाप जो गादियों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। सातवें दिन अम्मीहूद का पुत्र एलीशामा जो एप्रैम के लोगों का नेता था, अपनी भेंटें लाया। आठवें दिन पदासूर का पुत्र गम्लीएल जो मनश्शे के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। नवें दिन गिदोनी का पुत्र अबीदान जो बिन्यामिन के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। दसवें दिन अम्मीशद्दै का पुत्र आखीआजर जो दान के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। ग्यारहवें दिन
और फिर बारहवें दिन एनान का पुत्र अहीरा जो नप्ताली के लोगों का नेता था, अपओक्रान का पुत्र पजीएल जो आशेर के लोगों का नेता था, अपनी भेंटे लाया। नी भेंटें लेकर आया। सा ने वेदी को विशेष तेल डालकर समर्पित किया। वे बारह चाँदी की तश्तरियाँ, बारह चाँदी के कटोरे और बारह सोने के चम्मच लाए। 85 चाँदी की हर एक तश्तरी का वजन लगभग सवा तीन पौंड़ था और हर एक कटोरे का वजन लगभल पौने दो पौंड़ था। चाँदी की तश्तरियों और चाँदी के कटोरों का कुल अधिकृत भार साठ पौंड था। 86 सुगन्धि से भरे सोने के चम्मचों में से प्रत्येक का अधिकृत भार दस शेकेल था। बारह सोने के चम्मचों का कुल वजन लगभग तीन पौंड था।
87 होमबलि के लिए जानवरों की कुल संख्या बारह बैल, बारह मेढ़े और बारह एक बर्ष के मेमने थे। वहाँ अन्नबलि भी थी। यहोवा को पापबलि के रुप में उपयोग में आने वाले बारह बकरे भी थे। 88 नेताओं ने मेलबलि के रुप में उपयोग और मारे जाने के लिए भी जानवर दिए। इन जानवरों की संख्या थी चौबीस बैल, साठ मेढ़े, साठ बकरे और साठ एक वर्ष के मेमने थे। वेदी के समर्पण काल में ये चीज़ें भेंट के रुप में दी गईं। यह मूसा द्वारा अभीषेक का तेल उन पर डालने के बाद हुआ।
89 मूसा मीलापवाले तम्बू में यहोवा से बात करने गया। उस समय उसने अपने से बात करती हुई यहोवा की वाणी सुनी। वह वाणी साक्षीपत्र के सन्दूक के ऊपर के विशेष ढक्कन पर के दोनों करूबों के मध्य से आ रही थी। इस प्रकार परमेश्वर ने मूसा से बातें की।
दीपाधार
8 यहोवा ने मूसा से कहा, 2 “हारून से बात करो और उससे कहो, उन स्थानों पर सात दीपकों को रखो जिन्हें मैंने तुम्हें दिखाया था। वे दीपक दीपाधार के सामने के क्षेत्र को प्रकाशित करेंगे।”
3 हारून ने यह किया। हारून ने दीपकों को उचित स्थान पर रखा और उनका रुख ऐसा कर दिया कि उससे दीपाधार के सामने का क्षेत्र प्रकाशित हो सके। उसने मूसा को दिये गए यहोवा के आदेश का पालन किया। 4 दीपाधार सोने की पट्टियों से बना था। सोने का उपयोग आधार से आरम्भ हुआ था और ऊपर सुनहरे फूलों तक पहुँचा हुआ था। यह सब उसी प्रकार बना था जैसा कि यहोवा ने मूसा को दिखाया था।
लेबीवंशियों का समर्पण
5 यहोवा ने मूसा से कहा, 6 “लेवीवंश के लोगों को इस्राएल के अन्य लोगों से अलग ले जाओ। उन लेवीवंशी लोगों को शुद्ध करो। 7 यह तुम्हें पवित्र बनाने के लिए करना होगा। पापबलि से विशेष पानी[e] उन पर छिड़को। यह पानी उन्हें पवित्र करेगा। तब वे अपने शरीर के बाल कटवायेंगे तथा अपने कपड़ों को धोएंगे। यह उनके शरीर को शुद्ध करेगा।
8 “तब वे एक नया बैल और उसके साथ उपयोग में आने वाली अन्नबलि लेंगे। यह अन्नबलि, तेल मिला हुआ आटा होगा। तब अन्य बैल को पापबलि के रूप में लो। 9 लेवीवंश के लोगों को मिलापवाले तम्बू के सामने के क्षेत्र में लाओ। तब इस्राएल के सभी लोगों को चारों ओर से इकट्ठा करो। 10 तब तुम्हें लेवीवंश के लोगों को यहोवा के सामने लाना चाहिए और इस्राएल के लोग अपना हाथ उन पर रखेंगे।[f] 11 तब हारून लेवीवंश के लोगों को यहोवा के सामने लाएगा वे परमेस्वर के लिए भेंट के रूप में होंगे। इस ढंग से लेवीवंश के लोग यहोवा का विशेष कार्य करने के लिए तैयार होंगे।
12 “लेवीवंश के लोगों से कहो कि वे अपना हाथ बैलों के सिर पर रखें। एक बैल यहोवा को पापबलि के रूप में होगा। दूसरा बैल यहोवा को होमबलि के रूप में काम आएगा। ये भेंटे लेवीवंश के लोगों को शुद्ध करेंगी। 13 लेवीवंश के लोगों से कहो कि वे हारून और उसके पुत्रों के सामने खड़े हों। तब यहोवा के सामने लेवीवंश के लोगों को उत्तोलन भेंट के रूप में प्रस्तुत करो। 14 यह लेवीवंश के लोगों को पवित्र बनायेगा। यह दिखायेगा कि वे परमेस्वर के लिये विशेष रीति से इस्तेमाल होंगे। वे इस्राएल के अन्य लोगों से भिन्न होंगे और लेवीवंश के लोग मेरे होंगे।
15 “इसलिए लेवीवंश के लोगों को शुद्ध करो और उन्हें यहोवा के सामने उत्तोलन भेंट के रूप में प्रस्तुत करो। जब यह पूरा हो जाए तब वे आ सकते हैं और मिलापवाले तम्बू में अपना काम कर सकते हैं। 16 ये लेवीवंशी इस्राएल के वे लोग हैं जो मुझको दिये गए हैं। मैंने उन्हें अपने लोगों के रूप में स्वीकार किया है। बीते समय में हर एक इस्राएल के परिवार में पहलौठा पुत्र मुझे दिया जाता था किन्तु मैंने लेवीवंशी के लोगों को इस्रएल के अन्य परिवारों के पहलौठे पुत्रों के स्थान पर स्वीकार किया है। 17 इस्राएल का हर पुरुष जो हर एक परिवार में पहलौठा है, मेरा है। यदि यह पुरुष या जानवर है तो भी मेरा है। मैंने मिस्र में सभी पहलौठे बच्चों और जानवरों को मार डाला था। इसलिए मैंने पहलौठे पुत्रों को अलग किया जिससे वे मेरे हो सकें। 18 अब मैंने लेवीवंशी लोगों को ले लिया है। मैंने इस्राएल के अन्य लोगों के परिवारों में पहलौठे बच्चों के स्थान पर इनको स्वीकार किया है। 19 मैंने इस्राएल के सभी लोगों में से लेवीवंश के लोगों को चुना है। मैंने उन्हें हारुन और उसके पुत्रों को इन्हें भेंट के रूप में दिया है। मैं चाहता हूँ कि वे मिलापवाले तम्बू में काम करें। वे इस्राएल के सभी लोगों के लिए सेवा करेंगे और वे उन बलिदानों को करने में सहायता करेंगे जो इस्राएल के लोगों के पापों को ढकने में सहायता करेंगी। तब कोई बड़ा रोग या कष्ट इस्राएल के लोगों को नहीं होगा जब वे पवित्र स्थान के पास आएंगे।”
20 इसलिए मूसा, हारून और इस्राएल के सभी लोगों ने यहोवा का आदेश माना। उन्होंने लेवीवंशियों के प्रति वैसा ही किया जैसा उन के प्रति करने का यहोवा ने मूसा को आदेश दिया था। 21 लेवीयों ने अपने को शुद्ध किया और अपने वस्त्रों को धोया। तब हारून ने उन्हें यहोवा के सामने उत्तोलन भेंट के रूप में प्रस्तुत किया। हारून ने वे भेंटें भी चढ़ाई जिन्होंने उनके पापों को नष्ट करके उन्हें शुद्ध किया था। 22 उसके बाद लेवीवंश के लोग अपना काम करने के लिए मिलापवाले तम्बू में आए। हारून और उसके पुत्रों ने उनकी देखभाल की। वे लेवीवंश के लोगों के कार्य के लिए उत्तरदायी थे। हारून और उसके पुत्रों ने उन आदेशों का पालन किया जिन्हें यहोवा ने मूसा को दिया था।
23 यहोवा ने मूसा से कहा, 24 “लेवीवंश के लोगों के लिए यह विशेष आदेश हैः हर एक लेवीवंशी पुरुष को, जो पच्चीस वर्ष या उससे अधिक उम्र का है, अवश्य आना चाहिए और मिलापवाले तम्बू के कामों में हाथ बटाना चाहिए। 25 जब कोई व्यक्ति पचास वर्ष का हो जाए तो उसे नित्य के कामों से छुट्टी लेनी चाहिए। उसे पून: काम करने की आवश्यकता नहीं है। 26 पचास वर्ष या उससे अधिक उम्र के लोग मिलापावाले तम्बू में अपने भाईयों को उनके काम में सहायता दे सकते हैं। किन्तु वे लोग स्वयं काम नहीं करेंगे। उन्हें सेवा—निवृत्त होने की स्वीकृति दी जाएगी। इसलिए उस समय लेवीवंश के लोगों से यह कहना याद रखो जब तुम उन्हें उनका सेवा—कार्य सौंपो।”
जो तुम्हारे पास है, उसका उपयोग करो
(लूका 8:16-18)
21 फिर उसने उनसे कहा, “क्या किसी दिये को कभी इसलिए लाया जाता है कि उसे किसी बर्तन के या बिस्तर के नीचे रख दिया जाये? क्या इसे दीवट के ऊपर रखने के लिये नहीं लाया जाता? 22 क्योंकि कुछ भी ऐसा गुप्त नहीं है जो प्रकट नहीं होगा और कोई रहस्य ऐसा नहीं है जो प्रकाश में नहीं आयेगा। 23 यदि किसी के पास कान हैं तो वह सुने!” 24 फिर उसने उनसे कहा, “जो कुछ तुम सुनते हो उस पर ध्यानपूर्वक विचार करो, जिस नाप से तुम दूसरों को नापते हो, उसी नाप से तुम भी नापे जाओगे। बल्कि तुम्हारे लिये उसमें कुछ और भी जोड़ दिया जायेगा। 25 जिसके पास है उसे और भी दिया जायेगा और जिस किसी के पास नहीं है, उसके पास जो कुछ है, वह भी ले लिया जायेगा।”
बीज का दृष्टान्त
26 फिर उसने कहा, “परमेश्वर का राज्य ऐसा है जैसे कोई व्यक्ति खेत में बीज फैलाये। 27 रात को सोये और दिन को जागे और फिर बीज में अंकुर निकलें, वे बढ़े और पता नहीं चले कि यह सब कैसे हो रहा है। 28 धरती अपने आप अनाज उपजाती है। पहले अंकुर फिर बालें और फिर बालों में भरपूर अनाज। 29 जब अनाज पक जाता है तो वह तुरन्त उसे हंसिये से काटता है क्योंकि फसल काटने का समय आ जाता है।”
राई के दाने का दृष्टान्त
(मत्ती 13:31-32, 34-35; लूका 13:18-19)
30 फिर उसने कहा, “हम कैसे बतायें कि परमेश्वर का राज्य कैसा है? उसकी व्याख्या करने के लिए हम किस उदाहरण का प्रयोग करें? 31 वह राई के दाने जैसा है जो जब धरती में बोया जाता है तो बीजों में सबसे छोटा होता है। 32 किन्तु जब वह रोप दिया जाता है तो बढ़ कर भूमि के सभी पौधों से बड़ा हो जाता है। उसकी शाखाएँ इतनी बड़ी हो जाती हैं कि हवा में उड़ती चिड़ियाएँ उसकी छाया में घोंसला बना सकती हैं।”
33 ऐसे ही और बहुत से दृष्टान्त देकर वह उन्हें वचन सुनाया करता था। वह उन्हें, जितना वे समझ सकते थे, बताता था। 34 बिना किसी दृष्टान्त का प्रयोग किये वह उनसे कुछ भी नहीं कहता था। किन्तु जब अपने शिष्यों के साथ वह अकेला होता तो सब कुछ का अर्थ बता कर उन्हें समझाता।
बवंडर को शांत करना
(मत्ती 8:23-27; लूका 8:22-25)
35 उस दिन जब शाम हुई, यीशु ने उनसे कहा, “चलो, उस पार चलें।” 36 इसलिये, वे भीड़ को छोड़ कर, जैसे वह था वैसा ही उसे नाव पर साथ ले चले। उसके साथ और भी नावें थीं। 37 एक तेज बवंडर उठा। लहरें नाव पर पछाड़ें मार रही थीं। नाव पानी से भर जाने को थी। 38 किन्तु यीशु नाव के पिछले भाग में तकिया लगाये सो रहा था। उन्होंने उसे जगाया और उससे कहा, “हे गुरु, क्या तुझे ध्यान नहीं है कि हम डूब रहे हैं?”
39 यीशु खड़ा हुआ। उसने हवा को डाँटा और लहरों से कहा, “शान्त हो जाओ। थम जाओ।” तभी बवंडर थम गया और चारों तरफ असीम शांति छा गयी।
40 फिर यीशु ने उनसे कहा, “तुम डरते क्यों हो? क्या तुम्हें अब तक विश्वास नहीं है?”
41 किन्तु वे बहुत डर गये थे। फिर उन्होंने आपस में एक दूसरे से कहा, “आखिर यह है कौन? हवा और पानी भी इसकी आज्ञा मानते हैं!”
© 1995, 2010 Bible League International