Old/New Testament
1 इ नीनवे क बारे मँ एक ठु दुःखद समाचार अहइ। इ किताब नहूम क दर्सन क किताब अहइ। नहूम एल्कोस स रहा।
यहोवा नीनवे स कोहान अहइ
2 यहोवा ईस्यालु अउर प्रतिसोधी परमेस्सर अहइ।
यहोवा बदला लेत ह।
यहोवा बहोतइ कोहान अहइ।
यहोवा आपन दुस्मनन क खिलाफ बदला लेत ह।
उ आपन दुस्मनन पइ कोहात रहत ह।
3 यहोवा धीरा राखत ह।
मुला उ बहोतइ सक्तीसाली अहइ।
यहोवा अपराधी लोगन क सजा देत ह।
उ ओनका आजाद चला जाइ नाहीं देइ।
लखा, यहोवा दुट्ठ लोगन क सजा देइ आवत ह।
उ आपन सक्ति देखॉवइ बरे चक्रवात अउर तूफानन क काम मँ लिआब।
बादर ओकरे गोड़न क नीचे धूरि क समान अहइ।
4 जदि यहोवा सागर क घुड़कइ तउ सागर भी झुराइ जाइ।
उ सारी नदियन क झुराइ सकत ह।
बासान अउ कर्मेल क हरी-भरी भुइँया झुराइके मरि जात हीं।
लबानोन क फूल मुरझाइके गिरि पड़त हीं।
5 यहोवा क अवाई होइ
अउर पहाड़ डर स कँपिहीं
अउर इ सबइ पहाड़ियन टेघराइके बहि जइहीं।
यहोवा क अवाई होइ
अउर इ धरती डर स काँपि उठी।
इ जगत अउर जउन कछू एहमाँ अहइ
जउन जिअत अहइ, डर स काँपी।
6 यहोवा क महाकोप क मुकाबला कउनो नाहीं कइ सकत,
कउनो भी ओकर भयानक कोप नाहीं सहि सकत।
ओकर किरोध आगी क नाई धधकी।
जबहिं उ पधारी तबहिं चट्टानन चटकि जइहीं।
7 यहोवा संकट क काले मँ उत्तिम अहइ।
उ सुरच्छित सरन अइसे ओन लोगन क अहइ जउन ओकरे भरोसे अहइँ।
उ ओनकर देख-रेख करत ह।
8 मुला उ आपन दुस्मनन क पूरी तरह बर्बाद कइ देइ।
उ ओनक बाढ़ क तरह बहाइ के लइ जाइ।
अँधियारा क बीच उ आपन दुस्मनन क पाछा करी।
9 का तू पचे यहोवा क खिलाफ सड्यंत्र रचत अहा?
उ तोहार पचन क अंत कइ देइ।
फुन अउर कउनो दूसरी दाईं कबहुँ यहोवा का खिलाफत नाहीं करी।
10 तोहरे पचन्क दुस्मन
अरझ गए काँटन स बर्बाद होइहीं।
उ पचे झुरान घासे जइसे
हाली ही जरि जइहीं।
11 हे अस्सूर, एक मनई तोहसे ही आवा अहइ।
जउन यहोवा क खिलाफ सड्यंत्र रचेस अउर पापे स भरी सलाह दिहस।
12 यहोवा यहूदा स इ सबइ बातन कहे रहा:
“अस्सूर क जनता पूरी सक्तीसाली अहइ।
ओकरे लगे बहोत स फउजी अहइँ।
मुला ओन सबन्क काटिके लोकाइ दीन्ह जाइ।
सबन्क अन्त कीन्ह जाइ।
हे मोर लोगो, मइँ तू पचन्क बहोत स कस्ट दिहेउँ
मुला अब आगे तू पचन्क अउर कस्ट नाहीं देबउँ।
13 अब मइँ तोहरे पचन क काँधे स उ जुआ उतारि देब।
तोहार सबन्क जंजीरन जेनमाँ मँ तू पचे बँधा अहा
मइँ अब तोरि देब।”
14 हे अस्सूर क राजा, तोहरे बारे मँ यहोवा इ आदेस दिहस ह:
“तोहार नाउँ लेवइया कउनो भी संतान न रही।
तोहार खुदी भइ मूर्तियन अउ धातु क मूर्तियन क मइँ बर्बाद कइ देब
जउन तोहरे देवतन क मन्दिरन मँ रखा भवा अहइँ।
मइँ तोहरे बरे कब्र बनावत हउँ
काहेकि तोहार अंत आवति अहइ।”
15 लखा यहूदा।
लखा हुआँ, पहाड़े क ऊपर स कउनो आवत अहइ।
कउनो हरकारा सुसंदेस लइकि आवत अहइ।
लखा उ कहत अहइ कि हिआँ पइ सान्ति अहइ।
यहूदा, तू आपन खास छुट्टी क दिन मनाइ ल्या।
यहूदा, तू आपन मन्नतन मनाइ ल्या।
अब फुन कबहुँ दुर्जन तोह पइ वार न करिहीं अउर उ पचे फुन तोहका हराइ न पइहीं।
ओन सबहिं दुर्जनन क अन्त कइ दीन्ह ग अहइ।
नीनवे क विनास होइ
2 नीनवे, बिनासकारी तोहरे खिलाफ जुद्ध करइ बरे आवत अहइ।
आपन सहर क मज़बूत ठउर सुरच्छित कइ ल्या!
राहन पइ आँखी धरा,
जुद्ध बरे तइयार रहा,
लड़ाई क तइयारी करा।
2 काहेकि यहोवा याकूब क महिमा लउटावत अहइ
जइसे इस्राएल क महिमा।
अस्सूर क लोग इस्राएल क प्रजा क नास किहेन
अउर ओनकर अंगूरे क बेलन क रौंदि डाएन ह।
3 ओन जोधन क ढार लाल बाटइ।
ओकरे फउजियन क वदिर्यन चमकीला लाल कपड़ा स बना अहइँ।
जब उ जुद्ध बरे तइयार होत हीं,
ओकरे रथन पौलिस कीन्ह भवा लोहा क जइसा चमकत अहइँ।
ओनकर भालन जुद्ध बरे तइयार रहत अहइँ।
4 ओनकर रथन गलियन मँ बहोत तेजी स भागत परात अहइँ।
उ सबइ नगर क चउराहन मँ आगे पीछे भागत हीं।
उ सुलगत मसालन स देखाँत हीं
अउर अइसे लगात हीं जइसे बिजुरी हिआँ-हुवाँ चमकत होइ।
5 राजा आपन ओन फउजियन क बोलावत अहइ जउन सर्वश्रेष्ठ अहइँ।
मुला उ पचे आपन रास्ते मँ ठोकर खात अहइँ।
उ पचे किला क कइँती दउड़त अहइँ,
अउर उ पचे सुरच्छा अवरण बनावत अहइँ।
6 मुला उ सबइ दुआर जउन नदियन क किनारे अहइँ, खुला अहइँ।
दुस्मन ओनमाँ स जात अहइ अउर राजा क महल क गलाइके बैठाइ देत ह।
7 लखा, इ दुस्मन रानी क उठाइ लइ जात ह
अउर ओकर दासियन बिलखत हीं जइसेन दुःखे स भरी भइन कबूतरिन होइँ।
उ पचे आपन दुःख परगट करइ बरे आपन छाती पीटति अहइँ।
8 नीनवे अइसे तलाब जइसा होइ ग अहइ जेकर पानी बहिके बाहेर निकरत होइ।
उ सबइ लोग पुकारिके कहत अहइँ,
“रुका! रुका! ठहरे रहा, कहूँ पराइ जिन जा।”
मुला कउनो न ही रुकत बाटइ अउर न ही कउनो ओन पइ धियान देत ह!
9 हे फउजियो, तू पचे जउन नीनवे क बिनास करत अहा।
तू पचे चाँदी लइ ल्या अउर इ सोना लइ ल्या।
हिआँ पइ लेइके बहुतेरी चिजियन अहइँ।
हिआँ पइ बहोत स खजाना भी अहइँ!
10 अब नीनवे खाली अहइ,
सब कछू लुटि ग अहइ।
सहर बर्बाद होइ ग अहइ।
लोग आपन हिम्मत खोइ दिहे बाटेन।
ओनकर मन डर स टेघरत बाटेन,
ओनकर घुटना आपुस मँ टकरात अहइँ।
ओनकर तन काँपत अहइ,
ओनकर मुँहना डरे स पिअर पड़ि गवा अहइँ।
11 नीनवे जउन कबहुँ सिंह क माँद रहा,
अब उ कहाँ अहइ?
जहाँ सिंह अउ सिंहिनी रहा करत रहेन।
ओनकर बच्चन बेडर रहेन।
12 जउन सिंह (नीनवे क राजा) आपन बच्चन
अउ सबइ मादा क तृप्ति देइ बरे केतना ही सिकार मारे रहा।
उ माँद अउर आपन गुफा क
ओसे भरेस जेनका मारे रहा।
13 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“नीनवे, मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।
मइँ तोहरे रथन क जुद्ध मँ बारि देब।
जुद्ध मँ मइँ तोहरे ‘जवान सिंहन’ क हत्या करब।
तू फुन कबहुँ इ धरती पइ कउने भी आपन सिकार नाहीं मारि पाइ।
लोग फुन कबहुँ तोहरे सँदेसवाहकन क
वाणियन क नाहीं सुनिहीं।”
नीनवे बरे बुरा समाचार
3 उ हत्तियारन क सहर क धिक्कार अहइ।
नीनवे अइसा सहर अहइ, जउन लबारन स भरा अहइ।
इ दूसर देसन क लूट क माले स भरा अहइ।
इ ओन बहोत सारे लोगन स भरा अहइ जेनकर उ पाछा किहस अउर जेनका इ मारि डाएस ह!
2 लखा, कोड़न क फटकार, पहियन क सोर,
अउर घोड़न क टाप सुर्नाइ देति अहइँ,
अउर साथ-साथ उछरत रथन क
सब्द सुनाइ देत अहइ।
3 घोड़सवार हमला करत अहइँ
अउर ओनकर तरवारन चमचमाति अहइँ।
केतॅना ही लोग मरि गएन।
ल्हासन क ढेर लगि गवा अहइँ।
लोग अनगिनत ल्हासन पइ
भहराइ भहराइके चलत बाटेन।
4 इ सब कछू नीनवे क कारण घटा अहइ।
नीनवे उ रण्डी जइसी अहइ जउन कबहुँ अघात नाहीं,
ओका अउर जियादा, अउर जियादा चाहे रहा।
उ आपन क ढेर सारे देसन क बोचे दिहे रहा
अउर उ ओनका आपन दास बनावइ क जादू चलाए रहा।
5 सर्वसक्तीमान यहोवा कहत ह,
“हे नीनवे, मइँ तोहरे खिलाफ अहउँ।
मइँ तोहरे ओढ़ना क तोहरे मुँहना तलक उठाइ देब।
तोहरी नंगी देह क सारे देसन क देखाउब।
मइँ तोहार लज्जा राज्जन क देखाउब।
6 मइँ तोहरे ऊपर घिनौनी चीज लोकाउब।
मइँ तोहसे घिना क संग बर्ताव करब।
लोग तोहका लखिहीं अउर तोह पइ हँसिही।
7 जउन कउनो भी तोहका लखी तोहसे दूर पराई।
उ पचे कहब, ‘नीनवे नस्ट होइ गवा,
मुला कउन ओकरे बरे रोब्या?’
मइँ कहाँ देखउँ जउन तोहका सुख चैन देइ?”
8 नीनवे, का तू नील नदी क किनारे पइ बसी नौ अमोन[a] स उत्तिम अहा? नाहीं अमोन क चारिहुँ कइँती भी पानी हुआ करत रहा। नाहीं अमोन इ पानी क इस्तेमाल खुद क दुस्मन स बचावइ बरे खाई क रूप मँ करत रहत रहा। इ पानी क उपयोग उ एक ठु किला क रूप मँ भी करत रहा। 9 क्रूस अउ मिस्र अमोन क बहोत सक्ति प्रदान करत रहा। ओका पूत अउ लोबी क भी समर्थन मिला रहा। 10 मुला नाहीं अमोन हार गवा। ओकरे लोगन क बंदी बनाइके कउनो पराए देस मँ लइ जावा गवा। गली क हर कोना पइ फउजियन ओकरे नान्ह गदेलन क पीटि पीटिके मार डाएन। उ पचे पाँसा लोकाइ इ लखेन कि कउन महत्वपूर्ण मनई क कउन अपने हिआँ दास बनाइके राखइ। उ पचे सबहिं महत्वपूर्ण मनइयन क जंजीरन डाइ दिहे रहेन।
11 तउ नीनवे, तोहार भी कउनो नसे मँ धुत मनई क तरह, पतन होइ। तू लुकात फिरब्या। दुस्मन स दूर, तू कउनो सुरच्छित जगह हेरत फिरब्या। 12 मुला नीनवे, तोहार सबहिं मजबूत गढ़ अंजीरे क पेड़े जइसा होइ जइहीं। नई अंजीरन पाकत हीं। एक ठु मनई आवत ह अउर पेड़ क झकझोर देत ह तउ अंजीरन उ मनई क मुँहे मँ गिरत हीं।
13 नीनवे, तोहार लोग तउ मेहररूअन जइसे अहइँ अउर दुस्मन क फउजी ओनका लइ लेइके बरे तइयार बइठा अहइँ। तोहरी धरती क दुआर खुला पड़ा अहइँ कि तोहार दुस्मन भितरे आइ जाइ। तोहरे दुआरन मँ काठे स बनी आँगल क आगी बारिके बर्बाद कइ दिहस ह।
14 आपन सहरे क भितरे पानी जमा कइ ल्या, काहेकि दुस्मन क फउजी तोहरे सहर क घेरि लेइहीं। आपन सुरच्छा क मजबूत बनावा। ईंटा बनावइ बरे जियादा माटी लिआवा। गारा बनावा अउर ईंटा बनावइ बरे साँचा लिआवा। 15 तू पचे इ सबइ काम कइ सकत ह। मुला फुन भी आगी तोहका पूरी तरह बर्बाद कइ देइ अउर तरवार तोहका मारि डाइ। तोहार धरती अइसे देखाँइ देइ जइसे कउनो टिड्डियन क दल ओका चट कइ गवा ह।
आपन आप क टिड्डियन क दल जइसा बढ़ावा। फुन अइसा होइ जा जइसे टिड्डियन क झुण्ड। 16 तोहरे हिआँ अनेक अनेक बइपारी होइ गएन जउन अनेक ठउरन पइ जाइके चिजियन खरीदा करत रहेन। उ पचे ऍतना अनगिनत होइ गएन जेतना अकास मँ तारा अहइँ। उ पचे टिड्डी दल क जइसे होइ गएन, जउन खात ह, अउर सब कछू क उ समइ तलक खात रहत ह जब तलक उ खतम नाहीं होइ जातिन अउर फुन छोड़िके चला जात ह। 17 तोहरे सरकारी अधिकारी भी टिड्डियन जइसा ही अहइँ। इ पचे ओन टिड्डियन क नाई अहइँ जउन ठण्डा क दिन एक ठु चट्टाने पइ बइठि जात हीं, मुला जब सूरज चढ़इ लागत ह अउर चट्टान गरम होइ लागत ह तउ उ कहूँ दूरि उड़ जात ह। कउनो नाहीं जानत, उ पचे कहाँ चली गइन। तोहार अधिकारी भी अइसा होइहीं।
18 हे अस्सूर क राजा, तोहार चरवाहन (मुखिया लोग) सोइ गएन। उ सबइ सक्तीसाली मनई नीदं मँ पड़ा अहइँ। अउर तोहार भेड़िन (परजा) अब पहाड़न पइ भटकत अहइँ। ओनका वापस लिआवइवाला कउनो नाहीं अहइ। 19 नीनवे, तू बुरी तरह घायल भवा ह अउर अइसा कछू नाहीं अहइ जउन तोहरे घाव क भरि सकइ। हर कउनो जउन तोहरे बिनास क खबर सुनत ह, ताली बजावत ह। उ पचे सबइ खुस अहइँ। काहेकि ओ सबइ उ पीरा क महसूस किहन ह, जेका तू सदा ओनका पहोंचावा करत रह्या।
छुट्ठा मनइयन क गाना
14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा सिय्योन पर्वत प मेमना खड़ा अहइ। ओकरे साथे 1,44,000 मनई खड़ा रहेन जेकरे माथे प ओकर अउर ओकरे बाप क नाम लिखा रहा।
2 फिन मइँ एक आकासबाणी सुनेउँ ओकर महानाद एक विसाल जल प्रपात क तरह रहा यो भयंकर बादर क गरजइ क तरह रहा। जउन महानाद मइँ सुनेउँ रहा उ तमाम वीणा बादकन क बजावा वीणा स पइदा संगीत क तरह रहा। 3 उ सबेन्ह सिंहासन चारउँ प्रानीयन अउर बुजुर्गन क सामने एक ठु नवा गना गावत रहेन। जउने 1,44,000 मनइयन क धरती प फिरौती दइके बन्धन स छुड़ाइ लीन्ह ग रहा, जउने क कउनउँ मनई उ गाना क नाहीं सिख सकत रहा।
4 उ अइसेन मनई रहेन जउन कि कउनउँ स्त्री क संसर्ग स आपन का दूसित नाहीं किए रहेन साथ जुड़ा नाहीं रहेन, उ पचे कुँवारा रहेन, जहाँ जहाँ मेमना जात रहा ओकर पीछा करत रहेन। पूरी मनइयन क जाति स ओनका फिरौती दइके बंधन स छुटकारा दीन्ह ग रहा। उ पचे परमेस्सर अउर मेमना क बरे फसल क पहिला फल रहेन। 5 उ कबहुँ झूठ नाहीं बोले रहेन, अउर निर्दोस रहेन!
तीन सरगदूत
6 फिन मइँ आसमान मँ उँची उड़ान भरत एक अउर सरगदूत देखेउँ। ओकरे लगे धरती प रहइ वालेन, हर देस, जाति, भाखा अउर सभी कुल क मनइयन क बरे अनन्त सुसमाचार क एक संदेस रहा। 7 ऊँची आवाज मँ उ बोला, “परमेस्सर स डेराअ अउर ओकर स्तुति करा। काहेकि ओकरे निआव क समइ आइ ग अहइ। ओकर आराधाना करा जे आसमान, धरती, समुद्दर अउर जल स्रोत क बनाएस।”
8 एकरे बाद ओकरे पाछे एक अउर सरगदूत आवा अउर बोला, “ओकर पतन होइ चुका अहइ! महान नगरी बाबुल क पतन होइ चुका अहइ। उ सब जाति क अपने पइदा अनैतिक व्यभिचार स परमेस्सर क गुस्सा क वासना भरी दाखरस पिआएस।”
9 उ दूइनउँ क बाद फिन अउर एक सरगदूत आवा अउर जोर स बोला, “जदि केहू जानवर अउर जानवर क मूर्ति क पूजा करत ह अउर अपन हाँथे मँ माथे प ओकर मोहर लगवाए रहत ह। 10 अउर उ भी परमेस्सर क गुस्सा क दाखरस पिई। अइसी सुद्ध तीखी दाखरस जउन परमेस्सर क गुस्सा क कटोरिया मँ बनाई ग अहइ। उ मनई क पवित्तर सरगदूनत अउर मेमनन क सामने धधकत गंधक मँ यातना दीन्ह जाई। 11 जुग जुग तलक ओनकी यातना स धूँआ उठत हमेसा रही। अउर जउने पे जानवर क नाउँ क छाप छपी रही अउर उ जानवर अउ ओकर अउर ओकरी मूर्ति क पूजा करत रही। ओनका दिन रात कबहूँ चइन न मीली।” 12 इ ही क माने है कि परमेस्सर क पवित्तर लोग क धीरज अउर सहनसीलता धरइ क जरुरत अहइ जउन परमेस्सर क हुकुमन अउर ईसू मँ बिसवास क पालन करत हीं।
13 फिन एक आकासबाणी क मइँ इ कहत सुनेउँ, “एका लिखा: धन्य अहइ उ सबइ मृतक जउन अबसे पर्भू मँ मरस्थित होइके अहइँ।”
आदिमा कहत ह, “हाँ, इ ठीक अहइ। ओनका मेहनत क कारण आराम मिली काहे बरे कि ओनकर काम, ओनके साथे अहइ।”
धरती क फसल क कटनी
14 फिन मइँ देखेउँ कि मोरे समन्वा हुवाँ एक सफेद बादर रहा। अउर उ बादर प एक ठु मनई बइठा रहा जउन मनई क पूत जइसेन दीख पड़त रहा। उ अपने माथे प एक सोने क मुकुट धारण करे रहा अउर ओकरे हाथे मँ एक तेज हँसिया रही। 15 तबहिं मंदिर मँ स एक ठु अउर सरगदूत बाहेर निकला। उ बदरे प बइठे मनई स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “हँसिया चलावा अउर फसल एकट्ठी करा, काहे बरे कि फसल काटइ क समइ आइ ग अहइ। धरती क फसल पक चुकी अहइ।” 16 इ बरे जउन बदरे प बइठा रहा, उ धरती प आपन हँसिया हिलाएस अउर धरती क फसल काट लीन्ह गइ।
17 फिन सरग क मन्दिर मँ स एक अउर सरगदूत बाहेर निकला ओकरे लगे भी एक तेज हँसिया रही। 18 उहइ समइ प वेदी स एक अउर सरगदूत आवा। उ सरगदूत क आगी पइ अधिकार रहा। उ सरगदूत स जोर क आवाज़ मँ कहेस, “अपने जोरदार हँसिया क चलावा अउर धरती क बेल स अंगूर क गुच्छा उतारा ल्या काहे बरे कि एकर अंगूर पक चुका अहइँ।” 19 इ बरे उ सरगदूत धरती प आपन हँसिया झुलाएस अउर धरती क अंगूर उतारी लिहेस अउर ओनका परमेस्सर क भयंकर कोप क विसाल रसकुण्ड मँ डाइ दिहेस। 20 अगूंर सहर क बाहेर क धानी मँ रौंद क निचोड़ लीन्ह गएन। धानी मँ स खून बहै लाग। खून घोड़ा क लगाम जेतना ऊपर चड़ि गवा अउर लगभग तीन सौ किलोमीटर क दूरी तलक फइल गवा।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.