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Old/New Testament

Each day includes a passage from both the Old Testament and New Testament.
Duration: 365 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
आमोस 4-6

आनन्द प्रिय मेहरारू

सोमरोन क पहाड़े पइ मोटी गइयन मोर बात सुना। तू पचे गरीब लोगन क दबावत अहा। तू पचे ओन गरीबन के ऊपर गुज़र जात ह। तू पचे आपन भतारन स कहति अहा, “पिअइ बरे हमरे बरे कउनो दाखमधु लिआवा।”

मोर सुआमी यहोवा आपन पवित्तर नाउँ स प्रतिग्या किहेस, कि तू पचन पइ मुसीबतन अइहीं। दुस्मन तोहमाँ स हर एक मछरी क नाईं लेइ जाब्या जेका काँटन स पकरइ जाइ तलक कछू पता नाहीं रहत ह। उ तोहार पचन्क सहर नस्ट होइ। तू पचे देवारन क छेदन स सहर क बाहेर जाब्या। तू पचे आपन आपका ल्हासन क ढेरन पइ लोकउब्या।

यहोवा इ सबइ कहत ह: “बेतेल जा अउ पाप करा। गिलान जइ अउर जियादा पाप करा। आपन बलियन क भेंट भिंसारे करा। तीन दिन वाले पवित्तर दिनन मँ अपनी फसल क दसवाँ हींसा लिआवा। अउर खमीर क संग बनी धन्यवाद भेंट चढ़ावा। हर एक क स्वेच्छा भेंट क बारे मँ बताया। इस्राएल, तू पचे ओनका करब पसन्द करत अहा। एह बरे जा अउर उहइ करा।” यहोवा इ कहेस

“मइँ तू पचन्क अपने लगे बोलावइ बरे कई काम किहेउँ। मइँ तू पचन्क खाइ क कछू नाहीं दिहेउँ। तू पचन्क कउनो भी सहर मँ खइया क नाहीं रहा। मुला तू पचे मोरे लगे वापस नाहीं लउट्या।” यहोवा इ सबइ कहेस।

“मइँ बर्खा भी बन्द किहेउँ अउर इ फसल पाकइ क तीन महीना पहले भवा। एह बरे कउनो फसल नाहीं भइ। तब मइँ एक सहर पइ बर्खा होइ दिहेउँ मुला दूसर सहर पइ नाहीं। बर्खा देस क एक हींसा मँ भइ। मुला देस क दूसर हींसन मँ भुइँया बहोत सुखाइ गइ। एह बरे दो या तीन सहरन स लोग पानी लिआवइ बरे दूसर सहरन क लड़खड़ात भए गएन। मुला हुआँ भी हर एक मनई बरे काफी जल नाहीं मिला। तउ भी तू पचे मोरे लगे मदद बरे नाहीं आया।” यहोवा इ सबइ कहेस।

“मइँ तू पचन्क फसलन क गर्मी अउ बेरामी स मारि डाएउँ। मइँ तू पचन्क बागन अउ अंगूरे क बगीचन क नस्ट किहेउँ। टिड़्डयन तू पचन्क अंजीरे क बृच्छन अउ जइतून क बृच्छन क खाइ डाएन। मुला फुन भी तू पचे मोरे लगे मदद क नाहीं आया।” यहोवा इ सबइ कहेस।

10 “मइँ तू पचन्क खिलाफ महामारियन वइसे ही पठएउँ जइसे मइँ मिस्र मँ पठए रहेउँ। मइँ तू पचन्क नउजवानन क तरवार क घाट उतारि दिहेउँ। मइँ तू पचन्क घोड़न लइ लिहेउँ। मइँ तू पचन्क डेरन क ल्हासन क दुर्गन्ध स भरेउँ। मुला तबहुँ भी तू पचे मोरे लगे मदद क वापस नाहीं लउट्या।” यहोवा इ सबइ कहेस।

11 “मइँ तू पचन्क वइसे ही नस्ट किहेउँ जइसे मइँ सदोम अउ अमोरा क नस्ट किहेउँ। इ दुइनउँ सहरन पूरी तरह नस्ट किन्ह गए रहेन। तू लोगन मँ स बचा भवा आगी स हींची गइ बरत छड़ी तरह रह्या। मुला तउ पइ भी तू पचे फुन भी मदद बरे मोरे लगे नाहीं लउट्या।” यहोवा इ सबइ कहेस।

12 “एह बरे इस्राएल मइँ तोहेर सबन्क संग इ सब करब। मइँ तोहरे साथ इ करब। इस्राएल आपन परमेस्सर स मिलइ बरे तइयार होइ जा।”

13 मइँ कउन हउँ? मइँ उहइ हउँ जउन पर्वतन क बनाएउँ।
    मइँ तोहार परान बनाएउँ।
    मइँ लोगन क आपन विचार बताएउँ।
मइँ ही भिंसारे क साँझे मँ बदलत हउँ।
    मइँ धरती क ऊपर क पर्वतन पइ चलत हउँ।
    मइँ कउन हउँ? मोर नाउँ यहोवा, फउजन क परमेस्सर अहइ।

इस्राएल बरे सोक संदेसा

इस्राएल क लोगो, इ सँदेसा क सुना, इ सोक सँदेसा तोहेर पचन्क बारे मँ अहइ।

इस्राएल क कुँवारी गिर गइ अहइ।
    उ अब कबहुँ नाहीं उठी।
उ धूरि मँ पड़ी अकेल्ली तजि दीन्ह ग अहइ।
    ओका उठावइवाला कउनो मनई नाहीं अहइ।

मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:

“हजार फउजियन क संग सहर स जाइवाले अफसर
    सिरिफ सउ फउजियन क संग लउटिहीं।
सउ फउजियन क संग सहर तजइवाले अफसर सिरिफ
    दस फउजियन क संग लउटिहीं।”

यहोवा इस्राएल क अपने लगे लउटइ बरे बढ़ावा देत ह

यहोवा इस्राएल क घराने स इ कहत ह:
“मोर खोज करत आवा अउ जिअत रहा।
    मुला बेतेल मँ न खोजा।
गिल्गाल जिन जा।
    सीमा क पार न करा अउर बेर्सेबा न जा।
गिल्गाल क लोग बन्दी क रूप मँ लइ जावा जइहीं
    अउर बेतेल नस्ट कीन्ह जाइ।
यहोवा क लगे जा अउर जिअत रहा।
    अगर तू पचे यहोवा हिआँ नाहीं जाब्या, तउ यूसुफ क घरे मँ आगी लगी।
    आगी यूसुफ क परिवारे क नस्ट करी अउर बेतेल मँ कउनो भी रोक नाहीं पाई।
7-9 तू पचन्क मदद बरे यहोवा क लगे जाइ चाही।
    इ उहइ अहइ जउन कचपचिया अउ मृगसिरा क बनाएस।
उ अँधियारा क भिंसोर प्रकास मँ बदल दत ह।
    उ दिन क अँधेरी रात मँ बदल देत ह।
उ समुद्दर द जल क उठाइके ओका पृथ्वी पइ बरसावत ह।
    ओकर नाउँ यहोवा अहइ
उ सक्तीवाले सहरन क
    मजबूत किलन क ढहाइ देत ह।”

इस्राएलियन क जरिये कीन्ह गए बुरे करम

लोगो, तू पचन्क बरे इ बहोतइ बुरा होइ।
    तू पचे अच्छाई क कड़ुवाहट मँ बदल दिहा।
    तू पचे अच्छाई क मार डाया अउर एका धूरि मँ मिलाइ दिहा।
10 नबी समाज क ठउरन पइ जात हीं अउर ओन बुरे करमन क खिलाफ बोलत हीं जेनका लोग करत रहत हीं।
    मुला लोग ओन नबियन स घिना करत हीं।
    नबी फुरइ कहत हीं, मुला लोग ओन नबियन स घिना करत हीं।
11 तू पचे गरीबन स गैर मुनासिब कर वसूलत अहा।
    तू पचे ओनसे ढेर क गोहूँ लेत ह
अउ इ धने क उपयोग तू पचे तरासे भए पाथरन स सुन्नर महल बनावइ मँ करत अहा।
    मुला तू पचे ओन महलन मँ नाहीं रहब्या।
तू पचे अंगूरन क बेलन क सुन्नर खेत बनावत अहा।
    मुला तू पचे ओनसे पाई दाखरस क नाहीं पीब्या।
12 कहेकि मइँ तू पचन्क अनेक पापन्क जानत हउँ।
    तू पचे, फुरइ ही, कछू बुरे करम किह्या ह।
तू पचे मुनासिब काम करइवालन क चोट पहोंचाया।
    तू पचे घूस क रूप मँ धन लिहा।
    गरीब लोगन क संग अनेक मुकदमन मँ तू पचे निआव नाहीं किह्या।
13 उ समइ बुद्धिमान चुप रइहीं।
    काहे काहेकि इ बुरा समइ अहइ।
14 तू पचे कहत अहा कि परमेस्सर मोरे संग अहइ।
    एह बरे नीक करम करा, बुरा नाहीं।
तब तू पचे जिअन रहब्या
    अउ सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा फुरइ ही तोहेर सबन्क संग होइ।
15 बुराई स घिन करा।
अच्छाई स पिरेम करा।
    कचहरी मँ निआव वापस लिआवा
अउ तब संभव अहइ कि सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा
    यूसुफ परिवारे क बचे भए लोगन पइ दयालु होइ।

बड़के सोक क समइ आवत अहइ

16 इहइ कारण अहइ कि मोर सुआमी सर्वसक्तीमान परमेस्सर इ कहत अहइ,
“लोग सबहिं समाज क ठहरन मँ रोइहीं,
    लोग सड़कियन पइ रोइहीं।
    लोग पेसेवर रोवइवालन क भाड़ा पइ रखिहीं।
17 लोग अंगूरे क सबहिं खेतन मँ रोइहीं।
    काहेकि मइँ हुआँ स निकरब अउर तू पचन्क सजा देबउँ।”
    यहोवा इ सब कहेस ह।
18 तू पचन मँ स कछू यहोवा क
    निआव क खास दिन क लखइ चाहत हीं।
तू पचे उ दिन क काहे लखइ चाहत अहा?
    यहोवा क खास दिन तोहरे पचन्क बरे अँधियारा लिआई उजियारा नाहीं।
19 तू पचे कउनो सेरे क समन्वा स बचिके पराइ निकरइवाले अइसे मनई क नाईं होब्या
    जेह पइ भागत समइ रीछ हमला कइ देत ह
अउर फुन जब उ रीछ स भी बचिके निकरिके कउनो घरे मँ जाइ घुसत ह
    तउ हुआँ देवारे पइ हथवा धरत ही,
    साँप डसि लेत ह।
20 एह बरे यहोवा क खास दिन अँधियारा लिआई, उजियारा नाहीं,
    इ सोक क समइ होइ उल्लास क नाहीं।

यहोवा इस्राएलियन क आराधना क अंगीकार नाहीं करत अहइ

21 “मइँ तोहार पचन्क पवित्तर दिनन स घिना करत हउँ।
    मइँ ओनका कबूल नाहीं करब।
    मइँ तोहार पचन्क धर्म क सभन क आनन्द नाहीं लेतेउँ।
22 अगर तू पचे होमबलि अउ अन्नबलि अउ भी देब्या
    तउ मइँ अँगीकार नाहीं करब।
तू पचे जउन मोटवार जनावरन क सान्ति-भेंट क रूप मँ देब्या
    ओनका मइँ भी लखब भी नाहीं।
23 तू पचे हिआँ स सोरगुलवाले गीतन क दूर करा।
    मइँ तोहरी पचन्क वीणा क संगीत क नाहीं सुनब।
24 तू पचन्क आपन सोर देस मँ निआव क नदी क तरह बहइ देइ चाही।
    अच्छाई क सदा नदी क धारा क नाई बहइ द्या जउन कबहुँ झुरात नाहीं।
25 इस्राएल, तू पचे चालीस बरिस तलक रोगिस्ताने मँ
    मोका बलि अउ भेंट नाहीं चढ़ाया।
26 तू पचे आपन देवता सक्कुथ अउ नछत्र देवता कैवन क मूर्तियन क लइके चल्या।
    एन देवतन क मूर्तियन क तू पचे अपने बरे बनाये रह्या।
27 एह बरे मइँ तू पचन्क बन्दी बनाइके दमिस्क क पार पहोंचाउब।”
    इ सब यहोवा कहत ह।
    ओकर नाउँ सर्वसक्तीमान परमेस्सर अहइ।

इस्राएल स नीक समइ क लइ लीन्ह जाइ

सिय्योन क तू पचन्क मँ स कछू क जिन्नगी बहोत अराम क अहइ।
    सामरिया पर्वत क कछू लोग अपने क सुरच्छित महसूस करत हीं।
मुला तू पचन पइ अनेक मुसीबतन अइहीं।
    रास्ट्रन क सब स उत्तिम नगर क तू पचे सम्मानित लोग अहा।
    “इस्राएल क लोग” निआव पावइ बरे तोहरे पचन्क लगे आवत हीं।
जा अउ कलने क लखा।
    हुआँ स बिसाल नगर हमात क जा।
    पलिस्ती सहर गत क जा।
का तू पचे इ सबइ राज्यन स बढ़िया अहा? नाहीं।
    ओनकर पहँटा तोहरे पचन्क देसे स बड़का अहइँ।
जब तू हिंसा क जरिये सासन करत ह
    तउ तू सज़ा क दिना बरे सोचइ स इन्कार करत जउन कि आवत ह।
मुला तू पचे सबहिं बिलासन क भोगा करत अहा।
    तू पचे हाथी दाँते क सेज पइ सोवत अहा अउर अपने बिछौना पइ आराम करत अहा।
तू पचे गोरूअन क झुण्ड मँ स नरम मेमनन
    अउ बाड़न मँ स नवा बछवा खात अहा।
तू पचे आपन वीणन क बजावत अहा
    अउर राजा दाऊद क नाईं संगीत क धन बनावत ह।
तू पचे सुन्नर पिआलन मँ दाखरस पिआ करत अहा।
    तू पचे सब स उत्तिम तेलन मँ स आपन मालिस करत अहा
अउर तू पचन्क एकरे बरे घबराहट भी नाहीं
    कि यूसुफ क परिवार नस्ट कीन्ह जात अहइ।

उ सबइ लोग अब बिछउना पइ अराम करत अहइँ। मुला ओनकर नीक समइ खतम होइ। उ पचे बन्दी क रूप मँ विदेसन मँ पहोंचावा जइहीं अउर उ पचे पहिले पकड़ा जाइवालन मँ स कछू होइहीं। मोर सुआमी यहोवा आपन नाउँ स इ प्रतिग्या किहे रहा। सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा प्रतिग्या किहस ह:

“मइँ ओन बातन स घिना करत हउँ जेन पइ याकूब क गर्व अहइ।
    मइँ ओकर मजबूत मीनारन स घिना करत हउँ।
एह वरे मइँ दुस्मन क सहर
    अउर सहर क हर एक चीज लेइ देबउँ।”

तनिक इस्राएली जिअत बचिहीं

उ समइ, कउनो घरे मँ अगर दस मनई जिअत बचिहीं तउ भी उ पचे मरि जइहीं। 10 जब कउनो मरि जाइ तब कउनो संबंधी ल्हास लेइ आइ, जेहसे उ ओका बाहेर लइ जाइ सकइ अउर बारि सकइ। संबंधी घरे मँ हाड़न क लेइ आइ। लोग कउनो भी उ मनई स जउन घरे क भितरे छुपा होइ, पूछिहीं, “का तोहरे पचन्क लगे कउनो दूसर ल्हास अहइ?”

उ मनई जवाब देइ, “नाहीं…”

तब मनई क संबंधी कइहीं, “चुप। हम पचन्क यहोवा क नाउँ नाहीं लेइ चाही।”

11 लखा, परमेस्सर यहोवा हुकुम देइ
    अउर बिसाल महल टूका-टूका कीन्ह जइहीं
    अउर नान्ह घर नान्ह नान्ह टूकन मँ तोरा जइहीं।
12 का घोड़न सिलाखंडन पइ दउड़त हीं? नाहीं।
    का लोग समुदर क बर्धन स जोत सकत हीं? नाहीं।
तउ भी तू पचे हर चीज क उलट-पलट देत अहा।
    तू पचे अच्छाई अउ निआव क जहर मँ बदल देत अहा।
13 तू पचे लौ-देवरे मँ खुस अहा, तू पचे कहत अहा,
    “हम पचे करनैम क आपन सक्ति स जीता ह।”

14 “किन्तु इस्राएल, मइँ तू पचन्क खिलाफ एक रास्ट्र क पठउब। उ रास्ट्र तोहरे पचन्क समूचे देस क, लेबो-हमात स लइके अराबा नाले तलक मुसीबते मँ डइहीं।” सर्वसक्तीमान परमेस्सर यहोवा उ सबइ कहेस।

प्रकासित वाक्य 7

इस्राएल क 1,44,000 मनइयन

एकरे बाद धरती क चारउँ कोनन प चार सरगदूतन क मइँ खड़े देखेउँ धरती क चारउँ हवा क उ पचे पकड़े रहेन जइसे कि धरती प, समुद्दर प अथवा पेड़न प ओनमाँ स कउनउँ हवा चलइ न पावइ। फिन मइँ देखेउँ कि एक अउर सरगदूत अहइ जउन पूरब दिसा स आवत अहइ। उ जिअत परमेस्सर क मोहर लिहे रहा। अउर उ ओन चारउ सरगदूतन स जेनका धरती अउर आसमान क नस्ट कइ देइ क अधिकार दीन्ह ग रहा, जोर स पुकार क कहत रहा, “जब तक हमने अपने परमेस्सर क सेवकन क माथे प मोहर नाहीं लगाइ देइतन, तब तलक तू धरती, समुद्दर अउर पेड़न क नुकसान न पहुँचावा।”

फिन जउन मनइयन प मोहर लगाई ग रही, मइँ औनकइ तादाद सुनेउँ। उ 1,44,000 रहेन जेनकइ ऊपर मोहर लगाई ग रही, उ सब इस्राएल क सब परिवार समूहन स रहेन:

यहूदा क परिवार समूह क 12,000

रुबेन क परिवार समूह क 12,000

गाद क परिवार समूह क 12,000

आसेर परिवार समूह क 12,000

नप्ताली परिवार समूह क 12,000

मनस्से परिवार समूह क 12,000

समौन परिवार समूह क 12,000

लेवी परिवार समूह क 12,000

इस्साकार परिवार समूह क 12,000

जबूलून परिवार समूह क 12,000

यूसुफ परिवार समूह क 12,000

बिन्यामीन परिवार समूह क 12,000

भयंकर भीड़

एकरे बाद मइँ देखेउँ कि मोरे सामने एक बहुत बड़ी भीड़ रही जेकर कउनउँ गनती नाही कइ सकत रहा। इ भीड़ मँ हर जाति क, हर वंस क, हर कुल अउर हर भाखा क मनई रहेन। उ पचे उ सिंहासन अउर उ मेमना क आगे खड़ा रहेन। उ सबेन्ह सफेद चोगा पहिरे रहेन अउर अपने हाथे मँ खजूर क टहनी लिहे रहेन। 10 उ सबेन्ह बोलावत रहेन, “सिंहासन प बइठा हमरे परमेस्सर क जय होइ अउर मेमना क जय होइ।”

11 सभी सरगदूतन सिंहासन, बुजुर्गन अउर ओन चार प्रानीयन क घेरे खड़ा रहेन। सिंहासन क सामने झुकिके प्रणाम कइके ओन सरगदूतन परमेस्सर क आराधना किहेन। 12 उ पचे कहेन, आमीन हमरे परमेस्सर क, “स्तुति, महिमा, विवेक, धन्यवाद, समादर, पराक्रम अउर सक्ति हमेसा हमेसा होत रहइ। आमीन!”

13 तबहि ओन बुजुर्गन मँ स कउनउँ एक मोसे इ पूछेस, “इ सफेद चोगा पहिरे कउन मनई अहइँ अउर इ कहाँ स आए अहइँ?”

14 मइँ ओनका जवाब दिहेउँ, “मोर प्रर्भू तू तउ जनतइ अहा।”

इ सुनिके उ मोसे कहेस, “इ पचे उहइ मनई अही जउन कठोर अत्याचार क बीच स होइके आवत अहइँ उ सबेन्ह आपन चोगा मेमना क खून स धोइके सफेद अउर उज्जर करे अहइ। 15 इही बरे अउर इ पचे परमेस्सर क सिंहासन क समन्वा खड़ा अहइँ अउर ओनके मंदिर मँ दिन रात ओकर आराधना करत ही। जउन सिंहासन पर बइठा बा, उ ओन पर आपन छाया करी। 16 न तउ कबहूँ ओनका भूख सतावात ह अउर न तउ कबहूँ पियासा रहत ह। सूरज ओनकइ कछू नाहीं बिगाड़ पावत अउर न तउ चिलचिलात धूप ओनका कबहूँ तपावत ह। 17 काहेकि उ मेमना जउन सिंहासन क बीच मँ अहइ, ओनकइ देखभाल करी। अउर ओनकर चरवाहा होइ। उ ओनका जिन्दगी देइ वाले पानी क झरना क पास लइ जाई अउर परमेस्सर ओनकी आंखिन क आंसू क पोछ देई।”

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