Old/New Testament
एदोम क खिलाफ सँदेस
35 मोका यहोवा क बचन मिला। उ कहेस, 2 “मनई क पूत, सेईर पर्वत कइँती धियान द्या अउर मोरे बरे एक खिलाफ कछू कहा। 3 एहसे कहा, ‘मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह:
“‘सेईर पर्वत, मइँ तोहरे खिलाफ हउँ।
मइँ तोहका दण्ड देब।
मइँ तोहका खाली बरबाद छेत्र कइ देब।
4 मइँ तोहरे नगरन क नस्ट करब,
अउर तू खाली होइ जाब्या।
तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।
5 “‘काहेकि तू सदा मोरे लोगन क बिरूद्ध रह्या। तू इस्राएल क बिरूद्ध आपन तरवारन क उपयोग ओकर बिपत्ति क समइ मँ किहा, ओनकर आखिर दण्ड क समइ मँ।’” 6 एह बरे मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “मइँ आपन जिन्नगी क किरिया खाइके प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहरे बरे रक्तपात लिआउब। रक्त तोहार पिछा करिहीं। तोहका लोगन क रक्त बहावइ मँ घिना नाहीं भएस। एह बरे रक्त तोहार पाछा करी। 7 मइँ सेईर पर्वत क खाली बरबाद कइ देब। मइँ उ हर एक मनई क मार डाउब जउन उ नगर स आई अउर मइँ उ हर मनई क मार डाउब जउन उ नगर मँ जाइ क जतन करी। 8 मइँ ओकर पर्वतन क ल्हासन स ढक देब। उ सबइ ल्हास तोहार सारी पहाड़िन, तोहार घाटी अउर तोहार सारे नालन मँ फइले होइहीं। 9 मइँ तोहका सदा बरे नस्ट कइ देब। तोहरे पचन्क नगरन मँ कउनो जिअत नाहीं रही। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
10 तू कहया, “इ दुइनउँ रास्ट्र अउर देस (इस्राएल अउ यहूदा) मोर होइहीं। हम ओनका आपन बनाइ लेब।”
किन्तु यहोवा हुवाँ अहइ। 11 मोर सुआमी यहोवा कहत ह, “तू मोरे लोगन बरे ईर्स्यालु रह्या। तू ओन पइ कोहान रह्या अउर तू मोहसे घिना करत रह्या। एह बरे आपन जिन्नगी क किरिया खाइके मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ तोहका वइसे ही दण्डित करब जइसे तू ओनका चोट पहोंचाया। मइँ तोहका सजा देब अउर आपन लोगन क समुझइ देब कि मइँ ओनके संग हउँ। 12 तब तू भी समुझब्या कि मइँ तोहरे सबहिं अपमानन क सुनेउँ ह। तू इस्राएल पर्वत क खिलाफ बहोत स बुरी बातन किहा ह। तू कहया, ‘इस्राएल नस्ट कइ दीन्ह गवा ह। हम लोग ओनका भोजन क तरह चबाइ जाब।’ 13 तू पचे गर्वीला रह्या अउर मोरे खिलाफ बातन किहा। तू अनेक दाइँउ कह्या अउर जउन तू कहया, ओकर हर एक सब्द मइँ सुनेउँ। हाँ, मइँ तू पचन्क सुनेउँ।”
14 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “उ समइ सारी धरती खुस होइ जब मइँ तोहका नस्ट करब। 15 तू तब खुस रह्या जब इस्राएल देस नस्ट भवा। मइँ तोहरे संग वइसा ही बेउहार करब। सेइर पर्वत अउर एदोम क पूरा देस नस्ट कइ दीन्ह जाइ। तब तू समुझब्या कि मइँ यहोवा हउँ।”
इस्राएल देस क फुन निर्माण कीन्ह जाइ
36 “मनई क पूत, मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। इस्राएल क पर्वतन क यहोवा क बचन सुनइ क कहा। 2 ओनसे कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहार बिरुद्ध बोलेस ह। उ लोग कहेस, वाह! अब प्राचीन पर्वत हमार होइ।’
3 “एह बरे मोरे बरे इस्राएल क पर्वतन स कहा। कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘दुस्मन तोहका खाली किहस। उ पचे तोहका चारिहुँ ओर स कुचल डाएन ह। उ पचे अइसा किहेन। एह बरे तू दूसर रास्ट्रन क अधिकार मँ गया। तब तोहरे बारे मँ लोग बातन अउ कानाफूसी किहन।’”
4 एह बरे इस्राएल क पर्वतो, मोर सुआमी यहोवा क बचन सुना। मोर सुआमी यहोवा पर्वतन, पहाड़ियन, धारन, घाटियन, खाली खण्डहरन अउ छोड़े गए नगरन स, जउन चारिहुँ कइँती क दूसर रास्ट्रन क जरिये लूटेन अउ मजाक उडाए गएन कहत ह 5 मोर सुआमी यहोवा कहत ह: “मइँ किरिया खात हउँ कि मइँ आपन जलजलाहट क अपने बरे बोलइ देब। मइँ एदोम अउर दूसर रास्ट्रन क आपन किरोध क अनुभवा कराउब। ओन रास्ट्रन मोर भुइँया पइ कबजा कइ लिहेन। उ पचे उ देस क लइके बड़े खुस भएन। उ पचे उ भुइँया क लूटिके बहोत खुस भएन।”
6 “एह बेरे इस्राएल देस क बारे मँ इ सबइ कहा। पर्वतन, पहाड़ियन, धारन अउ घाटियन स कहा। इ कहा कि मोर सुआमी यहोवा कहत ह, ‘मइँ आपन जलन अउ किरोध क आपन बरे बोलइ देब। काहेकि एन रास्ट्रन स तोहका अपमान क पीरा मिली ह।’”
7 एह बरे मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ प्रतिग्या करत हउँ कि मइँ आपन हाथ उठाउब तोहरे चारिहुँ कइँती क रास्ट्र अपमान क कस्ट भोगिहीं।”
8 “किन्तु इस्राएल क पर्वतो, तू मोरे इस्राएल क लोगन बरे नए बृच्छ उगउब्या अउर फल पइदा करब्या। मोर लोग हाली लउटिहीं। मइँ तोहरे संग हउँ। 9 मइँ तोहार मदद करब अउर तोहार देख-रेख करब। लोग तोहार भुइँया जोतिहीं। लोग बिआ बोइहीं। 10 तोहरे ऊपर अनगिनत लोग लहिहीं। इस्राएल क सारा परिवार अउर सबहिं लोग हुआँ रहिहीं। नगरन मँ, लोग रहइ लगिहीं। नस्ट ठउर नवे जगहन क तरह बनिहीं। 11 मइँ तोहका बहोत स लोग अउर जनावरन देब। उ पचे बढ़िहीं अउर ओनके बहोत गदेलन होइहीं। मइँ तोहारे ऊपर रहइवाले लोगन क वइसे ही प्राप्त कराउब, जइसे तू पहिले किहे रह्या। मइँ एका तोहरे बरे सुरूआत क बनिस्बत नीक बनाउब। तू फुन कबहुँ ओनका, ओनकर सन्तान स बंचित नाहीं करब्या। तब तू जनब्या कि मइँ यहोवा हउँ। 12 हाँ, मइँ आपन लोग, इस्राएल क तोहरी भुइँया पइ चलाउब। उ पचे तोह पइ अधिकार करिहीं अउर तू ओनकर होब्या। तू ओनका बगैर बच्चन क फुन कबहुँ नाहीं बनउब्या।”
13 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “हे इस्राएल देस लोग तोहसे बुरी बातन कहत हीं। उ पचे कहत हीं कि तू आपन लोगन क नस्ट किहा ह। उ पचे कहत हीं कि तू बच्चन क दूर लइ गया। 14 अब भविस्स मँ तू लोगन क नस्ट नाहीं करब्या। तू भविस्स मँ बच्चन क दूर नाहीं लइ जाब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहे रहा। 15 “मइँ ओन रास्ट्रन क तोहका, अउर जियादा अपमानित नाहीं होइ देब। तू ओन लोगन स अउर जियादा चोट नाहीं खाब्या। तू ओनका गदेलन स रहित फुन कबहुँ नाहीं करब्या।” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ बातन कहेस। यहोवा आपन अच्छे नाउँ क रच्छा करी
16 तब यहोवा क बचन मोका मिला। उ कहेस, 17 “मनई क पूत, इस्राएल क परिवार आपन देस मँ रहत रहा। किन्तु उ पचे उ देस क आपन कामन स दुसित बनाइ दिहन जउन उ पचे किहन। मोरे बरे उ पचे अइसी मेहरारू क समान रहेन जउन आपन मासिक धरम स असुद्ध होइ गइ होइ। 18 उ पचे जब उ देस मँ लोगन क हत्या किहन तउ उ पचे धरती पइ खून फइलाएन। उ पचे आपन देवमूरतियन स देस क गन्दा किहन। एह बरे मइँ ओनका देखाएउँ कि मइँ केतना कोहान रहेउँ। 19 मइँ ओनका रास्ट्रन मँ बिखेरेउँ अउर सबहिं देसन मँ फइलाएउँ। मइँ ओनका दण्ड उ बुरे काम बरे दिहेउँ जउन उ पचे किहन। 20 उ पचे ओन दूसर रास्ट्रन क गएन अउर ओन देसन मँ भी उ पचे मोर अच्छे नाउँ क बदनाम किहेन। कइसे? हुवाँ रास्ट्रन ओनके बारे मँ बातन किहन। उ पचे कहेन, ‘इ सबइ यहोवा क लोग अहइँ किन्तु इ पचे ओकर देस तजि दिहन तउ जरूर यहोवा मँ कछू खराबी होइ।’
21 “इस्राएल क लोग मोरे पवित्तर नाउँ क जहाँ कहीं उ पचे गएन, बदनाम किहन। मइँ आपन नाउँ बरे दुःख अनुभव किहेउँ। 22 एह बरे इस्राएल क परिवार स कहा कि सुआमी यहोवा इ कहत ह, ‘इस्राएल क परिवार, तू जहाँ गया हुआँ तू मोरे पवित्तर नाउँ क बदनाम किहा। एका रोकइ बरे मइँ कछू करइ जात हउँ। मइँ इ तोहरे बरे नाहीं करब। इस्राएल, मइँ एका आपन पवित्तर बरे करब। 23 मइँ ओन रास्ट्रन क देखाउब कि मोर महान नाउँ सच मँ पवित्तर अहइ। तब उ सबइ रास्ट्र जनिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।’” मोर सुआमी यहोवा इ सबइ कहे रहा।
24 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका ओन रास्ट्रन स बाहेर निकारब, एक संग बटोरब अउर तोहका तोहरे देस मँ लिआउब। 25 तब मइँ तोहरे उपर सुद्ध जल छिछकारब अउर तोहका सुद्ध करब। मइँ तोहार सारी गन्दगियन क धोइ डाउब अउर ओन घृणित देवमूरतियन स पइदा भइ गन्दगी क धोइ डाउब।” 26 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहमें नई आतिमा भी भरब अउर तोहरे सोचइ क ढंग क बदलब। मइँ तोहरे तने स कठोर हिरदय क बाहेर करेब अउर तोहका एक कोमल मानवी हिरदइ देब। 27 मइँ तोहरे भीतर आपन आतिमा प्रतिस्ठित करब। मइँ तोहका बदलब जेहसे तू मोरे नेमन क पालन करब्या। तू सावधानी स मोरे आदेसन क पालन करब्या। 28 तब तू उ देस मँ रहब्या जेका मइँ तोहरे पुरखन क दिहे रहेउँ। तू पचे मोरे लोग रहब्या अउर मइँ तोहार परमेस्सर रहब।” 29 परमेस्सर कहेस, “मइँ तोहका पचन्क बचाउब भी अउर तोहका पचन्क असुद्ध होइ स रोकब। मइँ अन्न क उगइ बरे आदेस देब। मइँ तोहरे पचन्क भुखमरी समइ नाहीं लिआउब। 30 मइँ तोहरे बृच्छन स फलन क बड़की फसलन अउर खेतन स अन्न क फसलन देब। तब तू दूसर देसन मँ भूखे रहइ क लज्जा फुन कबहुँ महसूस नाहीं करब्या। 31 तू पचे ओन बुरे कामन क याद करब्या जउन तू पचे स किहा। तू पचे याद करब्या कि उ सबइ काम नीक नाहीं रहेन। तब तू पचे आपन पापन अउर जउन भयंकर करम किहा ओनके बरे तू खुद अपने स घिन करब्या।”
32 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “मइँ चाहत हउँ कि तू इ याद राखा: मइँ तोहरी भलाई बरे इ सबइ कामन नाहीं करत हउँ। मइँ ओनका आपन नीक नाउँ करत हउँ। इस्राएल क परिवार, तोहका आपन रहइ क ढंग पइ लज्जित अउ बियाकुल होइ चाही।”
33 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जउने दिन मइँ तोहरे पापन्क धोउब, मइँ लोगन्क वापस तोहरे नगरन मँ लिआउब। उ सबइ नगर फुन बनावा जइहीं। 34 खाली पड़ी भुइँया फुन जोती जाइ। हिआँ स गुजरइवाले हर एक क इ बरबादियन क ढेर क रूप मँ नाहीं देखाइ। 35 उ पचे कहिहीं, ‘पुराने समइ मँ इ देस नस्ट होइ ग रहेन। लेकिन इ सबइ अदन क बगीचे जइसे अहइँ। नगर नस्ट होइ गए रहेन। उ पचे बर्बाद अउर खाली रहेन। किन्तु अब उ सबइ सुरच्छित अहइँ ओनमाँ लोग रहत हीं।’”
36 परमेस्सर कहेस, “तब तोहरे चारिहुँ ओर क रास्ट्र समझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ अउर मइँ ओन नस्ट ठउरन क फुन बसाएउँ। मइँ इ पहँटा मँ जउन खाली पड़ा रहा पेड़न क रोपेस। मइँ यहोवा हउँ। मइँ इ कहेउँ अउर मइँ एका घटित कराउब।”
37 मोर सुआमी यहोवा इ कहत ह, “जब इस्राएल क मनई मोहसे इ चिजियन करइ बरे कहब तउ मइँ सकारात्मक उत्तर देउब। मइँ ओनका असंख्य लोग बनाउब। उ पचे भेड़िन क झुण्डन क तरह होइहीं। 38 यरूसलेम मँ बिसेस त्यौहार क अवसर क समइ (बोकरियन, भेड़िन क खरकन क तरह, लोग होइहीं।) नगर अउर बरबाद ठउर, लोगन क झुण्ड स भरि जइहीं। तब उ पचे समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
1 ईसू मसीह क सेवक अउर प्रेरित समौन पतरस कइँती स,
उ लोगन क नाउँ जेनका परमेस्सर स हमरे जइसा बिस्सास प्राप्त अहइ। काहेकि हमार अउर उद्धारकर्ता ईसू मसीह निआव क कर्ता अहइ।
2 तू परमेस्सर अउर हमरे पर्भू ईसू क जान चुका अहा इ खातिर तू सबन्क परमेस्सर क कृपा अउर अनुग्रह बहुतइ जियादा मिली होई।
परमेस्सर हमका सब कछू दिहे बाटइ
3 अपने जिन्नगी क खातिर अउर परमेस्सर क सेवा खातिर जउन कछू हमका चाही तउन सब हमका अपने दिव्य सक्ती अउर अच्छाई दुआरा उ हमका दिहे अहइ। काहेकि हम पचे ओका जानित ह जउन अपने धार्मिकता अउर महिमा क कारण स हमका बोलाएस हवै। 4 एनहिन क दुआरा उ हमका अइसे महान अउर अमूल्य बरदान दिहे अहइ, जउन देइ क खातिर उ प्रतिग्या करे रहा। जेहसे तू पचे परमेस्सर क दिव्य प्रकृति क साझीदार अउर भ्रस्टाचार स बच सका, जउन लोगन क बुरी इच्छन क कारण स इ संसार मँ बना अहइ।
5 एही खातिर अपने बिस्सास मँ नीक गुणन क नीक गुणन मँ गियान क, 6 गियान मँ आत्म-संयम क, आत्म-संयम मँ धीरज क, धीरज मँ परमेस्सर क भक्ती क, 7 ईसू क भक्ती मँ भाइयन अउर बहिनियन क, भाइयन अउर बहिनियन मँ पिरेम क उदारता क संग बढ़ावत चला। 8 काहेकि अगर इ गुण तू पचन मँ अहइँ अउर ओनकर विकास होत बाटइ तउन उ पचे तोह सबन क कर्मसील अउर सफल बनाइ देइही अउर ओनसे तू पचे क हमरे पर्भू ईसू मसीह क पूरा गियान मिल जाई। 9 मुला जेहमाँ, ई गुण नाहीं बाटेन, ओहमाँ दूर-दिस्टी नाही बा, उ आँधर अहइ। अउर उ ई भूल गवा अहइ कि ओकरे पाछे क पापेन क धोइ दीन्ह गवा अहइ।
10 एही बरे भाइयो तथा बहिनियो, ई दिखावइ खातिर खूब तइयार रहा कि वास्तव मँ तू पचन्क परमेस्सर दुआरा बोलावा गवा अहइ अउर चुना गवा अहइ काहेकि अगर तू पचे इ बातन क करत अहा तउ न कबहूँ ठोकर खाब्या अउर न गिरब्या। 11 अउर ई तरह स हमरे पर्भू अउर उद्धारकर्त्ता ईसू मसीह क अनन्त राज्ज मँ तू पचन्क महान प्रवेस दइके परमेस्सर आपन उदारता देखाई। उ राज्ज हमेसा हमेसा चलत रही।
12 इहइ कारण स मइँ तू पचन क, यद्यपि तू पचे ई जानत ही अहा कि जउन सत्य तोहका मिला अहइ, ओह पइ डटे रहा, मइँ ई बातन क सदा याद करावत रहब। 13 जब तक मइँ काया मँ रहबइ तू सबन्क याद देवाइके सचेत करत इ उचित जानित हउँ। 14 काहेकि मइँ इ जानित हउँ कि मोका अपने इ काया क जल्दी ही छौड़इ क होई जइसेन हमरे पर्भू ईसू मसीह मोका देखाएस ह। 15 एही बरे मइँ आपन पूरा प्रयत्न करबइ कि मोरे मरि जाइके बाद भी तू पचे मोरे इ बातन क याद रख सका।
हम मसीह क महिमा क दर्सन किहत
16 जब हम आपन पर्भू ईसू मसीह क सामरथ क बारे मँ बताए अही अउर ओकरे अवाई क बारे मँ भी कहे अही। तउ हम चालाकी स गढ़ी भइन किस्सन क सहारा नाही लीन्ह काहेकि हम तउ ओहकी महानता क खुदइ गवाहदार अही। 17 जब परमपिता परमेस्सर स उ सम्मान अउर महिमा पाइ लिहस तउ दिव्य उपस्थिति सही विसिस्ठ वाणी परगट भइ रही, “इ मोर पिआरा बेटवा अहइ, मइँ एहसे प्रसन्न हउँ।” 18 हम आकास स आई भइ इ वाणी सुने रहेन। तबहिं तउ हम पवित्तर पर्वत पइ ओकरे साथेन रहेन।
19 हमहूँ क भी नबियन क बचन क पुस्टी पइ अउर जियादा आस्था होइ गइ। इ बात प धियान दइके त पचे इ अच्छा करत अहा काहेकि इ तउ एक प्रकास बाटइ जउन अँधियारे ठाँव मँ तबइ तक चमकत रहत ह जब तलक पौ फाटत ह अउर तोह सबन क हिरदइ मँ भोर क तारा उदय होत ह। 20 मुला सबसे बड़ी बात इ अहइ कि तू पचन्क जान लेइ चाही कि पवित्तर सास्तरन क कउनउ भविस्सबाणी नबियन क अपने बिचारन क परिणाम न अहइ। 21 काहेकि कउनउ मनई जउन कहइ चाहत ह ओकरे अनुसार भविस्सबाणी नाही होत बल्कि पवित्तर आतिमा क प्रेरणा स मनई परमेस्सर क बाणी बोलत ह।
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.